ही फ्रेंड्स, मेरा नाम तरुण है, और मैं देल्ही का रहने वाला हू. मेरी उमर 25 साल है, और मैं एक कन्स्ट्रक्षन कंपनी में जॉब करता हू. हाइट मेरी 5’11” है, और लंड मेरा 7.5 इंच का है. चलिए अब मैं सीधे कहानी पर आता हू.
पिछले साल कंपनी के काम के सिलसिले में मैं पुंजब के अमृतसर शहर गया था. मुझे वाहा एक लॅंड देखने भेजा गया था. आप सब तो जानते ही है, की पुंजब में जगह-जगह लंगर लगते है. और ये लंगर का खाना बहुत टेस्टी होता है. मैं नाम नही बतौँगा, की कों सी जगह थी, पर मैं एक जगह लंगर खा रहा था.
खाते-खाते मेरी नज़र आस-पास भी थी. तभी मेरी नज़र एक बड़ी ही खूबसूरत भाभी पर पड़ी. वो इतनी खूबसूरत पुंजबन भाभी थी, की मैं उससे नज़रे ही नही हटा पा रहा था.
उसने लाल रंग का पंजाबी सूट पहना हुआ था, जो पूरी फिटिंग वाला था. उसका फिगर तकरीबन 36-30-38 होगा. रंग उसका पहले से ही बहुत गोरा था, उपर से लाल रंग में और गोरा लग रहा था. हाइट उसकी तकरीबन 5’7″ होगी. वो अपने हज़्बेंड और 2 छ्होटी बेटियों के साथ बैठ कर लंगर खा रही थी.
मैं देख रहा था की उसका हज़्बेंड उसको लगातार दाँत रहा था. ये देख कर मैं सोच रहा था, की कोई इतनी हसीन बीवी को कैसे दाँत सकता था. आक्च्युयली उसके हज़्बेंड को इस बात से प्राब्लम थी, की वो बेटे को जानम नही दे पाई. ये मुझे बाद में उससे बात करके पता चला.
उसका हज़्बेंड इस बात का गुस्सा हर रोज़ उस पर निकालता था, और कभी-कभी उस पर गुस्से में हाथ भी उठा देता था. ये सब भी उसने मुझे बाद में, जब हमारी बात हुई, तब बताया.
मैं उसको लगातार देख रहा था. तभी उसकी नज़र भी मुझ पर पड़ी. जैसे ही उसने मुझे देखा, मैने अपनी नज़रे उससे हटता ली. लेकिन कुछ सेकेंड्स बाद जब मैने दोबारा उसको देखा, तो वो मेरी तरफ ही देख रही थी. इस बार मैने उससे अपनी नज़र नही हटाई.
तभी उसकी एक आँखों से आँसू गिरे. मैं समझ गया की वो दुखी थी अपने हज़्बेंड से. मैने उसको इशारे से ना रोने के लिए कहा, तो उसने अपने आँसू पोंछ लिए, और नज़र मुझसे हटता ली.
फिर वो दोनो उठ गये. मैं भी उठ गया, और उनके पीछे जाने लगा. फिर उन्होने बर्तन रखे, और बाहर जाने लगे. मैं भी उनके पीछे-पीछे ही था. जाते हुए जब भाभी ने मुझे उनका पीछा करते हुए देखा, तो वो घबरा गयी. शायद वो अपने पति से दर्र रही होगी.
फिर वो अपनी गाड़ी में बैठे और निकल पड़े. मैने भी ऑटो में उनका पीछा किया. रास्ते में उनकी गाड़ी सड़क पर साइड में खड़ी हुई, और हज़्बेंड निकल कर किसी ऑफीस में चला गया. यही मेरे लिए सही मौका था.
मैं ऑटो रुकवा कर जल्दी से भाभी की साइड वाली विंडो पर गया. उसने विंडो का शीशा खोला हुआ था. मैने जल्दी से अपना नंबर काग़ज़ पर लिख कर उसकी गोद में फेंका और बोला-
मैं: अगर एक दोस्त की ज़रूरत हो तो मुझे कॉल करना.
वो हैरान हो गयी, और मैं वाहा से आ गया. अब मैं उसके फोन की वेट करने लगा. 2 दिन मुझे कोई फोन नही आया. मुझे लगा वो नही करेगी फोन. फिर तीसरे दिन रात ले 10 बजे मुझे ‘ही’ का मेसेज आया. मैं समझ गया उसी का मेसेज था, तो मैने उसको कहा-
मैं: इतनी देर कर दी आपने मेसेज करने में?
वो बोली: आप मुझे पहचान गये?
मैं: हंजी. वैसे नाम क्या है आपका?
वो: सिमरन.
मैं: नाइस.
सिमरन: और आपका?
मैं: तरुण.
इस तरह से हमारी 2 दिन बातें चली. उसकी अरेंज मॅरेज थी, और वो अपने पति को कभी पसंद नही करती थी. उपर से वो हमेशा उसको कोस्टा रहता था. उसको मुझसे प्यार होने लगा था, और मैं ये समझ गया था. लेकिन मुझे तो बस उसके साथ संभोग करना था. फिर मैने उसको मिलने बुलाया, लेकिन उसने माना कर दिया.
वो बोली: मैं बाहर नही आ सकती. आप मेरे घर आ जाओ.
उन दीनो वो घर पर अकेली होती थी. हज़्बेंड सारा दिन काम पर होता था, और बाकी फॅमिली तीर्थ यात्रा पर गयी थी. फिर मैं उसके घर गया. जब उसने दरवाज़ा खोला, तो मैं उसको देखता ही रह गया. आज भी उसने रेड सूट ही पहना था क्यूंकी मैने उसको कहा था की वो रेड में अची लगती थी.
अंदर जाके उसने मुझे छाई पिलाई, और हमारी बातें हुई. वो मेरे साथ सोफा पर बैठी थी, और अपनी शादी-शुदा लाइफ के बारे में बात करती हुई वो रोने लग गयी. मुझे यही सही मौका लगा, और मैने अपने होंठ उसके होंठो के साथ चिपका दिए.
उसने मुझे रोका नही और रेस्पॉन्स देने लगी. हम दोनो बिछड़े प्रेमियों की तरह एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे. साथ में मैने सलवार के उपर से उसकी गांद दबानी शुरू कर दी. उसकी मोटी गांद बड़ी सॉफ्ट थी. गांद दबाने से वो और गरम हो गयी.
फिर हमारी किस टूटी, और मैं उसके बूब्स दबाते हुए उसकी गर्दन पर किस करने लगा. वो मदहोश होने लग गयी. फिर उसने अपना शर्ट उतरा, और मुझे भी उपर से नंगा कर दिया. मैने उसकी ब्रा उतरी, और उसके सेक्सी बूब्स बाहर आ गये. उसके निपल्स काफ़ी बड़े थे. शायद वो बच्चो को दूध पीला कर हुए थे.
मैं ज़ोर-ज़ोर से उसके निपल्स चूसने लगा. इससे वो पागल हो गयी, और मेरी पंत के उपर से मेरा लंड दबाने लग गयी. फिर वो खड़ी हुई, और बेडरूम की तरफ जाने लगी. जाते हुए उसने अपनी सलवार और पनटी भी उतार दी. मैं भी अपने बाकी कपड़े उतार कर नंगा हो गया.
बेड रूम में जाके मैने उसको पीछे से पकड़ा, और उसको अपनी तरफ घुमा कर किस करने लगा. किस करते हुए हम बेड पर लेट गये. मैं उसके उपर आया, और उसकी छूट पर लंड रगड़ने लग गया. उसकी छूट उत्तेजना से पूरी गीली हो चुकी थी.
मैने उसकी छूट में लंड घुसाया तो उसकी आ निकल गयी. फिर मैं तेज़ी से उसको छोड़ने लगा. शुरू में उसको दर्द हो रहा था, लेकिन कुछ धक्कों में जब लंड छूट में अड्जस्ट हो गया, तो वो मज़े से भारी सिसकियाँ लेने लगी.
कुछ देर ऐसे ही चूड़ने के बाद वो मुझे नीचे करके खुद उपर आ गयी. फिर उसने लंड छूट में लिया, और तेज़ी से गांद हिला कर चूड़ने लगी. वो आ आ कर रही थी, और हम दोनो पुर मज़े में थे. फिर मैने उसके चूतड़ पकड़े, और चुदाई की स्पीड और तेज़ कर दी.
वो खुद से अपने बूब्स दबा रही थी, और पूरी मदहोश हुई पड़ी थी. आधा घंटा ऐसे ही चूड़ने के बाद वो घोड़ी बन गयी. फिर मैने पीछे से उसको छोड़ना शुरू किया. जब मैं झड़ने वाला था, तो उसने माल अंदर ही निकालने को कहा. मैने भी वैसा ही किया.
फिर कुछ देर लेटने के बाद मैं वाहा से आ गया. मेरा काम अगले 2 दीनो में ख़तम था, तो मैं देल्ही वापस आ गया. कुछ दीनो बाद मुझे उसका मेसेज आया की वो प्रेग्नेंट थी. फिर 9 महीने बाद पता चला की उसको लड़का हुआ था. इसके लिए उसने मुझे थॅंक योउ बोला.
ये थी मेरी कहानी. कहानी अची लगे, तो शेर ज़रूर करे.