मेरा नाम सचिन है. मैं जाईपुर राजस्थान से हू. पहले मैं आपको अपने बारे में बता डू. मैं एक गोरा, लंबा, फिट लड़का हू. मेरा लंड किसी की भी आ निकाल सकता है. तो चलिए बढ़ते है अपनी स्टोरी पर.
मेरी 12त होने के बाद मेरा अड्मिशन एक प्राइवेट कॉलेज में हो गया, जहा मैने हॉस्टिल ले लिया. मैं उस टाइम वर्जिन था, तो मेरी पहली नज़र हर लड़की की गांद पर ही जाती थी. फिर जब मैं अपनी पहली क्लास लेना गया तो वाहा एक टीचर थी, जिसको देख कर मेरा लंड आसमान चू गया.
उनके बारे में बतौ तो उनका नाम सोभिता था. वो बहुत ही गोरी थी. उनके बूब्स और उनकी गांद लाजवाब थी. सब कुछ एक-दूं पर्फेक्ट था, और उन्हे देख कर मेरे मूह में पानी आ गया. मैं उन्हे घूर रहा था. उन्हे समझ आ गया, और वो मेरी तरफ हल्की सी स्माइल दे कर अपने काम में लग गयी.
अगले दिन भी यही हुआ. मैं उन्हे ही घूरता और घर जाके बस हिला लेता था. फिर हमारे कॉलेज का ग्रूप बना जिसमे वो भी थी. मैं ये देख कर खुश तो हुआ, पर हिम्मत नही थी मेसेज करने की. कुछ दिन तो मैं बस हिला कर ही काम चलता रहा.
फिर अगले दिन वो उपर सूट और नीचे एक टाइट जीन्स पहन कर आई. नीचे ओपन शूस थे, जिनमे उन्होने स्किन सॉक्स पहनी थी. उनमे उनके पैर बस बता नही सकता. उस दिन भी उन्होने मेरी तरफ देखा और स्माइल दी. फिर मैने सोच लिया आज तो मेसेज करना ही था.
मैं रूम पर पहुँचा और वाहा जाते ही Wहत्साप्प पर टीचर को मेसेज किया “ही”. शाम को करीब 7 बजे उनका रिप्लाइ आया. एक बार तो मुझे दर्र लगा, फिर मैने उन्हे अपना नाम बताया तो उन्होने मुझसे फ्रेंड्ली ही बात की. मैं तो हैरान था. फिर कुछ दिन ऐसे ही बात होती रही थोड़ी बहुत.
फिर एक दिन मैने उन्हे बोला: माँ आप बहुत सेक्सी हो.
ये सुन कर वो खुश हुई और बोली: तुमने ऐसा क्या देखा?
मैने कहा: माँ आप तो हर तरह से सेक्सी हो, और हॉट हो.
फिर मैने डाइरेक्ट उनसे सेक्स के बारे में पूछा. उन्होने बताया की अभी वो सिंगल थी. दो साल पहले उनका ब्फ था, जो उन्हे खूब छोड़ता था. लेकिन अब वो प्यासी थी. अब मुझे वो मौका मिल ही गया.
फिर मैने डाइरेक्ट उनसे अपने साथ सेक्स के लिए पूछा. पहले तो वो तोड़ा गुस्सा हुई, और माना किया. फिर उन्हे भी प्यास बुझानी थी, तो वो मान गयी. हमने फिर दो दिन बाद माँ के रूम पर करने का प्लान बना लिया. अगले दिन मैं एक स्टोर पे गया, और वाहा से कॉंडम और दवाई लेकर आ गया.
फिर जल्दी ही वो दिन भी आ गया. उस समय थोड़ी ठंड थी, तो मैं करीब 11 बजे रेडी हो कर गया. मैं माँ के रूम पर गया. वाहा जाके दरवाज़ा नॉक किया. अंदर से माँ आई. उन्होने त-शर्ट के उपर एक जॅकेट पहन रखी थी. नीचे लाइनाये, और पैरों में रेड सॉक्स और चप्पल थी.
मैं उनको देखता ही रहा. वो मुझे अंदर ले गयी. वाहा वो बस अकेली ही रहती थी. पहले तो उन्होने मुझे अपने बेडरूम ले जेया कर बिताया, और फिर छाई के लिए पूछा. मैने माना किया तो वो वही बैठ गयी. मेरी नज़र उनके बूब्स पर थी.
वो बोली: देख क्या रहे हो? उतरो कपड़े, और लेलो इन्हे.
मैने जल्दी सी उनकी जॅकेट उतारनी शुरू की, और हम दोनो किस करने लगे. उनके लिप्स बहुत जुवैसी थे. हम एक-दूसरे को चूस रहे थे बिल्कुल. मैने उनकी त-शर्ट भी उतार दी. फिर उनकी ब्रा में हाथ दे दिया. उन्हे तोड़ा ठंडा लगा, पर बिना रुके उन्हे दबाता रहा.
उनकी सिसकियाँ निकालने लगी. फिर उन्होने खुद ही ब्रा उतारी, और मेरा सर पकड़ कर अपने बड़े बूब्स में दे दिया. मैं उन्हे मज़े से चाटने लगा, और उनके निपल्स काटने लगा. तो वो तोड़ा चिल्लाई अयाया उम्म्म्म करके.
फिर मैं उनके पेट को चाटने लगा. वो पूरी तरह से गरम हो गयी, और अपनी नीचे की पंत उतार दी. जब वो अपनी पनटी उतारने लगी तो मैने रोका और उनके दूध जैसे पैरों की तरफ बढ़ा.
उन्होने कहा: ये क्या कर रहे हो?
मैं उनके पैर चाटने लगा. वो भी चुप-छाप मज़ा लेने लगी. फिर मैं पैरों से ही धीरे से उनकी छूट की तरफ बढ़ा और पनटी उतार कर चाटने लगा. वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी. वो पागल सी हो गयी थी. उनकी छूट बहुत ही जुवैसी थी.
जब मैं उनकी छूट चाट रहा था, तो उन्होने अपनी उंगली पर थूक लगाया. तभी मैने उनकी उंगली अपने मूह में डाल ली, और उसे चाटने लगा. उन्होने मेरी पंत उतार कर पूरा नंगा कर दिया, और मेरा लंड देख कर सीधा मूह में दे दिया, और ज़ोर-ज़ोर से मूह में लेने लगी.
मुझे भी जोश चढ़ा और उनका सर पकड़ कर डीपर ब्लोवजोब देने लगा. पुर कमरे में घाप घाप की आवाज़ होने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. उसके बाद वो सीधी लेट गयी. मैने उनकी छूट पे लंड रगड़ा, तो वो पूरी काँप सी गयी.
फिर मैने उनका एक सॉक्स उतरा, और उनके मूह में दे दिया, और अपना आधा लंड घुसा दिया. वो बहुत चिल्लाई, पर आवाज़ नही निकली, और फिर पूरा लंड डाला और मज़े से छोड़ने लगा.
जब उन्हे भी मज़ा आने लगा, तो मैने उनके मूह से सॉक्स निकली, और अपने मूह में घुसा ली. वो पूरा उनके थूक से गीला था. मैं उन्हे ज़ोरो से छोड़ता रहा. फिर कुछ देर बाद वो झाड़ गयी, पर मैं फिर भी नही रुका.
वो चिल्लती रही. जब मैं भी झाड़ गया, तो हम दोनो ही एक साथ चिपक कर लेट गये. मैने उनसे गांद मरवाने के लिए पूछा उन्होने बिल्कुल माना कर दिया. फिर मैने उन्हे किस किया, और फिर पूछा तो उन्होने कहा फिर कभी.
मैं खुश हुआ और एक और रौंद लेकर अपने हॉस्टिल आ गया. सच मैं मुझे बहुत मज़ा आया. मैने उनकी गांद कैसे मारी, ये अगली कहानी में बतौँगा.
तो दोस्तों आपको मेरी पहली स्टोरी कैसी लगी. अगर अची लगी तो ज़रूर रते करना, और मेरी एमाइल पर मेसेज करना. मिलते हैं अगले कहानी में