तो दोस्तों, जैसा की आप जानते है की होली का त्योहार होता है. सब होली खेल रहे होते है, और मज़े से एक-दूसरे को कलर लगा रहे होते है बड़े ही प्यार से. लेकिन गोकुलधाम के कुछ मेंबर्ज़ इस बीच पार्टी-शर्ती का प्लान बनाते है.
पार्टी में शामिल होते है हमारे सोडी भाई, जेथलाल, तारक मेहता, और पोपातलाल. तो इनका प्लान रेडी होता है. फिर जैसे ही बाबू जी और दया नीचे जाते है, तो जेथलाल तुरंत मेहता साहब को कॉल करता है.
जेथलाल: मेहता साहब, आप जल्दी उपर आ जाओ. दया और बापू जी बाहर गये हुए, और सोडी और पोपातलाल को भी बता देना.
तारक: ओक जेथलाल, मैं सब को बता देता हू.
और तभी जेथलाल के दरवाज़े की बेल बजती है. जैसे जेथलाल दरवाज़ा खोलता है, सोडी और बाकी लोग दौड़ कर अंदर आ जाते है. सारे ही लोग काफ़ी खुश होते है पार्टी के नाम से.
सोडी: यार आज तो बहुत मज़ा आने वाला है. पार्टी-शर्ती करने को मिल रही है यारों के साथ.
जेथलाल: हा भाई सोडी, काफ़ी दिन हो गये. काफ़ी मस्त प्लान बनाया है अपने मेहता साहब ने.
तारक: थॅंक्स भाई जेथलाल. यारों के लिए कुछ भी.
पोपातलाल: भाई बनाओ जल्दी, रहा नही जाता और. फिर नीचे जाके होली भी खेलनी है भाई.
सब लोग: हा भाई हा, जल्दी करो वरना कोई आ जाएगा.
और फिर सोडी सब के पॅक बनता है, और उनकी पार्टी शुरू हो जाती है.
इधर नीचे सब मस्ती से होली खेल रहे होते है. भिड़े जान-बूझ कर कलर लगाने के बहाने अंजलि के गालो को कलर लगा देता है. वो मौका देख कर अनजली के बूब्स पर भी कलर लगा देता है, और हल्का सा दबा देता है.
इतने में सोनू टापू को ढूँढती है कलर लगाने के लिए. लेकिन टापू उसको कही मिलता नही. वो टापू सेना से पूछती है-
सोनू: फ्रेंड्स, टापू कहा है? दिख नही रहा है.
गोगी आंड गोली: हमे नही पता यार.
पिंकू: शायद घर पर होगा. रूको मैं लता हू बुला के.
सोनू: नही रूको, मैं ही जाती हू बुलाने.
और सोनू जैसे ही जेया रही होती है, वैसे ही माधवी उसको आवाज़ देती है-
माधवी: सोनू कहा जेया रही है?
सोनू: आई, टापू को बुलाने जेया रही हू.
माधवी: रुक मैं भी आती हू. मुझे दया बेन के घर से मेरे आचार की बर्नी लेनी है.
तो दोनो मा बेटी उपर जाते है, और जेथलाल खुशी के मारे दरवाज़ा लगाना भूल गया होता है. फिर सोनू और माधवी डाइरेक्ट अंदर चले जाते है. वो ये सब देख कर चकित रह जाते है. अब सब लोग एक-दूसरे को देखते है.
सोनू: कोई नही अंकल, आप करिए. होली के दिन इतना तो चलता है.
ये सुन कर सब टेन्षन फ्री हो जाते है.
जेथलाल: थॅंक योउ बेटा, थॅंक योउ. वैसे बेटा तुम यहा कैसे आई? कुछ काम था माधवी भाभी आपको?
माधवी: जेता भाई वो सोनू टापू को बुलाने आई थी, और मुझे दया बेन से आचार की बर्नी लेनी थी.
जेथलाल: ओक माधवी भाभी, टापू तो बाहर गया है, और बर्नी मुझे नही पता कहा है.
सोनू: अर्रे यार कोई नही अंकल. मैं बाहर ढूँढ लेती हू. चलो आई मैं.
माधवी: हा चलो बेटा चलो. जेता भाई हम चलते है.
जेथलाल: अर्रे सोनू बेटा माधवी भाभी ये कलर नही लगाएँगे हमे?
सोनू आंड माधवी: अर्रे हा, हम तो भूल ही गये
फॉर सोनू होली की गुलाल लेती है, और बैठे हुए जेथलाल को लगाने जाती है. फिर जैसे ही वो झुकती है, उसके बड़े-बड़े दूध जेथलाल को दिखते है, जिससे जेथलाल का लंड खड़ा हो जाता है.
पीछे पोपातलाल और सोडी बैठे होते है, और उनको सोनू की गांद दिखती है, और सब के लंड खड़े हो जाते है. तभी जेथलाल बोलता है-
जेथलाल: हम भी कलर लगाएँगे आपको.
फिर जेथलाल और तारक सोनू को कलर लगते है, और माधवी को सोडी और पोपातलाल कलर लगते है. जेथलाल और तारक सोनू को पहले हाथ पर कलर लगते है, और फिर गाल पर, और फिर जेथलाल तारक को आँख मारता है, और धीरे से वो गले से होते हुए सोनू के मोटे और मखमली बूब्स में हाथ डाल देता है. फिर वो बूब्स को मसलता है, और दबाता है, और अंदर कलर लगता है.
सोनू: जेता अंकल ये आप क्या कर रहे हो? छ्चोढो, निकालो हाथ प्लीज़.
जेथलाल: अर्रे बेटा होली है. कुछ नही होता. इतना तो सब चलता है, होली है.
माधवी: जेता भाई ये आप क्या कर रहे है?
जेथलाल: कुछ नही माधवी भाभी. आज होली है, इतना मज़ाक मस्ती तो चलता है.
इधर सोडी भी गालो को लगते हुए माधवी के बूब्स के अंदर हाथ डाल देता है, और बूब्स को ज़ोर से मसल के कलर लगता है.
माधवी: अर्रे सोडी भाई, क्या है ये सब?
सोडी: ओह माधवी भाभी जी, बुरा ना मानो आज होली है जी.
जेथलाल: वाह बेटा सोनू, मम्मी और तुम्हारे गुब्बारे तो काफ़ी बड़े और पानी से भरे हुए है. मज़ा आ गया कलर लगा के
और फिर जेथलाल और तारक रंग लेते है, और सोनू की चड्डी में हाथ डाल कर सोनू की गांद में कलर लगते है. जेथलाल तो एक उंगली सोनू की गांद के अंदर डाल देता है, और ऐसे ही सेम सोडी और पोपातलाल भी करते है. वो माधवी की गांद में हाथ डाल कर, आचे से मसल कर कलर लगते है.
माधवी: जेता भाई ये ग़लत है.
जेथलाल: अर्रे माधवी भाभी, कुछ ग़लत नही है. होली है आज. मस्ती करने का दिन है, हॅपी होली.
जेथलाल: सोनू बेटा तुम्हारे तो तरबूज़ भी काफ़ी बड़े है मम्मी की तरह, पर मम्मी के ज़्यादा बड़े है तुमसे.
अब सोनू और माधवी समझ जाती है, की वो इन 4 लोगों के बीच में फ़ासस गयी थी.
फिर जेता और तारक दोबारा से सोनू के दूध और गांद में कलर लगते है, और सोडी और पोपातलाल माधवी के दूध और गांद को मसल के कलर लगते है.
इतने में जेथलाल मौका देख कर सोनू की छूट में उंगली डाल देता है, जो पूरी गीली होती है. सोनू की छूट गीली देख कर जेता समझ जाता की वो गरम हो गयी थी, और चूड़ने के लिए रेडी थी. इधर माधवी भी गरम हो जाती है, क्यूंकी सोडी लगातार उसकी गांद में उंगली कर रहा होता है, और पोपातलाल सामने से उसके बड़े-बड़े दूध दबा रहा होता है.
माधवी: जेता भाई, सोनू को जाने दो. मेरे साथ आप होली खेल लो. वो बच्ची है.
जेथलाल: कों कहता है ये बच्ची है. इसकी इतनी मोटी गांद, इतने बड़े दूध, ऐसे ही हुए है क्या? इसकी छूट में 3 उंगलियाँ जेया रही है आराम से, और गांद में भी आराम से जेया रही है. क्यूँ सोनू बेटा मम्मी को बताएगी या मैं बोलू.
सोनू: हा आई, मैं कोई शरीफ नही हू. पहले भी मैने चुदाई की है. काई लंड लिए है मैने.
माधवी: ये क्या कह रही है तू सोनू? तुझे शरम नही आती?
सोनू: आई तुम शरीफ मत बनो, बाबा के जाने के बाद मुझे पता है कों-कों आ कर तुम्हे छोड़ के जाता है. ऐसे ही इतने बड़े दूध और गांद नही हुए तुम्हारे.
माधवी: ये क्या कह रही है तू? तुझे शरम नही आती?
सोनू: कों सी शरम आई? अब शराफ़त मत दिखाओ, और ये जो 4 लंड मिले है, उनके मज़े लेते है.
जेथलाल: वाह सोनू बेटा, वाह!
और जेथलाल सोनू की त-शर्ट उतार कर ब्रा खोल देता है, और पागलों की तरह दूध दबाता और चूस्टा है. उधर तारक पागलों की तरह उसकी छूट चाट-ता है, और गांद चाट-ता है. सोडी भी माधवी के बूब्स दबाते और चूस्टा है, और पोपातलाल माधवी की गांद पागलों की तरह चाट-ता है.
फिर सब मर्द नंगे हो जाते है. सोनू और माधवी लंड देख कर खुश हो जाते है. सब के मोटे लंड होते है. सबसे बड़ा लंड जेथलाल और सोडी का होता है. फिर सोनू जेथलाल का लंड मूह में लेती और चूस्टी है, और तारक उसकी छूट चाट-ता है. उधर माधवी 2-2 के लंड बारी-बारी से चूस्टी है.
तर्क: दोनो मा-बेटी क्या रंडिया हो तुम. क्या लंड चूस्टी हो.
माधवी: थॅंक्स तारक भाई.
फिर थोड़ी देर यही चलता रहा. उसके बाद जेथलाल सोनू को लिटा देता है, और छूट पे लंड अंदर डाल देता है. लंड आराम से चला जाता है.
सोनू: अया अंकल, बहुत बड़ा लंड है आपका. मज़ा आ गया आआ हूओ ह.
माधवी: आआ जेता भाई, तोड़ा आराम से, सोनू बच्ची है.
इधर सोडी ने छूट में ना डालते हुए डाइरेक्ट माधवी की गांद में लंड डाल दिया.
माधवी: अया सोडी भाई, आपने तो डाइरेक्ट गांद में डाल दिया मेरी आअहह. पोपातलाल तुम भी मेरी छूट में डालो जल्दी.
फिर पोपातलाल भी उसकी छूट में डालता है.
सोनू: मेहता अंकल, आप भी मेरी गांद में डालो प्लीज़.
तारक: ओक मेरी रंडी.
ऐसा करके दोनो मा-बेटी की चुदाई होती है.
तो बे कंटिन्यूड….