ही दोस्तो, उमिद इस सेक्स कहानी का पूरा मज़ा लेने के लिए “हवस के रिश्ते-8” ज़रूर पढ़िए. अब आयेज..
सुनीता अपने घर वापिस आ जाती है, पर उसकी रातो की नींद अब पूरी तरह से उडद चुकी होती है. उसकी एक एक रात बड़ी मुश्किल से निकल र्ही होती है. जब भी उसे राम लाल के साथ बिताई हुई रातें याद आती थी. तभी अचानक से उसके पूरा जिस्म गरम हो जाता था, और सुनीता वासना के सागर मे दोबाने लग जाती थी.
उसे रात को ज़रा सी भी नींद न्ही आती थी, इसलिए वो चुप छाप चुपके से अपनी बीच वाली भाभी के रूम बाहर वाली विंडो पर खड़ी हो जाती थी, और अंदर देखने लग जाती थी. रात के 11 बजे सुनीता ने नोट कर लिया था, इसी टाइम उसके विजय भाईया बीच भाभी के रूम मे घुसते थे.
उस विंडो से रूम मे क्या क्या हो रा है, वो सब सॉफ सॉफ दिखाई देता था. सुनीता ने उस रात देखा, की जेसे ही भाईया उनके रूम मे आए. तभी भाभी उठी और भाईया को अपनी बाहों मे भर लिया. भाभी ने तभी भाईया के साथ किस्सिंग और उनके चूमना चाटना शुरू कर दिया. फिर भाईया ने जल्दी से भाभी को पूरा नंगा किया और उनके बूब्स को वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गये.
जल्दी ही भाईया खुद भी अपने कपड़े निकल कर पूरे नंगे हो गये, और अब वो भाभी के नंगे जिस्म के पूरे जाम कर मज़े ले र्हे थे. भाईया को देखते ही पता चल रा था, की आज भाईया भाभी के साथ कुछ नया ट्राइ करने वेल थे.
उन्होने भाभी को घोड़ी बना दिया और उनके मोटे गोरे चिकने चुटटरो को कस्स कर पकड़ कर मसालने लग गये. फिर भाईया ने अपना लंड भाभी की गंद के छेड़ पर लगाया. और ज़ोर लगा कर अंदर डालने लग गये, पर भाभी की गंद शायद टाइट थी. इसलिए लंड गंद के अंदर जाने का नाम न्ही ले रा था.
फिर भाईया ने भाभी की गंद और अपने लंड पर आयिल लगया और फिर से एक बार गंद मे लंड डालने की कोशिश करने लग गये. इस बार आयिल की वजह से उनकी पहली कोशिश ही कामयाब हो गयइ. उनका लंड आधे से ज़्यादा भाभी की गंद मे घुस चुका था.
भाईया ने जब देखा की लंड अंदर घुस चुका है, तो उन्हे जोश सा आ गये. उन्होने तभी एक जोरदार ढाका मारा और अपना पूरा लंड भाभी की गंद मे दल दिया था. भाईया के लंड ने भाभी की गंद को पूरा फाड़ कर र्ख दिया था, लंड अंदर जाने की वजह से भाभी दर्द से छीलाने लग गयइ थी
भाईया भाभी को होसला देते हुए बोले – कोई बात न्ही मेरी रानी, गंद चुदाई मे तोड़ा सा दर्द तो होता ही है. कुछ ही देर मे दर्द गायब हो जाएगा, तुम फिकर ना करो ओक.
जेसे ही भाभी का दर्द तोड़ा सा कम हुआ, तो भाभी ने गंद चुदाई का इशारा किया. फिर भाईया ने अपना लंड धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. भाईया और भाभी का ये सेक्स देख कर सुनीता पागल हो गयइ. अब वो अपना कंट्रोल खोने लग गयइ थी. इसलिए उसका हाथ अब अपनी सलवार मे डाला और अपनी छूट को वो अपने हाथ से रगड़ने लग गयइ.
तभी व्हन सुनीता का छ्होटा भाई आ गया और उसने देखा की सुनीता भाभी के रूम की विंडो पर खड़ी हो वो अपनी छूट को रग़ाद र्ही थी. उसका भाई उसके पास आया और मुस्कुराते हुए बोला.
भाई – दीदी तुम आई हो न्ही और आते ही, तूने भाई भाईया की लिव सेक्स चुदाई देखनी शुरू भी कर दी. अब पीछे हॅट ज़रा मुझे भी मज़ा लेने दे.
सुनीता के व्हन से उसके अजय भाई ने विंडो पर अपनी आँख लगा ली, अब वो अपने बड़े भाईया और भाभी के लिव सेक्स के खुल कर मज़े ले रा था. सुनीता अब व्हन खड़ी क्या करती, इसलिए वो अपने रूम मे आ कर चेर पर जा कर बैठ गयइ.
तभी सुनीता की नज़र टेबल पर पड़ी एक सेक्सी इंग्लीश मागज़िने पर पड़ी. उसने फिंगरिंग, फिट्स्टिंग, ब्लोवजोब जेसे काफ़ी सेक्स के वर्ड लिखे थे. ये पढ़ते ही उसके दिमाग़ मे एक जबरदस्त आइडिया आया. उसने सोचा क्यो ना वो इन वर्ड्स का मतलब अपने भाईया से जा कर पूछे, ये उसके पास बहोट अछा मोका था.
ये सोचते ही वो उठ कर अपने भाईया के रूम मे चली गयइ. अजय भाईया अपने रूम मे चेर पर बैठे हुए थे. सुनीता सीधी उनके रूम मे गयइ और अंदर आते ही बोली.
सुनीता – भाईया मुझे इन वर्ड्स का मतलब ज़रा सा भी साँझ न्ही आ रा है ? क्या आप मुझे इनका मतलब समझोगे ?
अजय ने जेसे ही वो मागज़िने देखी, उसे याद आया की ये उसने खुद सुनीता के पीछे उसके रूम मे र्खी थी. ताकि इसको देख कर सुनीता गरम हो जाए और उसके अंदर सेक्स करने की इचा पाडिया हो जाए. सुनीता के हाथ मे ही ये मागज़िने देखते ही अजय खुश हो गया. पर वो फिर भी जान भुज कर गुस्सा होते हुए बोला.
अजय – ये कहाँ से तू उठा लाई, ये कोई नॉर्मल बुक न्ही है. ये एक सेक्स बुक है, ये तुझे ख़ान मिल गयइ. और तुझ शरम न्ही आती, ऐसी बुक को रेड करते हुए ? वेसए भी इसे सिर्फ़ बड़े लोग ही पढ़ते है.
सुनीता बिना दर के बोली – तो भाईया मैं भी कोई 12 साल की ना बालिक लड़की न्ही हूँ. मैं भी अब 19 साल की हो गयइ हूँ, और तो और अब मेरी शादी होने वाली है.
सुनीता के मूह से सीधा और खरा जवाब सुनते ही अजय चुप हो गया और धीरे से बोला.
अजय – हन बतो तुमने क्या पूछना है ?
सुनीता – भाई पहले मुझे ये ब्ताओ की ये मस्तेरबातिओं, फिंगरिंग और फीस्टिंग क्या होती है. और इन वर्ड्स का आख़िर मतलब क्या है ?
अजय ये सुन कर मुस्कुराते हुए बोला – जा बहेना पहले तू दरवाजे को अंदर से लॉक कर दे. फिर मैं तुझे ये सब आज आचे से डीटेल मे बतता हूँ.
सुनीता ने झट से दरवाजे को बंद कर दिया. वो अंदर ही अंदर काफ़ी खुश हो र्ही थी, क्योकि उसे आचे से पता था. की आज अजय उसकी ज़रूर मार कर ही मानेगा. दरवाजा बंद करने के बाद सुनीता खुशी खुशी वापिस आई और चेर अजय के पास करके बैठ गयइ.
अजय – देखो सुनीता मैं तुझे अपने मूह से जितना मर्ज़ी इन वर्ड्स का मतलब समझा डून. पर तू जब तक इसे पार्तिकल न्ही कारगी, जब तक तेरे पल्ले कुछ पड़ने वाला न्ही है. अब तुम बतो समझोगी पार्तिकल के साथ ?
सुनीता – हन भाईया मैं समझने के लिए कुछ भी करने को त्यआर हूँ.
अजय – ठीक है, पर पहले तू मुझे ये बीटीये की. जब मैने उस रात तेरे बूब्स पर हाथ लगया था. तब तू व्हन से क्यो भाग कर चली गयइ थी ?
सुनीता – भाई उस टाइम मुझे काफ़ी दर लग रा था, क्योकि हम दोनो बाहर खड़े थे. और अगर कोई देख लेता तो क्या होता, इसलिए मैं भाग कर अंदर चली गयइ थी. अगर आप अंदर आ कर मेरे बूब्स को मसालते, तो मुझे अछा भी लगता और किसी बात का दर भी न्ही होता.
अजय – ओ शीत यार, इसका मतलब की तू उस दिन बूब्स को मसलवाने के लिए त्यआर थी. उस दिन मेरी ही गंद फटत गयइ थी और मैं व्हन से भाग निकाला था. खैर अब ये बीटीये की तू सच मेरे साथ मज़ा करना चाहती है. या ऐसे ही बाकी लड़कियो की तरह मेरा फुदू बना कर मज़ा ले र्ही है. अगर तू अपनी जवानी का मज़ा मेरे साथ लेना चाहती है, तो चल अभी मेरे बेड पर.
फिर सुनीता बिना कुछ बोले शर्मा कर बेड पर आ गयइ, ये देख कर अजय पागल हो उठा. और वो भी उसके पीछे पीछे जा कर अपने बेड पर बैठ गया.
अजय – लाइट ओं ही रहने दूं, या बंद करूँ बीटीये दो ?
सुनीता – भाईया व्हन आपकी मर्ज़ी है. पर मैं बीटीये डून की अंधेरे मे मैं कुछ साँझ न्ही पौँगी. और वेसए भी मुझे अभी आपसे बहोट कुछ पूछना बाकी है.
अजय – ठीक है, पर तू शरमाना मत ठीक है. और हन एक जो सबसे ज़रूरी बात है.
सुनीता – वो क्या है भाईया ?
अजय – आज जो भी हम दोनो के बीच मे होगा, तू उसे किसी को बीटीये तो न्ही देगी ना ?
सुनीता – न्ही भाईया आप ये केसी बात कर र्हे हो ? मुझे अपनी इजट्ट कोई खराब करनी है. लोगो ये सब बीटीये कर.
अजय – वेरी गुड, चल अब मैं तेरे साथ पहले वो करता हूँ. जो एक हज़्बेंड वाइफ करते है. चल आ और मुझसे चिपक जा.
ये सुनते ही सुनीता अजय के पास आई और उससे चिपक कर बोली – हन भाईया अब बोलो मुझे आयेज क्या करना है ?
अजय – बस तूने यहाँ तक ही करना था, इससे आयेज सब कुछ मैं करूँगा. तू बस अब पूरे जाम कर मज़े ले, और हन अगर तुझे किन पर भी प्रेशानि हो तो मुझे उसी टाइम बीटीये डियो.
सुनीता – ठीक है.
फिर अजय ने सुनीता के होंठो पर अपने होंठ रखे और उन्हे वो ज़ोर ज़ोर से चूसने लग गया.
दोस्तो अब आयेज भाई बहें के बीच मे क्या हुआ, और केसे हुआ? ये सब इस कहानी के एक और अगले भाग मे जान स्केट है. तो प्लीज़ जुड़े र्हइए मेरी इस मस्त और साची कहानी मे. वेसए मुझे आपके कॉमेंट्स का बेसब्री से इंतेज़ार है. [email protected]