ही फ्रेंड्स, मैं गोपाल अपनी स्टोरी का नेक्स्ट पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. मेरी पिछली कहानी अभी रीसेंट्ली ही पब्लिश हुई है. अगर आपने वो कहानी नही पढ़ी है, तो पहले उसको ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की मैं और मम्मी राधिका आंटी के यहा सत्संग के लिए गये. वाहा मैं जब उनके कोल्ड ड्रिंक के क्रेट रखने किचन में गया, तो वो मुझ पर गिर पड़ी. मुझसे रहा नही गया, और मैने आंटी को किस कर दिया. अब आयेज बढ़ते है.
सत्संग ख़तम हो चुका था, और सब लोग खा पी कर जाने लगे थे. फिर मैं और मम्मी भी जाने लगे. जाते हुए मम्मी ने राधिका आंटी को बोला-
मम्मी: ठीक है राधिका जी, अब हम चलते है. बहुत अछा लगा आपके यहा सत्संग पर आके. वैसे अगर आपको काम है, तो मैं गोपाल को यही छ्चोढ़ जाती हू. ये बाद में वापस आ जाएगा.
मम्मी की ये बात सुन कर मैं खुश हो गया. लेकिन दुखी भी हो गया था, क्यूंकी किस वाले इन्सिडेंट के बाद आंटी मुझे रोकने वाली नही थी. लेकिन जो हुआ, उसकी मुझे उमीद नही थी. आंटी ने मम्मी से कहा-
आंटी: थॅंक योउ वेरी मच दीदी. मैं आपसे कहने ही वाली थी गोपाल को यहा छ्चोढने के लिए, लेकिन समझ नही पा रही थी की कैसे काहु.
आंटी का ये जवाब सुन कर मुझे लगने लगा की मेरा काम बन जाएगा. फिर मम्मी आंटी से बोली-
मम्मी: अर्रे राधिका, इतना नही सोचते. अगर आस-पड़ोस वाले काम नही आएँगे, तो कों आएगा?
फिर मम्मी मुझसे बोली: गोपाल, तू यही रुक जेया. जब इनका सारा काम ख़तम हो जाएगा, तब वापस आ जाना.
मैं: ओक मों.
ये बोल कर मों चली गयी, और मैं और राधिका आंटी वही खड़े थे. फिर मैने राधिका आंटी की तरफ देखा. वो बड़ी सेक्सी लग रही थी. दिल तो किया की उनको वही पर पकड़ लू, लेकिन मुझे पहले पता करना था, की वो क्या चाहती थी मुझसे. फिर मैने आंटी को बोला-
मैं: आंटी अगर उस किस का आपको बुरा लगा हो, तो मुझे माफ़ कर दीजिए.
आंटी: चलो मेरे साथ.
ये बोल कर आंटी घर के अंदर जाने लगी. मैं भी उनके पीछे जाने लगा. अंदर से घर काफ़ी बड़ा था. अंदर जाके वो स्टेर्स चढ़ने लगी, और मैं भी उनके पीछे-पीछे स्टेर्स पर चढ़ने लग गया. मेरे मॅन में काई सवाल थे, की आंटी मुझे कहा लेके जेया रही थी. मुझे थोड़ी एग्ज़ाइट्मेंट भी हो रही थी, और दर्र भी लग रहा था.
फिर आंटी मुझे उपर वाले एक रूम के अंदर ले गयी. अंदर जाते ही वो मेरी तरफ घूमी, और मेरे पास आ गयी. वो मेरे काफ़ी करीब आ गयी थी, और मेरे जिस्म में सनसनी सी हो रही थी. फिर आंटी ने अपना फेस मेरे फेस के करीब किया. अपना हाथ उन्होने मेरे सर के पीछे रखा, और मेरे मूह को अपने मूह के करीब किया.
फिर आंटी ने अपने होंठ मेरे होंठो के साथ जोड़ दिए, और हम दोनो की किस स्टार्ट हो गयी. आंटी वाइल्ड किस कर रही थी, और मैं भी उनका पूरा साथ दे रहा था. मुझे समझ नही आ रहा था की आंटी एक-दूं से ऐसे चेंज कैसे हो गयी थी. फिर मैने सोचा की ये सब बाद में सोच लेंगे, पहले मज़ा तो कर ले.
ये सोच कर मैं और जोश में आंटी को किस करने लग गया. किस करते हुए मेरे हाथ सीधे आंटी के ब्लाउस के नीचे की नंगी कमर पर पड़े. मैं उनकी कमर मसालने लगा, और उनकी पीठ पर हाथ फेरने लग गया.
जिस हिसाब से आंटी किस कर रही थी, लग रहा था की वो मेरे होंठो को खा जाएँगी. वो मेरे साथ टंग फाइट कर रही थी. मैं अब अपने हाथ आंटी के छूतदों पर ले गया, और सारी के उपर से उनके चूतड़ दबाने लगा. क्या मज़ा आया था यार, मैं एक्सप्लेन नही कर सकता.
अब मुझे ये समझ नही आ रहा था, की आंटी यू ही उपर-उपर से मज़े लेना चाहती थी, या उनका चुदाई का भी कोई इरादा था. मैं उनसे पूच भी नही पा रहा था, क्यूंकी वो मेरे होंठो को छ्चोढ़ ही नही रही थी. फिर मैने सोचा, इतना क्या सोचना, मैं अपना काम शुरू करता हू. अगर नही करना होगा कुछ तो अपने आप माना कर देगी.
ये सोच कर मैने उनके ब्लाउस का हुक खोल दिया पीछे से, और पीठ मसालने लगा. फिर मैने ब्रा का हुक भी खोल दिया. इससे उनके ब्रा और ब्लाउस में काससे हुए बूब्स आयेज से ढीले हो गये. मैने फिर उनका दुपट्टा हटाया, और उनके एक बूब को दबाने लग गया.
मैं उनकी क्लीवेज चाटने छाता था, लेकिन वो मेरे होंठ छ्चोढे तब ना. पर मैं उनके बूब को दबाता जेया रहा था. फिर मैने उनके एक बूब को एक साइड से बाहर निकाल लिया, और उसके निपल को ज़ोर से दबा दिया. इससे आंटी की चीख निकल गयी, और हमारी किस टूट गयी.
मैं जल्दी से उनके होंठो से अपना मूह नीचे उनके निपल पर ले गया, और उनके निपल को अपने मूह में लेके चूसना शुरू कर दिया. अब आंटी की साँसे तेज़ थी, और वो आ आ कर रही थी.
मैं उनके निपल को खींच-खींच कर चूस रहा था, और वो अपना हाथ मेरे सर पर रख कर मेरे बालों को सहला रही थी. ये देखते हुए मैने उनका दूसरा बूब भी बाहर निकाल लिया, और उनको अपने बाए हाथ से दबाना शुरू कर दिया. आंटी लगातार आ आ करे जेया रही थी.
मैने ब्लाउस और ब्रा को उनके बदन से अलग कर दिया था, और अब वो उपर से पूरी नंगी थी, और बस कमर से नीचे के हिस्से पर सारी और पेटिकोट था. कुछ देर आंटी के निपल्स चूसने से उनके दोनो निपल्स लाल हो गये. फिर मैने आंटी को घुमा कर दीवार के साथ लगा लिया.
इससे उनके बूब्स दीवार के साथ टच होने लगे. मैं फिर आंटी के शोल्डर्स से किस करना शुरू हुआ, और उनकी पीठ को चूमने चाटने लगा.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. दोस्तों अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आ रहा हो, तो इसको अपने दोस्तों में ज़रूर शेर करे, ताकि ये मज़ा ज़्यादा से ज़्यादा लोग ले सके. कहानी पढ़ने के लिए आप सब का धन्यवाद.