तभी मैं नीचे बैठ गया, और सोनिया जी की टाँगो को फैला कर उनकी चिकनी चूत चाटने लगा। सोनिया जी चूत में गज़ब की महक दौड़ रही थी। उनकी काली घनी घटाओ में से अभी भी पानी बह रहा था। तभी सोनिया जी की सिसकारियां निकलने लगी।
“ओह्ह्ह सिसस आहह उन्ह सिसस आह्ह।”
अब मैं सोनिया जी की चिकनी चूत को सबड़-सबड़ कर चाट रहा था। सोनिया जी की चूत सफेद माल से लबालब भरी हुई थी। मैं सोनिया जी की चूत की खुशबु से पागल सा हो रहा था।
“ओह्ह्ह रोहित जी आराम से चाटो। ओह्ह्ह आह्ह सिसस।”
लेकिन मैं सोनिया जी की चूत को कस कर चाट रहा था। सोनिया जी पलंग पर बुरी तरह से कसमसा रही थी। मैं नीचे बैठ कर सोनिया जी की चूत का जम कर मज़ा ले रहा था। लंबे समय से मेरी सोनिया जी की चूत चाटने की इच्छा थी जो आज पूरी हो रही थी। एक-दम मक्खन जैसी चूत थी सोनिया जी की।
“उँह सिसस् आह्हा आहह ओह्ह्ह मम्मी। आहह सिसस्।”
मैं सोनिया जी की जांघे पकड़ कर उनकी चूत के रस को पी रहा था। सोनिया जी बिन पानी की मछली की तड़प रही थी। अब मैं सोनिया जी की चूत के दाने को खुजाने लगा। तभी सोनिया जी बहुत ज्यादा तड़प उठी।
“ओह्ह्ह मम्मी मर गईई आह्हा सिसस उन्ह आह्हा सिसस्।”
मैं सोनिया जी की चूत को बुरी तरह से चाट रहा था। सोनिया जी अब दर्द के मारे चादर को मुट्टियों में समेटने लगी थी। मैं सोनिया जी की चूत में जीभ से तगड़ा हमला कर रहा था। अब सोनिया जी मेरे मुँह को उनकी चूत पर से हटाने की कोशिश करने लगी।
लेकिन मैं सोनिया जी की चूत पर कब्जा कर चुका था।
“आहह आह सिसस आईई ओह्ह्ह रोहित जी। रुक जाओ अब थोड़ी देर। मेरा पानी निकल जाएगा।”
सोनिया जी अब झड़ने की कगार पर पहुँच चुकी थी। वो अब बुरी तरह से झल्ला रही थी। तभी सोनिया जी ने मेरे सिर को पकड़ कर जोर से उनकी चूत पर दबा दिया और फिर क्या था।
सोनिया जी की चूत से फव्वारा फुट पड़ा। सोनिया जी बहुत बुरी तरह से पानी-पानी हो चुकी थी।
“ओह्ह्ह रोहित जी मर् गईंई मैं तो।”
अब मैं सोनिया जी के गरमा-गरम माल को चाटने लगा। सोनिया जी पसीने में लथ-पथ होकर अब मेरे बालों को सहला रही थी। मैं मजे से सोनिया जी का पानी पी रहा था।
“सिसस्ससस्स रोहित जी पी लो मेरा पानी।बहुत इच्छा थी ना आपकी ओह सिसस्ससस्स।”
मैं सोनिया जी की चूत को चाट-चाट कर पूरा मज़ा ले रहा था। सोनिया जी तो बुरी तरह से नसते-नाबूत हो चुकी थी। सोनिया जी आराम से उनकी चूत का पानी पिला रही थी। फिर मैंने बहुत देर तक सोनिया जी की चूत चाटी।
अब मेरा लंड फिर से सोनिया जी की चूत के परखच्चे उड़ाने को तैयार हो चुका था। अब मैं खड़ा हो गया और फिर से सोनिया जी चूत में लंड फिट कर दिया। अब मैं सोनिया जी को फिर से बजाने लगा। सोनिया जी फिर से मेरे लंड के तूफ़ान में उड़ने लगी।
“आह्ह आह्ह ओह्ह्ह मम्मी आहह आह्ह।”
“ओह्ह्ह सोनिया जी आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह बहुत ही मस्त चूत है आपकी।”
“ओह्ह्ह रोहित जी आपका लंड भी बहुत ही कमाल का है। बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह खूब पेले जाओ। आह्ह आह्ह ओह्ह्ह मम्मी।”
“हाँ सोनिया जी आज तो खूब बजाऊंगा आपको। मेरा लंड बहुत ही प्यासा है।”
“बजा लो रोहित जी। आहह आहह मुझे तो आपसे ठुकवाने में बहुत ही मज़ा आ रहा है। आहह आहह बहुत सुकून मिल रहा है। आहह आहह ओह्ह्ह मम्मी।”
मैं खड़े-खड़े सोनिया जी को जम कर बजा रहा था। मेरे लंड के तूफान से पलंग फिर से चुड़-चुड़ करने लगा था। सोनिया जी अब सारी शर्म लाज को ताक पर रख कर लपक कर लंड ले रही थी। मैं भी सोनिया जी चूत में लपक कर लंड पेल रहा था। मेरे लंड के तूफान से सोनिया जी के बोबे बहुत उछल रहे थे।
“सोनिया जी आपके आमों को समभालो। बहुत उछल रहे है।”
“उछलने दो रोहित जी। इनको को भी तो उछलने का मौका बड़ी मुश्किल से मिलता है।”
“हाँ सोनिया जी।”
मैं सोनिया जी को धुंआधार तरीके से चोद रहा था। मेरा लंड उनकी चूत के अंतिम छोर तक घुस रहा था। आज मिले मौके का मैं जम कर फायदा उठा रहा था। सोनिया जी की मादक आवाजे मेरे लंड को सुकुन पहुंचा रही थी।
“आहह आहह सिसस् आहह ओह्ह्ह मम्मी।”
फिर मैंने सोनिया जी को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब मैं भी पलंग पर आ गया और फिर से सोनिया जी के ऊपर चढ़ गया। अब मैंने फिर से सोनिया जी के रसीले बोबों को मुँह में भर लिया और उन्हें चूसने लगा।
“आहह सिसस ओह्ह्ह रोहित जी अच्छे से चूस लो। आहह बहुत रस भरा है इनमें।”
मैं रगड़ कर सोनिया जी के बोबों को चूस रहा था। सोनिया जी रसीले बोबों को चूसने में मुझे अलग ही मज़ा आ रहा था।
“ओह्ह्ह रोहित जी आहा आज पूरा निचोड़ दो मेरे बोबों को। आहह बहुत अच्छा लग रहा है।”
मैं अच्छे से निचोड़ कर सोनिया जी के बोबों को चूस रहा था। सोनिया जी भी अब बिंदास होकर उनके बोबों की चुसाई करवा रही थी। सोनिया जी को बोबे चुस्वाने में बहुत मज़ा आ रहा था।
“आहह सिसस ओह्ह्ह रोहित जी।”
फिर मैंने अच्छी तरह से सोनिया जी के बोबों को निचोड़ डाला। अब मैंने सोनिया जी को पलट कर मेरे ऊपर ले लिया। अब सोनिया जी मेरे ऊपर आ चुकी थी। तभी सोनिया जी समझ गई कि मैं उनसे क्या चाहता हूँ?
तभी सोनिया जी ने उनके होंठ मेरे होंठो में फंसा दिए और अब सोनिया जी मेरे प्यासे होंठो को अपने रसीले होंठो से खाने लगी। सोनिया जी भूखी शेरनी बन कर अब मेरे होंठो पर टूट पड़ी थी। वो झमाझम मेरे होंठो को खा रही थी।
सोनिया जी के सुनहरे बालों ने मेरे चेहरे को पूरा ढक दिया था। मैं सोनिया जी की गदराई पीठ को सहला रहा था।
अब सोनिया जी मेरी चेस्ट पर आ गई और जम कर किस करने लगी। सोनिया जी के सुनहरे बाल अब मेरी चेस्ट पर बिखर रहे थे। सोनिया जी ज़ोरदार तरीके से किस कर रही थी। वो अब अपनी कलाकारी दिखाने में लगी हुई थी।
“ओह्ह्ह सोनिया जी। आप तो बहुत हॉट हो। बहुत मजा आ रहा है।”
सोनिया जी को देख कर लग रहा था, कि शायद भाभी जी की चूत बहुत टाइम से प्यासी थी। तभी सोनिया जी को आज अपनी हवस मिटाने का पूरा मौका मिल रहा था। मैं सोनिया जी को अपनी हवस मिटाने का पूरा मौका दे रहा था।
फिर सोनिया जी किस करती हुई मेरे लंड पर आ गई। अब सोनिया जी मेरे लंड के आस-पास किस करने लगी। सोनिया जी बहुत ही गजब खिलाड़ी नज़र आ रही थी। अब सोनिया जी ने मेरे लंड को पकड़ा, और फिर वो मेरे लंड के टट्टों को चाटने लगी।
“ओह्ह्ह सोनिया जी बहुत ही सेक्सी हो आप, आहह।”
अब सोनिया जी लबालब मेरे टट्टों को चाट रही थी। फिर सोनिया जी ने मेरे लंड को मुट्ठी में लिया और उसे मसलने लगी।
“बहुत ही मस्त हथियार है आपका।”
“हाँ सोनिया जी लेकिन ये हथियार बहुत ही प्यासा है।”
“कोई बात नहीं रोहित जी, मैं पूरी प्यास बुझा दूंगी।”
“हाँ सोनिया जी। बुझा दो।”
सोनिया जी कस कर मेरे लंड को मसल रही थी। सोनिया जी को मेरा लंड कसने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी फिर सोनिया जी ने मेरा लंड बुरी तरह से मसल डाला और मेरा लंड फिर से लोहे की रॉड जैसा बन गया।
अब सोनिया जी झुक गई और फिर से मेरे लंड को चूसने लगी।
“आह्ह सोनिया जी आह्ह बहुत अच्छा लग रहा है आह्हा।”
सोनिया जी लबालब मेरे लंड को चूस रही थी। सोनिया जी को मेरा लंड चूसने में जन्नत का मज़ा मिल रहा था। तभी मैंने सोनिया जी के कंधो पर टाँगे रख कर उनके गले को टांगो में फंसा लिया। सोनिया जी जम कर मेरा लंड चूस रही थी।
“ओह सोनिया जी। आह्ह बससस्स ऐसे ही चूसती रहो, आह्ह।”
सोनिया जी के बाल बार-बार सोनिया जी के काम में रोडा बन रहे थे। तभी मैं सोनिया जी के बाल सम्हालने लग गया। अब सोनिया जी आराम से फ्री होकर मेरा लंड चूस रही थी। वो जोरदार झटके दे रही थी।
“ओह्ह्ह सोनिया जी आहह बहुत मजा आ रहा है। आहह आप तो एक-दम मंझी हुई खिलाड़ी हो।”
सोनिया जी मेरे लंड को जम कर चूस रही थी। सोनिया जी मेरे लंड को लॉलीपॉप बनाने में लगी हुई थी। वो मेरे लंड को चूस चूसकर लाल कर चुकी थी लेकिन सोनिया जी अभी भी रुकने का नाम नही ले रही थी।
“ओह्ह्ह् सोनिया जी बहुत मज़ा देती हो आप तो। आहह बहुत अच्छा लग रहा है। सोनिया जी पूरा लंड मुँह में लो ना।”
तभी सोनिया जी मेरे मोटे तगड़े लंड को पूरा मुँह में लेने की कोशिश करने लगी। लेकिन सोनिया जी मेरे लंड को मुँह में पूरा नहीं ले पा रही थी। सोनिया जी लंड चूसने का पूरा मज़ा ले रही थी।
“ओह्ह्ह् सोनिया जी ऐसे तो आपकी बहन भी नहीं चूसती है। आप तो कमाल की माल हो।”
फिर सोनिया जी ने बहुत देर तक मेरे लंड को चूसा। अब मैंने सोनिया जी का हाथ पकड़ा और उन्हें मेरे ऊपर खींच लिया। अब मैं सोनिया जी से मेरे लंड की सवारी करने के लिए कहने लगा। तभी सोनिया जी शरमाने लगी।
“रोहित जी सवारी करना नही आता मुझे।”
“अब ज्यादा बेवकूफ मत बनाओ आप। सब आता है आपको।”
“अरे यार आप………
तभी सोनिया जी मुस्कुराती हुई मेरे लंड को चूत में सेट करने लगी। अब सोनिया जी लंड को चूत में सेट कर धीरे-धीरे मेरे लंड की सवारी करने लगी।
“ओह आहाहाह आहाहा उँह सिसस्ससस्स। आहाहाह आह्ह।”
“ओह सोनिया जी आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा रहा है।”
सोनिया जी उछल-उछल कर चुद रही थी। सोनिया जी के हर झटके के साथ ही उनके बोबे ज़ोर-ज़ोर से हिल रहे थे। सोनिया जी को मेरे ऊपर चढ़ कर चुदाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। वो लपक कर लंड ले रही थी।
“उँह ओह सिसस ओह्ह् रोहित जी। आह्ह।”
“ओह्ह् सोनिया जी, बहुत ही गजब की खिलाड़ी हो आप। आहह, आपके आगे तो आपकी बहन फैल है।”
“आहह आहह ओह्ह्ह् आहह।”
सोनिया जी जोर-जोर से झटके मार रही थी। सोनिया जी की चुदास को देख कर लग रहा था कि सोनिया जी की ताबड़-तोड़ ठुकाई हुए कई साल बीत चुके थे। आज सोनिया जी मेरे साथ पूरी खुल चुकी थी। वो फूल स्पीड में चूत में लंड ले रही थी। अपनी बड़ी साली से लंड की सवारी करवाने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
“आहा सिससस्स आह्ह ओह मम्मी। आह्ह सिससस्स आह्ह। ओह।”
“ओह सोनिया जी। बहुत मज़ा आ रहा है। आहा।”
फिर थोड़ी देर के बाद सोनिया जी हांफने लगी और उनका का पानी निकल गया। अब सोनिया जी मुझसे लिपट गई। सोनिया जी बुरी तरह से थक चुकी थी।