ही फ्रेंड्स, मैं राज वापस आ गया हू अपनी कहानी के अगले पार्ट के साथ. उमीद है की आपने मेरी पिछली कहानी पढ़ी होगी. और अगर नही पढ़ी, तो प्लीज़ जाके पहले वो पढ़ ले.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था की मैं एक बिल्डिंग में खाना डेलिवर करने गया था. वाहा लिफ्ट में मैने एक आंटी देखी, जिसपे मैं दिल हार गया. अब मैं उस आंटी को छोड़ना चाहता था, तो मैने उसकी एंक्वाइरी शुरू की.
बिल्डिंग के गुआर्द ने मुझे उसकी नौकरानी दिखाई. उसकी नौकरानी एक जवान लड़की थी. फिर मैने नौकरानी को पटाया, और उसको छोड़ दिया. अब आयेज चलते है.
चुदाई के बाद मैं और कुसुम साथ में नंगे ही लेते हुए थे. मैं उसके साथ प्यार भारी बातें कर रहा था, और बीच-बीच में उसको किस कर रहा था. फिर बातों-बातों में मैने उससे पूछा-
मैं: अछा जहा मैं पहली बार तुमसे मिला था, वाहा भी तुम काम करती हो?
कुसुम: हा, वाहा मंजू मेडम के यहा काम करती हू.
मैं: मंजू मेडम, वो लॉयर?
कुसुम: हा, लेकिन तुम्हे कैसे पता?
मैं: मैं डेलिवरी देने गया हू ना उस बिल्डिंग में काई बार. तो आते-जाते देखा है.
कुसुम: ओक.
मैं: वैसे कैसी है तुम्हारी मेडम? शकल से तो गुस्से वाली लगती है.
कुसुम: हा गुस्से वाली तो है.
मैं: और उनके हज़्बेंड क्या करते है?
कुसुम: हज़्बेंड को तो छ्चोढ़ दिया उन्होने. उससे उनको संतुष्टि नही मिलती थी.
मैं: मतलब?
कुसुम: मतलब वो सेक्स में अछा नही था, तो मेडम ने उनको डाइवोर्स दे दिया. अब हर शनिवार सुहग्रात मानती है अलग-अलग लड़कों के साथ.
मैं: क्या मतलब सुहग्रात?
कुसुम: मेडम हर शनिवार तैयार होके कही जाती है, और जब वापस आती है, तो फुल दारू पी होती है, और हमेशा कोई लड़का उनके साथ होता है. उसके बाद रूम में घपा-घाप.
मैं: अछा, तुमने देखा है?
कुसुम: बस एक बार देखा था लड़के के साथ आते हुए. वैसे तो मेडम मुझे जल्दी जाने को बोल देती है.
मैं: ओक. चलो अब हम भी तोड़ा घपा-घाप कर ले.
ये सुन कर कुसुम शर्मा गयी. फिर मैने उसको दोबारा से छोड़ा. अब मैं आंटी के बिस्तर तक पहुँचने का रास्ता समझ गया था. अगले शनिवार मैने मंजू आंटी को फॉलो किया. वो एक बार में चली गयी, और वाहा से एक घंटे बाद बाहर आई.
जब वो बाहर आई, तो एक लड़का उनके साथ था. फिर वो उस लड़के को घर ले गयी. मुझे बहुत गुस्सा आया की मेरे माल को कोई छोड़ेगा.
फिर अगले शनिवार से पहले मैने उस बार में किसी फ्रेंड की हेल्प से एंट्री ली. मैं आचे से तैयार होके गया था, ताकि आंटी मुझसे पट्ट जाए. फिर आंटी आई. उनको देख कर मेरी तो आँखें खुली की खुली रह गयी.
आंटी ने एक स्ट्रॅप वाली वन-पीस ड्रेस पहनी थी. ड्रेस ब्लू कलर की थी, और उसमे उनकी पूरी बॉडी शेप सॉफ दिख रही थी. नीचे से ड्रेस उनके घुटनो से काफ़ी उपर थी, और उनकी जांघें दिख रही थी. उपर से उनकी पूरी चेस्ट और क्लीवेज दिख रही थी.
मेरा तो उनको देखते ही खड़ा हो गया था. वो एक केक के पीस की तरह लग रही थी, जिसको खाने का दिल कर रहा था मेरा. फिर आंटी बार काउंटर पर जाके बैठी, और मैं भी जाके उनके साथ वाली चेर पर बैठ गया. उन्होने 2 ड्रिंक्स पी ली थी. फिर मैने उनसे पूछा-
मैं: हे बेब, डॅन्स करोगी.
आंटी ने मेरी तरफ देखा. उनकी आँखों में मदहोशी थी. फिर मैने अपना हाथ आयेज बढ़ाया, और उन्होने भी मुझे हाथ दे दिया. मैं उन्हे डॅन्स फ्लोर पर ले गया, और हम दोनो कपल डॅन्स करने लग गये.
डॅन्स करते हुए मैने आंटी को गरम करना शुरू कर दिया. मैने उनको अपने सीने से चिपका लिया, जिससे उनके चूचे मेरी बॉडी से दबने लगे. साथ-साथ मैं उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा, और फेरते-फेरते नीचे उनकी गांद पर ले गया. फिर मैने उनका एक चूतड़ मसला, जिससे उनकी आ निकल गयी.
अब हम दोनो एक-दूसरे की आँखों में आँखें डाल कर देख रहे थे. और हमारी साँसे एक-दूसरे से टकरा रही थी. तभी वो बोली-
आंटी: चलो कही चलते है.
मैं: युवर प्लेस ओर मिने?
आंटी: मिने.
फिर हम बाहर आए, और कार में बैठ गये. कार बेसमेंट में थी, और हम कार में ही पागलों की तरह किस करने लग गये. आंटी के होंठ बड़े स्वादिष्ट थे. मैं साथ-साथ उनकी मोटी जांघें दबा रहा था.
तभी वो झुकी, और उन्होने मेरा लंड बाहर निकाल कर अपने मूह में डाल लिया. मैं उनकी गांद दबा रहा था, और वो ज़ोर-ज़ोर से मेरा लंड चूस रही थी. फिर मैने उनके सर पर अपना हाथ रखा, और उनके मूह में धक्के मारने लगा. थोड़ी देर में मेरा पानी निकल गया, जो वो सारा पी गयी.
फिर आंटी पीछे होने बैठी, और अपनी पनटी उतार कर मुझे छूट चाटने को बोला. मैं कुत्तों की तरह उनकी छूट चाटने लगा. वो पागल हो रही थी, और आहें भर रही थी. फिर उनकी छूट ने भी पानी की पिचकारी छ्चोढ़ दी.
उसके बाद हम उनके फ्लॅट में पहुँचे, और अंदर जाते ही वो नंगी होके बेड पर लेट गयी. फिर वो टांगे खोल कर मुझे बुलाने लगी. मैने भी अपने कपड़े उतारे और आंटी के उपर आके लंड उनकी छूट में डाल दिया.
लंड अंदर जाते ही आंटी चीख पड़ी, लेकिन मैने उनका मूह अपने मूह से बंद कर दिया. अब मैने उनको किस करते हुए ज़ोर-ज़ोर से छोड़ना शुरू कर दिया. आंटी दर्द से झटपटा रही थी, लेकिन मेरे सर पर उनका भूत सवार था. 3-4 मिनिट में आंटी को मज़ा आने लगा, और वो मेरा सर सहलाने लगी.
फिर मैं आंटी के चूचे चूसने लगा, और धक्के मारता रहा. आंटी कामुक आवाज़े निकाल रही थी. मैने उनके चूस-चूस कर लाल कर दिए. 15 मिनिट बाद हमने पोज़िशन चेंज की.
मैने उनको डॉगी बनाया. क्या कमाल का व्यू था उनकी गांद का. फिर मैने पीछे से लंड उनकी छूट में डाला, और चुदाई करने लगा. उनकी गांद को ठप्पड़ो से लाल कर दिया था मैने, और अपनी हवस का पूरा ज़ोर निकाला.
फिर जब मेरा निकालने वाला था, तब मैने उनके बाल पकड़ कर उनके मूह पर अपना माल निकाल दिया. फिर हम दोनो लेट गये. उनकी छूट 2 बार पानी निकाल चुकी थी. उस पूरी रात मैने आंटी को 5 बार छोड़ा. मेरी आत्मा तृप्त हो गयी थी.
फिर सुबा होते ही मैं चला गया, और मैने उसी दिन अपना नंबर बदल लिया. तो इस तरह से मैने आंटी को छोड़ कर मज़ा लिया.
थे एंड.