तो अब आते है हम अपनी स्टोरी के 3र्ड पार्ट मे. सॉरी स्टोरी काफ़ी लाते हो गयी, मई तोड़ा बिज़ी था अपने लाइफ मे.
अब फ़ैसल ने जैसे हे दरवाज़ा खोला, साइलेंद्रा अंदर आ गया और उसने मुझे देखा. मुझे देख के वो बहोट जाम के हसा. क्यूकी मेरे पूरे फेस मे फ़ैसल का मूठ था.
साइलेंद्रा – भाई तूने तो पूरा रंडी बना दिए सेयेल को..
और वो हासणे लगा बहोट जाम के.
फ़ैसल- बढ़िया आइटम है भाई ये, पसंद आया मेको ये.
साइलेंद्रा – आबे ऐसे गन्दू लोगो को पसंद नही करते, ऐसे गन्दू लोगो को छोड़ते है, कुट्टी बना के.
ये सुन के मुझे बुरा लगा तो मई तोड़ा साद हो गया. मुझे बुरा लग रहा था, फ़ैसल को ये देख के अक्चा नही लगा.
फ़ैसल- आबे इज़्ज़त से बात करले भाई, अपने जैसे इंसान है वो भी.
फ़ैसल की ये बात सुन के मुझे इतनी खुशी हुई.
ये बोलके फ़ैसल बोला-
फ़ैसल- चल भाई फेस वॉश करले और आजा बाहर.
साइलेंद्रा – आबे छोड़ते है इसको
फ़ैसल – तक गया होगा बे ये, हो गया अब चल.
ये बोलके वो दोनो टाय्लेट के बाहर निकल गये. मैने फेस वॉश किया फिर उनके सीट के तरफ बढ़ा. साइलेंद्रा फ़ैसल से गुस्सा था क्यूकी उसने मेरी साइड लिए.
फ़ैसल- चल भाई अब तू निकल. अक्चा लगा तेसे मिलके. जेया तू अपनी सीट मे बैठ जेया और थॅंक्स.
मे- हो गया?
फ़ैसल- हन भाई हो गया, वैसे कोन्से बर्त मे है?
मे- स2
फ़ैसल- ठीक चल बाइ.
मे- बाइ..
बाइ बोलके मई वाहा से निकल गया. लेकिन मेरा पूरा मान फ़ैसल मे बस चुका था. इतना सेक्सी एट स्वीट पर्सन मैने कभी नही देखा था. वो सेक्स मे जितना हार्ड था दिल से उतना हे सॉफ्ट.
मई चुप छाप अपने सीट मे आगेया और सोने की कोशिश करने लगा, रात बहोट हो गयी थी.
पर ये दिल है की मानता नही, 4.15 को मेरी नींद खुली और मेरा दिल पूरा फ़ैसल मे था. मैने सोच लिए की इतनी आसानी से जाने नही दूँगा उसको.
रात अभी बाकी थी.
मई गया उसके बर्त मे.. वो साइड लोवर बर्त मे सोया हुआ था.. मैने उसे टच करके उठाया.
फ़ैसल- क्या हो गया?
मे- बाहर आओ.
फ़ैसल बाहर आया टाय्लेट साइड और बोला-
फ़ैसल- हन बोलना..
मे- यार मुझे तुम्हारा चाहिए..
फ़ैसल- क्या? लंड?
मे- हन.
ये सुनके वो हासणे लगा और मेरे सर मे हाथ फेरते हुए बोला-
फ़ैसल – कुछ देर पहले हे तो दिया टेको, मॅन नही भरा क्या?
मे- नही, तोड़ा और चाहिए.
फ़ैसल – नींद आ रही है यार.
मे- प्लीज़, पता नही फिर कब मौका मिलेगा
फ़ैसल – क्या करने देगा?
मे- जो तुम चाहो कर लेना.
फ़ैसल – गांद देगा?
मे- ट्रेन मे कैसे जमेगा यार? हन अगर बेड होता तो दे भी देता.
फ़ैसल – ठीक है फिर नंबर देदे तेरा. जबलपुर अवँगा कभी तो बतौँगा वाहा मिल लेंगा.
मैने उसे अपना नंबर दिया और उसका नंबर माँगा तो वो बोला मई नंबर शेर नही करता. लेकिन अगर जबलपुर आया तो म्स्ग या कॉल करूँगा.
मे- अभी का कैसा करना है?
फ़ैसल- प्यास लगी है क्या.,?
मे- क्या मतलब?
फ़ैसल- मूट पिएगा.?
मियने कभी ये नही किया था पहले. लेकिन फाईसल से मई इतना अट्रॅक्ट हो गया था की मैने हन मे सर हिला दिया.
फ़ैसल- चल आजा अंदर.
ये बोलके वो टाय्लेट के अंदर चले गया. मई इधर उधर देखा और मौका देख के अंदर चले गया.
मई जैसा हे अंदी गया उसने मुझे पकड़ लिया और सीने से लगा लिया और मेरे टशहिर्त के अंदर हाथ डाल के मेरी कमर सहलाने लगा जैसे मई उसकी गफ़ हू.
और मेरे जीन्स के उपेर से मेरी गांद दबोच भी रहा था. लग रहा था की काश मई उसकी गफ़ होता और ये मुझसे प्यार करता. उसने फिर मेरे गले मे किस करने लगा. मई इतना हॉट हो गया था की पूछो मत.
उसके हाथ अलग गरम कर रहे थे मुझे और उपेर से नेक मे उसका किस करना उफ़फ्फ़..
फ़ैसल – बैठ जा नीचे..
मई अपने नीस मे बैठ गया. उसने अपना बेल्ट खोला फिर पंत खोला, अंडरवेर नीचे किया और बोला-
फ़ैज़न – मूट रहा हू.
मैने एकदम उसकी गफ़ बनते हुए मूह खोल लिया और उसे देखने लगा.
मूट की एक मोटी धार निकले और मैने उसके मूट को गले से नीचे उतारना चालू कर दिया.
वो भी मुझे देख रहा था और हल्की हल्की स्माइल कर रहा था. जैसे हे उसका मूट के हुआ. उसने मूट की कुछ आखरी बोंदे मेरे मूह मे झटकाया..
फ़ैसल – कैसा लगा?
मे- बहुत गंदा, बस आपकी खुशी के लिए किया मई ये.
फ़ैसल ने ये सुनते हे मुझे उठाया और बोला-
फ़ैसल- थॅंक्स बेब, काश तो लड़की होता गफ़ बना लेता तुझे.
ये बोलके उसने मुझे पलताया और मेरी पंत को नीच कर दिया. मेरी गांद बहोट सॉफ्ट है और बड़ी है तो ये देख के वो बोला-
फ़ैसल- वा यार गजब गांद है तेरी तो.
ये बोलते हुए उसने मेरी गांद मे उंगली करना शुरू कर दिया.
मे- यहा नही प्लीज़..
फ़ैसल – चल ठीक है..
ये बोलके उसने टशहिर्त के अंदर हाथ डाला और मेरे निपल्स पकड़ लिए और मेरे बूब्स दबाने लगा.
फिर उसने मेरे बूब्स को चूसना चालू कर दिया. बहोट मज़े आ रहे थे, बहोट ज़्यादा.
मैने भी उसके शर्ट के अंदर हाथ डाले और उसके चेस्ट को सहलाने लगा. फिर मैने उसका एक हाथ तोड़ा उपेर किया और शर्ट के उपेर से हे उसके अंडरआर्म्स को स्मेल करने लगा.
फ़ैसल- अरे मेरी जान सूंघ हे रहा है तो अकचे से सूंघ ले ना.
ये बोलके फ़ैज़न ने अपनी शर्ट उतार दी और मेरे बाल पकड़ के अपने अंडरआर्म्स मे घुसेड दिया. मई भी उसके अंडरआर्म्स को मस्त स्मेल किया और फिर धीरे से लीक करना चालू कर दिया. वो भी बहोट मज़े ले रहा था.
फिर उसने दूसरा अंडरआर्म सामने किया और मैने उसे भी चाटना चालू कर दिया.
फ़ैसल – चल अब चूस दे बढ़िया से, सौंगा फिर मई.
मे- हन जान आप जैसा बोलो.
मई अपने घुटनो मे बैठ गया और उसके खड़े लंड को एक बार मे पूरा अंदर ले लिए. उसके मूह से ह निकल गयी. उसने मेरा सर पकड़ लिया और मेरे मूह को छोड़ने लगा, गले तक उसका लंड जा रहा था. बिना रुके वो मेरा मूह छोड़ रहा था और बोल रहा था-
फ़ैज़न- आ बहेनचोड़ रंडी मेरा चूस बहेनचोड़!! तुझे तो मई अपनी रंडी बनौँगा लवदे. गफ़ को जैसा छोड़ता हू वैसा छोड़ूँगा टेको गन्दू. एक रात मे 5-7 बार छोड़ूँगा टेको रंडी… आह आह रंडी पी मेरा माल ह..
ये बोलके वो मेरे मूह मे अपना सारा माल उतार दिया और मई आक्ची रंडी की तरह सारा माल पी गया. वाउ क्या मज़ेदार था वो पल!
आयेज की स्टोरी अगले पार्ट मे.
स्टोरी कैसी लगी कॉमेंट ज़रूर करना.