परिवार में ट्रूथ आंड डेर का सेक्सी खेल

तो कैसे हो दोस्तों? आप सभी चलिए स्टार्ट करते है अपनी आयेज की कहानी. जैसा की हमने पिछले पार्ट में पढ़ा, की कैसे सरिता भी अब हमे समझ गयी, और सब सही हो गया. अब मैने सरिता से कहा-

मैं: चलो तुम्हारी भी प्यास बुझा डू.

तो वो बहुत खुश हुई. पर मों से शरमाने लगी. फिर मैने मों को और तनीशा को बाहर भेज दिया. मैने डोर बंद कर दिया तो सरिता बेड पर बैठी हुई थी. वो मुझसे बड़ी थी, तो मैने उससे पूछा-

मैं: दीदी कहा से शुरू करे?

तो उन्होने कहा: नॉर्मल रोमॅन्स के साथ.

फिर मैं भी उनकी साइड में बैठ गया, और उनकी नेक पर किस करने लगा. वो भी मूड में आ गयी, और मज़ा लेने लगी. अब मैं उनके लिप्स पर किस करने लगा. हम दोनो एक-दूसरे को जैसे चूसने लगे.

सरिता बहुत सेक्सी थी. अब मैने उनकी त-शर्ट उतरी और वो अब बस ब्रा में थी. उनकी ब्लॅक ब्रा और बड़े बूब्स बहुत सेक्सी थे. मैं बूब्स को ऐसे ही टच करने लगा, तो वो सिसकियाँ लेने लगी. अब उन्होने खुद से ही ब्रा उतार दी. मैं अब उनके बूब्स पर टूट पड़ा, और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा.

उन्हे दर्द हुआ और ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी. अब मैं उनके बूब्स चूस रहा था. उन्हे शायद बहुत मज़ा आ रहा था.

अब सरिता बोली: चलो भैया, अब अपना भी समान दिखा दो.

फिर वो बेड पर अपने घुटनो पर बैठ गयी. मैने अपना लंड निकाला तो वो देख कर चौंक गयी और बोली-

सरिता: ये तो बहुत मज़ेदार होगा.

और वो हल्का-हल्का चूसने लगी. मुझे बहुत मज़ा आने लगा.

मैं बोला: दीदी चलो पूरा ट्राइ करते है.

तो दीदी ने पूरा मूह में ले लिया. जब वो मूह में गया तो उन्हे साँस लेने में प्राब्लम हुई. इसलिए उन्होने बाहर निकाल दिया. 5 मिनिट तक वो ऐसे ही चूस्टी रही. फिर मैने उनके ही मूह में निकाल दिया. मेरे होने के बाद भी वो उसे हल्का-हल्का चूस रही थी. शायद उसमे अभी भी जान थी.

अब मैने दीदी की शॉर्ट्स उतरी, तो उनकी रेड पनटी के उपर से हाथ फेरने लगा. वो पूरी गीली हो चुकी थी. मैने अब पनटी में हल्का हाथ डाला, तो उसमे हल्के बाल थे. उपर से फिर मैने पनटी खोल दी. उनकी छूट पानी छ्चोढ़ रही थी, और बस इतना देख कर ही मैं पागल हो गया.

मैं उन्हे बेड पर धक्का देकर, टाँगो के बीच में जाके छूट चाटने लगा. वो ज़ोर-ज़ोर से आवाज़े निकालने लगी. अब तो उनसे कंट्रोल नही हो रहा था.

वो बोली: प्लीज़ अब घुसा दो.

तो मैने भी मूह हटा कर लंड सेट किया. पर वो अंदर नही गया. फिर मैने एक उंगली छूट में डाली तो दीदी को हल्का सा दर्द हुआ. मैने उसे दीदी के मूह में दे दिया, और वो मेरी उंगली को पागलों की तरह चूसने लगी. अब मैने उनसे थूक लिया, और छूट पर लगाया.

फिर मैने एक झटके में लंड अंदर दे दिया, तो दीदी चिल्ला पड़ी. उन्हे दर्द होने लगा, तो मैं धीरे-धीरे करने लगा. अब 5 मिनिट बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा. वो भी उछालने लगी. मैने उन्हे काई पोज़िशन्स में पेला. बाद में उन्हे अपने मूह पर बिताया, और आचे से छूट छाती. फिर किस करते हुए वही लेट गये. मों ने ही हमे बाद में उठाया.

अब रात को डिन्नर करने के बाद हम सब एक साथ एक रूम में ऐसे ही बातें कर रहे थे. तो हमने ट्रूथ आंड डरे खेलने की सोचा. सब राज़ी हो गये. हमने एक बॉटल को बीच में रखा, और घुमाया. तो वो बॉटल तनीशा पर आ कर रुकी.

फिर मैने उससे पूछा की ट्रूथ आंड डरे, तो उसने तोड़ा सोच कर ट्रूथ बोला. क्यूंकी मैने बॉटल घुमाई थी तो मैने ही उससे क्वेस्चन्स किए. मैने उससे पूछा-

मैं: तुम्हारी सबसे डर्टी फॅंटेसी क्या है?

तो तनीशा तोड़ा सोच कर बोली: मुझे चुड़वते हुए मुम्मा की गांद चाटनी है.

मैं ये सुन कर हस्सा और बोला: ह्म मुझे भी चाटनी है, और मारनी भी है.

मों ने मेरी तरफ देखा और बोली: ये कल सोचेंगे. अब बॉटल घूमने की बारी मेरी है.

फिर बॉटल घूम कर मेरे पास आई, तो मैने ट्रूथ ही माँगा. मों ने सेम क्वेस्चन पूछा.

मैने कहा: मुझे तो बस सरिता दीदी के पैरो को सॉक्स के साथ लीक करना है.

तो मों और तनीशा हासणे लगे. अब बॉटल तनीशा ने घुमाई, तो फिरसे वो मेरे पास आ कर रुकी. अब मैने डरे चूज़ किया, तो तनीशा ने मुझे डरे दिया-

तनीशा: तुम्हे मों को उपर से लेकर नीचे तक लीक करना है.

मैं भी खुश हुआ, की इंट्रेस्टिंग सा लगता है. मैने भी मों को लीक करना स्टार्ट किया. उनका फेस उनके लिप्स लीक किए. फिर उनका गला लीक किया. मों बिल्कुल नंगी नही थी, वो ब्लाउस और पेटिकोट में थी. मैने उनका ब्लाउस उतरा, और उनकी अंडरआर्म्स लीक की. वो दोनो भी देख कर गरम होने लगी.

अब मैं मुम्मा के बूब्स लीक कर रहा था. फिर उनका पेट लीक किया, और उनकी छूट छाती. उसके बाद पैरों तक आया. उनके पैरों की उंगलियाँ लीक करी. मुझे बहुत मज़ा आया. जब मेरा डरे पूरा हुआ तो बॉटल तनीशा ने घुमाई और मों पर रुकी.

अब मों ने भी डरे चूस किया. तो तनीशा ने मों को डरे दिया की उन्हे मुझे और सरिता को दोनो को दूध पिलाना था छ्होटे बच्चो की तरह. मैं और दीदी चुप से मों की गोदी में सर रख कर लेट गये. उन्होने अपने दोनो बूब्स हमारे मूह में डाल दिए. बहुत मज़ा आ रहा था.

मों का डरे अभी पूरा नही हुआ था, उससे पहले ही मों ने तनीशा को भी पास बुलाया और उसे प्यार से किस करने लगी. फिर हमे जाना भी था, तो मों ने हमे सोने को कहा. हमने मों को मानने की बहुत कोशिश की, पर वो नही मानी और बोली-

मों: मैं तुम्हारे साथ नही सौंगी. अगर सोई तो तुम पूरी रात नही सोगे. मुझे ही चाट-ते रहोगे.

फिर मों अलग हो कर सो गयी, और तनीशा और सरिता अपने रूम में चली गयी. मुझे नींद नही आ रही थी. मैने देखा मों गहरी नींद में सो रही थी. तो मैने उनके उपर हाथ रखा और हल्के से उनके बूब्स दबाने लगा. फिर अचानक मों ने मेरी तरफ देखा. वो पता ही नही कब उठ गयी.

अब वो गुस्से में बोली: तुम नही मानोगे.

तो मैं बेकार सा मूह बना कर चुप हो गया. मों ने मुझे अपने से चिपकाया, और मेरे लंड को सहलाने लगी. उनके हाथ लगाने से, हिलने से, माल छूट गया तो मों बोली-

मों: अब खुश? अब सो जाओ.

फिर मैं मों से चिपक कर सो गया. अब आगे का खेल और आयेज क्या होगा, ये अगली कहानी में. अगर आपको कहानी अची लग रही है, तो प्लीज़ एमाइल पर ज़रूर बताए. और कोई ग़लती हो तो कॉमेंट्स में बताए. अगली स्टोरी जल्दी ही.