देवर भाभी का एक ही बिस्तर पर चुदाई धमाल

देवर भाभी का एक ही बिस्तर पर चुदाई धमालमेरा नाम मस्त मौला है. मैं यहा पर आया हू आप लोगों को एंटरटेन करने के लिए. ये बात तब की जब मैं ग्रॅजुयेशन कर रहा था. मैं अपने भाई के साथ ग्वेलियार में रहता था.

मेरे भाई गवर्नमेंट एंप्लायी है, जो की ज़्यादातर बिज़ी रहते है. ये उस दिन की बात है जब भाई को ऑफीस के काम से आउट ऑफ स्टेशन जाना पड़ा 3 दिन के लिए.

अब घर पर मैं और भाभी ही रह गये थे. रात के करीब 9 बजे हम डिन्नर करके फ्री हुए थे. मैं टीवी देख रहा था. आज भाभी जी कुछ अलग मूड में लग रही थी. उन्होने नाइट सूट पहना था, जिसमे वो बहुत सेक्सी लग रही थी. फिर वो मेरे पास आ कर बोली-

भाभी: देवर जी, मुझे नाइट में अकेले सोने में दर्र लगता है. आज तुम मेरे रूम में ही सो जाना.

मैने बॅया बोला और टीवी ऑफ कर दिया. फिर मैं उनके रूम में चला गया. अब मैं और भाभी दोनो एक ब्लंकेट में लेट कर बातें करने लगे. बातों-बातों में मेरे हाथ की कोहनी भाभी के बूब्स से लग गयी. इससे भाभी तोड़ा शर्मा गयी. फिर उन्होने मुझसे पूछा-

भाभी: तेरी कोई गफ़ है क्या?

मैं तोड़ा मुस्कुराया, और मैने हा बोल दिया.

मैने कहा: एक है काजल.

फिर भाभी ने पूछा-

भाभी: कुछ किया है क्या उसके साथ, के नही?

मैने हा में सर हिला दिया, और फिर सोने का नाटक करने लगा. फिर भाभी ने लाइट ऑफ की, और मेरे बगल में लेट गयी. वो अपने एक पैर का घुटना मेरे लंड से सत्ता कर सोने लगी. मेरा लंड पूरी तरह तंन गया था.

फिर मैने भी हिम्मत करके अपना एक हाथ भाभी के पेट पर रख दिया और सहलाने लगा. मेरे ऐसा करने पर उनकी तरफ से जब कोई विरोध नही आया, तो मेरी हिम्मत और बढ़ गयी. फिर धीरे-धीरे मैं उनके बूब्स को दबाने लगा.

धीरे-धीरे मैने उनकी निघट्य उपर करनी चालू कर दी, और अब उनके बड़े-बड़े बूब्स मेरे सामने बिल्कुल नंगे थे. मैं उनको घूर-घूर कर देख रहा था. तभी भाभी उठी, और बोली-

भाभी: क्यूँ, काजल से बड़े है ना?

मैने भी उनको हा बोल दिया. मैं अब उनके बूब्स की मालिश करने लगा. तो उन्होने मेरे दोनो हाथो को पकड़ कर अपने बूब्स पर रख कर दबा दिया.

अब मैं उनके बूब्स को मसालने में मस्त हो गया, और वो भी आँख बंद करके मज़ा ले रही थी. क्या मस्त बूब्स थे भाभी के, एक-दूं कॉटन जैसे.

अब मैने उनको साइड में लिटा दिया, और उनके निपल्स को बारी-बारी से चूसने लगा. भाभी भी मदहोशी में ‘और चूस, और चूस’ बोल कर चिल्लाने लगी. फिर वो मेरी चड्डी में हाथ डाल कर मेरा लंड बाहर निकाल कर खेलने लगी, और बोली-

भाभी: ये तो काफ़ी बड़ा है. अब तो खुल के मज़े से चुड़ूँगी.

इतना बोल के भाभी ने मेरा लंड मूह में ले लिया, और चूसने लगी. और मैं उनके बूब्स मसालने लगा. उसके बाद उन्होने मुझे 69 पोज़िशन में आने के लिए कहा.

अब मैं उनकी छूट को चाटने में मस्त था. मैने अपनी पूरी जीभ उनकी छूट में घुसा दी, और वो मेरा लंड आइस क्रीम की तरह खाने लगी. बड़ा मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर में ही भाभी बोलने लगी-

भाभी: राजा अब और मत तडपा, बहुत दर्द हो रहा है. छूट में डाल दे अपना लंड, और बुझा दे इसकी प्यास.

फिर मैं उठा, और उनके उपर चढ़ गया. मैने अपना लंड निकाला, और भाभी की छूट में तोड़ा थूक लगा कर डाल दिया. उतने में भाभी जी चिल्लाई, और बोली-

भाभी: सेयेल मदारचोड़, इतनी ज़ोर से कोई छूट में लंड डालता है क्या? तोड़ा आराम से छोड़ भोंसड़ी के.

पर मैने उनकी एक ना सुनी, और छोड़े ही जेया रहा था. मैने स्पीड और बढ़ा दी. फिर थोड़ी ही देर में भाभी भी मेरा साथ देने लगी. अब वो अपनी छूट उठा-उठा कर छुड़वाने लगी, और चिल्लाने लगी-

भाभी: छोड़ मदारचोड़, फाड़ दे मेरी छूट को. छोड़ सेयेल, बना दे मेरी छूट का कचूमर.

इतना सुन कर मैं और जोश में आ गया. मैने उनको डॉगी स्टाइल में होने को कहा, और वो झट से कुटिया बन गयी. फिर मैने अपने हाथ से भाभी जी की गांद पर थप्पड़ मार-मार के लाल कर दिया.

उसके बाद मैने अपने लंड का सूपड़ा उनकी छूट में सेट किया. और मेरा 7 इंच का लंड छूट में तेज़ी से डाला. फिर रफ़्तार से मैने भाभी की छूट मारनी चालू की. अब वो भी सिसकियाँ ले-ले कर चूड़ने लगी, और फिरसे छीलाने लगी-

भाभी: और तेज़ छोड़ भोंसड़ी वाले. और तेज़, हा ऐसे ही छोड़ कमीने.

अब मैने उसके बूब्स पीछे से पकड़ लिए, और रफ़्तार में चुदाई करने लगा. तभी मैने महसूस किया की छूट ने ज़्यादा पानी छ्चोढ़ दिया था, और ज़्यादा रिसाई थी. फिर मैने भाभी को सीधा लिटाया, और उनकी छूट को चौड़ा करके उसका पानी पीने लगा. अब भाभी भी पागलों की तरह अपनी छूट उठाने लगी, और चिल्लाने लगी.

भाभी: अब बस भोंसड़ी के, छोड़ दे मेरी छूट को. अब नही रहा जाता.

मैने भी कहा: साली तेरी छूट बहुत रसीली है. ज़रा रस्स तो पीने दे मेरी रानी.

इतना सुन कर उन्होने मुझे धक्का दे कर लिटा दिया, और अब मेरे दोनो हाथ पकड़ कर मेरे लंड पर अपनी छूट सेट करके बैठ गयी. फिर वो तेज़-तेज़ चुदाई करने लगी और बोलने लगी-

भाभी: साला तड़पने लगा है. छोड़ ना भोंसड़ी के मेरी रानिया को.

और ये कह कर वो तेज़-तेज़ उठ कर चूड़ने लगी. 10 मिनिट में ही वो तक गयी. अब उन्होने मुझे उपर आने को कहा, और मैने रुमाल से उनकी छूट का रस्स सॉफ किया. फिर लंड छूट पर रख कर फिरसे ज़ोरदार धक्का दिया.

सूखी छूट के कारण उसको बहुत दर्द हुआ, पर मैं तेज़-तेज़ चुदाई करता रहा. फिर 15 मिनिट की चुदाई में मैने पानी छ्चोढ़ दिया, और हम दोनो नंगे ही ऐसे ही सो गये.

अगर आपको मेरी कहानी अची लगी हो तो मुझे मैल ज़रूर करना मेरी मैल ईद है


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