मैं मंजू हू. एक बड़े किसान के घर पैदा हुई. चार भाई-बहनो में सबसे छ्होटी थी, इसलिए सबकी दुलारी थी. बहुत सुंदर तो नही थी, लेकिन लोग कहते थे की मैं बढ़िया और मस्त माल हू.
गाओं में कुछ मनचलो ने मुझे रगड़ा, चूचियाँ मसली, चुम्मा भी लिया, लेकिन चुदाई का कोई मौका नही मिला. 18त जानम-दिन गुज़रा और एक दुकानदार / होल-सेल्लर के बेटे धीरज से मेरी शादी हो गयी.
सुहग्रात को धीरज ने मुझे छोड़ा. मज़ा तो कुछ नही आया, लेकिन छूट में पहली बार लॉडा घुसा तो बहुत दर्द हुआ. अगली सात रात भी धीरज ने छोड़ा, लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ जिससे की मुझे छुड़वाने का बार-बार मॅन करे.
सभी मेहमान चले गये. मेरी 2 ननद थी. उनसे बढ़िया दोस्ती हो गयी थी, लेकिन वो भी चली गयी. अब घर में सिर्फ़ हम पति-पत्नी और सास-ससुर रह गये. एक मैड थी, जो सुबा शाम आ कर घर का काम कर देती थी.
सुहग्रात के 8त दे धीरज ने कहा, की उसको 4-5 दीनो के लिए मुंबई जाना था. अब मैं क्या बोलती? शाम की ट्रेन से धीरज चला गया. फिर रात हुई. मैं अपने बेड पर थी की सास आ गयी.
सास 40 साल से कम की थी. उनका कहना था, की बहुत ही छ्होटी उमर में धीरज पैदा हो गया था. खैर उस समय मेरी सास रेणु बहुत ही मस्त माल थी. मुझसे बहुत ही ज़्यादा अट्रॅक्टिव थी. सास को कमरे में देख कर मैं उठ कर बैठ गयी.
सास: बेटी, शादी के बाद किसी भी औरत को अकेले सोना अछा नही लगता है. तुम्हारे ससुर ने मुझसे कहा है, की जब तक धीरज नही है, मैं तुम्हारे साथ रात को राहु.
मुझे इसमे कुछ ग़लत महसूस नही हुआ. फिर भी मैने एक बार माना किया.
मैं: आपके बिना बाबू जी ( ससुर ) को ठीक से नींद नही आएगी.
सास: बेटी, अब तुम से क्या छुपाना. शादी को 23 साल हो गये है. एक ही आदमी के साथ हर रात वही काम करते-करते तक गयी हू.
सास किस काम से तक गयी थी, वो मैं समझ गयी थी. मैने मुस्कुराते और शरमाते हुए उनको देखा.
मैं: बाबू जी आपको रोज़ लगते है क्या?
सास: बहू, शर्मा क्यूँ कर रही है? आस-पास कोई और नही है. सिर्फ़ हम दोनो औरते है. हा, सिर्फ़ चार-पाँच दिन छ्चोढ़ कर तेरा बेटीचोड़ ससुर रोज़ छोड़ता है. हरामी को जब मौका मिलता है, तो रात ही क्या दिन में भी पेलता है. सच बोल बहू, धीरज जब तुझे छोड़ता है, तो बहुत मज़ा आता है ना? किसी और से भी चुडवाया है कभी?
शादी के पहले सहेलियों ने कहा था की मेरा घर वाला मुझे छोड़ेगा. उन्होने ये भी बताया था की चुदाई कैसे होती है. एक सहेली ने कहा था, की उसको चुदाई में इतना मज़ा आता है, की घर में दूसरो के रहते भी चुड़वति है. और अब सास खुल कर अपनी एक लौटी बहू से चुदाई की बात कर रही थी. मेरे मूह से सच निकल गया.
मैं: जैसा सहेलियों ने कहा था, आपका बेटा वैसा ही करता है. सात रात लगातार किया, लेकिन कभी ऐसा नही लगा की उसको फिर से लगाने बोलू, छोड़ने बोलू. और मा जी, मा काली की कसम, अपनी कसम, आपके बेटे के अलावा अब तक किसी और ने मुझे नंगा नही देखा है, और ना ही छोड़ा है.
मुझे समझ नही आया, लेकिन मेरी सास कुछ प्लान बना कर मेरे रूम में आई थी.
सास: किसी से बोलेगी तो भी कोई विश्वास नही करेगा. मैने शादी से पहले ही 2 मर्दों से काई बार चुडवाया था. शादी के बाद भी टीन आदमियों से काई बार चुडवाया है. लेकिन सच कहती हू, तेरे ससुर जैसा मज़ा और कोई नही देता है.
मैने अपने घर की किसी भी औरत के बारे में नही सुना था, की वो पति के साइवा दूसरो से चुड़वति थी. लेकिन मेरी सास खुल कर कह रही थी, की उसने शादी के पहले भी और शादी के बाद भी दूसरो से चुडवाया था. साथ ही ये भी कह रही थी, की उसका पति यानी मेरा ससुर ही सबसे बढ़िया छोड़ता था.
सास: तू सोच रही है की जब पति ही सबसे बढ़िया छोड़ता है, तो फिर मैं दूसरो से क्यूँ चुड़वति हू? बेटी, बस लॉडा पूरा टाइट रहना चाहिए. फिर दूसरे मर्द से छुड़वाने में, दूसरे लॉड को अपनी बर में लेने में, हर बार अलग तरह का मज़ा आता है.
सास: दूसरे मर्दों से छुड़वाने में और भी फ़ायदा है. चुडवाएगी दूसरो से? तेरी बर के लिए बढ़िया-बढ़िया लॉडा मिल जाएगा. लेकिन मुझे पहले देखने तो दे, की तू कैसी माल है. मर्दों को तेरी जवानी पसंद आएगी की नही?
मैं माना कर रही थी, लेकिन सास मुझसे कही ज़्यादा मज़बूत थी. उन्होने सिर्फ़ मुझे ही नंगा नही किया, खुद भी नंगी हो गयी. मैं पहली बार किसी औरत के सामने नंगी थी. पहली बार मैने किसी औरत को नंगा देखा था. कमरे में पूरी लाइट थी.
मैं 18-19 साल की, 5 फुट 3 इंच लंबी, वजन 53-54 क्ग्ज़, गोरा रंग, चूचियाँ 32 इंच की, एक-एक हाथ में आराम से आने वाली चूचियाँ, पतली 22 इंच की कमर, और चूतड़ भी छ्होटे ही थे. मेरी जांघें भी पूरी तरह से भारी नही थी. बर घने बालों के बीच च्छूपी थी. फिर सास ने मेरी चूचियों को दबाया.
सास: रानी तू सुंदर तो है. लेकिन तू अभी पूरी तरह जवान नही हुई है. देख कर ही लगता है की किसी ने तेरी चूचियों को ठीक से चूसा नही है. मेरी चूचियों को देख. किसी भी मर्द को बर के उपर इतना झाँत पसंद नही आता. तेरे ससुर ने सुहग्रात को खुद ही अपने हाथो से झाँत को सॉफ कर छ्चोढा था.
सास: हर 8-10 दिन बाद वो मेरी झांतो को सॉफ करता है. पहले बर को चूस चाट कर खूब गरम करता है, और फिर लॉडा बर के अंदर पेलता है. कुछ दूसरे लोग भी मेरी बर चूस्टे है.
सास: लेकिन जो मज़ा तेरे ससुर से बर चुसवाने, और उनके मस्त 8 इंच लंबे और मोटे लॉडा को बर के अंदर लेकर आता है, वैसा मज़ा कोई नही देता है. सभी मर्दों को मेरी जैसी माल को छोड़ने में बहुत मज़ा आता है.
मेरी सास रेणु की लंबाई मेरे ही जैसी थी. लेकिन वज़न कम से कम 65 क्ग्ज़ तो होगा ही. हेल्ती थी वो, लेकिन कही भी एक्सट्रा माँस नही था. बड़ी-बड़ी भारी दिखने वाली चूचियों को देख मेरा भी जी कर रहा था की खूब दबौं.
निपल्स के चारों तरफ का घेरा बड़ा था. कम से कम एक इंच रेडियस का घेरा था. सास का पेट मेरे जैसा अंदर की तरफ धंसा हुआ नही था, लेकिन पेट में सिलवाते नही थी. प्यूबिक एरिया मेरे प्यूबिक एरिया से दोगुना से भी ज़्यादा था. बिल्कुल चिकनी बर थी.
शायद उस दिन या पिछले दिन ही झाँत सॉफ की हो. मस्त-मस्त दिखने वाली जांघें थी. सास को नंगा देख कर मेरे अंदर जैसी खलबली मची, वैसी खलबली उस समय भी नही हुई थी जब धीरज ने पहली बार मेरे नंगे बदन को च्छुआ था. बर चूसने, चटवाने की बात मैने पहले कभी सुनी भी नही थी.
मैं: ची, बर कितनी गंदी होती है. वो भी कोई चूसने चाटने की चीज़ है. आप झूठ बोल रही है.
सास: नही बेटी, झूठ नही बोल रही हू. तेरे ससुर जैसा बर चूसने चाटने वाला हो तो चुदाई की कोई ज़रूरत नही. बिना बर में लॉडा पेले तेरे ससुर ने मुझे काई बार ठंडा किया है. विश्वास नही होता है तो बुला देती हू ससुर को. वो तेरी झाँत भी सॉफ कर देगा और बर चूस कर तुझे मस्त भी कर देगा.
सास: अपनी कसम, ना धीरज से कहूँगी, और ना ही किसी और से. तू बोल रही है की धीरज के साथ तुझे कुछ भी मज़ा नही आया. तो एक बार अपने ससुर से छुड़वा ले. तुझे खुद फराक मालूम पद जाएगा.
एक औरत अपनी बहू को ससुर से छुड़वाने बोल रही थी. लेकिन उस समय मुझे बर में कोई लॉडा नही चाहिए था. मैं देखना चाहती थी की बर चुसवाने में क्या मज़ा आता है.
मैं: ससुर जी आपकी बर रोज़ चूस्टे है ना? आप सीख गयी होंगी, की बर कैसे चूसी जाती है. मुझे विश्वास नही हो रहा है, की कोई मर्द बर जैसी गंदी जगह में मूह भी लगा सकता है. आप मेरी बर चूस कर मुझे ठंडा कीजिए.
सास को विश्वास नही हुआ की मैं उनसे बर चूसने के लिए बोल रही थी.
सास: अगर तुझे मेरा बर चूसना पसंद आएगा, तो अपने ससुर से और मेरे दूसरे यार से भी चुडवाएगी?
मैं: लेकिन आपके बेटे को पता चलेगा की मैने दूसरे से चुडवाया है, तो वो मुझे मारेगा, और घर से निकाल देगा.
सास: ना तेरे ससुर को मालूम होगा, की तू दूसरे से चुड़वति है, ना तेरे घर वालो को. मैं 23 साल से बाहर वालो से छुड़वा रही हू. किसी को कुछ नही मालूम. हम दोनो साथ मज़ा लेंगे. मर्दों को लूटेंगे, और किसी को पता भी नही चलेगा.
मैं बहुत गरम हो गयी थी. लेकिन धीरज ने छोड़ कर कुछ मज़ा नही दिया था, इसलिए चुदाई की नही बर चूसने का मज़ा चाहिए था.
मैं: मा जी, पहले मेरा बर चूसिए.
ये बोल कर मैं बेड पर फ्लॅट हो गयी. सास ने रूम का दरवाज़ा पहले ही अंदर से बंद कर दिया था. फिर सास बेड पर आई, और मेरी लेग्स को फैलाया.
उन्होने अपनी चिकनी बर से मेरी झांतो भारी बर, अपनी मस्त बड़ी चूचियों से मेरी चूचियों को रगड़ते हुए मेरे होंठो को चूसना शुरू किया. सास ने 20-25 सेकेंड्स करके काई बार होंठो को चूसा.
मुझे कोई फराक महसूस नही हुआ था. लेकिन जब वो चौथी बार होंठ चूसने लगी, तो दोनो हाथो से उसने मेरे निपल्स को मसलना शुरू किया. ये मुझे बहुत बढ़िया लगा.
मेरा बदन अपने आप ढीला हो गया. मैं भी उनके हेड को पकड़ उन्हे चूमने लगी. अचानक उन्होने चूचियों से एक हाथ हटाया, और मेरी झांतो को सहलाने लगे. मुझे बढ़िया लगा. फिर अचानक सास ने मेरी क्लिट को टिकल किया.
मैं: आ मा जी, बहुत बढ़िया लगा. फिरसे कीजिए ना.
और उसके बाद उनके दोनो हाथ और लिप्स मेरी क्लिट और बर के अंदर बाहर कुछ ना कुछ करते ही रहे. वो कभी क्लिट को उंगलियों से रगड़ती, तो कभी लिप्स के बीच लेकर चूस्टी. कभी बर की पंखुड़ियों को चबाती, तो कभी टंग टिप के साथ 2-2 उंगलियाँ एक साथ अंदर-बाहर करती रही.
धीरज सिर्फ़ बर में लॉडा पेलता था. 10-12 मिनिट पेल कर पानी गिरा कर निकल लेता था. और पिछली सात रातों में मुझे एक बार भी ऐसा नही लगा की मेरी बर को लंड की ज़रूरत है.
सास ने जैसा कहा था, बर छुड़वाने और चटवाने में बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था. सिर्फ़ मज़ा ही नही आ रहा था, ऐसा लग रहा था की मेरे पुर बदन में हज़ार वॉल्ट का करेंट दौड़ रहा हो.
मेरा पूरा बदन काँप रहा था. मैं साँप के जैसा फूँकार मार रही थी, और बर के अंदर मानो जैसे हज़ारो लाखों छींटियाँ दौड़ रही थी. अंग-अंग में ऐसी बेचैनी हो रही थी, जैसा पहले कभी नही हुआ था.
मैं: रंडी, कुटिया, हरांज़ाडी! क्या कर दिया तुमने? तेरे नमार्द बेटे ने सात बार छोड़ा. लेकिन कभी ऐसी गर्मी नही हुई, जैसा अभी हो रहा है. कुछ कर रंडी, नही तो मैं तो जल कर मारूँगी ही, ये पूरा घर भी जल कर राख हो जाएगा.
सास: तुझे किसी लंबे और मोटे लॉड से ज़बरदस्त चुदाई की ज़रूरत है.
मैं: कुटिया की औलाद, तुझे मालूम है तो जल्दी से कोई लॉडा ला, और मेरी बर की गर्मी ख़तम कर. जल्दी से ला कोई लॉडा.
उस समय मुझे मालूम हुआ की चुदाई की भूख कितनी तेज़ होती है. मैं बेड पर तड़पति रही. मेरी सास नंगी ही बाहर गयी, और तुरंत ही ससुर को लेकर आई.
ससुर: क्या हुआ बहू? ऐसे क्यूँ साँप जैसे फूँकार रही हो?
मुझे लॉडा की ज़रूरत थी.
मैं: हरामी, तुझे दिख नही रहा की इस कुटिया को क्या चाहिए? तेरे लॉड में भी दूं नही तो किसी कुत्ते या गढ़े को ही ले आओ. वही तेरी बहू को छोड़ कर ठंडा कर देगा.
लेकिन किसी कुत्ते या गढ़े के लंड की ज़रूरत नही थी. मैने ससुर के बेटे के लंड से भी तोड़ा बड़ा और मोटा लॉडा देखा. लॉडा टाइट हो कर मुझे सलामी दे रहा था. मैं वैसे ही टाँगों को फैलाए लेती रही. फिर ससुर जी ने लॉड को मेरी बर पर सेट किया. लेकिन ससुर जी धक्का मारते उससे पहले सास ने लॉडा पकड़ लिया.
सास: बिहारी बाबू ( ससुर जी ), बहू को तुमसे छुड़वा रही हू, हमे क्या इनाम मिलेगा?
ससुर जी मेरी बर में लॉडा पेलने के लिए बेकरार हो रहे थे. वो मेरी चूचियों को ज़ोर से मसालते हुए बोले-
ससुर: अपनी बहू की जवानी के बदले तुझे जो चाहिए सब दूँगा. जब से इस खूबसूरत माल को देखा है, तभी से इसकी कक़ची बर में घुसने के लिए मेरा लॉडा बेकरार है. बोल रंडी, बहू को ससुर से छुड़वाने का तुझे क्या चाहिए?
मैने सोचा की सास कोई कॉस्ट्ली ज्यूयलरी माँगेगी, लेकिन नही.
सास: अब से तुम जब चाहो, दिन में रात में, मेरे सामने, अपने बेटे के सामने भी बहू को छोड़ो. लेकिन उसके बदले हम दोनो सास बहू किसी भी दूसरे से चुडवाए तो तुम या तुम्हारा बेटा कभी माना नही करोगे.
मैने सोचा की ससुर जी बहुत नाराज़ होंगे. लेकिन उल्टा हुआ.
ससुर: आज से अभी से ये मंजू मेरी घरवाली है. धीरज को इसकी बर में लॉडा पेलना है, तो उसको मेरे सामने मेरे ही बेड पर मेरी माल को छोड़ना होगा. इसके बदले तुम दोनो जब चाहो किसी होटेल में अपने यार से छुड़वा सकती हो. लेकिन तुम दोनो सास-बहू अब हर रात मेरे साथ ही रहोगी.
और ससुर ने ऐसा छोड़ा की मेरा हड्डी पसली टूट गया. एक रौंद की चुदाई के बाद ससुर ने मेरी झाँते सॉफ की. मेरी बर को बहुत देर तक चूसा, छाता, और उस रात 2 बार और छोड़ा. टीन रौंद चुदाई के बाद मैं ससुर की मुफ़्त की गुलाम हो गयी.
चार दिन बाद धीरज आया, तो मैं उसको लेकर ससुर के बेड पर गयी. पहले मैने धीरज से एक बार चुडवाया, और उसके बाद बाप ने मेरी बर चूस चाट कर मुझे जाम कर छोड़ा, और बेटे को सीखते रहे, की औरत को कैसे छोड़ा जाता है.
अगले डूस साल में ससुर जी ने मुझे टीन बेटे दिए, लेकिन अब भी धीरज अपने बाप से सीख ही रहा है की चुदाई कैसे की जाती है. मैं अपने ससुर की घरवाली हू.