हेलो दोस्तो, मई योगिता वापस आ गयी हू, अपनी कहानी “बंटी की गहरी साज़िश” का अगला पार्ट लेके. पिछले पार्ट मे आपने पढ़ा था, की मैने अपने नये पापा और बंटी को मा के बारे मे बाते करते सुना. बंटी पापा से बोल रहा था, की उसको मेरी मा को छोड़ना था.
फिर मेरे नये पापा तीरथ सिंग ने मेरी मा को वोड्का पीला कर मदहोश कर दिया, और अंधेरे मे बंटी ने पापा की जगह आके मेरी मा को छोड़ा. मा को पता नही था, की वो अपने पति से नही, बल्कि बंटी से चुड रही थी. और वो पुर मज़े ले रही थी. अब आयेज-
मई अब तक समझ चुकी थी, की बंटी का मैं मोटिव हमारी दौलत को अपने क़ब्ज़े मे करना था. और वो इस मोटिव मे कामयाब भी हो चुका था. अब मा हर फैंसला बंटी और पापा से पूच कर करती थी. मेरी मा और बेहन के साथ धोखा ज़रूर हुआ था, लेकिन उन दोनो को इस बात का पता नही था.
मैने भी अपना मूह बंद रखा था, क्यूकी वो दोनो खुश थी. और मेरी खुशी भी उन दोनो की खुशी मे ही थी. मेरे मॅन मे था, की अब इसके बाद तो क्या बुरा हो सकता था. लेकिन अभी एक चीज़ होनी बाकी थी.
एक दिन मई किचन मे काम कर रही थी. मैने ब्लू त-शर्ट और वाइट लेगिंग पहनी हुई थी. तभी मुझे मेरी गांद पर किसी का हाथ महसूस हुआ. मुझे लगा बंटी होगा, क्यूकी मेरे साथ ऐसी हरकत सिर्फ़ बंटी ही कर सकता था.
फिर 30 सेकेंड्स वो मेरी गांद पर हाथ फेरता रहा. जब मैने पीछे देखा, तो वो बंटी नही मेरे नये पापा तीरथ थे. मई उनको देख कर हैरान हो गयी, और बोली-
मई: पापा ये आप क्या कर रहे हो?
पापा: बेटा वो कुछ लगा हुआ था. मई वो झाड़ रहा था.
मई: ओक.
वैसे मुझे लगा नही था, की वो सच बोल रहे थे. लेकिन फिर भी मैने उनकी बात मान ली. उस दिन के बाद काई बार यही सब हुआ. पापा कभी मुझे लाद से पीछे से पकड़ लेते, तो कभी बहाने से मेरे बूब्स पर हाथ रख देती.
मुझे लग रहा था, की पापा ये सब जान-बूझ कर रहे थे. लेकिन उन्होने कभी अपने बिहेवियर मे ये शो नही किया. मई इस बात को लेके काफ़ी सोच मे पद गयी थी, की पापा ये सब जान-बूझ कर रहे थे, या उनके मॅन मे कुछ था. फिर एक रात सारी बात सॉफ हो गयी.
मई रात को 12 बजे के पास उठी, और किचन मे पानी पीने गयी. सब लोग सोए हुए थे. मैने किचन मे जाके ग्लास लिया, और पानी पीने लगी. तभी पीछे से पापा आए, और उन्होने मुझे पीछे से पकड़ लिया. उन्होने बड़ा कस्स के मुझे पकड़ा था, और मुझे अपनी गांद पर उनका लंड महसूस हो रहा था. मई उनको बोली-
मई: पापा आप ये क्या कर रहे हो?
पापा: बेटा मुझे ठंड बड़ी लग रही है, इसलिए तुम्हारे जिस्म से गर्मी ले रहा हू.
मई: ये क्या तरीका है? आप अपनी बेटी के साथ ऐसा कैसे कर सकते हो?
पापा: तू मेरी बेटी कहा है. तू तो मेरी बीवी की बेटी है. इतने कड़क जिस्म का क्या करेगी. जैसे बंटी को खुश करती है, वैसे मुझे भी कर दे ना.
मई उनकी बात सुन कर हैरान हो गयी. मुझे नही पता था, की बंटी ने उन्हे मेरे और उसके बारे मे बताया था. मई उनसे अपना आप को चुधवाने की कोशिश करने लगी. फिर उन्होने मुझे छोढ़ दिया, और मई सीधी होके बोली-
मई: आपको शरम आनी चाहिए. इस उमर मे आप ये हरकते कर रहे है.
पापा: मुझे तो शरम बहुत आती है. लेकिन मेरे इस लंड को शरम नही आती. आजा मेरी बेटी, आजा मेरी बाहो मे.
ये बोल कर उन्होने मुझे दीवार के साथ लगा लिया, और मेरी गर्दन पर किस करने लगी. मई अब गरम होने लगी थी, लेकिन मई अपने बाप के साथ ये सब नही करना चाहती थी. मैने ज़ोर से उनको बोला-
मई: पापा प्लीज़ ऐसा मत करो.
उन्होने बोला: ज़्यादा ज़ोर से बोलेगी, तो तेरी मा जाग जाएगी.
अब मेरे पास कोई दूसरा ऑप्षन नही था. पापा मुझे किस किए जेया रहे थे, और मेरे बूब्स भी दबाए जेया रहे थे. मई गरम हो गयी थी, और मेरी आहें निकलनी शुरू हो गयी थी.
फिर पापा ने मुझे अपनी गोद मे उठाया, और हम मेरे रूम मे आ गये. मैने रूम मे आके फिरसे उनको बोला-
मई: पापा ये सही नही है.
पापा: सब सही है. तुम ये समझो की तुम अपने पापा के लिए कुछ कर रही हो.
ये बोल कर उन्होने मुझे अपनी एक जाँघ पर बिता लिया, और मेरे होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. वो मेरे होंठो को चूस रहे थे, और साथ मे एक हाथ से मेरी गांद भी दबा रहे थे.
फिर उन्होने मेरी त-शर्ट उतार दी, और मेरी क्लीवेज मे मूह डाल कर चूमने-चाटने लगे. मुझे मज़ा आ रहा था. लेकिन ये सोच कर मुझे घिंन भी आ रही थी, की मई अपने पापा से चूड़ने वाली थी.
फिर पापा ने मुझे बेड पर लिटाया, और मेरी ब्रा निकाल दी. मेरे बूब्स देखते ही वो पागल हो गये, और उनको चूसने लग गये. वो मेरे निपल्स को काट-काट कर चूस रहे थे. मुझे दर्द भी हो रहा था, और मज़ा भी आ रहा था.
निपल्स लाल करने के बाद वो मेरी कमर को चूमने लग गये. वो मेरी नाभि मे जीभ डाल-डाल कर उसको चाट रहे थे. मेरी छूट अब गीली होने लगी थी. फिर वो नीचे आए, और लेगिंग के उपर से ही मेरी छूट मे मूह मारने लगे. तभी मेरे कमरे का दरवाज़ा नॉक हुआ, और मई दर्र गयी.
पापा मेरे उपर से उठे, और उन्होने दरवाज़ा खोला. बाहर बंटी खड़ा था. बंटी ने पापा को बोला-
बंटी: क्या चल रहा है चाचे?
और ये बोलते हुए बंटी अंदर आ गया. मैने जैसे ही बंटी को देखा, तो भाग कर उसके गले से लग गयी. मैने उसको बोला-
मई: बंटी देखो पापा मेरे साथ क्या कर रहे है.
तभी बंटी पापा से बोला: चाचे मैने तुझे मेरी वेट करने के लिए बोला था.
पापा: यार मुझसे रुका नही गया. साली चीज़ ही ऐसी है.
उनकी ये बात सुन कर मई हैरान रह गयी. तभी बंटी ने मेरी तरफ देखा, और बोला-
बंटी: जैसे मई तुम्हे प्यार करता हू, वैसे ये भी करेंगे.
उसकी ये बात सुन कर मेरे पैरो के नीचे से ज़मीन निकल गयी. फिर बंटी मेरे पीछे आ गया, और मुझे पीछे से चूमने लगा. पापा मुझे आयेज से चूमने लगे. आज दो जाने मिल कर मेरी चुदाई करने वाले थे.
फिर बंटी मेरी पीठ चूमते हुए नीचे बैठ गया, और उसने मेरी लेगिंग नीचे कर दी. वो मेरी पनटी के उपर से मेरी गांद को चूमने लग गया. पापा भी नीचे बैठ गये, और मेरी छूट मे पनटी के उपर से ही मूह मारने लग गये.
फिर पापा ने मेरी पनटी नीचे करके उतार दी, और मेरी छूट को जीभ से चाटने लगे. बंटी पीछे मेरी गांद के चियर मे जीभ चला रहा था. मई दुखी थी, लेकिन मुझे मज़ा बहुत आ रहा था.
उन दोनो ने मुझे बेड पर लिटाया, और अपने कपड़े उतार दिए. अब उन दोनो के खड़े हुए लंड मेरे सामने थे. बंटी का लंड बड़ा था, और पापा का लंड बंटी के लंड से छ्होटा था. फिर पापा ने मेरी छूट पर मूह लगा लिया, और मेरी छूट चूसने लगे.
बंटी मेरे मूह के पास आ गया, और अपना लंड मेरे होंठो पर रगड़ने लग गया. उसने मुझे मूह खोलने को बोला, और अपना लंड मेरे मूह मे घुसा लिया. अब बंटी मेरे मूह मे ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था, और पापा मेरी छूट मे उंगलिया डाल-डाल कर चूस रहे थे.
मेरी छूट से धड़ा-धड़ पानी बह रहा था. फिर पापा ने बंटी से पूछा-
पापा: इसकी छूट पहले तू छोड़ेगा, या मई छोड़ू?
बंटी: चाचे आज तो मई इसकी गांद छोड़ूँगा. इसकी छूट का मज़ा तो मैने काई बार लिया है, लेकिन गांद का मज़ा लेना अभी बाकी है.
मेरी गांद की सील अभी तक टूटी नही थी, और आज मेरी गांद फटने वाली थी. फिर पापा ने मेरी छूट पर लंड रगड़ना शुरू किया. मेरे मूह से सिसकिया भी नही निकल रही थी, क्यूकी मेरे मूह मे बंटी का लंड था.
लंड रगड़ते-रगड़ते पापा ने एक ही झटके मे अपना पूरा लुना मेरी छूट मे डाल दिया. मेरी चीख बंटी ने लंड ने दबा दी. अब पापा मेरी छूट मे धक्के दे रहा थे, और बोल रहे थे-
पापा: क्या गर्मी है इसकी छूट मे. इसने तो अपनी मा को भी पीछे छोढ़ा हुआ है. ये कह कर वो मेरे बूब्स चूसने लगे, और मेरी छूट छोड़ते रहे. 10 मिनिट की चुदाई के बाद मेरी छूट ने अपना पानी छोढ़ दिया. ये देख कर पापा बोले-
पापा: इसका तो बड़ी जल्दी निकल गया. लगता है इसको बहुत मज़ा आ रहा है.
फिर पापा नीचे लेट गये, और उन्होने मुझे अपने उपर लिटा लिया. वो मुझे किस करते रहे, और उन्होने मुझे आराम करने के लिए कहा. फिर 10 मिनिट की किस्सिंग बाद, मई फिरसे गरम हो गयी. ये देख कर पापा ने नीचे से मेरी छूट मे अपना लंड डाल दिया, और उपर की तरफ धक्के देने लगे.
5-10 धक्के मारने के बाद वो रुक गये, और बंटी को बोले-
पापा: भतीजे, अब तेरी . है.
ये सुनते ही बंटी मेरे पीछे आया, और मेरे . खोल कर मेरी गांद का छेड़ चाटने लगा. . को गीला करने के बाद उसने अपना लंड छेड़ पर सेट किया और बोला-
बंटी: चाचा पकड़ कर राखियो.
पापा: हा पकड़ा हुआ है.
ये बोल कर पापा ने मुझे अपनी बाहो मे कस्स लिया, और अपना पूरा लंड मेरी छूट मे डाल लिया. उन्होने एक हाथ मेरे सिर पर रखा, और मेरे मूह को अपने मूह से बंद कर लिया. तभी बंटी ने मेरी गांद पर एक ज़ोर का धक्का मारा.
धक्का लगते ही मुझे ऐसा लगा, जैसे मेरी गांद मे किसी ने लोहे की रोड घुसा दी. मेरी चीख पापा के मूह ने दबा रखी थी, और मेरा जिस्म दर्द से काँपने लगा था. मई उन दोनो से छूटना चाहती थी, लेकिन ये पासिबल नही था.
अभी तो बंटी के लंड का टोपा ही मेरी गांद मे गया था. फिर बंटी ने 2-3 धक्के और मार कर अपना पूरा लंड मेरी गांद मे घुसा दिया. अब मेरी गांद फटत चुकी थी, और उसमे से खून निकल रहा था. बंटी ने अपना लंड वैसे ही रोक कर रखा, और मेरे उपर लेट गया.
अब आयेज मेरी छूट मे लंड था, और पीछे गांद मे. हम तीनो की पोज़िशन सॅंडविच जैसी हो गयी थी. जब मेरा दर्द तोड़ा कम हुआ, और बंटी पीछे मेरी गांद मे धक्के मारने लगा, और पापा आयेज छूट मे धक्के मारने लगे.
मुझे दर्द हो रहा था, लेकिन मज़ा इतना आ रहा था, की मई हर 5 मिनिट मे . रही थी. पापा मेरी छूट छोड़ने के साथ-साथ मेरे होंठ चूज़ जेया रहे थे. बंटी मेरी गांद छोड़ने के साथ-साथ मेरे बूब्स . रहा था.
फिर हम तीनो पोज़िशन चेंज करने के लिए अलग हो गये. पापा . की एक साइड पर टांगे नीचे . कर बैठ गये. फिर मई उनकी गोद मे उनकी तरफ मूह करके बैठ गयी, और उन्होने मेरी छूट मे अपना लंड डाल दिया.
बंटी मेरे पीछे खड़ा था. वो मेरे पीछे चिपक गया, और तोड़ा . कर उसने मेरी गांद मे लंड डाल लिया. अब पापा ने हाथ मेरी जाँघो पर थे, और बंटी के हाथ मेरी गांद पर थे. वो दोनो मुझे उपर नीचे . रहे थे, और मेरी छूट और गांद छोड़ रहे थे.
पापा मेरी छूट छोड़ते हुए मेरे बूब्स चूस रहे थे. और बंटी मेरी पीठ . रहा था, और गांद पर थप्पड़ मार रहा था. 1 घंटा मुझे छोड़ने के बाद, उन दोनो ने मेरी छूट और गांद मे अपना पानी निकाल दिया.
. के बाद मई बेड पर लेट गयी. फिर बंटी बोला-
बंटी: आज के बाद हम जब जी चाहे तुझे छोड़ेंगे. अगर तू किसी को कुछ बताएगी, तो इसका असर तेरी मा और बेहन की खुशियो पर होगा. तू शादी भी नही करेगी, और हमेशा हमारी रंडी बन कर रहेगी.
ये बोल कर उन दोनो ने अपने कपड़े पहने, और मेरे रूम से चले गये. मुझे इस चुदाई मे इतना सुख मिला था, जो मई कभी बता नही पौँगी. फिर कुछ महीने मे बंटी और दीदी की शादी हो गयी. अब बंटी और पापा अपनी बीवियो को तो छोड़ते ही थे, साथ-साथ वो दोनो मुझे भी छोड़ते थे.
तो यहा कहानी ख़तम होती है. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.