ही दोस्तों, मैं हू अनुज. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आपके सामने आया हू. उमीद है, की आप सब को मेरी पिछली कहानी अची लगी होगी. अगर आपने मेरी पिछली कहानी नही पढ़ी है, तो प्लीज़ पहले जाके वो पढ़ ले.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मेरे सारे घर वाले शादी पर जेया रहे थे 3 दिन के लिए. और मैने और भाभी ने शादी पर ना जाने का प्लान बनाया. फिर मैने भाभी को होटेल में छ्चोढ़ दिया, और सब के जाने के बाद उनको वापस ले आया.
आते ही हम दोनो ने किस्सिंग शुरू कर दी. हम दोनो वाइल्ड किस कर रहे थे. फिर जब मैने भाभी की गर्दन चूमनि शुरू की, तो उन्होने मुझे अपने से डोर धक्का दे दिया. अब आयेज की कहानी का रुख़ करते है.
जब भाभी ने मुझे पीछे किया, तो मैं फिरसे उनकी तरफ बढ़ने लगा. लेकिन उन्होने मेरी चेस्ट पर हाथ रख कर मुझे रोक लिया. फिर वो मुझे पीछे धक्का देने लगी. मैं पीछे होते हुए बेड पर बैठ गया. मुझे समझ नही आ रहा था, की भाभी ऐसा क्यूँ कर रही थी. उन्होने मुझे बेड पर ही बैठे रहने का इशारा किया, और खुद पीछे हो गयी.
फिर उन्होने अपने बाल खोले, और मेरी तरफ देख कर सेडक्टिव स्माइल करने लगी. मुझे आज वो कुछ ज़्यादा ही मूड में लग रही थी. उसके बाद उन्होने अपने कुर्ते को कमर से पकड़ा, और उपर करके निकाल दिया. फिर वो कुर्ता उन्होने मुझ पर फेंक दिया.
ये देख कर मैं एग्ज़ाइटेड हो गया. मैं समझ गया, की आज वो खेलने के मूड में थी. अब भाभी ब्रा और जीन्स में थी. ब्रा में उनके बूब्स बहुत सेक्सी लग रहे थे. और उनकी कमर देख कर तो उसको चाटने का दिल कर रहा था.
उन्होने अपने हाथ उपर कर लिए, और अपने बदन को लहराने लगी. ऐसा लग रहा था, जैसे वो पोले डॅन्स कर रही हो. फिर वो घूम गयी, और मुझे अपनी सेक्सी पीठ दिखाने लगी. उन्होने अपनी जीन्स को आयेज से खोला, और गांद बाहर की तरफ निकालते हुए अपनी जीन्स को भी अपने बदन से अलग कर दिया.
मेरा लंड पंत फाड़ कर बाहर आना चाहता था. मैने भी भाभी को देखते-देखते अपने सारे कपड़े उतार दिए, और अपने खड़े लंड को पकड़ कर हिलने लगा.
फिर भाभी ने अपनी जीन्स को भी मेरी तरफ फेंक दिया, जिसको मैं सूंघने लगा. अब भाभी दूसरी तरफ मूह करे हुए थी, और वो अपनी गांद हिला कर डॅन्स करने लगी. फिर वो अपने हाथ अपनी पीठ पर लेके आई, और ब्रा के हुक खोल दिए. उसके बाद वो मेरी तरफ घूम गयी, और ब्रा निकाल कर मेरी तरफ फेंक दी.
अब भाभी के गोल-गोल बूब्स मेरे सामने थे, जिनके निपल्स खड़े हो चुके थे. भाभी ने अपने दोनो बूब्स पकड़े, और मेरी तरफ देखते हुए उन पर जीभ लगाने लगी. ये सीन तो कुछ अलग ही फीलिंग दे रहा था. ऐसा लग रहा था, जैसे मैं कोई सोलो पॉर्न वीडियो देख रहा था.
अब भाभी मेरी तरफ बढ़ने लगी, और बेड के पास आके मुझे धक्का देके लिटा दिया. फिर वो मेरे उपर आके खड़ी हो गयी, और उन्होने अपनी पनटी निकाल दी. अब भाभी की छूट मुझे मेरे सामने नज़र आ रही थी. उनकी छूट बिल्कुल क्लीन शेव्ड थी, जिसको देख कर मेरे मूह में पानी आ रहा था.
फिर वो मेरे मूह पर बैठ गयी, और अपनी छूट मेरे मूह पर रख दी. मैं उनकी छूट को कुत्ते की तरह चाटने लगा. मैं ऐसे छूट को चूसने लगा, जैसे बरसो का प्यासा था. भाभी ने पीछे होके मेरा लंड पाकर लिया, और उसको हिलने लग गयी. भाभी की छूट का स्वाद मुझे बड़ा टेस्टी लग रहा था.
फिर वो घूम गयी, और हम 69 पोज़िशन में आ गये. भाभी ने मेरा लंड अपने मूह में ले लिया, और मैं उनकी छूट चूस्टा रहा, और गांद में उंगली करने लगा. वो अपनी गांद हिला-हिला कर अपनी छूट चुस्वा रही थी, और मैं भी नीचे से उनके मूह में धक्के दे रहा था.
कुछ देर हम ऐसे ही करते रहे. फिर उन्होने अपना मूह मेरी तरफ किया, और मेरे होंठो से अपने होंठ मिला लिए. हम दोनो किस करने लगे, और भाभी नीचे से अपनी छूट मेरे लंड पर रगड़ने लग गयी. मैने अपने हाथ भाभी के बूब्स पर रखे, और उनको दबाने लग गया.
भाभी अपने मूह से थूक मेरे मूह में डाल रही थी, और मैं वापस उनके मूह में डाल रहा था. माहौल बड़ा कामुक बन गया था. फिर मैने बया हाथ भाभी के चूतड़ पर रखा, और उसको उपर उठाया. फिर डाए हाथ से मैने लंड भाभी की छूट पर सेट किया, और छूट को छ्चोढ़ दिया.
लंड भाभी के अंदर चला गया, और दर्द से उन्होने मेरा होंठ काट लिया. फिर मैने अपने दोनो हाथो को भाभी के छूतदों पर रखा, और उनको उपर-नीचे करके उनकी छूट छोड़ने लगा. क्या मज़ा आ रहा था. इतनी गर्मी थी भाभी की छूट में जो मुझे जन्नत का मज़ा दे रही थी.
भाभी ज़ोर-ज़ोर से अपनी गांद मेरी जांगों पर मार रही थी, जिससे लंड पूरा उनकी छूट के अंदर तक जेया रहा था. जब भी उनके चूतड़ मेरी जांघों से टकराते, तो ठप-ठप की आवाज़ आती. इस बीच एक बार भी भाभी ने मेरे होंठो को चूसना नही छ्चोढा.
फिर कुछ देर बाद भाभी ने मेरे होंठ छ्चोढे. होंठ छ्चोढने के बाद उन्होने अपना बूब मेरे मूह में डाल दिया. नीचे से वो मुझे छूट का मज़ा दे रही थी, और उपर से बूब्स चुसवाने का. वो एक-एक करके मुझसे अपने दोनो बूब्स चुस्वा रही थी.
कुछ देर ऐसा ही चलता रहा. फिर मैने भाभी को नीचे लिटाया, और उनके उपर आ गया. भाभी ने अपनी टांगे मेरे स्वागत में खोल दी. मैं भाभी के उपर चढ़ा, और उनकी छूट पर लंड रगड़ते हुए अंदर डाल दिया. फिर हमारी तबाद-तोड़ चुदाई शुरू हो गयी.
मैं ज़ोर-ज़ोर से भाभी को छोड़ने लगा, और साथ में उनके बूब्स और होंठ चूसने लगा. भाभी की छूट ने पानी छ्चोढ़ दिया था, तो छाप-छाप की आवाज़े आ रही थी. लगभग 1 घंटा मैने भाभी की छूट छोड़ी. फिर मैने अपना माल उनकी छूट में ही निकाल दिया.
अगले 3 दिन तक भाभी और मैने घर में हर जगह चुदाई की. भाभी पुर मज़े से मेरे साथ चुदाई कर रही थी. उन टीन दीनो के बाद भाभी हमेशा के लिए मेरी रंडी बन गयी. अब जब भी मौका मिलता है, तो हम मज़े से चुदाई करते है.
दोस्तों ये थी मेरी कहानी. अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको फ्रेंड्स के साथ भी ज़रूर शेर करे. मैं चाहता हू की हर भाभी लवर इस कहानी को ज़रूर पढ़े.