ही दोस्तों, मैं हरीश अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. उमीद है आपको मेरी कहानी का पिछला पार्ट पसंद आया होगा. अगर आपने पिछला पार्ट अभी तक नही पढ़ा है, तो पहले उसको ज़रूर पढ़े. आपको पहला पार्ट ज़रूर पसंद आएगा.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था की मेरे ससुर जी ने मुझे फोन करके रिक्वेस्ट की, की मैं अपनी साली को मेद्स पढ़ा डू. मैने भी उनको हा कह दिया. हा कहते वक़्त मुझे नही पता था, की मेरी साली, जिसको मैने काफ़ी वक़्त से नही देखा था, एक-दूं आइटम बन गयी थी. फिर जब मैने उसको देखा, तो मैं उसका दीवाना हो गया. अब आयेज बढ़ते है.
अगली सुबा जब मैं उठा, तो सुबा-सुबा मुझे मेरी साली के ही ख़याल आने लगे. मैने देखा मेरी बीवी अभी भी सो रही थी. फिर मैने सोचा क्यूँ ना एकता को देखा जाए की वो क्या कर रही थी. ये सोच कर मैं जल्दी से बेड से उठा, और रूम से बाहर चला गया. मैने ज़रा भी आवाज़ नही की, ताकि मेरी बीवी ना उठ जाए.
फिर मैं उसके कमरे की तरफ बढ़ा. उसके कमरे का दरवाज़ा बंद था, लेकिन अंदर से लॉक्ड नही था. मैने धीरे से दरवाज़ा खोला, और अंदर झाँकने लगा. एकता सो रही थी, और उसका मूह दूसरी तरफ था. उसने शॉर्ट्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. पीछे से उसकी गांद बहुत सेक्सी लग रही थी.
उसके सेक्सी जिस्म को देख कर मैं खुद को उसके पास जाने से रोक नही पाया, और मैं अंदर जाने लगा. मुझे दर्र भी लग रहा था, की अगर वो उठ गयी तो क्या बोलूँगा. फिर मेरे दिमाग़ में आया की अगर ऐसा हुआ तो मैं बोल दूँगा की मैं उसको जगाने आया था. अब मैं उसके बेड के पास जाके खड़ा हो गया.
उसकी सेक्सी गांद और जांघें देख कर तो दिल कर रहा था की उनको खा जौ. मेरे हाथ अपने आप ही उसकी तरफ बढ़ने लगे, और मैने अपना एक हाथ हल्के से उसके चूतड़ पर रख दिया. क्या ज़बरदस्त फीलिंग थी यार. मैं यही नही रुका, और धीरे से मैने उसके सॉफ्ट चूतड़ को दबा दिया. मेरा लंड पूरा उफान पर था.
अभी भी मैं और आयेज बढ़ना चाहता था. फिर मैने उसकी त-शर्ट के कोने को पकड़ा, और उसको धीरे से उपर उठाने लगा. अब मुझे उसकी सेक्सी कमर दिख रही थी. उसकी पनटी का बॉर्डर उसकी शॉर्ट्स में से बाहर आया हुआ दिख रहा था.
फिर मैने अपना फेस आयेज बढ़ाया, और उसकी स्किन की खुश्बू सूंघने लगा. मैने हल्की सी किस भी की उसकी कमर के माज़ पर. इससे आयेज बढ़ना मुझे ठीक नही लगा, तो मैं बाहर आ गया.
फिर मैं बातरूम में गया, और अपने खड़े लंड को मूठ मार कर शांत किया. उसके बाद मैं फ्रेश हुआ, और काम पर जाने के लिए रेडी हो गया. सब लोग रेडी हो चुके थे, और ब्रेकफास्ट का टाइम था. मेरी साली भी ब्रेकफास्ट करने आ गयी. उसने वही त-शर्ट और शॉर्ट्स पहनी हुई थी, जो बेडरूम में थी.
उसकी त-शर्ट लूस थी, और उसने नीचे ब्रा नही पहनी थी. इसकी वजह से उसके बूब्स त-शर्ट के अंदर झूल रहे थे. दिल तो कर रहा था की अभी उसको नंगी करके उसके बूब्स का रस्स चूस लू. लेकिन ऐसा करना सही नही होता. फिर मैं काम पर चला गया.
काम पर जाके भी मुझे उसी के ख़याल आते रहे. जब-जब मुझे उसका ख़याल आता, मेरा लंड फिरसे तंन जाता. मुझे काम पर भी मूठ मारनी पड़ी, ताकि किसी की नज़र मेरे खड़े हुए लंड पर ना पद जाए. फिर ड्यूटी ख़तम हुई, और मैं वापस घर आ गया. अब शाम हो चुकी थी, और मैं अपनी साली को पढ़ने बैठ गया.
उसने लेगैंग्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. उसकी लेगैंग्स में उसकी जांघों और गांद की पूरी शेप सॉफ नज़र आ रही थी. त-शर्ट उसकी ज़्यादा टाइट नही थी. लेकिन फिर भी उसके ब्रा में काससे बूब्स को च्छूपा नही पा रही थी. पढ़ाई के दौरान ही उसका पेन टेबल के नीचे गिर गया.
फिर पेन को उठाने के लिए जब वो घुटनो के बाल आके झुकी, तो मेरा तो दिल किया की उसकी मोटी गांद पर ज़ोर से थप्पड़ मारु, और लंड उसकी छूट में घुसा डू. फिर वो वापस सीधी होके अपनी सीट पर बैठ गयी.
मैने नोटीस किया, की वो बार-बार मोबाइल देख रही थी. मुझे लगा की कही उसका चक्कर तो किसी के साथ नही चल रहा. क्यूंकी लड़की अगर बार-बार मोबाइल चेक करे, तो उसका मतलब यही होता है की उसका कही चक्कर चल रहा होता है.
मैने सोचा क्यूँ ना उसका व्हातसपप क्लोन कर लिया जाए, ताकि मुझे पता चल सके की उसका चक्कर किसी के साथ था या नही, और अगर था, तो बात कहा तक बढ़ चुकी थी. अब इसके लिए मुझे उसके मोबाइल का पासवर्ड चाहिए था.
एक-दो दिन लगे मुझे उसके मोबाइल का पासवर्ड हासिल करने में. फिर जैसे ही मुझे मौका मिला, मैने उसका मोबाइल लिया, और उसका व्हातसपप क्लोन कर लिया. मैने उसकी छत हिस्टरी का बॅक-उप भी अपने फोन में ट्रान्स्फर कर दिया.
अब वक़्त का सच का पता चलने का. रात को बीवी के सोने के बाद मैने उसकी छत पढ़नी शुरू की.
उसकी चट्स में से एक छत थी जो अनामिका नाम से फीड की हुई थी. उसे बहुत सारे मेसेजस आए हुए थे. मैने सोचा की लड़की अपने बाय्फ्रेंड का नाम कभी अपने फोन में सवे नही करती है. हमेशा किसी लड़की के नाम से सवे करती है, ताकि अगर फोन कोई देख भी ले, तो उसको पता ना चले की बाय्फ्रेंड है.
फिर मैने अनामिका और एकता की छत पढ़नी शुरू की. थोड़ी छत पढ़ने के बाद ही मुझे पता चल गया की ये एकता का बाय्फ्रेंड था. फिर जैसे-जैसे मैं आयेज बढ़ता गया मुझे कुछ ऐसा देखने को मिला, जिसको देख कर मेरी आँखें खुली की खुली रह गयी.
वो क्या था जिसको देख कर मैं हैरान हो गया. उसके बाय्फ्रेंड होने का फ़ायदा मैने कैसे उठाया. कैसे मैने अपनी साली को अपनी रंडी बनाया. ये सब जानने के लिए आप सब को कहानी के अगले पार्ट की वेट करनी पड़ेगी.
अगर आपको मेरी कहानी पसंद आ रही हो, तो प्लीज़ इसको ज़्यादा से ज़्यादा शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए आप सब रीडर्स का धन्यवाद. अगला पार्ट जल्दी ही आएगा.