हेलो दोस्तो, मेरा नाम हर्ष रॉय है, और मैं 22 साल का हू. मैं उत्तर प्रदेश से हू.
तो आज मैं आप लोगों को एक सॅकी कहानी सुनने जेया रहा हू, की कैसे मैने अपने पड़ोस वाली भाभी जिनका नाम प्रिया है, को छोड़ा उनके पति के सामने. अब ज़्यादा टाइम बर्बाद ना करते हुए कहानी स्टार्ट करता हू.
तो कहानी उस वक़्त की है, जब मैं 20 साल का था, और भाभी अभी नयी-नयी मेरे पड़ोस में रहने आई थी अपने पति और बच्चे के साथ. और हमारा घर आस-पास होने के कारण उनका मेरे घर आना-जाना चालू हो गया था.
एक दिन की बात है, जब भाभी को कुछ हेल्प चाहिए थी, तो उन्होने मेरी मम्मी से कह कर मुझे अपने घर बुलाया. दरअसल उनके फोन में कुछ दिक्कत हो रही थी, और भाभी से सही नही हो रही थी. और उनके पति भी काम पे चले गये थे.
फिर मैं गया तो भाभी ने अपने घर का गाते खोला, और गाते खुलते ही मैं भाभी को देखता ही रह गया. क्यूंकी आज से पहले मैने उन्हे इतने करीब से कभी भी नही देखा था.
रेड सारी में क्या कमाल लग रही थी वो, और मैं भाभी से लंबा था, तो भाभी की क्लेवगे दिख रही थी. और उनके बड़े-बड़े गोरे-गोरे चूचे, मुझे माफ़ करिएगा मैं भाभी की डीटेल देना भूल गया.
तो भाभी की हाइट 5 फीट 2 इंच होगी, और उनके चूचे 34″, कमर 25″, और गांद 35″ की होगी. उमर 35-36 साल और गोरी तो इतनी थी, की क्या ही बतौ. तो चलिए कहानी पे वापस आते है.
उन्होने मुझे घर के अंदर बुलाया, और बोला: हॉल में बैठो, मैं रूम से फोन लेके आती हू.
फिर मैं हॉल में सोफे पे जेया कर बैठ गया, और भाभी की वेट करने लगा. और इसी बीच भाभी रूम से फोन लेके आ ही रही थी, की उनका पैर फिसल गया, और वो गांद के बाल जेया गिरी. मैं भाग कर गया, तो देखा भाभी गिरी हुई थी.
तो मैं जेया कर उनको उठाने लगा, और उठा कर उनके रूम में ले गया. क्यूंकी वो गांद के बाल गिरी थी, तो उनको उल्टा करके लिटाना पड़ा. और मैने उनसे पूछा-
मैं: आपको दर्द तो नही हो रहा? आपको चोट तो नही आई?
तो उन्होने कहा: नही मुझे हल्की चोट आई है, और ज़्यादा दर्द नही हो रहा.
जब की मुझे पता था उनको उनकी गांद पे चोट आई थी, और वो बताना नही चाहती थी. मैं उनसे जान-बूझ कर बार-बार पूछता, की आपको चोट तो नही आई. फिर मैने उनको एक दर्द की डॉवा दी, और उनका फोन सही करके अपने घर चला आया.
फिर रात में सोते वक़्त बस उनके बड़े-बड़े चूचे ही दिमाग़ में घूम रहे थे, और मॅन कर रहा था अभी जेया कर उनके बड़े चूचे दबा डू. और यही सोचते हुए मैं बातरूम में मूठ मार कर सो गया. मैं डिसाइड किया की बस अब जब भी मौका मिलेगा, बस उनको छोड़ना था मुझे.
फिर अगले मम्मी ने मुझे बुलाया और बोला: फिर से तेरी भाभी का फोन खराब हो गया है, तो उन्होने बुलाया है तुझे. जेया कर सही कर दे.
ये सुन कर मैं तो बहुत खुश हो गया था, की शायद आज वो दिन हो सकता था, जब प्रिया भाभी की छूट मिल जाए. तो मैं रेडी हो कर उनके घर चला गया. मैने बेल बजाई, उन्होने गाते खोला, और हम दोनो हॉल में सोफे पर जेया कर बैठने लगे.
मैने नोटीस किया, की भाभी को बैठने में दिक्कत हो रही थी, और उनके अभी भी दर्द हो रहा था. तो मैने पूच लिया-
मैं: भाभी अभी आपका दर्द सही नही हुआ क्या?
तो उन्होने शरमाते हुए कहा: नही, शायद डॉवा काम नही कर रही.
क्यूंकी उनको भी पता चल गया था, की मुझे पता था की उनकी गांद पे चोट लगी थी. तो मैने हिम्मत करते हुआ पूच लिया-
मैं: भाभी क्या मैं आपको बां कर डू?
तो उन्होने संकोच करते हूर कहा: नही-नही.
तो मैने कहा: बिना बां लगाए आपका दर्द कम नही होगा. और मैं किसी से कुछ कहूँगा नही इस बारे में. फिर मैं जल्दी से उनका हाथ पकड़ कर रूम में ले गया, और उल्टा लिटा दिया.
भाभी को कुछ समझ में नही आ रहा था, और मैं बां को उनके रूम में खोजने लगा. इसी बीच मैने भाभी से कहा-
मैं: आप घबराईए मत. हमारे बीच कुछ ग़लत नही होगा.
फिर मुझे बां मिल गया, और मैं भाभी के पास आ गया और बोला-
मैं: आप दारिय मत, बस अपनी आँखें बंद कर लीजिए.
फिर मैने भाभी की निघट्य को नीचे से उपर करने लगा. भाभी ने पिंक निघट्य पहनी हुई थी, जिसमे वो कमाल लग रही थी. और मैने उपर करते हूर निघट्य को घुटने तक ला दिया, और बां को लगाना स्टार्ट कर दिया.
उनके गोरे-गोरे पैर देख कर मुझसे रहा नही जेया रहा था. लेकिन मैं अपने आप पर कंट्रोल करके धीरे-धीरे उपर करते-करते बां लगाए जेया रहा था. फिर इसी बीच जब मैने उनकी निघट्य थोड़ी और उपर की, तो मुझे उनकी पिंक चड्डी हल्की-हल्की दिखनी चालू हो गयी.
अब मेरे सबर का बाँध टूट-ता जेया रहा था, और मैं अब बां लगते-लगते उनकी गांद तक पहुँच गया था. भाभी अब मुझे रोकने लगी.
उन्होने कहा: अब रहने दो, मुझे दर्द अब नही हो रहा.
तो मैने कहा: आप झूठ मत बोलिए, अभी तो मैने मैं जगह लगाया ही नही.
फिर उन्होने कहा: मेरे पति आ गये, तो गड़बड़ हो जाएगी.
तो मैने कहा: मैं कुछ ग़लत थोड़ी ना कर रहा हू. आप दारिय मत.
और मैं फिरसे लगाने लगा. मैने निघट्य थोड़ी और उपर की, तो अब मुझे उनकी पिंक चड्डी क्लियर नज़र आने लगी. मैं बां लगते-लगते उनकी गांद तक पहुँच गया था.
अब मैं बां को हाथ घुमा-घुमा के लगाने लगा, जिससे हाथ उनकी छूट से टच होता, और शायद भाभी को भी ये एहसास होने लगा था. इसीलिए शायद उन्होने कहा-
भाभी: तुम तक गये होगे. फ्रिड्ज में चॉक्लेट शेक रखा है, उसको निकालो, और पी लिया जाए.
फिर मैने फ्रिड्ज से दो ग्लास में चॉक्लेट शेक निकाला, और एक ग्लास भाभी को दिया. मैं एक ग्लास लेके उनके साथ बेड पे बैठ गया, और फिर एक हाथ से ग्लास पकड़ कर दूसरे हाथ से भाभी का फोन सही करने लगा. अब मेरा ध्यान फोन में चला गया था.
इसी बीच मेरे हाथ से ग्लास घूम गया, और सारा का सारा शेक भाभी के उपर जेया गिरा. मैने देखा की भाभी की निघट्य पूरी गीली हो चुकी थी, जिससे उनकी पूरी बड़ी-बड़ी चूचियाँ पता चल रही थी. फिर मैं जल्दी-जल्दी भाभी की निघट्य सॉफ करने लगा, जिससे उसकी चूचियाँ मेरे हाथ से टच हो रही थी.
तभी भाभी ने मेरे हाथ हटाए और बोली: कोई बात नही, मैं बातरूम में जाके सॉफ करके आती हू.
और फिर वो चली गयी. जाते-जाते वो अपनी अलमारी से अपनी चड्डी, ब्रा और एक सारी लेके गयी. लेकिन जल्दी-जल्दी में वो अपने बातरूम का डोर सही से बंद करना भूल गयी.
क्यूंकी मेरे उपर भी तोड़ा शेक गिरा था, तो मैने सोचा की अपनी त-शर्ट भाभी को डेडू, ताकि वो ये भी धो देंगी. और ये सोच कर मैं बातरूम की तरफ जाने लगा. मैने देखा की भाभी डोर तो बंद करना भूल गयी थी. मैने सोचा जेया कर बता देता हू उनको.
फिर मैं जब डोर के पास गया, तो देखा की वो अपनी ब्रा उतार रही थी. और ये देखते ही मैं तो मदहोश हो गया. क्या बड़े-बड़े चूचे थे उनके, ऐसा लगता था मानो दूध का भंडार हो. मेरा तो लंड खड़ा होना चालू हो गया, और मुझसे रहा नही गया.
मैं अपना लंड बाहर निकाल कर मूठ मारने लगा. फिर भाभी अपनी चड्डी उतारने लगी. क्या बड़ी गांद थी उनकी. मॅन तो कर रहा था, की लंड डाल कर गांद फाड़ डू. और फिर मैंस मूठ मारने की स्पीड बढ़ा दी.
इसी बेच भाभी झुकी अपनी चड्डी उठाने के लिए, और उन्होने मुझे मूठ मारते हुए देख लिया. फिर उसने अपना समान छुपाते हुए, और मुझपे चिल्लाते हुए पूछा-
भाभी: तू यहा क्या कर रहा है?
मैं दर्र गया, और धीरे से बोला: मेरी त-शर्ट गंदी हो गयी थी, तो देने आया था ढोने के लिए.
फिर उन्होने मेरे खड़े हुए लंड को इग्नोर करते हुए कहा: ठीक है, जाओ रूम में बैठ जाओ. मैं धो कर आती हू.
और मैं फिर रूम में आ गया. लेकिन अब मुझसे रहा नही जेया रहा था. थोड़ी देर सोचने के बाद फिरसे मैं बातरूम की तरफ चला गया, और डिसाइड किया जो होगा देखा जाएगा.
फिर जब मैने बातरूम को देखा, तो डोर अभी भी खुला हुआ था. मैं जल्दी से बातरूम की तरफ गया, तो देखा भाभी झुक कर अपने पैरों पे साबुन लगा रही थी. क्यूंकी उनकी गांद डोर की तरफ थी, तो मैने बिना कुछ सोचे समझे जेया कर उनकी बड़ी गांद के छ्होटे होल में अपना बड़ा मोटा लंड डाल दिया.
डालते ही मेरा लंड पूरा अंदर तक चला गया (शायद वो अपने पति से रोज़ गांद मरवती थी ). फिर मैं अंदर-बाहर करने लगा. वो शॉक हो गयी, और उनकी आँखों से आँसू आने लगे, क्यूंकी वो रेडी नही थी.
अब वो मुझसे अलग होके डोर हो गयी, और बोली: ये क्या किया तुमने? ये ग़लत है. मैं तो तुमको बहुत शरीफ समझती थी.
तो मैने बोला: मैं तो बहुत शरीफ था. लेकिन जब से आपको देखा है, मैं बदल गया हू. आपके चूचे, आपकी गांद, आपका फिगर, अब तो मेरी एक ही ख्वाहिश है, और वो हो आप. आपकी छूट, आपकी गांद दोनो मुझे चाहिए.
और ये बोलते-बोलते मैं उनकी चूची दबाने लगा. वो मेरा हाथ हटा कर अपने रूम में चली गयी. मैने भी कसम खाई थी, की आज तो छोड़ना ही था उनको. और मैं भी उनके पीछे-पीछे रूम में चला गया, और उनको पकड़ कर बेड पर लिटा दिया.
फिर मैं उनके दोनो पैर फैला कर उनकी छूट चाटने लगा. क्या गुलाबी छूट थी. वो बार-बार मुझे हटा रही थी, लेकिन मैं छाते जेया रहा था. धीरे-धीरे उनको भी मज़ा आने लगा था. अब मैं तोड़ा उपर उठ कर उनको किस करने लगा.
फिर धीरे-धीरे वो भी मुझे किस करने लगी. क्यूंकी मैं अभी भी उनके उपर ही था, तो मैने अपने लंड को सेट करके उनकी छूट में डाल दिया. वो सहम उठी, लेकिन मैं उनको किस करता रहा, और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करते-करते स्पीड बढ़ा दी. अब वो चिल्ला उठी-
भाभी: एयेए आ आ आ आ.
फिर मैने भाभी से पूछा: आपको मज़ा तो आ रहा है ना?
तो उन्होने कहा: बहुत मज़ा आ रहा है. इतना मज़ा तो मुझे तुम्हारे भैया भी कभी दे ही नही पाते.
ये सुन कर मैने एग्ज़ाइटेड होके कहा: जानू ये तो शुरुआत है. अभी आयेज देखती जाओ.
और उन्होने रिप्लाइ में कहा: ओक बेबी.
मैं तो ये सुन के शॉक हो गया. फिर इसके बाद भाभी मुझे नीचे करके मेरे उपर बैठ कर लंड को छूट मैं डाल कर कूदने लगी. क्यूंकी उनका फेस मेरी तरफ था, तो जब वो कूद रही थी, तो उनके बड़े-बड़े चूची बाउन्स कर रहे थे.
ये देख कर बहुत मज़ा आ रहा था. कुछ देर तक ये करने के बाद हमने 69 पोज़िशन ट्राइ की, जिसमे भाभी मुझे ब्लोवजोब दे रही थी, और मैं उनकी गांद चाट रहा था. फिर कुछ देर बाद भाभी से मैने कहा-
मैं: जानू अब तुमको जन्नत की सैर करवाता हू.
और अब मैने भाभी को घोड़ी बनाया, और उनकी चूची हाथ में लेते हुए गांद में लॅंड डाल कर छोड़ने लगा. भाभी फिरसे आहें भरने लगी आ आ आ आ.
और इसी बीच भाभी के पति ऑफीस से कुछ इंपॉर्टेंट फाइल लेने के लिए अचानक से घर पर आ गये, और शायद भाभी गाते बंद करना भूल गयी थी. इसलिए उनके पति सीधे अंदर आ गये, और रूम का डोर खुला हुआ देख कर सीधे अंदर आ गये.
अब जब उन्होने हमे देखा, तो मैं उनकी बीवी की गांद मार रहा था, और भाभी पूरा मज़ा ले रही थी. और ये सब देख कर उसका पति ज़मीन पर बैठ गया, और मैने और भाभी दोनो ने उनको देख लिया, और भाभी शॉक हो गयी.
क्यूंकी मेरा स्पर्म अभी गिरा नही था, तो मैं अभी भी उनकी गांद मारे जेया रहा था. फिर थोड़ी देर वैसे ही छोड़ते-छोड़ते मेरा भी स्पर्म निकल गया, और मैने अपना स्पर्म भाभी की गांद में ही छ्चोढ़ दिया. मैं फिर जल्दी से अपने कपड़े पहन कर घर चला आया.
दो-टीन बाद पता चला की भाभी के पति कही चले गये थे, और भाभी ने ये क्यूँ हुआ किसी को नही बताया था. ये जान कर मैं बहुत खुश हुआ. लेकिन अब भाभी घर से बाहर बहुत कम निकलती थी, इस बात का गुम भी था.
खैर ये मेरी सॅकी स्टोरी कैसी लगी कॉमेंट सेक्षन में बताए. और इसके आयेज का जानना है की आयेज क्या हुआ, तो कॉमेंट में बताए. आंड अगर पर्सनल कॉंटॅक्ट करना हो तो हर्शरॉय0001@आउटलुक.कॉम पे मैल करे. और किसी भी ग़लती के लिए माफ़ करे. हॅव आ गुड दे.
हर्ष रॉय