हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राज है और मई पोलीस मे जॉब करता हू. ये कहानी मेरी कॉलेज की गर्लफ्रेंड की है, जिसको मैने शादी के बाद छोड़ा.
अब मई सीधे स्टोरी पर आता हू. मेरी एक्स-गर्लफ्रेंड का नाम निकिता है. जब हम कॉलेज मे पढ़ते थे, तब उससे मेरी दोस्ती हो गयी थी और धीरे-धीरे हमे एक-दूसरे से प्यार हो गया था. कॉलेज मे हमने सिर्फ़ किस किया था और कभी-कभी मई उसके बूब्स भी दबाता था.
लेकिन उसी टाइम उसकी शादी फिक्स हो गयी. तब उसने मुझे कहा, की चलो भाग चलते है. लेकिन मैने उसको माना कर दिया, क्यूकी मई कुछ काम नही करता था. फिर उसकी शादी हो गयी.
मैने भी अपनी पढ़ाई पूरी की और उसके बाद मेरी पोलीस मे नौकरी लग गयी.
ट्रैनिंग ख़तम होने के बाद, मम्मी-पापा ने मेरी भी शादी करा दी और शादी के 1 साल मे ही हमारा 1 बच्चा भी हो गया. मई अपनी पत्नी को बहुत छोड़ता था.
फिर धीरे-धीरे 6 साल बीट गये. अब मेरी आगे 27 साल की हो गयी थी. फिर मेरी नयी जगह पर पोस्टिंग हुई और जहा मेरी पोस्टिंग हुई थी, वाहा पर ही मेरी एक्स-गर्लफ्रेंड निकिता की शादी हुई थी. वो ठीक पोलीस स्टेशन से 5 मिनिट की दूरी पर रहती थी.
एक दिन मई मार्केट गया था कुछ समान खरीदने. उसी वक़्त मेरी नज़र निकिता पर पड़ी. वो बिल्कुल बदल सी गयी थी और थोड़ी मोटी भी हो गयी थी. लेकिन मैने बात नही की उससे और मई उधर से निकालने लगा था. पर उसी वक़्त उसने मुझे आवाज़ दी और मेरे पास आ गयी.
फिर हमने एक-दूसरे का हाल-चाल पूछा. उसके बाद मैने उसको बताया-
मई: मेरी पोस्टिंग इधर हुई है.
ये सुन कर वो बहुत खुश हुई और कहने लगी-
निकिता: तो कभी घर पर आना.
मैने कहा: ठीक है.
और फिर उसने मुझे अपना नंबर भी दे दिया और मुझे घर का अड्रेस भी बताया. अब उसके 2 बच्चे थे, एक लड़का जिसकी उमर 6 साल थी और एक लड़की जिसकी उमर 3 साल थी. फिर एक दिन उसका फोन आया और हम बात करने लग गये.
तभी उसको पुरानी बाते याद आ गयी और वो मुझे बताने लगी, की कैसे मई उसके साथ किस करता था और उसके बूब्स के पीछे पड़ा रहता था.
फिर एक दिन टाइम निकाल कर मई उसके घर गया. उस दिन उसका पति घर पर नही था और अपनी दुकान पर गया था. उसका लड़का स्कूल गया हुआ था और लड़की बाहर दूसरे बच्चो के साथ खेल रही थी.
मई जब उसके घर गया, तो उसने नीले रंग की सारी और ब्लॅक रंग का ब्लाउस पहना था. उसके ब्लाउस के अंदर ब्रा नही थी और उसके बूस का साइज़ अब बदल कर 36″ हो चुका था. गांद उसकी 40″ की हो चुकी थी.
फिर वो मेरी लिए छाई लेकर आई और छाई देते टाइम मई उसके बूब्स को घूर रहा था. उसने मुझे उसके बूब्स को घूरते देख लिया और कहा-
निकिता: क्या देख रहे हो? पहले नही देखा क्या?
उसने कहा: बड़े तो होंगे ही ना, दो-दो बच्चो ने दूध जो पिया है.
मैने उससे कहा: मुझे भी पिलाओ कभी.
तो उसने कहा: अपनी बीवी का पियो.
मई: बीवी तो घर पर है और मई यहा पर हू. तो तुम ही पीला दो.
निकिता: अगर मई दूध तुम्हे पिलौंगी, तो अपने पति को किया दूँगी?
मई: तुम्हारे पति को कुछ पता नही चलेगा
निकिता: अछा?
इतना बोलते ही मैने उसको अपनी बाहो मे ले लिया और उसके साइड लिप्स पर किस करने लगा. मई साथ मे एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा और वो भी गरम होने लगी.
निकिता: बेडरूम मे चलो.
फिर हम दोनो बेडरूम मे चले गये और बेडरूम मे जाते ही मैने उसकी सारी निकाल दी. अब वो पेटिकोट और ब्लाउस मे थी. फिर धीरे-धीरे उसके गले को चूमते हुए, मैने उसके ब्लाउस को खोल दिया और वो उपर से पूरी नंगी हो गयी.
तो मैने उससे कहा: पहले से काफ़ी बड़े हो गये है.
करीब 10 मिनिट उसके बूब्स पीने के बाद, मई उसके पेट पर किस करने लगा. उसके बाद मैने उसके पेटिकोट का नाडा खोल दिया, जिससे पेटिकोट गिर गया. पेटिकोट के अंदर पनटी नही थी, इसलिए अब वो पूरी नंगी हो गयी थी.
उसके बाद मैने भी अपने कपड़े निकाल दिए. फिर मई उसकी छूट मे उंगली करने लगा, जिससे निकिता श आ आ श करने लगी. उसके बाद मैने अपना लंड उसको चूसने को कहा, तो निकिता कहने लगी-
निकिता: मैने लंड कभी नही चूसा.
फिर मैने कहा: चूस कर देखो, बहुत मज़ा आएगा.
वो मेरी बात मान गयी और लंड का सुपारा चूसने लगी. 5 मिनिट लंड चूसने के बाद, मैने उसको बेड पर लिटाया और दोनो टांगे अपने कंधो पर रख कर अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ने लगा. तभी निकिता ने कहा-
निकिता: धीरे से डालना, तुम्हारा लंड मेरे पति के लंड से से बड़ा है.
मेरा लंड 9 इंच का था और पूरा गरम हो गया था. मैने उसको कहा-
मई: तुम टेन्षन मत लो, बस मज़े लो.
उसके बाद मैने अपने होंठ उसके होंठो पर रखे और एक झटका मारा. उसकी छूट टाइट थी, तो आधा लंड अंदर चला गया. अब निकिता चिल्लाने की कोशिश करने लगी. फिर मैने लंड को बाहर निकाला और फिरसे एक ज़ोर का झटका मारा और पूरा का पूरा लंड उसकी छूट के अंदर पेल दिया. निकिता चिल्लाने लगी और कहने लगी-
निकिता: निकालो! कहा था ना, धीरे से छोड़ने के लिए.
मैने कहा: ठीक है, अब ज़ोर से नही करूँगा.
फिर 5 मिनिट मई उसको धीरे-धीरे से छोड़ने लगा. उतने मे वो झाड़ गयी. उसके बाद मई उसको ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. निकिता श आ श करने लग गयी. वो बोल रही थी-
निकिता: प्लीज़ धीरे करो. मेरी छूट फटत जाएगी और मेरे पति को पता चल जाएगा.
लेकिन मैने उसकी एक ना सुनी और करीब 15 मिनिट छोड़ता रहा. फिर छोड़ने के बाद, मैने उसकी छूट मे ही अपना माल निकाल दिया और उसके उपर ही लेता रहा. उसके बाद मई उसको लीप किस करने लगा.
5 मिनिट बाद वो उठी और बातरूम मे गयी. मई अभी भी बिस्तर पर ही था. जब वो बातरूम से आई, तो अपने कपड़े पहन-ने लगी और कहने लगी-
निकिता: मई दो बार झाड़ गयी और मेरी छूट भी लाल हो गयी. पता नही मेरे पति देख कर क्या कहेंगे.
लेकिन मई उसकी गांद को ही घूरे जेया रहा था. उसकी गांद देख कर मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था और लंड भी खड़ा हो रहा था. उधर वो कहने लगी-
निकिता: खाना खा कर जाना, आराम करो तब तक.
लेकिन मेरे दिमाग़ कुछ और ही चल रहा था. मई उसके पीछे गया और उसकी गांद पकड़ कर चाटने लगा. निकिता कहने लगी-
निकिता: क्या कर रहे हो? मॅन नही भरा क्या?
मैने कहा: नही अभी तुम्हारी गांद मारनी है.
लेकिन निकिता माना करने लगी और कहने लगी-
निकिता: गांद नही प्लीज़. पहले मेरे पति ने भी काई बार गांद मारी है मेरी. बहुत दर्द होता है इसमे. इसलिए अब उनको भी गांद मारने नही देती मई.
तो मैने उसको कहा: अगर गांद मारने नही डोगी, तो मई तुमसे बात नही करूँगा. मई जेया रहा हू.
तब जाके निकिता ने कहा: चलो मार लो गांद, क्यूकी मई तुमसे बहुत प्यार करती हू, इसलिए मारने दे रही हू.
मैने कहा: आयिल लेकर आओ.
फिर निकिता आयिल लेकर आई और उसके बाद मैने उसकी गांद मे आयिल लगा दिया और अपने लंड पे भी आयिल लगाया. फिर मैने उसको झुकाया और अपना लंड उसकी गांद के छेड़ पर रगड़ने लगा और धीरे-धीरे अंदर डालने लगा.
लेकिन मेरा लंड उसकी गांद मे नही जेया रहा था. उसकी गांद का छेड़ बहुत टाइट था. फिर मैने उससे पूछा-
मई: कितने दिन हुए है गांद मरवाए को?
उसने कहा: 2 साल.
फिर मैने और आयिल उसकी गांद मे डाला. उसके बाद मई धीरे-धीरे लंड डालने लगा. जब पूरा लंड अंदर गया, तो वो कहने लगी-
निकिता: आई मा मॅर गयी! निकालो इसको, मेरी साँस अटक रही है.
फिर मई कुछ समय रुक गया. जब उसको आराम मिला, तो मई ज़ोर-ज़ोर से उसकी गांद छोड़ने लगा.
निकिता: ऑश.. आहह.. एयेए.. मॅर गयी श.. आअहह.. मा धीरे-धीरे प्लीज़.
वो आवाज़े कर रही थी और मई ज़ोर-ज़ोर से उसकी गांद मारने लगा. करीब 30 मिनिट उसकी गांद छोड़ने के बाद, उसकी गांद पूरी लाल हो गयी. मैने बीच-बीच मे जो उसकी गांद पर थप्पड़ मारे थे, उसके निशान भी उसकी गांद पर हो गये थे.
उसके बाद मई उसकी गांद मे ही झाड़ गया. तब जेया कर उसने राहत की साँस ली और कहा-
निकिता: अब मई एक हफ्ते तक पति से डोर रहूंगी. नही तो उनको पता चल जाएगा, की किसी ने उनकी पत्नी को खूब रग़ाद-रग़ाद कर छोड़ा है.
फिर हमने कपड़े पहने और वो मेरे लिए पानी लाई. वो ठीक से चल भी नही पा रही थी बेचारी. जब मई पानी पी कर जाने लगा, तो निकिता कहने लगी-
निकिता: खाना तो खा कर जाओ.
मैने कहा: फिर कभी.
फिर मैने उसको किस किया और जाने लगा.
तो कैसी लगी आप सब को मेरी पहली कहानी? कुछ ग़लत हो गया हो, तो माफ़ करना. बाइ-बाइ.