ही दोस्तो, मेरा नाम परम है. मेरी उमर 30 साल है, और मेरी अपनी ग्रोसरी शॉप है. मेरी शादी 5 साल पहले हुई थी, और मेरे 2 बेटे भी है. हाइट मेरी 5’11” है, और लंड का साइज़ 6.5 इंच है.
मेरी बीवी का नाम प्रियंका है. उसकी फॅमिली में उसके पापा, मम्मी और एक छ्होटी बेहन है. मेरी साली का नाम पूजा है, और वो 19 साल की है. इस कहानी में मैं आपको बतौँगा, की कैसे मैने पूजा की मजबूरी का फ़ायदा उठा कर उसके साथ मज़े किए.
ये बात पिछले साल की है. मेरे ससुर प्राइवेट जॉब पर थे. फिर अचानक उनकी तबीयत खराब हो गयी. उनका इलाज करवाने में उनकी सारी सेविंग्स ख़तम हो गयी. अब जो भी खर्च था, वो मुझे उठना पद रहा था.
उनका घर भी किराए का था, तो मैं उनको अपने घर ले आया. मेरे ससुर को हॉस्पिटल में अड्मिट हुए अब एक महीना हो गया था. मेरी सास और साली मेरे ही घर पर थे. फिर एक दिन मेरी नज़र मेरी साली के जिस्म पर पड़ी.
मैं बातरूम में नहाने जेया रहा था. मुझे नही पता था, की पूजा अंदर थी. मैने जैसे ही दरवाज़ा खोला, तो शवर ले रही थी. उसको देखते ही मेरी आँखें फटत गयी.
नयी-नयी जवानी चढ़ि थी उसको, और जवान लड़किया तो हर मर्द की कमज़ोरी होती है. गोरा बदन, 32″26″36″ का फिगर, क़ास्सी हुई जांघे, सब कमाल का था. उसको ऐसे देखते ही मेरी उसके लिए हवस जाग उठी.
प्रियंका अक्सर पूरा-पूरा दिन हॉस्पिटल में रहती थी. और आज-कल हम दोनो में सेक्स नही हो रहा था. अब मेरी नज़र पूजा पर रहने लगी. मैं कभी पूजा की गांद देखता, तो कभी उसके बूब्स. उसके लिए मेरी प्यास बढ़ती ही जेया रही थी.
फिर एक दिन मैने अपना कंट्रोल खो दिया. 2 दिन से प्रियंका घर नही आई थी. फिर सासू मा भी हॉस्पिटल चली गयी. अब घर में बस मैं और पूजा ही थे. पूजा दोपहर खाना परोस रही थी. उसने लेगैंग्स और त-शर्ट पहनी हुई थी.
उसकी लेगैंग्स में उसकी गांद बहुत मस्त लग रही थी, और त-शर्ट में उसके बूब्स कमाल के लग रहे थे. फिर खाने के बाद वो अपने रूम में जाके लेट गयी. आधे घंटे बाद मैं भी उसके रूम में चला गया. मुझे उसको देखने का मॅन था.
वो सोई हुई थी. बेड पर लेती हुई वो किसी अप्सरा से कम नही लग रही थी. फिर मैं उसके पास जाके बैठ गया, और उसकी जाँघो पर हाथ फेरने लगा. मुझे अब कुछ भी करके उसको छोड़ना था. मैने अपने सारे कपड़े उतारे, और उसके साथ लेट गया.
वो सीधी लेती हुई थी. पहले मैने उसके बूब्स को हल्के से दबाया. फिर मैं अपना हाथ उसकी जाँघो पर ले गया, और सहलाने लगा. मैने उसका हाथ पकड़ कर अपने खड़े लंड पर रख लिया. अब उसकी नींद खुल रही थी.
फिर मैं उसके उपर आया, और उसके होंठो से अपने होंठ चिपका दिए. होंठो के जुड़ते ही उसकी नींद खुल गयी. वो झटपटाने लगी, और मुझे धक्के देने लगी. लेकिन मैं उसके होंठ चूस्टा रहा. बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर फाइनली वो मुझे पीछे करने में कामयाब हो गयी. वो बेड से उठ गयी और बोली-
पूजा: जीजू आप ये क्या कर रहे थे. आपको शरम नही आती? मैं आपकी बेहन जैसी हू.
मैं: तुम मेरी साली हो, और साली आधी घरवाली होती है.
पूजा: अगर आपने मेरे साथ कुछ ऐसा-वैसे किया, तो मैं चिल्लौंगी.
मैं: चिल्ला, ज़ोर से चिल्ला. तू मेरे घर में है. तुम लोग खाना मेरा खा रहे हो. तेरे बाप का इलाज मैं करवा रहा हू. अगर चिल्लाएगी, तो ये सब भी अपने आप ही कर लेना. अगर इस सब के बदले में मैने कुछ एक्सपेक्ट कर लिया, तो क्या हो गया? जेया चली जेया, और लेजा अपनी मा और बेहन को भी.
ये सुन कर वो चुप हो गयी. फिर वो बोली-
पूजा: जीजू मैने आपको अपना भाई समझा है हमेशा.
मैं: फिर क्या हुआ जान. अब सैयाँ समझ लो.
ये सुन कर पूजा रोने लग गयी. मैं समझ गया था, की अब वो रेडी थी. फिर मैं उसके पास गया, और उसको पीछे से पकड़ लिया. मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे, और मैं उसकी गर्दन चूमने लग गया.
मेरा खड़ा लंड उसकी कोमल गांद को टच कर रहा था. उसकी साँसे अब तेज़ होने लगी थी. फिर मैने उसको अपनी तरफ घुमाया, और उसके आँसू पोंछे. मैने उसको बोला-
मैं: तुम्हे बहुत मज़ा आएगा मेरी जान.
ये बोल कर मैं उसके होंठ चूसने लग गया. साथ में मैं उसकी गांद भी दबा रहा था. 2-3 मिनिट में वो गरम हो गयी, और मेरा साथ देने लगी.
फिर मैने उसकी त-शर्ट और ब्रा उतार दी, और उसको बेड पर लिटा लिया. मैं पागलों की तरह उसके बूब्स चूसने लग गया. इससे वो और भी गरम हो गयी.
फिर मैं उसके बूब्स से नीचे कमर पर आया, और चूमने लगा. उसके बाद मैने उसकी लेगैंग्स उतार दी, और साथ ही पनटी भी उतार दी. उसकी छूट कुवारि थी, और उस पर थोड़े बाल भी थे.
कुवारि छूट ने मुझे पागल कर दिया. मैं कुत्टो की तरह उसकी छूट चाटने लगा. वो भी कामुकता भारी सिसकिया लेने लगी. उसकी छूट गीली हो चुकी थी. फिर मैं उसकी टाँगो के बीच आया, और अपना लंड उसकी छूट पर रगड़ने लगा.
उसने मुझे एक बार भी माना नही किया. फिर मैने एक ज़ोर का धक्का दिया, और मेरे लंड का टोपा उसकी छूट में चला गया. उसकी ज़ोर की चीख निकली, और मैने उसका मूह बंद कर लिया. पूजा की छूट इतनी टाइट थी, की मेरा लंड भी दुखने लग गया.
फिर मैं और ज़ोर लगा कर लंड पुश करता रहा. छूट से खून निकालने लगा, और कुछ ही सेकेंड्स में लंड पूरा अंदर चला गया. आहह.. क्या जन्नत का मज़ा था.
अब मैने पूजा की गरम छूट में धक्के लगाने शुरू कर दिया. पूजा आहह आहह कर रही थी, और मैं साथ में उसके बूब्स और होंठ चूस रहा था. उसकी गर्दन पर लोवे बाइट्स के निशान पद गये थे.
15 मिनिट तक मैं उसको उसी पोज़िशन में छोड़ता रहा. उसकी छूट ने 2 बार पानी छोढ़ दिया था. फिर मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया, और उसके मूह के पास कर दिया. वो समझी नही की उसको क्या करना था.
फिर मैने उसका मूह खोला, और लंड उसके मूह में डाल दिया. मैने उसके मूह में धक्के देने शुरू कर दिए. मैं किसी रंडी की तरह उसका मूह छोड़ रहा था. 5 मिनिट बाद उसके मूह को मैने अपने पानी से भर दिया. मैने लंड तब तक उसके मूह से नही निकाला, जब तक उसने सारा पानी पी नही लिया.
उस दिन के बाद से मैने बार-बार पूजा को छोड़ा. पहले-पहले उसने थोड़े नखरे किए, लेकिन अब तो वो खुद आके मेरे पास चुड्ती है. मेरी तो ऐश ही ऐश है.
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