ही फ्रेंड्स, मेरा नाम रजनीश है. मैं राजस्थान के जैसलमेर से हू. मेरी उमर 21 साल है, और मैं कॉलेज के फाइनल एअर में हू. हाइट मेरी 5’8″ है, और लंड मेरा 7 इंच का है. सब लौंदो की तरह मैं भी चुदाई का दीवाना हू. ये कहानी मेरी और मेरे पड़ोसी घर की भाभी की है. तो चलिए कहानी शुरू करते है.
हमारे पड़ोस के घर में दिनेश भैया रहते है. वो मुझसे 4 साल बड़े है, लेकिन हम लोग साथ खेल कर बड़े हुए है. हम दोनो के बीच बहुत प्यार है, और वो मुझे अपना छ्होटा भाई मानते है. हमारी फॅमिलीस में भी अची बनती है, और हर खुशी और गुम हम साथ में मानते है.
कहानी शुरू हुई 6 महीने पहले. दिनेश भैया की शादी फिक्स हो चुकी थी, और तैयारियाँ चल रही थी. सब लोग बहुत खुश थे उनके घर में. हमारे घर में भी ऐसा माहौल था, जैसे शादी हमारे घर में ही हो रही हो. फिर एक दिन दिनेश भैया ने मुझे होने वाली भाभी की तस्वीर दिखाई.
मैने भाभी को पहली बार देखा, तो मुझे वो बहुत खूबसूरत लगी. उनकी फोटो देख कर मैने भैया की बोला की वो लकी थे. फिर मैं अपने घर आ गया. पता नही क्यूँ मुझे ऐसा लग रहा था की मैने भाभी को पहले भी कही देखा था, लेकिन याद नही आ रहा था की कहा देखा था.
भाभी का नाम साक्षी था. फिर अगले कुछ दीनो में शादी का दिन आ गया. खूब धूम-धाम से शादी हुई. सब ने जाम कर मज़े किए, खाया पिया, और नाचा. फिर शादी संपन्न हुई, और हम भाभी को घर लेके आ गये. भाभी शादी वाले लहँगे में बहुत खूबसूरत लग रही थी.
मैं भैया के लिए बहुत खुश था, की उनको इतनी खूबसूरत लड़की मिली थी. मेरे मॅन में भी इक्चा जागने लगी की मेरी भी शादी होगी, और मुझे भी इतनी खूबसूरत दुल्हन मिलेगी. लेकिन मैने भाभी के बारे में अब तक कुछ ग़लत नही सोचा था. अब कुवारे लड़के के मॅन में ऐसे ख़याल आना तो आम बात है. सब के आते है.
पर एक बात जो बार-बार मेरे दिमाग़ में खटक रही थी, वो थी, की मैने भाभी को पहले कही देखा था. मैं बार-बार सोचता था, लेकिन मुझे याद नही आ रहा था, की मैने उनको कहा देखा था. या मुझे लगता था, की ये मेरा वहाँ भी हो सकता था. लेकिन किसी लड़की को देखा है, ऐसा लगना मेरा वहाँ नही हो सकता था. क्यूंकी लड़कियों के मामले में मेरी पहचान बड़ी तगड़ी है.
फिर कुछ दिन ऐसे ही निकल गये. और मैने उनको देखा था, ये बात भी मेरे दिमाग़ से निकल गयी थी. लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ, की मुझे पता चल गया की मैने भाभी को कहा देखा था. मैं कॉलेज में क्लास अटेंड कर रहा था. तभी मेरा एक फ्रेंड मेरे पास आया, और उसने कहा-
फ्रेंड: यार रजनीश, एक था तुमसे?
मैं: हा बोल भाई, क्या काम है?
फ्रेंड: मुझे ना तेरा वो भाभी वाला कलेक्षन चाहिए था.
भाभी वाला कलेक्षन सुनते ही मेरे दिमाग़ की घंटी बाजी. मैने जल्दी से अगली क्लास बंक की, और घर वापस आ गया. फिर मैने अपना लॅपटॉप खोला.
आक्चुयल में बात ये है, की मैने अपने पास बहुत सारी पॉर्न वीडियोस का कलेक्षन रखा हुआ है. उसमे अलग-अलग केटेगरीस की वीडियोस है, जिसमे एक इंडियन भाभी’स का भी कलेक्षन है.
लॅपटॉप खोलने के बाद मैने भाभी कलेक्षन की वीडियोस चलानी शुरू की. और एस, मैं बिल्कुल सही था, की मैने साक्षी भाभी को कही पर देखा हुआ था. भाभी मेरे कलेक्षन की ही एक वीडियो में थी, और उसमे किसी लड़के से चुड रही थी. और ये देख कर मेरे होंठो पर शैतानी हस्सी आ गयी. फिर मैने अपने कॉलेज वाले दोस्त को फोन किया, और उसको कहा-
मैं: हा वो तेरे कलेक्षन वाली वीडियोस मैने पेन ड्राइव में भर ली है. कल तो अपने लॅपटॉप में कॉपी कर लेना.
फ्रेंड: ठीक है भाई, थॅंक योउ.
अब मैं सोच रहा था की भाभी को ये कैसे बोलू. फिर मैं शाम को दिनेश भाई से मिलने गया. हम दोनो ने काफ़ी बातें की. मैने उनसे पूछा-
मैं: भैया कैसी चल रही है मॅरीड लाइफ?
दिनेश भाई: अची चल रही है. तेरी भाभी बहुत अची है.
तभी भाभी हमारे लिए छाई लेके आई. भाभी ने येल्लो शर्ट और पिंक लेगैंग्स पहनी हुई थी. उनके शर्ट का गला आयेज से डीप था, जिसमे से उनकी क्लीवेज थोड़ी नज़र आ रही थी. लेकिन जैसे ही वो छाई रखने के लिए नीचे झुकी, तो मुझे उनके रसीले बूब्स नज़र आ गये. उनके बूब्स देखते ही मुझे वीडियो में उनकी चुदाई याद आ गयी, और मेरा लंड खड़ा हो गया.
फिर जब वो छाई रख कर मूडी, तो उनकी मोटी गांद मेरे सामने आ गयी. टाइट लेगैंग्स में मोटी गांद जैसे तबाही मचा रही थी. दिल तो कर रहा था की लेगैंग्स में च्छेद करके अभी लंड छूट में डाल कर छोड़ना शुरू कर डू.
उनके हाथ में चूड़ा था, और उन्होने गहने पहने हुए थे. बिल्कुल जैसे हर नयी दुल्हन के पहने होते है. नयी दुल्हन को देख कर तो वैसे भी किसी भी लड़के का मॅन दोल जाता है.
अब मैं मौका ढूँढ रहा था भाभी से अकेले में बात कर साकु. लेकिन नयी दुल्हन को परिवार वाले अकेला कब छ्चोढते है. पर जिसको मौका ढूँढना होता है, वो ढूँढ ही लेता है. जैसे ही छाई ख़तम हुई, भैय ने भाभी को कप लेके जाने के लिए कहा. तभी मैने कहा-
मैं: मैं रख देता हू भैया, भाभी को क्यूँ तकलीफ़ देते हो.
भाभी किचन में ही थी. मैने जल्दी से जाके कप रखे, अपना मोबाइल निकाल कर वीडियो प्ले की, और भाभी से बोला-
मैं: भाभी ये आप ही है ना?
भाभी ने जैसे ही वीडियो देखी, तो उनका चेहरा ऐसा हो गया जैसे कोई उनकी फुददी मार गया हो, और उनको पता भी ना चला हो. फिर मैने उनसे कहा-
मैं: भैया के फोन में मेरा नंबर है. फ्री होके मुझे मेसेज करना.
ये बोल कर मैं वाहा से आ गया. इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको अपने दोस्तों को भी भेजे.