नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम रूबल है, और मैं उप में रहता हू. मेरी उमर 32 साल है, और लंड मेरा 7 इंच का है. मैं एक शादी-शुदा आदमी हू. ये कहानी मेरी और मेरे सेयेल की बीवी की चुदाई की है. तो चलिए बिना इधर-उधर की बातें किए मैं कहानी शुरू करता हू.
मेरे बीवी के पापा के 2 भाई है. उनमे से एक की फॅमिली उनके घर के बिल्कुल साथ वाले घर में रहती है, और दूसरे की कही और रहती है. ससुर जी की साथ रहने वाले भाई से बनती है, और दूसरे से नही बनती.
उनका भाई मेरी बीवी चाचा लगता है, तो शादी के बाद से मैं भी उनको चाचा ही बुलाता हू. मेरा अपना तो कोई साला है नही, लेकिन चाचा जी के 2 लड़के है, जो रिश्ते में मेरे सेयेल लगते है.
मेरा बड़ा साला 36 साल का है, और छ्होटा 27 साल का. बड़े सेयेल के लिए काफ़ी टाइम से रिश्ता ढूँढ रहे थे, लेकिन लड़की नही मिल रही थी. फिर 3 महीने पहले उसकी शादी पूजा नाम की एक लड़की से हो गयी. उसने बताया, की वो काफ़ी टाइम से बात कर रहे थे, और फिर शादी करने का फैंसला लिया.
पूजा थी तो मुझसे बड़ी, लेकिन साली सेक्सी बहुत थी. रंग ज़्यादा गोरा नही था. लेकिन फिगर ज़बरदस्त था. उसका साइज़ 36-30-38 था. मुझे वैसे भी भरे शरीर वाली लकड़ियाँ बहुत अची लगती है. उनको देखते ही खाने का दिल करता है.
शादी आचे से हो गयी. फिर जब हमने उनको अपने घर बुलाया, तो पूजा ने काफ़ी बातें बताई हमे. मेरा साला बहुत मज़किया है. पूजा ने बताया, की उसने जब पहली बार मेरे सेयेल से उसकी पिक माँगी, तो उसने मेरी पिक उसको भेज दी थी.
मैं पूछना तो चाहता था की उसको मेरी पिक कैसी लगी. लेकिन सब बैठे थे, तो पूच नही सकता था. मेरी नज़र तो उसके रसीले बूब्स से हॅट ही नही रही थी.
फिर ऐसे ही करते-करते टाइम बीतने लगा. शादी के कुछ 10 दिन बाद से उन दोनो के झाड़ों की बातें सुनने में आने लगी. जब मैं अपने ससुराल गया तो चाची ने कहा की वो लड़की नखरे बहुत करती थी, और हर बात पर आयेज से ज़ुबान चलती थी.
ऐसे ही उनके झगड़े बढ़ते गये, और बात डाइवोर्स तक की आ गयी. मेरे बेटे का बर्तडे था, तो मैने छ्होटी सी पार्टी रखी थी. पार्टी पर मैने सब को बुलाया था. चाचा की भी पूरी फॅमिली आई थी, और पूजा भी उनके साथ थी.
फिर हमने खूब नाच गाना किया. पूजा ने उस दिन लेगैंग्स-सूट पहना था, और वो बहुत सेक्सी लग रही थी. आप खुद ही सोचो की 38″ की गांद वाली लड़की लेगैंग्स पहन कर कैसी लगती होगी. पार्टी में मैं पूजा को ही देखे जेया रहा था. उसको भी पता था की मैं उसको देख रहा था.
फिर थोड़ी देर बाद मैने देखा पूजा बाल्कनी में जाने खड़ी थी, और उसके हाथ में खाली ग्लास था. मैने जल्दी से सॉफ्ट ड्रिंक का ग्लास उठाया, और उसके पास जाके बोला-
मैं: पार्टी चल रही है, और पार्टी में खाली ग्लास लेके खड़ा होना माना है.
उसने स्माइल पास की, और ग्लास पकड़ लिया. फिर मैने उससे पूछा-
मैं: पूवूना कोई प्राब्लम है? मैने सुना घर में लड़ाई बहुत होती है.
मेरी बात सुनते ही पूजा की आँखों में आँसू आ गये. फिर मैने उसको बोला-
मैं: पूजा ऐसे रोने से प्राब्लम सॉल्व नही होती, बात करने से होती है. तुम बताओ प्राब्लम क्या है, सल्यूशन मैं तुम्हे देता हू.
पूजा: हर लड़की को एक ऐसा पार्ट्नर चाचिए जो उसको हर तरह की खुशी दे, फिर चाहे वो एमोशनल खुशी हो, या फिज़िकल.
मैं: हा सही बात है.
पूजा: आपका साला मज़किया तो बहुत है, लेकिन ज़िंदगी कोई मज़ाक नही है. इसमे आपको फिज़िकल सॅटिस्फॅक्षन भी चाहिए होती है. वो खुद तो अपना काम कर लेता है, लेकिन मुझे अधूरी छ्चोढ़ देता है. अब आप ही बताइए मैं क्या करू?
मैं समझ गया था की पूजा को मेरे सेयेल से शारीरिक सुख नही मिल रहा था. ये सुन कर मुझे खुशी भी बहुत हुई, क्यूंकी मेरे पास उसको छोड़ने का सुनेहरी मौका था. जब हम बात कर रहे थे, तो उसका हाथ बाल्कनी की रेलिंग पर था. मैने मौका देख कर अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया, और कहा-
मैं: पूजा डाइवोर्स किसी चीज़ का सल्यूशन नही है. अपने इधर-उधर देखो, शायद तुम्हे सल्यूशन मिल जाए. वैसे जब तुमने मेरी फोटो देखी थी, तो तुम्हे मैं पसंद आया था?
और ये बोल कर मैने उसका हाथ तोड़ा मसल दिया. पूजा मेरी तताफ बस देख रही थी, और उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही था. मैं समझ गया था, की वो मेरी बात समझ गयी थी. फिर मैं वापस बाकी लोगों के साथ एंजाय करने लगा. अब मैं जब भी पूजे की तरफ देख रहा था, तो उसकी नज़र मुझ पर ही थी. फिर सब चले गये.
कुछ दिन तक मुझे पूजा की तरफ से कोई मेसेज नही आया. मुझे लग रहा था की वो मुझे किसी तरह से रिप्लाइ करेगी. लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ. फिर कुछ दिन बाद मैं अपने ससुराल गया. जब भी हम वाहा जाते है, चाचा-चाची हमे छाई पिए बगैर वापस नही आने देते. फिर हम चाचा के घर छाई पीने चले गये.
आज पूजा बड़ी सेक्सी लग रही थी. उसने जीन्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. जीन्स में उसकी मोटी गांद, और त-शर्ट में उसके बूब्स कमाल के लग रहे थे. तभी चाची ने उसको उपर से कुछ लेके आने के लिए कहा, और वो उपर चली गयी. उसका रूम उपर ही था. थोड़ी देर बाद उपर से उसकी आवाज़ आई-
पूजा: मम्मी वो बॉक्स अलमारी के उपर पड़ा है. मेरा हाथ नही पहुँच रहा.
तभी चाची ने मुझे बोला: बेटा तुम ज़रा जाके उतार दोगे?
मुझे और क्या चाहिए था. मैं तो मौके के इंतेज़ार में था. फिर मैं जल्दी से उपर गया. पूजा मुझे देख कर थोड़ी घबरा गयी. मैने उससे पूछा-
मैं: क्या उतारना है.
उसने मुझे अलमारी के उपर इशारा किया. मैने उसको बोला-
मैं: यहा पहुँचने के लिए स्टूल चाहिए.
वो स्टूल लेके आई तो मैने बोला-
मैं: ये मेरा वेट से नही पाएगा. आप चढ़ जाओ, मैं पकड़ लूँगा.
फिर वो स्टूल पर चढ़ गयी, और मैने स्टूल पकड़ लिया.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको कहानी के अगले भाग में पता चलेगा. अगर आपको कहानी पसंद आए, तो शेर करना ना भूले.