हेलो दोस्तो, मैं हू अभिषेक. मैं 20 साल का जवान लड़का हू. मैं कॉलेज में पढ़ता हू. मेरा लंड 7 इंच का है, और मेरी बॉडी भी अची है. इस उमर में चुदाई की कितनी तलब होती है, वो आप सब जानते होंगे. फिर चाहे कोई लड़की मिल जाए, या आंटी मिल जाए, सब चलता है.
मुझे भी चुदाई करना बहुत अछा लगता है. प्राब्लम बस ये है, की इंडिया में लड़किया नखरे बहुत करती है. कितना टाइम तो उनको पटाने में ही निकल जाता है. फिर देने के टाइम पे अलग से नखरे फेस करो. इस कहानी में मैं आपको बतौँगा, की कैसे मैने पड़ोस की दुकान वाली आंटी को छोड़ा.
हमारे घर से थोड़ी डोर एक राशन वाली दुकान है. उस दुकान पर एक रमेश नाम का 24 साल का लड़का बैठता है. रमेश की फॅमिली में उसको मिला कर 3 जाने है. एक खुद रमेश, दूसरी उसकी बेहन(जो मॅरीड है), और तीसरी उसको मा. रमेश के फादर काफ़ी सालो पहले गुज़र चुके है.
उसकी मा का नाम रेखा है. रेखा 48 साल की एक सेक्सी औरत है. वैसे तो मैं उनको बचपन से देख रहा था, लेकिन कुछ महीने पहले मेरी उनके लिए नज़र बदल गयी. एक दिन मैं उनकी दुकान पर कुछ समान लेने गया.
रमेश दुकान पर नही था, और रेखा आंटी गॅल(काउंटर) पर बैठी थी. जब मैने रमेश को वाहा नही देखा, तो मैने उनसे पूछा-
मैं: आंटी आज रमेश नही आया दुकान पर?
आंटी: वो आशा( उनकी बेटी) के घर गया है. उसके पति की तबीयत ठीक नही है, तो कुछ दिन वही रहेगा.
मैं: ओक.
फिर मैने उनसे समान देने को बोला, तो वो काउंटर के पीछे से बाहर आके समान निकालने लगी. उन्होने येल्लो कलर का शर्ट और ब्लू कलर की लेगैंग्स पहनी हुई थी. जब वो उपर वाले ड्रॉयर से समान निकालने के लिए उपर हुई, तो उनकी मोटी गांद दिखने लगी.
उनका शर्ट उपर उठ गया, और साइड से उनकी गोरी कमर भी दिखने लगी. आंटी की गांद कम से कम 40″ की थी. उनकी कमर 34″ की होगी, और बूब्स 38″ के थे. जब मैने आंटी के इस ज़बरदस्त फिगर को देखा, तो मेरा दिल उन पर आ गया. मेरा लंड वही पर हरकत करने लगा.
फिर जब आंटी वापस मेरी तरफ घूमी, तो उनकी मोटी जांघे और भी सेक्सी लग रही थी. उसके बाद आंटी दूसरे ड्रॉयर में से समान निकालने लगी, और उनकी फिरसे उपर होना पड़ा. वो कहते है ना की किस्मत अची हो, तो छूट खुद आपके पास आती है.
तभी आंटी का बॅलेन्स बिगड़ा, और वो पीछे गिरने लगी. मैने उसी वक़्त उनको अपनी बाहो में संभाल लिया. अब एक कमाल का मोमेंट बन गया था. आंटी की साँसे दर्र से तेज़ हो गयी थी, और मैं भी गरम था. हमारे होंठ एक-दूसरे के बिल्कुल पास थे, और हमारी साँसे आपस में टकरा रही थी.
मेरा दिल तो कर रहा था, की उनके होंठ चूस लू. लेकिन मैने अपने आप पर कंट्रोल किया. फिर मैने आंटी को सीधा खड़ा किया. आंटी मुझे बोली-
आंटी: थॅंक योउ अभिषेक. अगर मैं गिर जाती, तो मेरी हड्डी-पसली एक हो जाती.
मैं: युवर वेलकम आंटी. और हड्डी-पसली एक क्यू हो जाती, अभी तो आप यंग हो.
आंटी: चल हॅट! यंग कहा हू.
मैं: मुझसे पूछिए आंटी, की मुझे कितना मज़ा आया आपको संभाल कर.
ये सुन कर आंटी मुस्कुराने लगी, और कुछ नही बोली. फिर मैं समान लेके वापस आ गया. उस रात को मैने आंटी के बारे में सोच कर 2 बार मूठ मारी. मुझे उनको इमॅजिन करके मूठ मारने में बहुत मज़ा आया.
अब मैं बार-बार छ्होटी-छ्होटी चीज़ लेने के लिए उनकी दुकान पर जाने लगा. मेरे पास तब तक चान्स था, जब तक रमेश वापस नही आ जाता. अब आंटी भी नोटीस करने लगी थी, की मैं बार-बार उनकी दुकान पर जेया रहा था. फिर एक दिन आंटी बोली-
आंटी: अभिषेक, तू कुछ ज़्यादा चक्कर नही लगा रहा यहा?
मैं: हा आंटी, क्यू ना आया करू?
आंटी: मैने ऐसा तो नही कहा. मैं तो बस ऐसे ही पूच रही थी, की कोई स्पेशल रीज़न है क्या?
मैं: हा रीज़न तो है.
आंटी: क्या?
मैने बिना सोचे समझे उनको सब सच बोल दिया.
मैं: आंटी जब से मैने आपको च्छुआ है, तब से मैं आपके बारे में ही सोचता रहता हू. मुझे लगता है मुझे आपसे प्यार हो गया है. और मैं आपको देखे बिना नही रह सकता. तो क्या आप मेरा प्यार क़ुबूल करेंगी?
आंटी ये सुन कर हैरान हो गयी, और तोड़ा घबरा भी गयी. वो बोली-
आंटी: अभिषेक तू पागल हो गया है. मई तेरी मा से भी बड़ी हू.
मैं: तो क्या हुआ, प्यार उमर नही देखता.
आंटी: तू पागल हो गया है, जेया यहा से.
मैं: नही मैं नही जौंगा. जब आप हा बोलॉगी, मैं तभी जौंगा.
आंटी काउंटर से बाहर आ गयी, और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बाहर निकालने लगी. आज भी आंटी ने लेगैंग्स और शर्ट पहना था. जब उन्होने मेरी बाजू पकड़ी, तब मेरी नज़र उनकी गांद पर थी. उनकी गांद देखते ही मेरा जानवर बाहर आ गया, और मैने उनका हाथ मरोड़ दिया.
मैने उनको पीछे धक्का दिया, और दुकान के एक कोने में ले गया. वो कोना बाहर से नही दिखता था. फिर मैने आंटी को अपनी बाहो में भर लिया, और उसकी गर्दन पर किस करने लगा. आंटी मुझे अपने से डोर हटाने की कोशिश कर रही थी.
मैं उनको किस करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन वो अपना मूह हटा लेती थी. मैने उनके बाल पकड़ लिए, जिससे वो सिर हटा नही पाई. फिर मैने अपने होंठ उनके होंठो से चिपका दिए.
उम्म… क्या स्वाद था आंटी के रसीले के होंठो का. मैं 10 मिनिट तक आंटी के होंठो को चूस्टा रहा और उनकी गांद दबाता रहा. धीरे-धीरे आंटी का विरोध कम हो गया, और वो गरम होने लगी. फिर जब मैं उनके बूब्स दबाने लगा, तो वो आहें भरने लगी.
जब मैने आंटी के होंठ छोढ़े, तो उनकी साँसे तेज़ थी. आंटी को अब सेक्स चढ़ गया था, और दोबारा किस करने पर उन्होने अपना मूह नही हटाया. अब वो किस में मेरा साथ दे रही थी. 5 मिनिट तक हमने फिरसे किस किया, और किस करते हुए मैं उनकी गांद और बूब्स दबाता रहा.
जब हमारी किस टूटी, तो आंटी बोली-
आंटी: शटर बंद कर्दे, और उपर आजा.
ये बोल कर आंटी उपर चली गयी, और मैं शटर बंद करके उपर चला गया. उपर जाके देखा, तो आंटी बेड पर लेती थी. मैं उनको देखते ही उन पर कूद पड़ा. मैने सीधा उनकी छूट में लेग्गींगे के उपर से मूह मारना शुरू कर दिया, और वो मेरे सिर को अपनी टाँगो में दबाने लगी.
फिर मैने आंटी की लेगैंग्स और पनटी उतार दी, और उनकी छूट चूसने लगा. आंटी आहें भर रही थी, और उन्होने खुद अपनी शर्ट उतार दी. उनके ब्रा में काससे हुए बूब्स कमाल के लग रहे थे. फिर मैं उपर गया, और उनके बूब्स पर टूट पड़ा.
मैने उनकी ब्रा निकाल दी, और उनके आकड़े हुए निपल्स को चूसने लगा. अब आंटी भी चूड़ने के लिए तड़पने लगी. वो अपना हाथ नीचे ले गयी, और मेरी पंत के उपर से मेरा लंड सहलाने लगी. फिर मैने अपने कपड़े उतार दिए, और नंगा हो गया.
मेरा 7 इंच का लंड देख कर आंटी खुश हो गयी. फिर मैं उनकी टाँगो के बीच आया, और एक ही झटके में लंड उनकी छूट में डाल दिया. वाह! क्या गरम चूत थी आंटी की. आंटी बहुत सालो से चूड़ी नही थी, तो उनकी चूत काफ़ी टाइट थी.
वो ज़ोर की आहें भरने लगी, और मैं अपना लंड अंदर-बाहर करने लगा. हम दोनो पागलो की तरह चुदाई कर रहे थे. मैं झटके पे झटके दिए जेया रहा था, और आंटी मुझे अपने होंठो और बूब्स का रस्स पीला रही थी. फिर 15 मिनिट ऐसे ही छोड़ने के बाद मैने अपना माल आंटी की छूट में ही निकाल दिया.
उस दिन मैने 3 बार उनकी चुदाई की. आखरी चुदाई के बाद आंटी बोली-
आंटी: आज से मैं तेरी गर्लफ्रेंड हू. तू बस ऐसे ही मुझे प्यार करते रहना. और ये बात किसी को पता नही चलनी चाहिए. वैसे अगर तू चाहे तो किसी लड़की के साथ भी रीलेशन रख सकता है. लेकिन मुझे छोड़ना मत छोढ़ना.
मैने हा बोला और वापस आ गया. अब हमारी हफ्ते में 7-8 बार चुदाई हो जाती है.
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