ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अजय है, और मैं उप का रहने वाला हू. मेरी उमर 21 साल है, और मैं कॉलेज में पढ़ता हू. फॅमिली में मेरी मैं, मेरा पापा, मेरी मम्मी, और मेरी 1 बड़ी बहन रहती है. मेरी एक बेहन की शादी 2 साल पहले हो चुकी है. मतलब टोटल हम 2 बहने और 1 भाई है.
मेरी सबसे बड़ी और शादी-शुदा बेहन का नाम प्रिया है. उसके हज़्बेंड का नाम किशोरे है. और मेरी दूसरी बेहन का नाम पायल है. ये कहानी मेरी बेहन पायल और मेरे जीजू किशोरे की है. तो चलिए अब मैं कहानी पर आता हू.
2 महीने पहले की बात है. हमारी फॅमिली ने दीदी और जीजू के साथ एक ट्रिप प्लान किया जाईपुर का. सब रेडी हो चुके थे, और सारी पॅकिंग भी चुकी थी. हम लोगों ने गाड़ी बुक करवाई हुई थी, और सब उसी में जेया रहे थे.
फिर हमारा सफ़र शुरू हुआ. सफ़र शुरू होते ही हम सब अंताक्षरी खेलने लग गये. मैने देखा की पायल जीजू पर कुछ ज़्यादा ही लटक रही थी, और स्माइल पास कर रही थी. मेरी बेहन पायल काफ़ी हॉट है. उसका रंग गोरा है, और फिगर 32-28-36 का है.
वो ज़्यादातर जीन्स, टॉप्स, और त-शर्ट्स ही पहनती है, जिनमे उसका फिगर और उभर कर आता है. उस दिन पायल ने वाइट त-शर्ट टाइट वाली, जिसमे उसके बूब्स काससे हुए पूरी शेप में नज़र आ रहे थे, पहनी थी. और आठ में ब्लू जीन्स थी, जिसमे उसकी गांद क़ास्सी हुई सेक्सी लग रही थी, पहनी थी.
मुझे अजीब लग रहा था, जब वो जीजू के साथ ज़्यादा ही मस्ती करने की कोशिश कर रही थी. हालाकी बाकी सब को देख कर ऐसा कुछ नही लगा मुझे की उनमे से कोई ये फील कर रहा था. फिर मैने सोचा शायद मुझे ही ग़लत-फहमी हुई थी.
फिर हम जाईपुर पहुँच गये. वाहा हमने होटेल में 2 बड़े रूम बुक किए हुए थे. एक रूम दीदी-जीजू के लिए, और दूसरा रूम हम चारों के लिए. दीदी जीजू काफ़ी देर हमारे ही रूम में थे. इस दौरान मैने देखा की पायल और जीजू एक-दूसरे को स्माइल पास कर रहे थे.
अब मेरा शक यकीन में बदल रहा था, की उन दोनो में कोई तो खिचड़ी पाक रही थी. फिर हम सब ने डिन्नर किया, और वो दोनो अपने कमरे में चले गये. उसके बाद हम सब सो गये.
फिर रात को करीब एक बजे मेरी आँख खुली. मैने इधर-उधर देखा तो मुझे याद आया हम होटेल में थे. तभी मैने देखा की मम्मी-डॅडी तो रूम में थे, लेकिन पायल नही थी. ये देखते ही मेरी नींद उडद गयी, और मैं जल्दी से खड़ा हो गया.
फिर मैं रूम के बाहर चला गया, और इधर-उधर देखने लगा. हमारे रूम से दो रूम्स के बाद दीदी-जीजू का कमरा था. मैं उनके रूम के बाहर गया, और हल्के हाथ से दरवाज़ा खोला. अंदर देखा तो सिर्फ़ दीदी सो रही थी, और जीजू वाहा नही थे. मैं समझ चुका था की पक्का दोनो कुछ करने गये थे. लेकिन क्या करने लगे थे.
फिर मैं नीचे जाने लगा. नीचे लॉबी में जाके मैने इधर-उधर देखा. लेकिन मुझे दोनो कही नज़र नही आए. फिर अचानक मेरी नज़र गाते पर पड़ी. वो दोनो हाथ में हाथ डाले बाहर जेया रहे थे. मैं जल्दी से उनके पीछे भागा.
वो होटेल के बाहर आके पीछे की तरफ चलने लगे. पीछे जंगल था, और पेड़ ही पेड़ थे. चलते-चलते वो दोनो पेड़ो के पीछे चले गये. मैं भी धीरे-धीरे उनके पीछे जेया रहा था. वाहा कोई भी नही था.
मेरी बेहन ने नाइट सूट पहना हुआ था, और जीजू भी कुर्ता पाजामा में थे. फिर वो दोनो एक पेड़ के पीछे जाके रुक गये. तब मेरी बेहन बोली-
पायल: जीजू ई लोवे योउ. मुझे प्यार करो ना.
उसके ये बोलते ही जीजू ने पायल को अपनी बाहों में लिया, और अपने होंठ उसके होंठो के साथ मिला दिए. वो मज़े से मेरी बेहन के होंठ चूसने लगे, जिसमे मेरी बेहन भी उनका पूरा साथ दे रही थी.
उनके हाथ मेरी बेहन की कमर पर थे, और उसके बूब्स जीजू की चेस्ट में डब्बे हुए थे. मैं उन दोनो को रोकना चाहता था, लेकिन पता नही क्यूँ नही रोका. कुछ देर दोनो की किस चलने के बाद जीजू ने पायल की त-शर्ट की ज़िप खोल दी.
फिर वो उसकी क्लीवेज चाटने लगे. मेरी बेहन अपनी ही बेहन के पति के चूमने से मदहोश हो रही थी. फिर जीजू ने पायल के एक बूब को ब्रा से बाहर निकाल लिया, और उसके निपल को मूह में डाल कर चूसने लग गये. इससे पायल और उत्तेजित हो गयी, और आ आह करने लग गयी.
कुछ देर जीजू ऐसे ही मेरी बेहन के बूब्स मसालते और चूस्टे गये. फिर वो नीचे घुटनो के बाल बैठ गये, और मेरी बेहन का पाजामा नीचे कर दिया. अब मेरी बेहन नीचे से सिर्फ़ पनटी में थी. क्या मस्त जांघें थी उसकी, मेरा भी देख कर खड़ा हो गया.
फिर जीजू ने पनटी नीचे की, और छूट पर मूह लगा लिया. इससे मेरी बहन की आहह निकल गयी. अब वो मज़े से मेरी बेहन की छूट को चाटने लग गये. पायल आ आ कर रही थी, और जीजू के बालों में हाथ फेर रही थी.
वो जीभ डाल-डाल कर पायल की छूट चाट रहे थे. कुछ देर ऐसा ही चला. फिर जीजू खड़े हो गये और पायल नीचे बैठ गयी. पायल ने जीजू का पाजामा नीचे किया, और उनका लंड अंडरवेर में से बाहर निकाल लिया.
उसने जीजू का लंड मूह में डाल लिया, और किसी सस्ती छिनाल की तरह उसको चूसने लग गयी. जीजू भी उसके मूह में धक्के देके उसका मूह छोड़ने लग गये. कुछ देर ऐसा करने के बाद वो फिरसे खड़ी हो गयी.
फिर जीजू ने मेरी बेहन को अपनी बाहों में उठाया और बेहन ने अपनी टांगे जीजू की कमर पे लपेट ली. जीजू ने अपना लंड पायल की छूट पर सेट किया, और उपर होके उसकी छूट में घुसा दिया. पायल की चीख निकली, पर जीजू ने उसका मूह बंद कर दिया. फिर जीजू लगातार उसकी छूट में धक्के लगाने लगे.
कुछ देर में उन्होने मेरी बेहन का मूह खोल दिया. अब वो मज़े से भारी सिसकारियाँ लेने लग गयी, और जीजू के लंड पर रंडी की तरह उछालने लग गयी. 20 मिनिट तक ऐसा ही चलता रहा. और फिर जीजू आ आ करते हुए उसकी छूट में ही झाड़ गये.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा लीजिए, और अगले पार्ट की वेट कीजिए.