हेलो दोस्तों, मेरा नाम सौरव है. ये मेरी पहली कहानी है. चलिए शुरू करता हू मैं अपनी कहानी बिना किसी देरी के.
तो कहानी स्टार्ट होती है इस प्रकार.
ज़ूट अप ने 1 इवेंट लॉंच किया था, जिसमे कुछ पब्लिक फिगर को जाय्न करना था. बेसिकली ये इवेंट एक ऑट प्लॅटफॉर्म अप है, तो इसमे उन्हे प्रमोशन करना था किसी वेब सीरीस का. तो इसमे कुछ फेमस पब्लिक फिगर्स ने रिजिस्टर किया था, जिनका नाम था (कणिका पॅयन, अनुस्का रें आंड अवनीत कौरा ).
इनको पहले ही बोल दिया गया था, की इसमे कुछ सेक्षुयल एन्वाइरन्मेंट रहेगा तो इन्हे कोवापरेट करना था. अब बारी आती है किसी 1 लकी विन्नर की, जो ये 3 के साथ 1 घर में कुछ दिन रहेगा, और जो चाहे वो कर सकता है. तो आप लोग तो समझ ही गये होंगे, की वो लकी विन्नर इनके साथ क्या करने वाला था.
कॉंटेस्ट में बहुत से लड़कों ने रिजिस्टर किया था, और उसमे से 1 का सेलेक्षन हो गया था, जिसका नाम सौरव था. तो उसको बुलाया गया, और सब के साथ 1 घर में भेज दिया गया, जैसा की टाई किया गया था
तो अब सौरव घर के अंदर जाता है, और शाम के 6 बाज गये थे. उसको भूख लगी थी तो उसने अनुस्का रें को बोला-
सौरव: अनुस्का तुम हमारे लिया कुछ कुक कर दो.
क्यूंकी रूलबुक में पहला से लिखा था की विन्नर कुछ भी ऑर्डर कर सकता था उन तीनो को, तो अनुस्का किचन में जाती है और कुछ कुक करने लगती है.
फिर अवनीत और कणिका सौरव के साथ जेया के बेड पे बैठ जाते है, और उधर से अवनीत और कणिका दोनो पूछते है सौरव से की, “तो सौरव, तुमने कभी किसी को छोड़ा है की नही?”
सौरव तोड़ा लाल हो जाता है और बोलता है: नही, मैने आज से पहले कभी किसी की छूट नही छोड़ी.
फिर सौरव पूछता है उन दोनो से: आपने कभी अपनी छूट की सील तुडवाई है?
तो अवनीत बोलती है: सच बतौ तो कुछ टाइम पहले 1 बार मेरे पापा ने मेरी सील को बहुत बेरेहमी से तोड़ दिया था. मुझे बहुत दर्द हुआ था. उसके बाद आज तक मैने किसी बड़े लोग का लंड नही देखा.
सौरव तोड़ा एग्ज़ाइटेड हो जाता है, और अवनीत की जाँघ पे हाथ रखता है. इतने में कणिका बोलती है-
कणिका: मेरे भाई ने 1-2 बार मेरी पनटी चुरा के मूठ मारी है, और कभी-कभी मज़ाक में मेरी छूतदो को चू लेता है. पर उसकी आज तक हिम्मत नही हुई की मेरी छूट माँग ले.
इस बात पे सौरव और अवनीत दोनो हासणे लगते है, और कणिका बोलती है सौरव को-
कणिका: अगर तू बुरा ना माने तो मैं तेरा लंड अपने हाथ में ले सकती हू?
ये सुन के सौरव जोश में आ जाता है, और बोलता है: हा क्यूँ नही.
फिर कणिका अपने सॉफ्ट-सॉफ्ट हाथो से सौरव का लंड लोवर के उपर से ही पकड़ती है, और बोलती है-
कणिका: वाउ सौरव, तेरा लंड तो बहुत मस्त है.
फिर उसके बाद अवनीत भी सौरव के लंड को टच करती है, तो अवनीत को भी मज़ा आता है सौरव के गरम लंड को टच करने में. फिर अवनीत सौरव का लोवर नीचे करती है, और अपने हाथो से सौरव के लंड को पकड़ के खेलने लगती है.
इतने मैं कणिका का मूड बन जाता है, और वो अपना मूह ले कर सीधा सौरव के लंड पे टूट पड़ती है, और उसके लंड को किसी लॉलिपोप के तरह चूसने लगती है. इतने मैं अनुस्का किचन से आवाज़ देती है और बोलती है-
अनुस्का: तीनो आ जाओ, डिन्नर रेडी है.
फिर कणिका जल्दिबाज़ी के चक्कर में लंड तोड़ा ज़्यादा अंदर तक डाल लेती है, जिससे उसकी साँस रुक जाती है 10 सेकेंड्स तक. सौरव को भी जोश आ जाता है, तो वो कणिका के बाल पकड़ कर बहुत ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड कणिका के मूह में घुसने लगता है.
इससे कणिका को खाँसी आने लगती है. फिर थोड़ी देर के बाद अनुस्का रूम में ही आ जाती है डिन्नर के लिए बुलाने. वो देखती है की कैसा अवनीत सौरव का काला लंड अपने हाथ में लिए हुए थी, और उसपे ढेर सारा थूक लगा हुआ था.
फिर उसकी नज़र कणिका पे जाती है, तो वो देखती है की कणिका की लिपस्टिक खराब हुई पड़ी थी. तो उसको पता चल जाता है, की सौरव का लंड किसने चूसा होगा. उसके बाद अनुस्का तीनो को बुलाती है, और सौरव को बोलती है अपना लंड अंदर रखने को.
कणिका अपना हाथ बढ़ती है, और सौरव का लंड अपने हाथ से लोवर के अंदर कर देती है. पर वो अपना थूक सॉफ नही करती है. फिर कणिका और अवनीत दोनो चले जाते है बेड से उठ कर डिन्नर के लिए.
पर अनुस्का वही रहा जाती है उन दोनो के जाने के बाद. अनुस्का सौरव के पास आती है, और बोलती है-
अनुस्का: सौरव मेरे को नही देगा पकड़ने अपना लंड?
तोड़ा हेस्ट-हेस्ट फिर सौरव बोलता है: क्यूँ नही यार.
फिर अनुस्का सौरव का लंड बाहर निकालती है लोवर से, और अपने मूह से चूस-चूस के लंड पे जो कणिका का थूक लगा था उसको आचे से सॉफ करती है. उसके बाद सौरव बोलता है अनुस्का से: तुम मुझे अपना छूने नही डोगी?
अनुस्का बोलती है: क्या?
तो वो बोलता है: अपनी छूट दिखाओ.
फिर अनुस्का तोड़ा सोचती है, और हा बोल देती है. अनुस्का ने नीचा लेगिंग पहनी थी, और उपर टॉप, जो की उसके पेट तक था. तो सौरव से बिना किसी देरी के अनुस्का की लेगिंग को नीचे किया, और उसके ब्लॅक कलर की पनटी को देख कर पागल हो गया. उसने उसकी छूट को उपर से ही किस किया.
फिर अनुस्का बोलती है: सौरव मेरी छूट चाट-चाट के सॉफ कर दे ना.
सौरव अपना हाथ उसकी कोमल सी छूट के तरफ बढ़ता है, और उसकी पनटी खोलता है, और उसकी छूट में अपनी 1 उंगली घुसता है. इससे अनुस्का को तोड़ा दर्द होता है. उसके बाद वो अपना मूह सीधा अनुस्का की मासूम छूट पे ले जाता है, और अपनी जीभ से उसकी बर के च्छेद को चाटने लगता है.
ऐसा करने से अनुस्का बहुत ज़्यादा गरम हो जाती है, और वो सौरव के मूह पे ही झाड़ जाती है. इससे सौरव का मूह भर जाता है अनुस्का की बर के पानी से, और तोड़ा अनुस्का अपनी लेगिंग भी गीली कर देती है.
अब पीछे से अवनीत आती है, और वो अनुस्का को नंगा देख के बोलती है-
अवनीत: सौरव तुम्हे मेरी भी बर का पानी निकालना पड़ेगा.
सौरव हा बोलता है. उसके बाद सौरव अनुस्का को गोदी में ले कर डिन्निंग टेबल पे आ जाता है, और अनुस्का ने अभी तक अपनी पंत उपर नही की थी, जिससे उसकी गीली छूट सॉफ-सॉफ दिख रही थी. ये देख कर कणिका हस्ती है, और बोलती है-
कणिका: कितना छ्होटा च्छेद है अनुस्का का.
और वो ये कह के हासणे लगती है. फिर सारे बाहर आके खाना खाने लगते है. सौरव कणिका और अवनीत के बीच में बैठा था, और अनुस्का सौरव के ठीक सामने थी.
अनुस्का खाना परोसती है, और सब खा रहे होते है. तभी अवनीत का डिन्नर हो जाता है, और वो बैठ के फोन चलाने लगती है. तभी सौरव अवनीत को इशारा करता है, की वो उसका लंड चूज़.
फिर अवनीत बोलती है: अभी खाना खाई हू, थोड़ी देर बाद चूस लूँगी.
लेकिन सौरव उसकी सुनता नही है और उसके बाल पकड़ के अपना लंड उसके मूह में घुसा देता है, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मूह को अपने लंड पे दे मार रहा था. इससे उसका लंड अवनीत के गले तक जेया रहा था.
इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में.