Student ki real chudai story ये मेरी रियल स्टोरी है, मई एक टीचर हूँ, मेरी आगे करीब 60 है. फीसयक भी नॉर्मल है. अभी कुछ दीनो पहले की ही घटना है. मई बॅचस मे पढ़ता हू.
मई शुरुवत से बताता हू, ये लड़की जो की मेरे बॅच मे पढ़ने आती है [गोरी, हाइट शायद 5.5 फ्ट, बूब साइज़ 30 होंगे लेकिन गोल गोल है. मतलब रौंद शेप ऐसा मैने पहली बार देखे थे. ज़्यादातर आम जैसे थे इसके छ्होटे मुस्कमेलों जैसे है].
एक दिन बोली सिर मुझे कुछ डाउट रहते है. मैने कहा क्लास मे पूछ लिया करो. बोली मूज़े हिचेक होती है पुच्छने मे. तो आप अगर तोड़ा टाइम दे दे तो डाउट क्लियर हो जाएँगे.
मेरे बॅच मे 7 से लेकर 10 आंड ईव 3 तो 7 भजे तक रहते है. तो मैने माना कर दिया तो ये अपने पेरेंट को ले कर आ गयइ. काफ़ी कहने के बाद मैने मॉर्निंग 6 भजे का टाइम दे दिया. जब ये लेर्की पूछने आई तो टॉप आंड स्कर्ट पहने थी.
टॉप के अंदर कुछ नही पहने थी. [बाद मे पता चला आने के बाद वॉशरूम जा कर स्मीज़ निकल देती थी. इसका इंटेन्षन डाउट पूछना नही था बल्कि ये कुछ और ही करना चाहती थी.]
मई आ कर बैठा तो साइड मे खड़े हो कर कुछ पूछने लगी. बटन वाला टॉप होने से इसके बूब्स हल्के से दिखते थे. मैने 1 बार इसकी तरफ देखा तो मुस्कराने लगी.
मई डाउट बता रहा था ये बार बार झुक कर अपने बूब्स दिखाने की कॉसिश कर रही थी. उस दिन तो मैने इसे डाउट बता कर वापिस भेज दिया. 7 आम से बॅच का टाइम भी था. इस लेर्की का बॅच ईव्निंग मे था. जब पेरने आई तो भी अजीब सी नज़रो से देखती हुई लगी. जब बॅच ख़तम हुआ तो फिर टाइम मागने लगी, मैने फिर माना किया.
तो अगले दिन फिर इसके पेरेंट ने रिक्वेस्ट की, अब मई क्या कहता मैने फिर टाइम दे दिया. जब ये आई तो फिर वोही हालत. अबकी से इसने 1 बटन और खोला हुआ था बीच से, तो निपल दिख रहे थे.
मैने सोच कोई इस टाइम आ गया तो इसको देख कर मेरे बारे मे ग़लत सोचेगा. वैसे भी मई पिछले 7 सालो से मैने कोई सेक्स नही काइया था. मेरी वाइफ की डेत हो गयइ थी. मई भी तूतिओं मे बिज़ी रहता था.
मैने इसको कहा की अपना टॉप सही कर लो. बोली सिर ई लोवे योउ वेरी मच.. कहते हुए ही इसने अपना हाथ मेरी ज़िप पेर रख दिया.
मई शॉक्ड हो गया, मैने इसका नाम लेते हुए काफ़ी ज़ोर से दांता तो ये रुआसी हो गयइ. और बोली सिर प्लीज़ मई काफ़ी दीनो से आपसे प्यार करती हू, मेरी फीलिंग को समझो.. फिर मेरएसए लिपट गयी.
इसके बूब्स मेरे कंधे से लग रहे थे और अब ये मुझे किस करने लगी. अब मई भी एग्ज़ाइटेड हो गया. इस दिन सनडे था, बॅच आने की दर और चिंता न्ही थी.
मई भी किसिंग करने लगा अब ये सामने आ कर मेरे थाइस पेर बैठ गयइ. और हम लोग किस्सिंग करने लगे. फिर मई इसके बूब्स सहलाने लगा किसिंग भी बूब्स भी दोनो साथ करते हुए.
ये अपनी जीभ मेरे मूह काफ़ी अंदर तक डाल देती थी, मई भी डीप किस ही कर रहा था. कुछ देर बाद इसने अपनी स्कर्ट का जो हिस्सा हिप्स से दबा हुआ था, वो हटा दिया. और नीचे पनटी इसने निकली हुई थी और तोरा सा हिलने लगी. तो मई साँझ गया की अब ये अंदर लेना चाहती है.
तो मई उठा और इसको भी उठाया और ज़िप खोल कर अपना टूल निकाला. तो इसने तुरंत हाथ मे लिया. काफ़ी एरेक्ट और टिप तोरा प्रेकुं सा आ गया था.
[मेरा साइज़ शायद 8 इंच है, लेकिन काफ़ी दीनो के बाद ये सब हो रहा था तो टाइटनेस काफ़ी थी.
थोरी देर बूब्स सक करने के बाद मैने ये फील किया की ये जल्दी अंदर लेना चाहती है. लेकिन कुवारि छूट तीस इसकी. इसलिए मई भी दर्र रहा था की कही कुछ गाड़बेड हुआ तो लोग मुझे ही दोषी कहेंगे, इसको कोई कुछ नही बोलेगा.
[सभी केस मे ये ही होता है, जब की काफ़ी केस मे लड़किया दोषी होती है.]
उठने के बाद ये लिपटी जेया रही थी. अब चुकी इस कमरे मे कोई बेड न्ही था तो मैने इसकी टार्फ़ देखा ही था की खुद ही उछाल कर टेबल पेर बैठ गयइ. फिर मैने इसकी स्कर्ट उठा कर इसकी छूट पेर हाथ फिराया. काफ़ी गीली हो गयइ थी और बिल्कुल पानी सा तपाक रहा था.
मैने उंगली से तोड़ा अंदर बाहर भी काइया. उसी पानी को लेकर मैने इसके गांद के छेड़ (अशोल) पेर ल्गा कर थोरी सी उंगली घुसाई. तो वो चिहुक पड़ी. मैने तोड़ा और छूट का पानी ले कर अशोल पेर लगाया और फिर उंगली करने लगा.
ये अपनी छूट खुद सहलाने लगी क्यूकी इससे मज़ा आ रहा था. जैसे नशा सा हो ऐसे रिक्ट कर रही थी. बार बार अब ये हिप्स उछाल रही थी और उम्म्म आअहं सस्सीई करके मोन कर रही थी..
मूज़े भी अपने टूल मे बाहर तनाव फील हो रहा था. मई पहले ज़िप खोल कर लगाने की कॉसिश की तो तोड़ा बंधन सा लग रहा था. फिर मैने अपना ट्राउज़र खोल कर अंडरवेर भी उतार दिया और इसकी पुसी पेर रख कर तोड़ा पुश काइया.
तो ये चीकने वाली थी, मैने मूह पेर हाथ रख लिया न्ही तो मेरे घर तक आवाज़ पहुचती. मेरी दौगटेर इन-लॉ निकल कर आ सकती थी. फिर मई रुक गया और इसको समझाया की आवाज़ नही करनी. मई तेरी मर्ज़ी से ही ये सब कर रहा हूँ.
तो बोली बहुत दर्द कर रहा है, फिर मैने समझाया पहली बार मे दर्द तो होगी ही. लेकिन बाद मे ज़्ब ठीक हो जाएगा. मेरा 1/4 भी नही गया था अंदर थोरी देर रुक कर इसके बूब्स सहलाता रहा.
फिर जब कुछ नॉर्मल हुई तो बातो मे ही तोड़ा और पुश काइया फिर उछाल गयइ. और अबकी से अपने आप मूह बंद कर लिया. मई फिर रुक गया फिर इसकी थाइस और पुसी वाला एरिया सहलाने ल्गा. तो मैने देखा कुछ ब्लड सा बाहर आया हुआ था. मैने इसको बागेर बताए रुमाल से पोंछ दिया.
अब मुझसे भी न्ही रहा जा रहा था तो मैने बाहर निकल कर ज़ोर का पुश काइया. इसके मूह पेर हाथ रख कर 2 – 3 झटके भी मार दिए. इसकी आँखो से पानी निकलने लगा. फिर मैने हाथ हटाया फिर समझाया की देख तू ही उतावली हो रही थी अब तोड़ा हिम्मत कर.
फिर मई झटके मारने लगा, थोड़ी देर बाद ये भी करहती हुई मज़े लेने लगी. अब तो ये भी हिप्स उछाल रही थी, दर्द तो हो रहा होगा लेकिन मज़े के नशे मे हिल रही थी.
थोरी देर बाद मैने देखा ये ज़ोर से क्रहने लगी और शायद झेर गयइ. मैने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. ये भी मस्त हो गयइ थी, 1 – 2 मिन्स बाद मेरा जब निकलने को हुआ तो मैने बहेर खिच लिया और बाहर अपना पानी चोर दिया.
काफ़ी देर ऐसे ही लेते रहने के बाद मैने इसकी पुसी को सॉफ किया. फिर उठा कर घर भेजा और कहा अब पढ़ाई पेर ध्यान दो.
ये कहानी जैसी हुई मैने वैसे ही लिकने की कॉसिश की है. आडमिन चाहे तो अपने हिसाब से एडिट कर सकते है. मैने कोई नाम न्ही लिखा है. राइटर का नाम भी अपने हिसाब से चेंज कर सकते है.
मेरा ऑब्जेक्टिव था की ये बतौ की आज कल की लड़किया कैसे कैसे कांड कर रही है.