ही रीडर्स, मैं हू मनोज कुमार. मैं अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आया हू. पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की कैसे मैने अपनी नयी सेक्रेटरी को ऑफीस के लड़के से साथ मज़े लेते पकड़ा, और उसकी छूट की सील तोड़ कर उसको छोड़ा. अब आयेज चलते है.
टीना को छोड़ने में मुझे बहुत मज़ा आया था. और अब मेरा अंदर का सेक्स का भूखा शैतान जाग चुका था. बरसों से जो आग मैने अपने अंदर दबा रखी थी, अब उसको दोबारा से दबाना मेरे लिए मुमकिन नही था.
फिर अगले दिन टीना ऑफीस नही आई. मैने उसको फोन किया, तो उसने फोन भी नही उठाया. फिर मैने रिसेप्षन से उसको फोन करवा कर पता किया, की उसके ना आने का कारण क्या था.
मुझे पता चला, की उसकी तबीयत थोड़ी खराब थी, इसलिए उसने एक दिन की छुट्टी ली थी. वैसे पहली बार जब लड़की चुड्ती है, तो उसकी तबीयत खराब होनी तो बनती है. मैं बेफिकर हो गया, और अगले दिन की वेट करने लगा.
फिर अगले दिन टीना जब मेरे ऑफीस में आई, तो उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. टीना ने डार्क ब्लू स्कर्ट पहनी थी, और उसके साथ वाइट शर्ट पहनी थी. मेरी नज़र तो उसकी सेक्सी लेग्स से हॅट ही नही रही थी.
उसके शर्ट में काससे हुए बूब्स मुझे अपने पास बुला रहे थे. फिर मैने उसको अपने पास नोट्स लेने के लिए बुलाया. अब मैं अपनी चेर पर बैठा था, और वो मेरी टेबल की साइड में मेरे पास खड़ी थी. मैं उसको देख कर मुस्कुरा रहा था, लेकिन वो मेरी तरफ नही देख रही थी.
फिर मैने उसको इन्स्ट्रक्षन्स देनी शुरू की, जो वो नोट करने लगी. मैने बोलते-बोलते अपना हाथ आयेज बढ़ाया, और उसकी गांद पर रख दिया. लेकिन उसने मुझे कुछ नही कहा. फिर मैने जब उसका चूतड़ दबाया, तो वो घबरा कर पीछे हो गयी. वो मुझे बोली-
टीना: सिर ये आप क्या कर रहे है?
मैं: प्यार कर रहा हू तुम्हे.
टीना: सिर ये ग़लत है.
मैं: जो उस दिन हुआ, उसके बाद भी? तब तो बड़े मज़े ले रही थी.
टीना: वो एक ग़लती थी, लेकिन अब मैं दोबारा ऐसा कुछ नही करूँगी.
मैं: अब तो तुम्हे वो बार-बार करना होगा.
टीना: नही.
और ये बोल कर वो मेरे कॅबिन से बाहर चली गयी. मैने साथ ही उसके पास ओवरटाइम करने का मेसेज भिजवा दिया. जिस अकड़ से वो मेरे ऑफीस से बाहर गयी थी. आज मुझे वो अकड़ तोड़नी थी.
शाम को सारा स्टाफ अपने घर चला गया. टीना का ओवरटाइम था, तो वो अपने डेस्क पर बैठी काम कर रही थी. फिर मैने उसको अपने कॅबिन में बुलाया. वो आई, और मैं उसको इन्स्ट्रक्षन्स देने लगा.
फिर मैं इन्स्ट्रक्षन्स देते हुए अपनी चेर से उठा, और उसके इर्द-गिर्द घूमने लगा. वो खड़ी हुई थी, और उसके हाथ में नॉटेपे था. अब उसकी गोल गांद देख कर मुझसे रुका नही गया, और मैने उसको पीछे से पकड़ लिया.
मेरे पकड़ते ही वो झटपटाने लगी, और डोर होने की कोशिश करने लगी. फिर उसने मुझे धक्का मार कर अपने से अलग कर दिया और बोली-
टीना: सिर आपको ज़रा भी शरम है की नही. अपनी बेटी जैसी लड़की के साथ आप ऐसी हरकत करते हो. मुझे नही करना आपके साथ कुछ.
मैने तभी उसकी बेहन को फोन लगाया, और उसको स्पीकर पर डाल दिया.
नीना: गुड ईव्निंग सिर.
अपनी बेहन की आवाज़ सुन कर टीना घबरा गयी. फिर मैं बोला-
मैं: ही नीना, कैसी हो?
नीना: मैं ठीक हू सिर. आप बताइए, टीना ठीक काम कर रही है?
मैं: हा मुझे उसी के बारे में बात करनी थी.
नीना: हंजी बोलिए सिर.
इस बीच टीना की आँखों में आँसू आ गये, और वो मेरे आयेज हाथ जोड़ने लगी. मैने अपनी पंत खोली, और अपना लंड बाहर निकाल लिया, और फोन पर बात करते हुए उसको लंड चूसने का इशारा किया. टीना अभी भी आयेज नही आई. फिर मैं बोला-
मैं: आक्च्युयली ना थोड़े दिन पहले एक छ्होटी सी पार्टी थी.
ये सुन कर टीना की गांद फटत गयी, और वो मेरे आयेज घुटनो के बाल बैठ गयी. फिर उसने जल्दी से मेरे लंड को अपने मूह में डाल दिया. ये देख कर मैने नीना को कहा-
मैं: और उसके अरेंज्मेंट्स में टीना ने बहुत अछा काम किया. कहा च्छूपा रखा था अपनी बेहन को अब तक. उसमे तो टॅलेंट ही बड़ा है.
और मैने टीना की तरफ हेस्ट हुए देखा. फिर मैने एक-दो बातें और करके फोन काट दिया. अब टीना मेरा लंड चूस रही थी. मैने उसके सिल्की बालों में हाथ डाला, और उसके मूह में ज़ोर-ज़ोर के धक्के देने लगा. उसकी साँस अटक रही थी, और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर मैने उसको खड़ा किया, और उसकी शर्ट खोल कर ब्रा को फाड़ दिया. उसकी आँखों में अभी भी आँसू थे. अब उसके काससे हुए बूब्स मेरे सामने थे. मैने उसके बूब्स को अपने हाथो में लिया, और उसको चूसना शुरू कर दिया.
मैं उसके बूब्स को काट भी रहा था, ताकि उसको दर्द हो. जब भी मैं काट-ता, तो उसकी आ निकल जाती. फिर मैने उसकी स्कर्ट उतार दी, और उसकी शर्ट भी निकाल दी. अब वो मेरे सामने सिर्फ़ पनटी में थी.
इतनी मस्त लड़की को देख कर मेरा लंड फुकारे मारने लग गया. मैने उसको घुमाया, और टेबल पर हाथ रखवा कर उसको झुका लिया. फिर मैं नीचे बैठा, और धीरे-धीरे उसकी पनटी उतारने लगा.
उसकी नंगी छूट और गांद देख कर मैने अपना मूह उसके छूतदो में डाल लिया, और छूट और गांद के च्छेद को चाटने लग गया. इससे वो गरम हो गयी, और आहह आ करने लगी.
छूट की गर्मी होती ही ऐसी है दोस्तों. लड़की चाहे ना चाहती हो, फिर भी मान जाती है. कुछ देर दोनो च्छेद चाटने के बाद मैं खड़ा हुआ, और अपने बाकी के कपड़े उतार दिए. फिर मैने लंड पीछे से उसकी छूट पर सेट किया, और 3-4 धक्को में उसके अंदर घुसा दिया.
फिर मैं लंड आयेज-पीछे करके उसको छोड़ने लग गया. वो आहह आ करके मज़ा लेने लगी. उसकी गरम छूट मुझे और हॉर्नी बना रही थी. उसको छोड़ते हुए मेरी नज़र उसकी गांद के च्छेद पर थी.
मैने उसकी गांद के च्छेद पर थूका, और उसमे एक उंगली डाल दी. इससे उसकी थोड़ी दर्द हुई, लेकिन चुदाई में मदहोश होने के कारण उसको ज़्यादा फील नही हुआ. फिर मैने 2 उंगलिया अंदर डाल दी, और उनको घूमने लगा. उसको दर्द होने लगा, और वो मुझे ऐसा करने से माना करने लगी.
जब मुझे लगा की उसका च्छेद तोड़ा खुल गया था, तो मैने लंड छूट से निकाला, और गांद के च्छेद पर रख कर ज़बरदस्त धक्का मारा. लंड का टोपा अंदर घुसा गया, और वो टेबल पर हाथ पीटने लगी.
मैने उसकी गर्दन पर हाथ रख कर उसके मूह को टेबल पर दबा दिया, और ज़ोर-ज़ोर के धक्को से अपना पूरा लंड उसकी गांद में घुसा दिया. वो चीखती रही, लेकिन वाहा उसकी आवाज़ सुनने वाला कोई नही था.
इतनी क़ास्सी हुई गांद थी, की मेरा लंड भी च्चिल गया था. लेकिन मज़ा भी बहुत आ रहा था. 5 मिनिट लगातार धक्के मारने के बाद उसका दर्द तोड़ा कम हुआ, और उसने आहें भरने शुरू की.
फिर मैने अपनी स्पीड और बधाई, और उसके बाल खींच कर उसको छोड़ने लगा. जब मेरी जांघें उसके छूतदो से टकरा रही थी, तो ठप-ठप की आवाज़ आ रही थी.
15 मिनिट की चुदाई के बाद मैने अपना माल उसकी गांद में ही निकाल दिया. फिर मैं कुर्सी पर बैठ गया, और वो सोफा की तरफ जाने लगी. उससे ठीक से चला भी नही जेया रहा था.
फिर उसने अपने कपड़े पहने, और वाहा से जाने लगी. उसकी हालत से सॉफ पता चल रहा था, की वो चुड कर जेया रही थी. वो लंगदाते हुए ऑफीस से चली गयी.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी अभी और मज़ेदार होने वाली है. तो बने रहिए मेरे साथ.