हेलो दोस्तों, मैं कारण फिरसे आ गया अपनी अधूरी कहानी को आयेज बढ़ने. जैसा की आपने पढ़ा की, राज के बोलने पर रघुवीर ने नीषा को प्रपोज़ कर दिया, और रघुवीर की शर्त के मुताबिक राज भी नेहा को प्रपोज़ कर देता है. फिर राज को वॉशरूम में रघुवीर पूछता है की वो खुश था की नही. जब राज खुश हू बोलता है, उसके बाद अब आगे.
ये बोल कर वो चला गया, और राज वॉशरूम में रोने लगा. उस रात को रघुवीर सब को क्लब पे ले गया. क्लब में नीषा रघुवीर के साथ और नेहा राज के साथ चिपक के बैठे थे. सभी मस्ती में झूम रहे थे. मगर रघुवीर और राज एक-दूसरे को ही देख रहे थे. वाहा पर वो सब एक ग़मे खेलने लगे. तब राज पहले ग़मे में हार गया. तभी रघुवीर ने बोला-
रघुवीर: राज अपनी गफ़ को किस करो लिप्स से.
रोहित: हा-हा करो.
सब किस के लिए चिल्लाए तो राज किस कर लिया नेहा को लिप्स पे. उसके अगले रौंद में रघुवीर हार गया.
राज: अब तुम करो अपनी गफ़ को किस.
अब रघुवीर ने भी नीषा को लीप किस कर लिया. राज ये देखने के बाद उठ कर चला गया वॉशरूम. तब रघुवीर राज के पास गया.
रघुवीर: क्या हुआ राज, देखा नही जेया रहा है?
राज: ऐसी बात नही है, वो बस घुटन सी महसूस हुई.
रघुवीर: अपना प्यार को किसी और के साथ देखोगे तो घुटन तो महसूस होगी ही.
तब राज रघुवीर को अपनी तरफ खींच लिया, और उसके लिप्स पे किस करने लगा. करीब 15 मिनिट तक किस करते रहे. वॉशरूम खाली था तो कोई नही देखा उनका किस.
राज: हा मुझे घुटन महसूस हुई उसके साथ तुमको देख कर.
रघुवीर: लेकिन तुम तो मुझे प्यार नही करते हो ना.
राज: चलो मेरे साथ बताता हू.
ये बोल कर रघुवीर को राज ले गया अपने घर. फिर अपने कमरे में उसकी ले जाके किस करने लगा.
राज: ई लोवे योउ वीर.
रघुवीर: मैं इसी पल का इंतेज़ार कर रहा था.
राज: मैं भी तुम्हे कब से प्यार करता हू. बस हालत को देख कर कुछ बोल नही पाया.
फिर दोनो ही खो गये एक-दूसरे में और अपने सारे कपड़े निकाल कर नंगा हो गये, और चूमने लगे. दोनो का लंड खड़ा हो चुका था. मगर रघुवीर का कुछ ज़्यादा ही मोटा और लंबा था करीब 9 इंच का. मगर राज का 7.5 इंच का था.
दोनो एक-दूसरे का लंड चूसने लगे. फिर रघुवीर राज को उल्टा करके उसकी गांद को जीभ से चाटने लगा. उसके बाद धीरे-धीरे उंगली डालने लगा. राज को बहुत दर्द हुआ, लेकिन वो मूह बंद करके ही रह गये. फिर रघुवीर तेल लेकर आया और अपनी और राज की गांद पे तेल लगा कर उसके बाद अपना लंड रगड़ा.
पहले तो रघुवीर ने राज को किस किया. फिर अपना लंड धीरे-धीरे करके लंड डाला. राज को बहुत पाईं हो रहा था, मगर किस की वजह से आवाज़ नही आ पा रही थी.
थोड़ी देर बाद राज को मज़ा आने लगा, और रघुवीर अपना लंड तेज़ी से आयेज-पीछे करने लगा. अब दोनो खुशी से झूमने लगे.
करीब 25 मिनिट के बाद रघुवीर राज की गांद में ही झाड़ गया, और उसका लंड उसके अंदर रख कर ही सो गया.
जब सुबह हुई तो दोनो नंगे ही एक-दूसरे की बाहों में सोए हुए थे. तब राज रघुवीर को उठाने लगा, तो रघुवीर उठ कर उसकी फिर किस करने लगा. मगर उसने माना कर दिया.
राज: हम ये क्या कर रहे है.
रघुवीर: प्यार.
राज: लेकिन नीषा और नेहा का क्या होगा?
रघुवीर: उनको हम सच-सच बता देंगे.
राज: और हमारे पेरेंट्स का क्या होगा?
रघुवीर: उनको भी सच बता देंगे.
राज: ऐसा होगा तो पेरेंट्स टूट जाएँगे, और ये मैं नही देख सकता.
रघुवीर: तो फिर तुम क्या चाहते हो?
राज: हमारे बीच जो भी हुआ उसे भूल कर नीषा और नेहा के साथ अपना फ्यूचर बनाएँगे.
रघुवीर: तो हमारी खुशी को कुर्बान कर देंगे?
राज: इसी में ही सब का भला है तो यही सही.
रघुवीर ( रोते हुए): लेकिन मेरा क्या होगा.
राज: मैं दोस्त की तरह तुम्हारे साथ हमेशा रहूँगा वीर.
रघुवीर: ठीक है अगर तुम यही चाहते हो यही करूँगा, और कल जो हुआ वो दोबारा नही करूँगा.
ये बोल कर वो चला गया, और अब राज भी खुद को संभाला और कॉलेज गया. कॉलेज में नेहा के साथ टाइम बिताया और उधर रघुवीर ने नीषा के साथ टाइम बिताया. ऐसे ही दिन जाता रहा. अब रघुवीर और राज ज़्यादा मिलते नही थे, सिर्फ़ कॅंटीन में या लाइब्ररी में ही थोड़ी बहुत बात करते. जब घर पर होते तब अगर किसी काम से बात करनी होती, तब ही बात करते.
वो आपस में ज़्यादा बात तो नही करते थे. लेकिन एक-दूसरे को देख कर तोड़ा खुश महसूस करते थे, और कभी भी अपनी गफ़ के साथ जिस्मानी संबंध नही बनाते थे. ऐसे ही उनका कॉलेज ख़तम हो गया. फिर हाइयर स्टडीस के लिए रघुवीर देल्ही चला गया, और राज अपनी सिटी में ही अची यूनिवर्सिटी से अपनी हाइयर स्टडी के लिए जाय्न कर लिया.
नीषा, मलांग, समर और रोहित भी रघुवीर की यूनिवर्सिटी में जाय्न कर लिए. सिर्फ़ नेहा, प्रिया, और रिया ही राज की यूनिवर्सिटी में जाय्न किए. अब तो दोस्त भी अलग हो चुके थे. रघुवीर तो स्टडी और पार्टी ये सब करके अपनी लाइफ चला रहा था. लेकिन राज अपनी ही सिटी में स्टडी के वजह से अंदर से बहुत खाली होगआया था. उसे अपने वीर की ज़रूरत थी, लेकिन वीर वाहा नही था.
यूनिवर्सिटी के फर्स्ट सेमेस्टर के बाद जब छुट्टी हुई, तब रघुवीर घर आया, और उसे देख कर राज बहुत खुश हो गया और उसे एक कस्स के हग किया.
राज: वीर, तुम आए हो. तुम तो भूल ही गये यार.
रघुवीर: याद भी क्यूँ रखूँगा?
राज: बचपन से साथ है तो इसकी खातिर तो याद रखना छाईए ना?
रघुवीर: लेकिन अब तो साथ नही है ना.
ये सब बात राज को काँटे की तरह चुभ रही थी. इसलिए वो ठीक है बोल कर वाहा से चला गया. उसके अगले दिन रघुवीर के पापा-मम्मी रिश्तेदार के यहा गये थे. वो रात भी वही पर रुकने वाले थे. इसलिए रघुवीर को राज की मम्मी ने खाने के लिए बुलाया था.
जब रघुवीर खाने के लिए आया, तब उसने सभी से आचे से बात किया, राज से भी. राज भी बहुत खुश हो गया. जब खाने के बाद वो घर जाने लगा, तब राज की मम्मी राज को भी भेज दी उसके साथ सोने के लिए.
अब रघुवीर के घर में सिर्फ़ वो और राज ही थे. दोनो एक-दूसरे को देख रहे थे.
राज: तो वीर, बताओ कैसी चल रही है पढ़ाई?
रघुवीर: अछा.
राज: और नीषा के साथ सब कुछ ठीक तो चल रहा है ना?
रघुवीर: तुमसे मतलब?
राज: ऐसा क्यूँ बोल रहे हो.
रघुवीर: तुम बताओ तुम्हारा और नेहा का कैसा चल रहा है?
राज: मेरा ठीक ही चल रहा है.
रघुवीर: तो मेरा भी ठीक चल रहा है.
फिर राज अपने आप को कंट्रोल नही कर पाया और रोने लगा.
अब आयेज की कहानी अगले पार्ट में. अगर कहानी अची लगी तो अपने कॉमेंट्स मेरी मैल ईद महरकरण64@गमाल.कॉम पर भेजे. धन्यवाद.