ही दोस्तो, उमिद करता हूँ आपको मेरी “तारक मेहता का ऊलतः चश्मः” सेक्स स्टोरी का पिच्छला पार्ट पसंद आया होगा. अब आयेज..
अब माधवी को कारण ने अपने पास बुलाया और उसको घुमा कर अपनी तरफ कर लिया. फिर कारण ने अपने होंठो को माधवी के होंठो से चिपका दिया और माधवी के रसीले होंठो को चूसने लगा. माधवी भी अब शायद गरम हो गयी थी, इसलिए वो भी किस का मज़ा ले रही थी.
उसने अपने होंठो को कारण को सौंप दिया था और उसको अपने होंठो का रस्स पिलाने लगी थी. वो दोनो एक-दूसरे के होंठो को पागलो की तरह चूस रहे थे और उनकी साँसे चढ़ रही थी.
फिर कारण ने एक-एक करके माधवी के कपड़े उतारने शुरू कर दिए और उसको नंगा कर दिया. अब माधवी के बड़े-बड़े और हसीन बूब्स कारण के सामने थे. फिर कारण ने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया.
माधवी के बूब्स देख कर कारण पागल हो गया था. पहले वो माधवी के बूब्स को सहलाने लगा और फिर उसने माधवी के लेफ्ट बूब को अपने मूह मे डाल लिया. अब कारण माधवी के एक बूब को चूस रहा था और दूसरे हाथ से दूसरे बूब को मसल रहा था.
अब माधवी बड़े मज़े मे कारण को अपने बूब्स चुस्वा रही थी और वो भी बाल्कनी मे खड़े होके. कारण कभी माधवी के एक बूब को मूह मे डाल रहा था और कभी दूसरे बूब को मूह मे डाल रहा था.
फिर माधवी के बूब्स चूस्टे हुए अपना लंड बाहर निकाला और माधवी के सामने कर दिया. माधवी ने जैसे ही कारण का लंड देखा, तो उसके मूह मे पानी आ गया. उसका लंड को मूह मे लेने का दिल करने लगा.
फिर माधवी से रहा नही गया और वो लंड को हाथ मे पकड़ कर सहलाने लगी. उसके बाद माधवी नीचे बैठ गयी और उसके लंड को बड़े प्यार से देखने लगी. माधवी ने पहले कारण के लंड की एक चुस्की ली और फिर पूरा का पूरा लंड अपने मूह मे डाल लिया.
अब वो पागलो की तरह कारण का लंड चूस रही थी. कारण ने माधवी के बाल पकड़ लिए और उसके मूह मे धक्के देने लगा. अब वो ज़ोर-ज़ोर से माधवी का मूह छोड़ने लगा और माधवी के मूह से लार की धार निकालने लगी. कारण को अपना लंड माधवी से चुस्वा कर बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर कारण ने माधवी को खड़ा किया और वो दोनो एक-दूसरे के होंठ चूसने लगे. कारण के माधवी को अपनी गोद मे उठाया और उसको अपने रूम मे ले गया. अंदर जाते ही कारण ने माधवी को बेड पर सीधा पटक दिया. फिर उसने माधवी को बोला-
कारण: चल अपनी टांगे उठा. आज मई तेरी ऐसी चुदाई करूँगा, की तुझे याद रहेगा. जैसी चुदाई फ़िल्मो मे होती है, आज तेरी वैसे ही चुदाई होगी.
माधवी चूड़ने के लिए तड़प रही थी. उसको ये भी पता था, की कारण का लंड बहुत बड़ा था और वो उसकी छूट फाड़ देने वाला था. लेकिन उसको इतने बड़े लंड का मज़ा भी लेना था.
फिर कारण ने माधवी की टाँगो को उठा लिया और अपना लंड माधवी की छूट पर सेट कर लिया. अब कारण ने माधवी की छूट मे एक ज़ोर का झटका मारा. कारण का धक्का इतनी ज़ोर का था, की एक ही धक्के मे उसका इतना बड़ा लंड छूट के अंदर चला गया.
कारण का लंड बहुत बड़ा था और उसको चुदाई का भी बहुत एक्सपीरियेन्स था. उसने अपने लंड से माधवी की छूट फाड़ कर उसकी जान निकाल दी थी.
अब माधवी के मूह से आहह आहह की आवाज़े निकालने लगी थी और कारण ने दे दाना दान माधवी की चुदाई करनी शुरू कर दी थी. कारण अपना पूरा ज़ोर लगा कर माधवी की छूट की बंद बजा रहा था. माधवी भी मज़े से अपनी छूट छुड़वा रही रही थी और ज़ोर-ज़ोर से चीखे निकाल रही थी.
फिर थोड़ी देर तक ऐसे ही माधवी को छोड़ने के बाद, कारण ने उसको खड़ा कर लिया. उसके बाद कारण ने माधवी को घोड़ी बना लिया, क्यूकी कारण आज गांद मारने के मूड मे था.
माधवी की हालत तो पहले से ही बहुत खराब थी. लेकिन फिर भी उसने मज़ा लेने का सोचा. उसने सोचा, की अभी मौका है, तो गांद मरवाने का मज़ा ले लिया जाए. उसको ये भी पता था, की कारण अपने लंड से उसकी गांद फाड़ देगा और उसकी जान निकाल देगा.
इस सब मे बावजूद माधवी उसका लंड अपनी गांद मे लेने के लिए तैयार हो गयी. फिर माधवी ने अपनी गांद को तोड़ा चौड़ा किया और अपनी गांद के छेड़ को तोड़ा खुल्ला कर दिया.
ये सब माधवी इसलिए कर रही थी, क्यूकी इससे कारण का लंड आसानी से माधवी की गांद मे चला जाता. अब कारण ने सबसे पहले माधवी की गांद के छेड़ पर थूक कर उसको गीला किया. फिर उसने अपना लंड उसमे सेट किया और ज़ोर लगाने लगा.
कारण ने माधवी की गांद पर इतना प्रेशर डाला, की एक ही बार मे लंड गांद को चीरता हुआ अंदर चला गया. अब कारण मज़े से माधवी की गांद की चुदाई करने लग गया. कारण बड़ी तेज़ी से माधवी की गांद छोड़ रहा था.
तभी एक-दूं से माधवी का फोन बजने लग गया. माधवी को अब गुस्सा आ रहा था, क्यूकी एक तो गांद मे लंड लेने से उसको दर्द हो रहा था और दूसरा फोन का बजना उसको परेशान कर रहा था. फोन की रिंग उसके मज़े को खराब कर रही थी. तभी माधवी ने कारण से कहा-
माधवी: अजी सुनिए, तोड़ा सा रुक जाइए. मुझे फोन देखना है. पता नही किसका फोन है.
तभी कारण गुस्से मे बोला: आबे साली, यहा तेरी गांद मारने मे मेरा दूं निकल रहा है और तुझे फोन की पड़ी है. एक बार मुझसे गांद मरवा ले, उसके बाद देखती रहना फोन को. कही भागा नही जेया रहा तेरा फोन.
तभी माधवी बोली: अर्रे नही, मुझे फोन की टेन्षन नही है. कॉल किसकी आई है, उसकी टेन्षन है. आपका लंड लेने के लिए तो मई ज़िंदगी भर तैयार हू.
कारण गुस्से मे था और दे दाना दान माधवी की गांद को छोड़ रहा था. उसने माधवी की बाहो को पीछे से पकड़ा और गांद मारता-मारता उसको आयेज की तरफ धक्का देने लगा. माधवी गांद मरवाते हुए आयेज बढ़ी और अपने फोन के पास जाके रुक गयी.
फिर उसने जब फोन उठाया, तो देखा की उसके बेटे का फोन था. माधवी ने अपने बेटे का नंबर डाइयल किया और बोली-
माधवी: हंजी बेटा, आपकी कॉल आई थी. कुछ काम था क्या?
माधवी के बेटे ने उसको कुछ ऐसा कहा, जिससे माधवी की गांद फटत गयी. वो घबरा गयी और उसने जल्दी से अपनी गांद मार रहे कारण को पीछे हटाया. फिर माधवी ने कारण से कहा-
माधवी: हमे अभी ये बंद करना होगा और हम बाद मे अपनी चुदाई पूरी कर लेंगे.
ये सुन कर कारण ने माधवी से पूछा-
कारण: क्या हो गया.
फिर माधवी ने कारण को सारी बात बताई और वाहा से जाने लगी. माधवी ने जाने से पहले कारण को एक किस किया और कारण ने भी उसको वाहा से जाने दिया.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट मे पता चलेगा.