हेलो दोस्तों, मेरा नाम करूँ है. मैं देल्ही के चाँदनी चोवोक वाली साइड रहता हू. मेरी आगे 20 साल है, और मैं एक कॉलेज स्टूडेंट हू. हाइट मेरी 5’7″ है, और लंड मेरा 5.5 इंच का है. ये कहानी मेरे पहले चुदाई एक्सपीरियेन्स की है. तो चलिए बिना टाइम वेस्ट किए कहानी शुरू करते है.
ये बात 6 महीने पहले की है. हमारे मोहल्ले में एक आंटी रहती थी जिसका नाम कमला था. आंटी की उमर 48-49 साल थी, और उनका एक बेटा था. उनके हज़्बेंड की डेत काफ़ी साल पहले हो चुकी थी. अब उनके घर में आंटी और उनका बेटा ही बचे थे. फिर आंटी का बेटा पढ़ाई करने के लिए अब्रॉड चला गया, और अब आंटी अकेली थी अपने घर में.
कमला आंटी की मेरी मम्मी के साथ बहुत बनती थी, और वो आए दिन हमारे घर बैठी रहती थी. मैं भी आते-जाते उनको मिलता रहता था. जब से मैं जवान हुआ था, मुझे आंटी बहुत सेक्सी लगती थी. वैसे वो थी भी बहुत सेक्सी.
आंटी का रंग गोरा था, और शरीर हेवी. देखने में वो 35-40 साल की लगती थी. उनका फिगर तकरीबन 38-32-40 होगा. और ऐसे फिगर के साथ वो लेगैंग्स और शर्ट डालती थी. अब आप खुद ही सोच लीजिए, की इतना तगड़ा फिगर ऐसे कपड़ों में कितना उभर के आता होगा.
मैं जब भी आंटी को देखता था, उस रात मुझे मूठ मारनी ही पड़ती थी. अगर मूठ नही मारता था, तो मुझे नींद नही आती थी. लेकिन कभी भी मैने उनको असल में छोड़ने का नही सोचा. क्यूंकी मेरे अंदर इतनी हिम्मत नही थी, की मैं जाके उनसे चुदाई के लिए पूचु.
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था. वो कहते है ना जो चीज़ आपको मिलनी हो, वो खुद चल कर भी आपके पास आ जाती है. ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ. चलिए बताता हू क्या हुआ था.
मम्मी के पापा की तबीयत खराब हो गयी थी, तो उनको वाहा जाना था. मम्मी के माइके हरयाणा वाली साइड रहते है, तो उनको 2 दिन लगने वाले थे. पापा ने भी जॉब से छुट्टी ली, और उनके साथ चले गये. मेरी क्लासस का बहाना लगा कर मैने जाने से माना कर दिया.
उनके जाने से मैं बहुत खुश था, क्यूंकी मैं जी भर कर बड़े टीवी पर पॉर्न देख सकता था, और मूठ मार सकता था. जैसे ही वो लोग ऑटो में चढ़े, और मेरी नज़र से ओझल हुए. मैं खुशी से उछालता हुआ अंदर आया, और टीवी ओं किया.
फिर मैने पॉर्न फ़िल्मो से भारी हुई पेन ड्राइव निकली, और टीवी में लगा दी. उसके बाद मैं आराम से बेड पर नंगा होके बैठ गया, और वीडियो देखते हुए लंड हिलने लगा. अपनी खुशी में मैं घर का मैं गाते बंद करना भूल गया था. या कहो मेरी अची किस्मत थी, की मैने गाते बंद नही किया.
कमला आंटी अक्सर बिना नॉक किए घर के अंदर आ जाती थी. उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ. गाते खुला था, तो कमला आंटी बिना नॉक किए सीधे अंदर आ गयी. उन्होने अंदर आके देखा, तो मा उनको कही नज़र नही आई.
तभी उनको टीवी की आवाज़ सुनी, और वो सीधे टीवी वाले रूम में आ गयी. इधर मैं लंड हिला रहा था, और उधर आंटी अंदर आके मेरे सामने खड़ी हो गयी. मैने जैसे ही उनको देखा, मेरी गांद फटत गयी. मैने जल्दी से चादर ओढ़ ली, और आंटी की तरफ घबराई नज़रो से देखने लगा.
आंटी मूह साइड करती हुई बोली: सॉरी-सॉरी, मैं बिना नॉक किए आ गयी.
टीवी पर पॉर्न देख कर वो सब समझ गयी थी की क्या चल रहा था. फिर वो बोली-
आंटी: मम्मी कहा है?
मैं: वो दोनो मम्मी के माइके गये है, नाना जी की तबीयत खराब है.
फिर आंटी ने मेरी तरफ देखा, और मुस्कुराते हुए बोली: और आप क्या कर रहे हो?
मैं: क…कुछ नही आंटी.
आंटी: अर्रे घबरा क्यूँ रहे हो. ये तो नॉर्मल है. सब करते है.
ये बोलते हुए आंटी मेरे पास आके बेड पर बैठ गयी. आंटी ने आज भी शर्ट और लेगैंग्स पहनी थी. आज उन्होने दुपट्टा भी नही लिया हुआ था, जिस वजह से उनकी क्लीवेज नज़र आ रही थी.
आंटी बोली: दिखा तो सही क्या है.
और उन्होने मेरी चादर हटा कर लंड को हाथ में पकड़ लिया. फिर वो बोली-
आंटी: लंड तो अछा है तेरा. आजा मैं तेरी हेल्प करती हू.
ये बोलते ही आंटी ने आयेज बढ़ कर लंड अपने मूह में डाल लिया. जैसे ही लंड उनके मूह में गया, मैं तो पागल हो गया. इतना गरम एहसास मैने कभी महसूस नही किया था.
फिर आंटी लंड को अपने मूह में अंदर-बाहर करने लगी. मेरे मूह से आ आ की सिसकियाँ निकल रही थी. मैने ऐसा पहले सिर्फ़ पॉर्न वीडियोस में देखा था, और कभी सोचा नही था की इतनी सेक्सी आंटी कभी मेरे लंड को चूसेगी.
कुछ देर वो ऐसे ही मेरा लंड चूस्टी रही. उनके मूह की गर्माहट से मैं इतना उत्तेजित हो गया, की मेरा पानी उनके मूह में ही निकल गया. जल्दी पानी निकालने की वजह से मैं शर्मिंदा हो गया. जब आंटी ने देखा तो वो बोली-
आंटी: क्या हुआ, पहले-पहले ऐसा ही होता है. और सब लड़कों के साथ होता है. तू बुरा फील ना कर. आजा मैं तुझे ट्रेन करती हू.
ये बोल कर आंटी ने अपना शर्ट उतार दिया, और अब वो मेरे सामने ब्रा में थी. आंटी ने मरून रंग की पुश-उप ब्रा पहनी हुई थी. उनके ब्रा में काससे हुए मोटे-मोटे बूब्स मस्त क्लीवेज बना रहे थे. उनको देख कर मेरे अंदर खलबली मचने लग गयी. मेरा लंड जो अभी-अभी झाड़ा था, फिरसे हरकत करने लगा.
आंटी का पेट अंदर था, जिससे उनके मोटे बूब्स और सेक्सी लग रहे थे. मैं आंटी को घूरे जेया रहा था, की तभी आंटी बोली-
आंटी: अब देखता ही रहेगा, या कुछ करेगा भी?
उनके इतने सेक्सी जिस्म को देख कर तो मेरी बोलती बंद हो गयी थी. मैं समझ नही पा रहा था की उनको कैसे टच करू. जब मैने कुछ नही किया, तो आंटी मेरे पास आई, और मेरी गर्दन पर हाथ रख कर मेरे मूह को अपने मूह के पास किया. अब हमारी साँसे आपस में टकरा रही थी.
फिर आंटी ने अपने होंठ मेरे होंठो के साथ चिपका दिए.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगा. अगर यहा तक की कहानी आपको पसंद आई हो, तो इसको लीके और शेर ज़रूर करे.