ही दोस्तों, मैं अनुभव वापस आ गया हू अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके. पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की किस तरह से मैं अपनी साली का दीवाना हो गया था.
हम लोग शादी पर गये थे, जहा उसने दुल्हन का हार चुरा लिया था. लेकिन मुझे ये बात पता चल गयी. फिर जब वो रूम में हार च्छुपाने गयी, तो मैं भी उसके पीछे चला गया, और उसको हार पंखे के उपर टाँगने को कहा.
फिर मैने उसको उठा लिया, ताकि वो हार टाँग सके. मुझे उसकी खुसबु पागल कर रही थी. मैं उसकी नाभि में अपना मूह डाल रहा था, और उसकी जांघें दबा रहा था. अब आयेज की कहानी.
मुझे अपनी साली का नशा हो गया था, और मुझसे अब कंट्रोल नही हो रहा था. मैने उसकी कमर पर किस करना शुरू हो गया. उसको भी ये महसूस हो गया था. फिर जब हार उपर सेट हो गया तो उसने मुझे उसको नीचे उतारने को कहा.
पहले तो मैने उसकी बात नही सुनी, और वैसे ही उसकी नाभि पर किस करता रहा. फिर उसने मुझे अपनी टाँग से एक झटका दिया, जिससे मेरा बॅलेन्स बिगड़ गया, और मैने उसको नीचे उतार दिया. अब वो बड़ी अजीब नज़रों से मुझे देख रही थी. लेकिन मैं अंजान बन कर उसको देख रहा था. फिर वो बोली-
पूजा: जीजू ये आप क्या कर रहे थे?
मैं: क्या कर रहा था?
पूजा: जब आपने मुझे उठाया था, तब क्या कर रहे थे?
मैं: कुछ नही.
पूजा: झूठ मत बोलिए. मैं सब जानती हू.
उसकी इस बात पर मैं उसके बिल्कुल करीब गया, और उसके फेस के पास फेस ले-जाके बोला-
मैं: जब सब जानती ही हो, तो चलो फिर करते है.
पूजा: ची जीजू! मुझे नही पता था आप मेरे बारे में ऐसा सोचते है.
और ये बोल कर पूजा बाहर जाने लगी. मैने पीछे से उसका हाथ पकड़ा, और उसको अपनी तरफ खींच कर अपनी बाहों में भर लिया. फिर मैने उसको बोला-
मैं: देख मेरी जान, मैं ऐसा सोचता तो नही था. लेकिन अबकी बार जब से तुझे देखा है, तुम मेरे दिमाग़ में घुस गयी हो. अब तो मुझे कैसे भी करके तुम्हारी जवानी का रस्स पीना है.
और ये बोल कर मैं उसको गर्दन पर किस करने लगा, और उसका पर्फ्यूम सूंघने लगा. पूजा अपने आप को मुझसे अलग करने के लिए झटपटा रही थी. फिर उसने मुझे ज़ोर से धक्का मारा, और अलग हो गयी.
वो मुझे बोली: जीजू! मैं आज ही दीदी को आपके बारे में बताती हू.
मैं: हहा, तो मैं अभी इस हार के बारे में सब को बता देता हू. इससे तुम्हारी इज़्ज़त तो जाएगी ही, तुम्हारे घर वालो की इज़्ज़त की भी धज्जियाँ उडद जाएँगी. फिर तुम जैल जाके अपनी इस जवानी का मज़ा वाहा के लोगों को देना.
मेरी ये बात सुन कर वो चुप हो गयी. फिर वो मुझे बोली-
पूजा: जीजू प्लीज़ इसके बारे में किसी को मत बताना.
मैं: नही बतौँगा, लेकिन अगर तुम मेरी बात मानो तो.
पूजा: क्या बात?
मैने उसी वक़्त अपनी पंत नीचे करके लंड बाहर निकाल लिया. मेरा खड़ा लंड देख कर पूजा हैरान हो गयी, और उसने अपने हाथ से अपनी आँखें बंद कर ली. फिर मैने उसको बोला-
मैं: अर्रे शर्मा क्यूँ रही हो? आओ, और इसको अपने मूह में लेके गीला करो.
पूजा: ये मेरे ये नही होगा जीजू. प्लीज़ ऐसा मत करो. ये सही नही है.
मैं: मैं कहा करना चाहता हू. मैं भी सही काम ही करना चाहता हू. मुझे भी जाके बता देना चाहिए हार का.
और ये बोल कर मैं पंत उपर उठाने लगा. तभी पूजा बोली-
पूजा: नही जीजू प्लीज़.
मैं: आजा अब नखरे मत कर.
पूजा की आँखों में आँसू थे, और वो मेरी तरफ आके अपने घुटनो पर बैठ गयी. फिर मैने अपना लंड पकड़ा, और उसके होंठो पर रगड़ने लगा. वो मूह बना रही थी. तभी मैने उसकी नाक बंद की, और जैसे ही उसने साँस लेने के लिए मूह खोला, तो मैने लंड उसके मूह में घुसा दिया.
इससे पहले की वो लंड बाहर निकालती, मैने उसके सर के पीछे हाथ रखा, और उसके मूह में धक्के देने लगा. बहुत मज़ा आ रहा था इतनी सेक्सी लड़की को अपना लंड चुसवाने में.
उसकी आँखों से आँसू, और मूह से लार तपाक रहे थे. मैने उसके बाल पकड़े, और धक्को की स्पीड बढ़ा दी. मेरा लंड उसके गले तक जेया रहा था, जिससे वो चोक हो रही थी.
फिर मैने उसको खड़ा किया, और उसको घुमा कर पीछे से दबोच लिया. अब मैं उसके ब्लाउस के उपर से उसके चूचे दबाने लग गया. वो रो रही थी, और उसकी साँस चढ़ रही थी.
फिर मैने उसको बेड पर सीधा लिटाया, और उसका ब्लाउस खोल कर उसके बूब्स बाहर निकाल लिए. एक-दूं मस्त बूब्स थे उसके, जो किसी ने आज तक टच नही किए थे. मैं उसके बूब्स पर टूट पड़ा, और ज़ोर-ज़ोर से आम की तरह छूने लगा. वो आहें भर रही थी, और रोना बंद हो चुकी थी.
शायद वो जानती थी, की रोने का कोई फ़ायदा नही था. फिर मैने उसको उल्टा घुमाया, और आधा बेड से नीचे कर दिया. अब उसकी कमर का उपर का हिस्सा बेड पर था, और नीचे का बेड से लटक रहा था. और उसके पैर ज़मीन पर लगे थे.
मैने पीछे से उसका लहंगा उठाया, और घुटनो पर बैठ कर उसकी पनटी निकाल दी. अब उसकी सेक्सी जांघें, मोटी गांद, और उसके बीच कुवारि छूट मेरे सामने थी.
मैं उसकी छूट देख कर पागल हो गया, और अपना मूह उसकी गांद में डाल कर छूट और गांद के च्छेद को चाटने लग गया. उसकी छूट पानी छ्चोढने लगी थी, और वो कामुक आहें भरने लग गयी थी.
अब उसको भी मज़ा आना शुरू हो गया था. मुझे बड़ा स्वाद आ रहा था उसकी छूट और गांद के च्छेद का. मैं और चूसना चाहता था, लेकिन इतना टाइम नही था.
फिर मैं खड़ा हुआ, और मैने उसी पोज़िशन में उसकी छूट पर लंड सेट किया. वो मुझे ऐसा ना करने के लिए मिन्नटे करने लगी. लेकिन मैं कहा सुनने वाला था. मैने ज़ोर का धक्का लगाया, और उसकी छूट फाड़ता हुआ मेरा लंड आधा अंदर चला गया.
उसकी चीख निकली, तो मैने उसके मूह को बिस्तर के गद्दे में दबा दिया. फिर 2 और ज़ोर के धक्के, और पूरा लंड अंदर, और खून बाहर. बड़ी टाइट छूट थी साली की, एक-दूं कड़क. बड़ा मज़ा आ रहा था.
फिर मैं ताबाद-तोड़ धक्के लगा कर उसको छोड़ने लग गया. बड़ा मज़ा आ रहा था. कुछ मिनिट्स में वो भी आ आ करने लगी. मैने अपने धक्को की स्पीड बधाई, और ठप-ठप की आवाज़े आने लगी. अब उसकी छूट में से खून नही, बल्कि पानी निकल रहा था.
मैं स्पीड बढ़ता गया, और धक्के मारते हुए मेरा पानी उसके अंदर ही निकल गया. फिर मैने अपना लंड उसकी गांद पर रग़ाद कर सॉफ किया, और अपने कपड़े ठीक किए.
इससे पहले वो खड़ी होती, मैने उसकी कुछ तस्वीरे अपने फोन में लेली, ताकि मैं आयेज भी उसको छोड़ साकु. फिर हम शादी की रस्मो के बाद वापस आ गये. वो हार अभी भी उसी के पास था.
अब मैं जब चाहे अपनी साली की छूट का मज़ा लेता हू.
दोस्तों कहानी कैसी लगी ज़रूर कॉमेंट करके बताना.