लड़के ने की मा की सहेली की चुदाई

ही फ्रेंड्स, मेरा नाम आकाश है. मैं पुंजब से हू, और 27 साल का हू. मेरी हाइट 5’10” है, और लंड मेरा 7 इंच का है. मैं अभी सिंगल हू. ये कहानी पिछले साल लोरी की है. तो चलिए मैं कहानी शुरू करता हू.

सबसे पहले मैं आपको अपनी फॅमिली के बारे में बता देता हू. मेरी फॅमिली में मैं, मेरे मम्मी-पापा, और मेरा बड़ा भाई है. मेरे पापा बिज़्नेसमॅन है, और मैं और भैया उनकी बिज़्नेस में हेल्प करते है. अची-ख़ासी फाइनान्षियल कंडीशन है हमारी.

दोस्तों लोरी फेस्टिवल का नाम तो आपने सुना ही होगा. अगर नही सुना तो गूगले पर सर्च कीजिए. पुंजब में लोरी का फेस्टिवल बहुत फेमस है. इसको हम काफ़ी धूम-धाम से मानते है. पिछले साल भी कुछ ऐसा ही था. हमारे घर पर लोरी की पार्टी रखी गयी थी, और काफ़ी लोगों को इन्वाइट किया गया था.

उन्ही लोगों में से थी काजल आंटी. काजल आंटी मेरी मम्मी की फ्रेंड थी. उनका रंग गोरा, हाइट 5’6″, फिगर 36-32-38 था. मैं जब भी उनको देखता था तो पागल ही हो जाता था. ऐसा नही था की मुझसे लड़कियाँ नही पाट-ती थी. पर काजल आंटी में कुछ अलग ही कामुकता थी. वैसे भी जवान लड़के आंटीस के शौकीन होते है. मेरा भी कुछ ऐसा ही था.

काजल आंटी ने उस दिन सलवार-सूट पहना था रेड कलर का. वो अकेली ही गाड़ी में पार्टी पर आई थी, क्यूंकी उनके हज़्बेंड मलेशिया गये हुए थे. लाल रंग की ड्रेस में वो कमाल की सेक्सी पुंजबन लग रही थी. उनके शर्ट का गला डीप था, जिसमे से उनकी सेक्सी क्लीवेज दिख रही थी.

जब से वो पार्टी में आई, मैं तो उन्हे ही घूरे जेया रहा था. वो भी कही ना कही जानती थी, की मैं उनको लीके करता था. लेकिन कभी वो ऐसा कोई हिंट नही देती थी, जो मैं कोई बात शुरू करू. लेकिन आज वो दिन था, जिस दिन सब कुछ होने वाला था. मैने डिसाइड कर लिया था की आज कैसे भी करके मैं अपनी लोरी उनके साथ चुदाई करके मनौँगा.

मैने जान-बूझ कर उनकी गाड़ी के टाइयर की हवा निकाल दी, ताकि मैं उनको घर तक ड्रॉप कर साकु. और हुआ भी ऐसा ही. पार्टी के बाद जब वो जाने लगी, तो उन्होने देखा की उनकी गाड़ी का टाइप पंक्चर था. फिर मम्मी ने मुझे भेजा उनको ड्रॉप करने को.

मैं गाड़ी लेके आया, और हम दोनो निकल पड़े. रास्ते में मैं आँखें च्छूपा कर उनके सेक्सी जिस्म को देख रहा था. क्या भरा हुआ बदन था उनका, मेरा तो देख कर लंड खड़ा हो गया था.

रास्ते में हमारी कुछ ख़ास बात नही हुई. फिर जब हम उनके घर पहुँचे, तो उन्होने मुझे जूस पूछा. मैने माना किया, लेकिन वो लेके आने लगी. उससे पहले वो अपने रूम में गयी चेंज करने के लिए. तब तक मैं अपना मोबाइल उसे करने लगा. मैं सोच ही रहा था की आंटी से कैसे बात करू, की तभी वो अपने रूम से बाहर आई.

जैसे ही मेरी नज़र उन पर पड़ी, मैं उनको देखता ही रह गया. आंटी ने ब्लॅक कलर की त-शर्ट और वाइट कलर की शॉर्ट्स पहनी हुई थी. इस ड्रेस में वो इतनी सेक्सी लग रही थी, की जवान लड़कियों को भी उनको देख कर साँप सूंघ जाए. आंटी की मोटी-मोटी जांघें शॉर्ट्स में से सारी दिख रही थी.

त-शर्ट में काससे हुए उनके बूब्स अगर कोई भी मर्द देख ले, तो उनसे नज़र हटाना मुश्किल था. फिर आंटी गांद मतकाती हुई किचन में गयी, और उनकी गांद देख कर मेरे मूह में पानी आ गया. फिर वो आई जूस लेके और मुझे जूस दिया. मैने ग्लास उठाया, और उनको देखते हुए जूस पीने लगा. जूस पीने बाद मैने बोला-

मैं: आ, बहुत प्यास लगी थी.

आंटी: अछा, इतनी प्यास लगी थी?

मैं: जी आंटी.

आंटी: सिर्फ़ जूस की ही प्यास लगी थी, या कोई और भी प्यास लगी है?

मैं: आंटी प्यास तो बहुत लगी है, लेकिन बुझाने वाली पता नही मानेगी या नही.

आंटी: पूच के तो देखो, शायद वो तुम्हारे पूछने की ही वेट कर रही हो.

ये बोल कर वो मेरे साथ आके बैठ गयी. फिर मैने बोला-

मैं: मुझे लगता है अब पूछने का नही करने का टाइम है.

ये बोलते ही मैं आयेज बढ़ा, और मैने अपने होंठ आंटी के होंठो के साथ चिपका दिए. वो भी शायद यही चाहती थी, और वो मेरा साथ देने लगी. हम दोनो पागलों की तरह किस करने लगे, और मैं उनकी त-शर्ट में हाथ डाल कर उनके बूब्स दबाने लगा.

क्या मस्त बड़े और सॉफ्ट बूब्स थे आंटी के. फिर मैने उनकी त-शर्ट और ब्रा उतरी, और उनके बूब्स पर टूट पड़ा. वो भी मज़े से बूब्स चुस्वा रही थी, और बोल रही थी-

आंटी: आ बेटा, ज़ोर से चूस आहह. बहुत मज़ा आ रहा है.

ये सुन कर मैं उनके निपल्स को खींच-खींच कर चूसने लगा. वो मेरे सर को अपने बूब्स में दबाने लगी. बूब्स दबाते हुए मैने अपना हाथ उनकी जांघों में डाल कर छूट मसलनी शुरू कर दी. इससे वो और हॉर्नी हो गयी.

फिर हम दोनो खड़े हुए, और मैं और आंटी उनके बेडरूम में चले गये. वाहा जाते ही आंटी पूरी नंगी होके बेड पर लेट गयी. उनका सेक्सी जिस्म देख कर तो मैं उनका दीवाना हो गया. फिर मैने भी अपने कपड़े उतार दिए. मेरा तगड़ा जवान लंड देख कर वो खुश हो गयी, और घोड़ी बन कर उसको चूसने लगी.

मुझे भी उनकी छूट चूसनी थी, तो मैने उनको 69 पोज़िशन में कर दिया. अब वो मेरे उपर लेती मेरा लंड चूस रही थी, और मैं नीचे उनकी छूट चूस रहा था. ऐसा मज़ा भगवान हर किसी को दे. कुछ देर हमने ऐसे ही एक-दूसरे का रस्स पिया.

फिर मैं उनके उपर आया, और अपना लंड उनकी छूट में एक ही झटके में डाल दिया. आंटी चीख पड़ी, और मैने उनकी छूट में लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया. आंटी की छूट काफ़ी टाइट थी, क्यूंकी बहुत देर से वो चूड़ी नही थी. उनकी छूट की गर्मी मेरे लंड को जन्नत का मज़ा दे रही थी.

मैं उनके होंठ चूस्टा गया, और छूट छोड़ता गया. मैने कोई पोज़िशन चेंज नही की, क्यूंकी मैं लंड छूट में से निकालना नही चाहता था. आंटी आ आ कर रही थी, और छाप-छाप की आवाज़े पुर घर में गूँज रही थी.

आधा घंटा मैने ऐसे ही आंटी को जाम कर पेला. इस बीच वो 2 बार झाड़ चुकी थी. फिर मैने अपने लंड का माल उनके अंदर ही निकाल दिया. उसके बाद मैने कपड़े पहने और वापस आने लगा. तभी आंटी बोली-

आंटी: प्यास बुझी के नही?

मैं: आचे से बुझी आंटी.

आंटी: दोबारा लगे तो आ जाना.

मैं: ओक आंटी.

और मैं वापस घर आ गया.

दोस्तों कहानी अची लगे तो इसको ज़्यादा से ज़्यादा शेर करे.
[email protected]