antarvasna, hindi sex story मैं एक दिन घर पर ही बैठा हुआ था उस वक्त मैं अपने मोबाइल में अपने पुराने दोस्तों के नंबर देख रहा था मैंने उस दिन अपने दोस्तों को फोन किया, जब मैंने अपने दोस्त संजय को फोन किया तो उसका नंबर किसी लड़की ने उठाया मैंने उस लड़की से फोन पर कहा कि आप मेरी बात संजय से करवा सकते हैं? वह कहने लगी मैं किसी संजय नाम के व्यक्ति को नहीं जानती। मैंने उससे कहा लेकिन यह नंबर तो मेरे दोस्त का ही है और उससे मेरी इसी नंबर पर बात हुआ करती थी, वह मुझे कहने लगी लेकिन अब यह नंबर मैंने ले लिया है और यह नंबर पिछले 6 महीने से मेरे पास ही है, मैंने उस लड़की से कहा दरअसल मैं काफी समय तक अमेरिका में था और उसके बाद वहां से लौटा हूं तो मैं सोच रहा था कि अपने पुराने दोस्तों से बात कर ली जाए, वह मुझे कहने लगी लेकिन अब यह नंबर मेरे पास ही है, आप अपने किसी और दोस्त से अपने दोस्त संजय का नंबर ले लीजिएगा और यह कहते हुए उसने फोन काट दिया।
मैंने उसे दोबारा फोन किया तो वह कहने लगी देखिए मिस्टर आप जो भी हैं आप बार-बार यहां फोन मत कीजिए नहीं तो मैं अपने भैया से कह दूंगी, मैंने उसे कहा मैडम आप मुझे गलत समझ रही हैं ऐसा कुछ भी नहीं है आप मुझे संजय का नंबर दे दीजिए, वह कहने लगी मेरे पास संजय का नंबर नहीं है मैं आपको कैसे समझाऊं कि यह नंबर मेरा ही है और आप अपने किसी और दोस्त से अपने दोस्त संजय का नंबर ले लीजिए, मैंने कहा यदि आपके पास नंबर है तो मैं कैसे किसी अपने दोस्त से नंबर ले सकता हूं, वह मुझे कहने लगी देखिए सर अब आप फोन रख दीजिए नहीं तो यह ठीक नहीं होगा। वह थोड़ा कड़क आवाज में मुझसे बात करने लगी और कहने लगी आप अब बहुत ज्यादा हद पार कर रहे हैं आप फोन रख दीजिए नहीं तो यह आपके लिए अच्छा नहीं होगा, यह कहते हुए उसने फोन काट दिया मैंने दोबारा उसे फोन नहीं किया लेकिन मेरे दिमाग में सिर्फ उसी का ख्याल आ रहा था और मैं सिर्फ उसके बारे में ही सोच रहा था मैं अपने दिमाग में कल्पना कर रहा था किसका चेहरा कैसा होगा और वह बात करने से तो किसी अच्छे घर से लग रही थी, मेरी उससे जितनी भी बात हुई मैं उसकी बात से बहुत ही ज्यादा प्रभाभित था क्योंकि काफी समय बाद किसी लड़की ने मुझे ऐसे डांटा था और अब तो मैं उससे बात करना ही चाहता था मुझे तो किसी भी हाल में उसे फोन करना ही था लेकिन मैं अपने किसी काम में व्यस्त हो गया इसलिए मैं उसे फोन नहीं कर पाया परन्तु मेरे दिमाग में यह बात तो थी कि मुझे उसे फोन करना है।
उसकी आवाज में एक अलग ही मिठास थी और उसकी आवाज जैसे मेरे दिलों दिमाग पर पूरी तरीके से असर करने लगी थी मैं उससे अब बात करना ही चाहता था, मैंने दो दिन बाद दोबारा से उसी नंबर पर फोन कर दिया उसने मेरा नंबर देखते ही पहचान लिया और कहने लगी सर यह नंबर आपके दोस्त संजय का नहीं है, मैंने उसे कहा लेकिन मुझे तो आपसे बात करनी है और मैंने आपसे ही बात करने के लिए आपको फोन किया है, उस दिन मैं आपसे आपका नाम भी नहीं पूछ पाया, उसने मुझे अपना नाम बताया उसका नाम मधु है। मधु से उस दिन मेरी बात हुई लेकिन मधु पुणे से काफी दूर चंडीगढ़ में रहती है जब उसने मुझे बताया कि वह एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती है तो मैंने उससे कहा क्या हम लोग कभी मिल सकते हैं? वह मुझे कहने लगी आज आप मुझसे दूसरी बार बात कर रहे हैं और आपने मुझसे मिलने की बात कह दी इस बात पर वह बड़े जोर से हंसने लगी और मुझे भी हंसी आ गई लेकिन मैं मधु से वाकई में मिलना चाहता था, मैं अब हर रोज मधु से बात करने लगा लेकिन उससे मेरा मिलना नहीं हो पाया।
एक दिन मैंने मधु को फोन करते हुए कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए अमेरिका जा रहा हूं और वहां से लौटने के बाद ही तुम्हें फोन करूंगा, मेरा अमेरिका में एक काम था इसलिए मैं अपने काम के सिलसिले में अमेरिका जा रहा था, मधु कहने लगी कोई बात नहीं आप जब आओ तो तब मुझे फोन कर देना। मैं जब अमेरिका चला गया तो वहां मैं 20 दिनों तक रुका 20 दिन बाद जब मैं वापस लौटा तो मैंने मधु को फोन किया लेकिन मधु ने मेरा फोन ही नहीं उठाया, जब उसने मेरा फोन नहीं उठाया तो मैंने उसे मैसेज किया लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं आया, मेरे पास मधु का सिर्फ वही नंबर था और उसके अलावा मेरे पास और दूसरा नंबर नहीं था इसीलिए मैंने उस नंबर पर दो तीन बार फोन किया परंतु उसके बाद कभी भी वह नंबर नहीं मिला मैंने सोचा कि अब मुझे उसे फोन करना छोड़ देना चाहिए लेकिन मेरा दिल नहीं मान रहा था और मैं उसे फोन किए जा रहा था, वह फोन कोई रिसीव भी नहीं कर रहा था कुछ दिनों बाद वह नंबर स्विच ऑफ हो गया, उसके काफी दिनों बाद मुझे मधु का कॉल आया, मैंने मधुर से कहा मैं तुम्हारे नंबर पर कब से फोन कर रहा हूं लेकिन तुमने मेरा फोन ही नहीं उठाया, वह कहने लगी मेरा फोन चोरी हो गया था इसीलिए वह नंबर लग नहीं रहा था मैंने उस नंबर की डमी बनवा ली है और आपको मैं अपने नंबर से ही फोन कर रही हूं, मैंने उसे कहा लेकिन तुम्हारा फोन कैसे चोरी हो गया? वह कहने लगी मैं अपनी मम्मी के साथ मार्केट गयी हुई थी वहां पर काफी भीड़ थी और भीड़ में मेरा पर्स किसी चोर ने चोरी कर लिया, उसी में मेरा फोन भी रखा हुआ था। उस दिन मधु से बात कर के जैसे मेरी जान में जान आ गई और मैंने मधु के साथ उस दिन पूरे दो घंटे तक बात की, मधु मुझसे पूछने लगी क्या आपने इतने दिनों में मुझे मिस भी किया, मैंने उसे कहा यह तो तुम इसी बात से अंदाजा लगा सकती हो कि मैंने तुम्हें हर दिन 20 बार कॉल किया लेकिन तुम्हारा फोन किसी ने भी रिसीव नहीं किया इसीलिए मैंने सोचा शायद अब कभी भी तुमसे मेरी बात नहीं हो पाएगी, मधु कहने लग ऐसा कैसे हो सकता है कि हमारी कभी भी बात ना हो।
अब मैं मधु से मिलना चाहता था मैंने उससे कहा मैं तुमसे मिलने के लिए चंडीगढ़ आ रहा हूं, वह मुझे कहने लगी कि लगता है आप मजाक कर रहे हैं। उसे मेरी बात मजाक ही लग रही थी परंतु मैं उससे मिलने के लिए बहुत सीरियस था और मैं उससे मिलने के लिए चंडीगढ़ चला गया, जब मैंने चंडीगढ़ पहुंच कर उसे फोन किया तो उसे तब भी यह बात मजाक ही लग रही थी उसे मुझ पर भरोसा नहीं हो रहा था, मैं जब मधु से मिला तो वह मुझसे मिलकर बहुत खुश हो गई, वह कहने लगी मुझे तो लगा ही नहीं था कि आप मुझसे मिलने आ जाएंगे, मेरे लिए तो यह एक सपने जैसा है। मैंने मिलते ही मधु को गले लगा लिया वह भी मुझसे गले लग गई हम दोनों कुछ देर तक साथ में बैठे रहे लेकिन मुझे मधु के साथ कहीं अकेले जाना था। मैने जिस होटल में रूम लिया था उसी होटल में मैं मधु को अपने साथ ले आया उसे मेरे साथ आने में कोई तकलीफ नहीं हुई वह मेरे साथ आई तो बहुत खुश नजर आ रही थी। मैंने मधु को बंद कमरे में किस किया तो उसकी नजरें झुक गई उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और वह भी मुझे किस करने लगी हम दोनों ने एक दूसरे को काफी देर तक किस किया।
जब मैंने उसके स्तनों को अपने हाथों से दबाना शुरू किया तो वह गर्म हो गई। जब मैंने अपने हाथ को उसकी गांड पर रख तो वह मजा लेने लगी वह मुझे कहने लगी आप ऐसा ना करें लेकिन मैंने तो सोच लिया था कि मुझे मधु के साथ शारीरिक संबंध बनाने हैं और उसके गोरे जिस्म को देखकर तो मैं अपने आपको और भी ना रोक सका। मैंने उसके होठों से खून निकाल कर रख दिया जब मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया कर तो मैं उसके कपड़े उतारने की कोशिश करता लेकिन वह अपने कपड़ों को दोबारा से सही कर लेती उसने मुझे अपने कपड़े उतारने नहीं दिए परंतु मैंने भी पूरे जोश के साथ उसके कपड़े उतार दिए और उसे नंगा कर दिया। जब वह मेरे सामने नागी थी तो मैंने उसे अपने लंड को मुंह में लेने के लिए कहा उसने शरमाते हुए मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे हिलाने लगी कुछ सेकंड तो वह लंड को हिलाते रही जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था वह मेरे लंड को बड़े अच्छे से चूस रही थी जब उसने मेरे लंड से पानी निकाल कर रख दिया तो मैं भी ज्यादा देर अपने आपको रोक नही पाया।
मैने उसकी मुलायम चूत के अंदर लंड को घुसा दिया जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ते हुए अंदर की तरफ घुसा तो उसे दर्द का एहसास होने लगा और उसके मुंह से चिल्लाने की आवाज निकल पड़ी वह अपने मुंह से बड़ी तेज आवाज में चिल्ला रही थी। मैं उसे तेजी से धक्के दे रहा था मैंने जितने देर उसकी चूत मारी मुझे उसकी चूत मारने में उतना ही आनंद आ रहा था मैंने उस दिन उसके साथ 5 मिनट तक संभोग किया लेकिन उन 5 मिनट मैं मैंने उसके बदन का पूरा सुख भोगा और उसके बदन पर जगह-जगह मैंने अपने दांतों के निशान भी मार दिए थे। जब हम दोनों की इच्छा पूरी हो गई तो उसने मुझे गले लगाकर कहा आपने तो आज मेरी इच्छा पूरी कर दी मैंने तो कभी उम्मीद भी नहीं की थी कि आप मेरी इच्छा पूरी करेंगे लेकिन जिस प्रकार आपने मेरी इच्छा पूरी की और मुझसे मिलने आए उसके लिए मैं आपका धन्यवाद कहती हूं। वह कहने लगी मैं आपको हर रात मिस करती थी और आपके बारे में सोचती रहती थी। आपके साथ मुझे सेक्स करके एक अलग ही अनुभूति हुई मैंने कभी सोचा नहीं था कि आपके साथ में सेक्स कर पाऊंगी।