ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अरुण है. आज मैं आप सब के लिए एक अलग टाइप की फॅंटेसी स्टोरी लेके आया हू. उमीद है की आपको स्टोरी पसंद आएगी, और आपका अछा रेस्पॉन्स भी मिलेगा इस स्टोरी को.
“बाहुबली” नाम तो सुना होगा आपने मोविए का. मेरी स्टोरी उसी मोविए के कॅरेक्टर्स पर बेस्ड है. तो चलिए शुरू करता हू अपनी कहानी को.
शिवगमी देवी को तो आप सब जानते ही होंगे. काफ़ी हॉट है वो, और उसकी बॉडी को कमाल की है. उसका पूरा भरा हुआ बदन देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. दोस्तों मुझे ऐसे गड्राए बदन वाली औरते बहुत पसंद है. उमीद है आप सब को भी पसंद होंगी.
तो कहानी तब शुरू होती है, जब शिवगमी देवी के राज में कुछ लोग विद्रोह कर देते है, और राज हड़प कर उसको गुलाम बनाना चाहते है. शिवगमी देवी को इस बात की भनक होती है.
उसका पति तो वैसे भी कुछ करने के लायक नही होता, और बहू, और भल्ला दोनो अभी छ्होटे थे. लेकिन फिर भी शिवगमी को इस बात का दर्र नही होता, क्यूंकी उसको पता था, की उसके साथ कंटप्पा खड़ा था. उसी के भरोसे वो शांति से राज कर रही थी. लेकिन उसको ये नही पता था की कंटप्पा भी अब लालची हो गया था.
एक दिन शिवगमी को खबर मिली, की उसके विद्रोही आक्रमण करने वाले थे. ये खबर सुन कर वो तोड़ा घबरा गयी. फिर उसने अपने एक सैनिक के हाथ कंटप्पा को खबर भिजवाई. वो सैनिक कंटप्पा के कमरे में गया, लेकिन कंटप्पा ने दरवाज़ा नही खोला.
उसने बहुत कोशिश की, लेकिन वो कंटप्पा तक महारानी का संदेश नही पहुँचा पाया. फिर वो हार कर वापस आ गया. जब शिवगमी को इस बात का पता चला, तो वो खुद उसके कमरे में गयी.
शिवगमी ने मरून रंग की सारी पहनी हुई थी. पूरा बदन गहनो से लड़ा हुआ था. कमर उसकी बहुत सेक्सी लग रही थी, और गांद तो इतनी मोटी और क़ास्सी हुई थी, की हर मर्द का मॅन देख कर मचल जाए.
उसने जाने कंटप्पा के कमरे का दरवाज़ा खटखटाया. जब दरवाज़ा नही खुला, तो उसने कंटप्पा को आवाज़ लगाई. उसके आवाज़ लगते ही कंटप्पा के कमरे का दरवाज़ा खुला गया.
जब कंटप्पा ने दरवाज़ा खोला, तो सामने अपनी महारानी को देख कर वो अपने घुटनो पर आ कर झुक गया. शिवगमी ने अपने साथ आए सैनिको को जाने के लिए कहा, और कंटप्पा के कमरे में चली गयी.
कंटप्पा ने दरवाज़ा बंद किया. फिर जब उसने पीछे मूड कर देखा, तो उसको अपनी महारानी की मोटी गांद और उसके उपर नंगी कमर नज़र आई. ये नज़ारा देख कर कंटप्पा ने अपनी मूछों को ताव दिया, और महारानी को बैठने के लिए सिंघासन पेश किया.
शिवगमी बैठी और बोली: कंटप्पा, हमारे विद्रोही राज के खिलाफ साज़िश रच रहे है. उनका कभी भी हमला हो सकता है. तुम्हे पुर किले के चारों तरफ सुरक्षा कवच बनाना पड़ेगा. और ये काम जल्द से जल्द होना चाहिए.
कंटप्पा: क्षमा करे महारानी, लेकिन मैं ये नही कर सकता.
कंटप्पा की ऐसी सीधी ना सुन कर शिवगमी हैरान हो जाती है. फिर वो बोलती है-
शिवगमी: क्या तुम भूल गये की तुम हमारे राज की सेवा के लिए वचनबध हो? तुम इस तरह से हमे माना नही कर सकते.
कंटप्पा: महारानी आप मेरी चाहे जान लेलो. लेकिन अब मुझसे ये सब नही होगा. पूरी ज़िंदगी मैने जुंग के मैदान में गुज़री है. अब सोचता हू की अपनी ज़िंदगी में मैने कभी मज़े नही किए. अब मैं आपका सेनापति बन कर नही रह सकता.
शिवगमी ये सुन कर घबरा जाती है. वो जानती थी, की अगर राज को कोई सुरक्षित रख सकता था, तो वो कंटप्पा था. फिर वो उसको कहती है-
शिवगमी: बस इतनी सी बात. मज़ा तो तुम अपने पड़ड़ पर बने रह कर भी कर सकते हो. बताओ क्या चाहिए तुम्हे?
कंटप्पा: महारानी मैं आपको बता तो दूँगा, लेकिन आप दे नही पाएँगी.
शिवगमी: ऐसा कुछ नही है जो हम तुम्हे दे नही सकते. चलो हम वचन देते है. माग़ो.
कंटप्पा: महारानी मुझे आपको छोड़ना है.
ये सुन कर शिवगमी हैरान हो जाती है. वो कहती है: कंटप्पा! अपनी औकात में रहो. इसके लिए हम तुम्हे मृत्यु दंड भी दे सकते है.
कंटप्पा: मैने तो पहले ही कहा था, की आप नही दे पाएँगी. कोई बात नही, आप अपना वचन तोड़ दे.
अब शिवगमी सोच में पद जाती है. वो वचन भी दे चुकी थी, और राज की सुरक्षा भी करनी थी. फिर उसने सोचा की क्यूँ का कंटप्पा की इक्चा पूरी कर डू. क्यूंकी वो भी सालों से नही चूड़ी थी, तो उसने सोचा की इसी बहाने उसका भी मज़ा हो जाएगा. फिर वो बोली-
शिवगमी: चलो ठीक है, बताओ हम कब आए?
कंटप्पा: महारानी कल करे सो आज कर, आज करे तो अब.
ये बोल कर वो महारानी को खड़ा करता है, और अपने बिस्तर पर धक्का दे देता है. शिवगमी बिस्तर पर लेट जाती है, और उसका पल्लू उसके चूचों से हॅट जाता है. अब कंटप्पा को ब्लाउस में काससे हुए उसके सेक्सी चूचे, और उसकी गड्राई कमर नज़र आ रही थी.
ये सीन देख कर उसका लंड खड़ा हो जाता है. वो जल्दी से शिवगमी के उपर आ कर उसको किस करने लग जाता है. शुरू में तो शिवगमी को तोड़ा अजीब लगता है, लेकिन फिर वो उसका साथ देने लगती है.
अब वो दोनो एक-दूसरे को किस कर रहे थे, और बिस्तर पर घूम रहे थे. फिर कंटप्पा शिवगमी के ब्लाउस को उसके कंधो से हटा देता है, और उसकी गर्दन और मुलायम क्लीवेज को चूमने लगता है.
शिवगमी गरम हो जाती है, और कंटप्पा को अपनी बाहों में भर कर अपनी तरफ खींचती है.
क्या मज़े थे कंटप्पा के. ऐसी औरत किसको नही चाहिए. फिर कंटप्पा उसका ब्लाउस फाड़ देता है, और उसके चूचे उछाल कर बाहर आ जाते है. वो उसके चूचे ज़ोर से चूसने लगता है, और शिवगमी आहें भरने लगती है.
कुछ देर चूचे चूसने के बाद वो नीचे उसकी कमर पर आता है, और उसकी कमर को चूमने-चाटने लगता है. वो उसकी नाभि में अपनी जीभ डाल कर चूस्टा है. इससे शिवगमी की साँसे और उसकी सिसकियों की आवाज़ दोनो तेज़ हो जाती है.
फिर वो नीचे आके उसका कमर बाँध उतारता है, और नाडा खोल कर उसको नंगी कर देता है. अब शिवगमी कंटप्पा के सामने पूरी नंगी थी. उसके सेक्सी बदन को देख कर कंटप्पा के मूह में पानी आ जाता है.
वो जल्दी से अपने कपड़े निकालता है, और शिवगमी के सामने नंगा हो जाता है. कंटप्पा का लंड 11 इंच का था, जिसको देख कर शिवगमी के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है. पहले कंटप्पा शिवगमी की छूट चाटने लगता है.
वो अपनी टांगे उसके गले पर लपेट कर अपनी छूट उससे चुस्वती है. कंटप्पा बड़े मज़े से कुत्ते की तरह उसकी छूट चाट-ता है. फिर वो उसकी जांघों के बीच आ जाता है, और अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ने लग जाता है. इससे शिवगमी और उत्तेजित हो जाती है.
तभी वो कंटप्पा को रोकती है. वो जल्दी से उसके सामने घुटनो पर आके उसके लंड के सामने झुक कर बैठ जाती है, और उसके लंड को अपने हाथो में ले लेती है. उसके बाद वो कंटप्पा की तरफ देख कर मुस्कुराती है, और बोलती है-
शिवगमी: इतना बड़ा हथियार था तुम्हारे पास, तुमने कभी बताया नही.
कंटप्पा: महारानी मेरा सब कुछ तो हमेशा से आपके लिए ही है.
फिर शिवगमी लंड मूह में लेके चूसने लग जाती है. कंटप्पा को मज़ा आने लगता है, और वो उसके मूह में धक्के देने लगता है. शिवगमी के बाल खुल जाते है, और वो किसी दासी की तरह उसका लंड चूस रही होती है.
कुछ देर लंड चूसने के बाद कंटप्पा उसको सीधा लिटता है, और उसके उपर आके लंड छूट पर सेट करता है. फिर वो एक ही धक्के में पूरा लंड शिवगमी की छूट में डाल देता है. उसकी आहह निकलती है, और कंटप्पा उसको ताबाद-तोड़ छोड़ना शुरू कर देता है.
शिवगमी उसको अपनी बाहों में भर कर अपनी गर्मी देती है. दोनो मज़े से चुदाई कर रहे थे. कंटप्पा लंड अंदर-बाहर करे जेया रहा था, और शिवगमी आ आ करते हुए गांद उठा-उठा कर चुड रही थी.
फिर कंटप्पा शिवगमी को अपने उपर कर लेता है, और वो उसके लंड पर उछालने लगती है. उसके इतने मोटे चूचे उछाल रहे थे, और उनका नज़ारा देखते ही बन रहा था. 1 घंटे उन दोनो की चुदाई इसी तरह से चलती रही. फिर दोनो एक साथ झाड़ गये.
तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी ये कहानी. अगर पसंद आए तो बताना, ताकि मैं अगला पार्ट भी लिखू.