जैसा की आपने पिछले पार्ट में पढ़ा की गाड़ा फॅमिली में दया को छ्चोढ़ कर सब को ग्राय्न एरिया में फंगस हुआ था, और हाथी भाई ने इसके उपाय में एक क्रीम दिया था, और सब को नंगे रहने को कहा था.
ये पार्ट इतना लाते इसलिए हुआ क्यूंकी मुझे पता ही नही था की मेरी स्टोरी उपलोआड हो गयी थी. इसलिए आप मुझे इतसंप्ड@गमाल.कॉम पर अपना रिव्यू शेर कर दीजिए. इससे मुझे पता लग जाएगा की मेरी स्टोरी उपलोआड हो गयी है और फिर मैं नेक्स्ट पार्ट बनौँगा.
जेथलाल सोडा शॉप से आ कर दया की चुदाई करके सो जाता है. लेकिन उसे तो फंगस हुआ था. नेक्स्ट मॉर्निंग सभी लोग उठते है और दया को भी खुजली होने लगी थी छूट के एरिया में. रोज़ की तरह जेथलाल सोया हुआ था, और दया छाई बना रही थी. लेकिन उसकी छूट की एरिया में बहुत तेज़ खुजली हो रही थी फंगस के कारण.
गाड़ा परिवार में सभी लोग नंगे ही थे दया को छ्चोढ़ कर. बापू जी आ कर जेता को दाँत कर जागते है. उधर दया छाई लेकर आती है. लेकिन बापू जी देखते है की दया एक हाथ से अपना छूट खुज़ला रही थी. वो पूछते है-
बापू जी: क्या बात है बहू? तुम्हे भी फंगस हो गया क्या?
दया: शायद बापू जी.
चंपक: एक काम करो, क्रीम लगा लो, और अपनी सारी और पेटिकोट खोल दो.
दया: मगर बापू जी.
चंपक: अर्रे तुम मेरी बेटी जैसी हो, मुझसे क्या शरमाना?
दया: फिर भी बापू जी मैं आपके सामने नंगी कैसे हो सकती हू?
चंपक: अर्रे कोई बात नही है बहू. अगर तुम ये सब नही करोगी, तो तुम्हे और भी दिक्कत होगी फंगस से.
दया: ठीक है बापू जी.
लेकिन दया शरम के कारण अपनी सारी नही खोलती है. जेथलाल दुकान चला जाता है, और बापू जी यंग-ओल्ड ग्रूप के साथ.
फ्यू अवर्स लेटर:-
दया के घर आज किटी पार्टी थी, तो महिला मंडल आए. जैसे-जैसे पार्टी आयेज बढ़ती गयी, महिला मंडल ने नोटीस किया की दया बार-बार अपनी छूट खुज़ला रही है. तो अंजलि मज़ाक करते हुए बोली-
अंजलि: क्या बात है दया भाभी? जेता भाई की बहुत याद आ रही है क्या?
दया: नही शायद मुझे वो खुजली वाली बीमारी हो गयी है.
कोमल: फंगस?
दया: हा वही
कोमल: आप पहले बोलते दया भाभी, मैं आपके लिए क्रीम ला देती.
दया: वो क्रीम है, मैने लगाया है.
कोमल: फंगस से जल्दी च्छुतकारा पाने के लिए उस एरिया में एर जाना बहुत ज़रूरी है. इसलिए आप एक काम कीजिए, अपनी सारी उतार दीजिए.
दया: अर्रे नही-नही (शरमाते हुए).
माधवी: हमसे क्या शरमाना दया भाभी. हम सब तो महिला ही है.
दया स्माइल करती है.
रोशन: हा दया भाभी, हम लोगों से क्या शरमाना, आप सारी उतार ही दीजिए. इससे आपको आराम मिलेगा.
बबिता: हा दया भाभी, प्लीज़.
दया: एक शर्त पर
माधवी: क्या?
दया: क्यूँ ना हम सारी लॅडीस इस किटी में नंगे रहे?
बबिता: मस्त आइडिया है दया भाभी.
अंजलि: हा-हा क्यूँ नही. सभी लॅडीस लोग अपने कपड़े उतारते है.
योउ नो बबिता इस हॉट, बुत लेजेंड्ज़ अरे लीके माधवी आंड अंजलि. क्या माल है यार. गोरे-गोरे चूतड़. (ब्ब की वाइन्स). माधवी तो पूरा रंडी मेटीरियल है. लग रहा है की अभी उसकी गांद मार डू. मूह में डालु.
अंजलि माधवी साथ त्रेसोमे करू. मैं यहा पर पुरानी वाली अंजलि के बारे में बात कर रहा हू. नयी वाली भी ठीक है, लेकिन पुरानी वाली आसम है. चलिए अब स्टोरी पर आते है.
सभी लॅडीस नंगी हो गयी थी. दया बीयिंग आ देसी लेडी उसकी छूट पर जंगल था बहुत. बाकी सभी की छूट पूरी चिकनी थी.
कोमल: अर्रे दया भाभी, आप शेव क्यूँ नही करती?
दया: वो मुझे दर्र लगता है.
कोमल: अरे आप शेव कर लीजिए, क्यूंकी आपको फंगस हुआ है.
दया: बोला तो, मुझे दर्र लगता है.
कोमल: आइए हम लोग ही मिल कर आपकी चूत सॉफ कर देते है.
फिर सभी लोग दया की हेल्प करने लगते है. तभी टापू की एंट्री होता है. उसे नही पता था की किटी पार्टी चल रही थी. वो मस्त नंगे ही हॉल में आ जाता है, और बोलता है-
टापू: मम्मी वो फंगस वाली क्रीम कहा रखी है.
वाहा सब को देख के वो शॉक हो जाता है. दया टेबल पर लेती हुई है, और सारी लॅडीस उसकी झाँत चील रही थी. और सभी लॅडीस नंगी थी. सभी लॅडीस भी टापू को देख कर शॉक हो जाती है, और शर्मा कर बेडरूम में भाग जाती है. दया टेबल पर से उठती है, और टापू को क्रीम देती है.
टापू: सारी आंटीस भाग क्यूँ गयी. मैने तो उन्हे देख लिया है. अब च्छुपाने से क्या फ़ायदा.
दया: फिर भी बेटा वो लॅडीस लोग है तेरे सामने कैसे आ सकती है नंगी.
टापू: मुझसे क्या शरमाना? मैने सब को देख लिया है. अब आप सब बाहर आ जाइए.
सारी लॅडीस धीरे-धीरे बाहर आती है. माधवी की गुलाबी छूट देख कर टापू का खड़ा होने लगता है. सभी लॅडीस ये नोटीस करती है.
बबिता: वाह दया भाभी, आपका टापू तो बड़ा हो गया है
दया: क्या आप भी बबिता जी, अभी तो ये बच्चा है.
अंजलि: बच्चा नही है, अभी इसे मौका मिल जाए तो ये बच्चो का बाप बन जाएगा.
टापू (शरमाते हुए): वो कैसे बनते है?
बबिता: हमसे मत च्छुपाओ टापू, मैं जानती हू की तुम्हे सब पता है.
टापू: मुझे नही पता सच में क्या बोल रहे है आप लोग.
अंजलि: अगर नही पता तो वो खड़ा कैसे हो गया?
टापू: मुझे नही पता, अपने आप हो गया.
बबिता: चलो लॅडीस आज मौका है टापू को बड़ा बना ही देते है.
अंजलि सोचती है वैसे भी मेरे बच्चे नही हो रहे है, क्यूँ ना मैं ही ट्राइ कर लू इससे.
अंजलि: आओ हम तुम्हे सीखते है बच्चो का बाप कैसे बना जाता है.
सारी लॅडीस टापू के पास आ जाती है.
अंजलि आयेज बोलती है: आ जाओ मेरे पर ट्राइ करो.
अंजलि पूरा अनॅटमी समझती है, और फिर बबिता टीवी में पॉर्न लगा देती है.
फिर अंजलि बोलती है: जो-जो टीवी में हो रहा है, सेम तो सेम करो.
टापू तो सब जानता था, वो सिर्फ़ नौटंकी कर रहा था. वो अपना लंड अंजलि के मूह में दे देता है, और अंजलि उसका लंड चूसने लगती है. टापू उसके बाल पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह को छोड़ने लगता है. वो इतना अंदर तक डाल रहा था, की अंजलि चोक हो जेया रही थी.
दया बोलती है: आराम से बेटा.
अंजलि पूरा गरम हो गयी थी. उसकी छूट से पानी बहने लगा था. वो तड़प रही थी.
फिर अंजलि बोलती है: अब तड़पाव नही, छोड़ दो. कम ओं टापू, छोड़ो मुझे.
टापू अपना 7.5 इंच का लंड एक झटके में अंजलि की बर में डाल देता है. अंजलि बहुत ज़ोर से चिल्लती है, लेकिन फिर बबिता अपनी छूट उसके मूह पर रख देती है, और बोलती है-
बबिता: रंडी चूसो इसे.
उधर टापू अंजलि की हार्डकोर चुदाई कर रहा था. इधर बबिता अंजलि के मूह पर बैठी थी. आज कल अपने नोटीस किया होगा की बबिता की गांद और बूब्स दोनो ही बढ़ते जेया रहे है. बीटीयौ कमिंग तो थे स्टोरी-
चुदाई बहुत ज़बरदस्त हो रही थी. तभी दया किचन से बेलन लाती है, और एक झटके में बेलन का टोपा अंजलि की गांद में घुसा देती है. अंजलि बहुत ज़ोर से चिल्लती, और क्यूंकी वो बबिता का छूट चाट रही थी, तो वो बबिता की छूट के लिप्स अपने दाँत में पकड़ लेती है, जिससे बबिता तड़प जाती है.
बबिता ने बहुत ज़ोर से एक छाँटा मारा अंजलि हो. उधर करीब 10 मिनिट से टापू अंजलि को छोड़ रहा था. इधर सारी लॅडीस, कोई उंगली से, कोई ब्रश से, कोई रिमोट से अपनी छूट की आग शांत कर रही थी.
टापू अंजलि की छूट मार रहा था. दया ने भी अंजलि की वर्जिन गांद में बेलन फसा दिया था. अंजलि को तो रोना आ गया था. बेचारी को बहुत दर्द हो रहा था. बबिता को साइड करके रोशन अपनी छूट अंजलि के मूह पर रखे हुए थी. अंजलि सही से साँस भी नही ले पा रही थी. कोमल और दया भी ज़ोर-ज़ोर से अंजलि के निपल्स और बूब्स मसल रहे थे.
बबिता भी अड्जस्ट करके अंजलि की सेक्सी नाभि में उंगली कर रही थी. और उसकी नाभि में अपनी जीभ डाल डाल कर एंजाय कर रही थी.
बबिता बोल रही थी: रंडी तुमको बहुत मॅन था टापू से फर्स्ट टाइम ट्राइ करने का. आ रहा है मज़ा?
अंजलि की आखों से आँसू आ रहे थे. ये गंगबांग चल रहा था, और उधर टापू पूरा एंजाय कर रहा था. अंजलि तो इस बीच पता नही कितनी बार झाड़ चुकी थी. लेकिन टापू अंजलि के साथ जानवरो की तरह कर रहा था. 48 मिनिट बाद टापू झड़ने वाला था तो उसने पूछा-
टापू: अंजलि आंटी, शायद मेरा होने वाला है. कहा करू?
अंजलि बोली: छूट में ही. पूरा डीप जेया कर वही छ्चोढ़ दो. टापू ऐसा ही करता है.
सभी लोग तक जाते है, ख़ास कर टापू. वो वही बेड पर सो जाता है. सारी लॅडीस अपने-अपने कपड़े पहन कर चली जाती है. अंजलि तो ठीक से चल भी नही पा रही थी
आज के लिए बस इतना ही. आप अपने रिव्यूज़ ज़रूर शेर करे. और अब तो बसे तैयार हो गया है, अब आयेज के प्लॉट और भी आचे रहेंगे. पिछली स्टोरी 3 महीना पहले आई थी. लेकिन अब जल्दी-जल्दी लाने की कोशिश करूँगा.