ही दोस्तों, मैं रूबल अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. आशा है की आप सब को पिछला पार्ट पसंद आया होगा. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो प्लीज़ पहले जाके उसको पढ़े.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की मेरे सेयेल की शादी पूजा नाम की लड़की से हुई थी, और शादी के कुछ ही दीनो में उनके झगड़े शुरू हो चुके थे. पूजा बहुत सेक्सी थी. जब मैने उससे बात की, तो मुझे पता चला की मेरा साला उसको फिज़िकली सॅटिस्फाइ नही कर पाता था.
मैं तो पहले से ही पूजा पर आँख रखे बैठा था, तो मैने पूजा को इनडाइरेक्ट्ली मेरे साथ सेक्स करने का ऑफर दे दिया. फिर मैं उसके जवाब का इंतेज़ार करता रहा. लेकिन मुझे कोई जवाब नही मिला. फिर जब अगली बार हम चाचा-चाची के घर गये, तो उन्होने मुझे अलमारी के उपर से समान उतारने के लिए पूजा की हेल्प करने को कहा.
रूम में सिर्फ़ मैं और पूजा थे. पूजा ने जीन्स और त-शर्ट पहनी हुई थी, और वो बहुत सेक्सी लग रही थी. मैने उसको स्टूल पर चढ़ा दिया था, क्यूंकी वो स्टूल मेरे वज़न से टूट सकता था. और मैं स्टूल पकड़ कर खड़ा हो गया. अब आयेज.
पूजा उपर होके समान उतारने लगी, और मेरा फेस पीछे से उसकी गांद पर था. क्या मस्त गांद लग रही थी. उसकी गांद देख कर तो दिल कर रहा था, की उसकी जीन्स फाड़ डू, और नंगी करके उसको वही छोड़ना शुरू कर डू.
जब वो उपर होती, तो उसकी त-शर्ट थोड़ी उपर उठ जाती. इससे मुझे उसकी सेक्सी कमर का नज़ारा देखने को मिल जाता. दोस्तों ऐसा सीन देख कर भला किसका खुद पर कंट्रोल रहता है? मेरा कंट्रोल भी जेया रहा था, और मेरा लंड मेरी पंत के अंदर खड़ा हो चुका था.
बहुत कोशिशो के बावजूद भी पूजा का हाथ समान तक नही पहुँच रहा था. फिर उसने मेरी तरफ देखा, और बोली-
पूजा: मेरा हाथ अभी भी नही पहुँच रहा. तो मैं उतार रही हू.
मैं: अर्रे रूको तो. मैं तुम्हे उठता हू, और तुम जल्दी से समान खींच लेना.
पूजा: नही ये ठीक नही रहेगा.
मैं: रहेगा बिल्कुल रहेगा. अगर तुम्हे कोई परेशानी है, तो मैं चाची जो को पूच लेता हू.
पूजा ये जानती थी, की अगर मैने चाची से पूछा तो वो मेरी बात ही मानेंगी. तो वो पूछने से पहले ही मान गयी. उसके हा कहने पर मेरा मॅन और खुश हो गया, क्यूंकी मुझे अब उसको छूने का मौका मिलने वाला था.
फिर उसने दोबारा दूसरी तरफ फेस किया. मैने पीछे से उसकी जांघों को अपनी बाहों में लिया, और उसको उपर उठा दिया. क्या मस्त सेक्सी जांघें थी मोटी-मोटी. उसकी गांद मेरे मूह से टच हो रही थी, और उसके जिस्म की खुश्बू मुझे पागल कर रही थी. उसकी त-शर्ट उपर उठने से मुझे फिरसे उसकी कमर दिख रही थी.
उपर से उसका समान तक हाथ पहुँच चुका था, और वो उसको अपनी तरफ खींच रही थी. मुझे लगा मेरे पास यही मौका था, तो मैने उसकी नंगी कमर पर किस किया, और जीभ फिरने लगा. मेरी जीभ लगते ही वो काँप गयी, और ज़ोर से हिली. इससे मैं अनबॅलेन्स हो गया, और वो हम दोनो गिर पड़े.
अब मैं नीचे था, और वो मेरे उपर. हम दोनो के चेहरे बिल्कुल करीब थे, और साँसे तेज़ थी. तभी उसने उठने की कोशिश की, लेकिन मैने उसको अपनी बाहों में पकड़ लिया. वो बोली-
पूजा: छ्चोढिए मुझे.
मैं: तुमने मुझे जवाब नही दिया.
पूजा: मुझे कोई जवाब नही देना, आप छ्चोढिए मुझे.
लेकिन मैने उसको नही छ्चोढा. फिर वो ज़ोर का धक्का लगा कर मुझसे अलग हुई, और खड़ी हो गयी. समान भी हमारे साथ ही नीचे गिर गया था, तो उसने समान उठाया, और नीचे जाने लगी.
मैने जल्दी से खड़े होके उसका हाथ पकड़ा, और उसको नीचे जाने से रोक लिया. वो मुझसे अपना हाथ च्चूदवाने की कोशिश करने लगी, लेकिन मैने उसको खींच कर अपनी बाहों में भर लिया.
वो बोली: ये सही नही कर रहे आप.
मैं: शायद आज मैं ग़लत करने के मूड में हू.
फिर मैने उसको अलमारी के साथ लगा लिया. वो ज़ोर लगा रही थी, मुझे डोर करने के लिए. लेकिन इस बार मेरा उसको जाने देने का कोई इरादा नही था. हम दोनो की साँसे तेज़ थी, और फेस आमने-सामने. मैने उसके हाथो को दीवार के साथ उसके कंधो के बराबर लगाया हुआ था. अब मुझे उसको किस करना था.
मैने अपना फेस आयेज बढ़ाया, लेकिन उसने अपना फेस साइड कर लिया, इसलिए होंठो का मिलन नही हो पाया. पर मैने उसकी गर्दन चूमनि शुरू कर दी. कुछ देर गर्दन चूमने के बाद मैने एक हाथ से उसके बाल पकड़ कर फेस सीधा किया, और अपने होंठ उसके रसीले होंठो से चिपका दिए.
अब मैं उसके होंठो का रस्स-पॅयन कर रहा था. 5 मिनिट तक मैं लगातार किस कर रहा था. पहले 2 मिनिट तो उसने मेरा साथ नही दिया, लेकिन फिर देने लगी. मैं समझ गया की अब वो गरम हो चुकी थी. ये देखते हुए मैने उसके हाथ छ्चोढ़ दिए.
हाथ छ्छूट-ते ही उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया. मैं अपने हाथ सीधे उसकी सॉफ्ट गांद पर ले गया, और उसको दबाने लग गया. इससे उसकी किस और वाइल्ड हो गयी. अब मैं ज़ोर-ज़ोर से उसके चूतड़ दबा रहा था, और उसके होंठो का रस्स पी रहा था.
फिर हम अलग हुए, और मैने उसकी गर्दन चूमनि शुरू कर दी. वो मुझे अपनी आगोश में दबा रही थी. गर्दन चूमते हुए मैने अपने दोनो हाथ उसके बूब्स पर रखे, और उनको दबाना शुरू कर दिया. वो मदहोश होने लगी.
फिर मैने उसकी त-शर्ट उठाई, और ब्रा के नीचे से उसके बूब्स बाहर निकाल लिए. मस्त बूब्स थे उसके, और निपल्स आकड़े हुए थे. मैने उसके एक निपल को अपने मूह में लेके चूसना शुरू कर दिया, और दूसरे बूब को दूसरे हाथ से दबाने लगा.
तभी हमे नीचे से चाची की आवाज़ आई: बेटा, समान मिला के नही.
हम जल्दी से अलग हुए और पूजा बोली: मम्मी मिल गया है. हम लेके आ रहे है.
फिर हमे नीचे जाना पड़ा.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको अपने दोस्तों के साथ भी शेर करे. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.