ही दोस्तों, मैं रूबल अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. आशा है की आप सब को पिछला पार्ट पसंद आया होगा. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो प्लीज़ पहले जाके उसको पढ़े.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था की मुझे पूजा को छोड़ना था. फिर जिस दिन मैं अपनी बीवी के साथ उसके चाचा-चाची के घर गया, उस दिन मुझे पूजा को छूने का पहली बार मौका मिला. मुझे चाची ने उसकी हेल्प करने को कहा, और हेल्प करते हुए मैने उसके होंठ और बूब्स चूस कर उसको गरम कर दिया.
तभी चाची ने नीचे से आवाज़ डेडी, इसलिए हम दोनो आयेज कुछ नही कर पाए. लेकिन मैने उसको सिड्यूस करने का काम कर लिया था. अब आयेज बढ़ते है.
उस दिन इससे ज़्यादा और कुछ नही हो पाया. घर आने के बाद मैं ये उमीद कर रहा था, की पूजा मुझे मेसेज करेगी. लेकिन मुझे कोई मेसेज नही आया. मैं भी उसको पहले मेसेज नही करना चाहता था. मुझे लगा शायद वो अभी भी दर्र रही थी. या ये भी हो सकता था की वो उत्तेजना बढ़ाना चाहती हो.
कुछ दिन बीट गये, और मुझे सुबा-शाम उस दिन के ही ख़याल आ रहे थे, जिस दिन मैने पूजा को चूसा था. अब मैं अपनी बीवी को रोज़-रोज़ ससुराल जाने के लिए भी नही बोल सकता था, क्यूंकी उसको शक हो सकता था. फिर मैने बस वेट करने का फैंसला किया.
वो कहते है ना की अगर आप किसी चीज़ को पूरी शिद्दत से चाहते हो, तो भगवान भी उसको पाने का मौका आपको ज़रूर देता है. 20 दिन बाद मेरी बीवी का आधी रात को फोन बजा. वो गहरी नींद सो रही थी, लेकिन फोन की आवाज़ से मेरी नींद खुल गयी. मैने फोन देखा, तो वो मेरे सेयेल का फोन था. फिर मैने कॉल पिक की और बोला-
मैं: हंजी सेयेल साब, इतनी रात कैसे फोन किया? सब ठीक है?
साला: जीजू पापा की तबीयत अचानक से खराब हो गयी है. मैं और मम्मी उनको हॉस्पिटल ले आए है. आप और दीदी जल्दी आ जाओ.
फिर मैने जल्दी से अपनी बीवी को उठाया, हम लोग रेडी हुए, और गाड़ी में बैठ कर हॉस्पिटल पहुँच गये. वाहा जाके देखा, तो चाचा को माइनर हार्ट अटॅक आया था. मेरे सास-ससुर भी वही पर थे. लेकिन पूजा को वो घर का ध्यान रखने के लिए वही छ्चोढ़ आए थे.
वही बैठे-बैठे सुबा हो गयी थी. डॉक्टर ने ट्रीटमेंट तो कर दिया था, लेकिन आज का दिन ख़तरा अभी बना हुआ था. सुबा सब लोग वही बातरूम में फ्रेश हो गये. अब सब को भूख लगी थी, तो मैं कॅंटीन से सब के लिए नाश्ता लेने गया. लेकिन कॅंटीन बंद थी.
जब ये बात मैने सब को बताई, तो ससुर जी बोले: ऐसा करते है, पूजा को फोन कर देते है की वो नाश्ता बना दे. फिर कोई जाके घर से ले आना नाश्ता.
तभी मेरा साला बोला: मैं चला जाता हू.
तभी मेरा माता तनका और मुझे ख़याल आया की ये मेरे लिए बहुत अछा मौका था. मैं झट से बोल पड़ा-
मैं: मैं चला जाता हू, तू यही रुक. कोई ज़रूरत पड़ी तो तेरा होना ज़रूरी है.
मेरे सेयेल ने हामी भर दी, और मैं उसी वक़्त हॉस्पिटल से निकल गया चाचा के घर की तरफ. मैने फुल स्पीड पर गाड़ी चलाई, और 10 मिनिट में उनके घर पहुँच गया. जब मैने बेल बजाई, तो पूजा ने दरवाज़ा खोला. उसने कुरती के साथ लेगैंग्स पहनी हुई थी.
टाइट कुरती में से उसकी डीप क्लीवेज दिख रही थी, क्यूंकी उसने दुपट्टा नही लिया था. और नीचे लेगैंग्स में उसकी जांघें मस्त सेक्सी लग रही थी. वो मुझे देख कर हैरान हो गयी. उसको अंदाज़ा नही था की मैं वाहा आने वाला था. मैने सबसे पहले उसको पूछा-
मैं: तुमने मेसेज नही किया?
पूजा: आपने भी तो नही किया.
मैं समझ गया की वो भी राज़ी थी, लेकिन मेरे मेसेज करने की वेट कर रही थी.
मैं: अंदर नही बुलाओगी.
वो मुस्कुरा कर साइड हो गयी, और मैं अंदर चला गया. फिर उसने दरवाज़ा बंद किया, और मेरे पास से निकल कर अंदर जाने लगी. मैने उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया. तभी वो बोली-
पूजा: यहा नही, उपर चलते है.
फिर हम उपर उसके बेडरूम जाने लगे. मैं उसके पीछे था, और सीडीयान चढ़ते हुए उसकी मटकती गांद देख रहा था. उसकी गांद मेरी प्यास और बढ़ा रही थी. फिर जैसे ही हम रूम में पहुँचे, मैने उसकी बाहों में भर लिया.
हम दोनो के होंठ मिले, और हम पागलों की तरह किस करने लग गये. मैं किस करते हुए उसकी मोटी गांद दबा रहा था.
किस करने के बाद मैने उसकी क्लीवेज में मूह डाल लिया. क्या मस्त खुशु थी उसके बदन की. उसकी ब्रेस्ट की तपिश मुझे बहुत मज़ा दे रही थी.
फिर मैने कुर्सी नीचे से पकड़ी, और उपर करके उतार दी. साथ ही मैने उसकी ब्रा भी निकाल दी. अब उसके रसीले बड़े-बड़े बूब्स मेरे सामने थे. मैं उसके बूब्स पर टूट पड़ा, और उन्हे प्यासों की तरह चूसने लगा. वो भी मेरे सर को अपने बूब्स में दबाने लगी, और आ आ करने लगी.
बड़े खूबसूरत बूब्स थे उसके. उनमे हरी-हरी नर्व्स दिख रही थी. उसके निपल्स को मैने चूस-चूस कर लाल कर दिया था, लेकिन वो मुझे और चूसने के लिए बोल रही थी. उसके निपल्स एक-दूं अकड़ चुके थे.
फिर उसने मेरी शर्ट उतरी, और मेरे सीने को चूमने लगी. सीना चूमते हुए वो नीचे चली गयी, और मेरी पंत की बेल्ट खोल कर पंत निकाल दी. अब अंडरवेर में खड़ा हुआ मेरा मोटा लंड उसके सामने था. मेरे लंड को उसने अंडरवेर के उपर से पकड़ा, और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. तभी मैने उसको बोला-
मैं: प्यार करो इसको.
फिर उसने मेरा अंडरवेर नीचे किया, और मेरा लंड उछाल कर बाहर निकला. मेरा लंड देखते ही वो बोली-
पूजा: हाए राम, ये तो बहुत तगड़ा है. आपके सेयेल की तो छ्होटी सी लुल्ली है.
मैं: आज तुझे मेरा ये लंड असली चुदाई का मज़ा देगा. ऐसा मज़ा, जो तुझे हमेशा के लिए मेरे लंड की दीवानी बना देगा.
फिर उसने मेरे लंड को हिलना शुरू किया. मेरा लंड उसके हाथ में फिट नही हो रहा था. हिलाते-हिलाते उसने मेरे लंड के टोपे पे अपनी जीभ फिराई.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आ रहा हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ जितना हो सके शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद.