अब थोड़ी देर बाद मैं फिर से शुरू हो गया और साली जी के होठों को चूसने लगा। सरसों के खेत में फिर से आउछ पुच्च आउच्च पुच्च की आवाजे गूंजने लगी थी। सोनिया जी के होठों को मैंने थोड़ी देर में ही चूस डाला।
अब मैंने सोनिया जी के रसीले बोबों को लपक लिया, और जम कर चूसने लगा। सरसों के पौधे और पक्षी, भंवरे मुझे सोनिया जी के बोबों को चूसते हुए देख रहे थे। मैं सोनिया जी के बोबों को निचोड़-निचोड़ कर चूस रहा था।
“ओह्ह्ह् रोहित जी आह्हा बहुत अच्छा लग रहा है, आह्हा।”
मैं सोनिया जी के बोबों को अच्छी तरह से निचोड़ रहा था।
“ओह्ह्ह रोहित जी अच्छे से चूसो रगड़ कर। आह्हा बहुत अच्छा लग रहा है। आह्हा।”
मैं झमाझम सोनिया जी के बोबों को चूस रहा था। फिर मैं सोनिया जी के बोबों को चूस कर अच्छे से निचोड़ डाला। अब मैंने सोनिया जी को पलट दिया। अब सोनिया जी की नंगी छरहरी पीठ और गांड मेरे लंड के सामने थी। सोनिया जी की गांड सरसो के पत्तो में रंग चुकी थी। उनकी गांड में सरसो के पत्ते लिपटे हुए थे। कुछ पत्ते उनकी गांड की दरार में घुस चुके थे।सोनिया जी की गौरी चिकनी पीठ सरसों के पत्तो में हरी भरी हो चुकी थी।
अब मैं सोनिया जी के ऊपर चढ़ गया, और उनके बालों को साइड में हटा कर गर्दन पर किस करने लगा। इधर मेरा लंड सोनिया जी की गांड में घुसने की कोशिश करने लगा। मुझे सोनिया जी की गर्दन के पीछे किस करने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। सोनिया जी चुप-चाप सरसों के पौधों के ऊपर पसरी हुई थी। मैं सोनिया जी के कानों और कंधो को जम कर किस कर रहा था। सोनिया जी कसमसा रही थी।
“उँह सिसस् आह्ह्ह ओह्ह्ह् सिसस्।”
सरसों के पौधे ये नज़ारा देख रहे थे। अब मैं सोनिया जी की गदराई पीठ पर किस करने लगा। सोनिया जी धीरे-धीरे सिसकारियां भर रही थी। सोनिया जी की मदमस्त पीठ पर किस करने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मैं किस करके सोनिया जी की पीठ पर लगी मिट्टी और सरसों के पत्तो की रगड़ को साफ कर रहा था। कुछ ही देर में मैंने सोनिया जी की पीठ को किस कर करके थूक से गीला कर दिया।
“ओह्ह्ह रोहित जी, आह्हा।”
अब मैं सोनिया जी की गांड पर आ गया और उनके मस्त गोल-गोल टाइट चूतड़ों को किस करने लगा। तभी सोनिया जी कसमसाने लगी। सोनिया जी की गांड गौरी चिकनी से हरी भरी हो चुकी थी। उनकी गांड पर सरसों के पत्तो की रगड़े लगी हुई थी। मुझे तो सोनिया जी की सेक्सी गांड पर किस करने में बहुत मज़ा आ रहा था।
“आह्ह्ह सिसस उन्ह ओह्ह्ह्ह।”
सोनिया जी आतुर होकर अब सरसों के पौधों को भींच रही थी। मैं सोनिया जी की गांड में जम कर किस कर रहा था। सोनिया जी सरसों के पत्तो के बिस्तर पर लेट कर उनकी जवानी लूटा रही थी। मैं सोनिया की जवानी को बढ़िया तरीके से लूट रहा था।
“ओह्ह्ह सोनिया जी बहुत सेक्सी गांड है। आह्हा।”
फिर मैंने सोनिया जी की गांड को किस करके गिला कर दिया। अब मैं सोनिया जी की गांड पर चपेड़ मारने लगा। सोनिया की मदमस्त नंगी गांड को देख कर मेरा लंड सोनिया जी की गांड मांगने लगा था। चपेड़ मारने से सोनिया जी करहाने लगी।
“आह्हा आह्हा सिसस आह्हा ओह्ह्ह् मम्मी।”
आह्हा! सोनिया जी आपकी गांड तो बहुत कमाल की है, आह्हा।”
सोनिया जी की मदमस्त गांड पर चपेड़ मारने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। सोनिया जी अब दर्द से सिहारने लगी थी।
“आह्हा सिसस आईई आईई उन्ह आह्हा।”
सोनिया जी को थोड़ा-थोड़ा दर्द हो रहा था। लेकिन सोनिया जी चपेड़ मारने के लिए मना नहीं कर रही थी। मैं सोनिया जी की गांड पर दे दना दन चपेड़ मार रहा था। मैंने थोड़ी देर में सोनिया जी की गांड को बजा-बजा कर लाल कर दिया।
अब मैंने सोनिया जी से घोड़ी बनने के लिए कहा। तभी सोनिया जी समझ गई थी कि अब उनकी गांड का नम्बर लग चुका है। तभी सोनिया जी सरसों के पत्ते के बिस्तर पर घोड़ी बन गई। अब मैं सोनिया जी की गांड में लंड सेट करने लगा।
“रोहित जी थोड़ी आराम से मारना।”
“अब तो आप मेरी आदत जान ही चूकी हो सोनिया जी।”
“फिर भी कोशिश करना रोहित जी।”
“ठीक है सोनिया जी मैं पूरी कोशिश करूँगा।”
अब मैंने सोनिया जी की गांड के हॉल में लंड सेट कर दिया और फिर ज़ोर का झटका देकर सोनिया जी की गांड में लंड ठोक दिया। मेरा लंड एक ही झटके में सोनिया जी की गांड के परखच्चे उड़ाता हुआ पूरा अंदर घुस गया। तभी सोनिया जी की चीखे निकल गई।
“आईईईईई मम्मी मर्रर्रर्र गईईईई । आईईईई आईईईईई मरर्रर्र गईईई, लंड बाहर निकाल यार।”
“अरे सोनिया जी दर्द बस थोड़ी देर ही होगा।”
“यार मैं मर जाउंगी। बहुत दर्द हो रहा है। आईई मम्मी।”
“अरे कुछ नही होगा सोनिया जी।”
तभी सोनिया जी की चीखे सुन कर आस-पास के पक्षी उड़ गए। अब तो सरसों के पौधे भी जोर से हिलने लगे थे। अब मैं सोनिया जी की कमर पकड़ कर झमाझम उनकी गांड मारने लगा। भाभी की टाइट गांड मारने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। सोनिया जी पहले भी मेरे लंड से गांड मरवा चुकी थी, लेकिन फिर भी उन्हे बहुत दर्द हो रहा था। सोनिया जी दर्द से छटपटा रही थी। मैं उनकी गांड के परखच्चे उड़ा रहा था। सोनिया जी की चीखे सरसों के खेत में गूँज रहा थी।
“ओह आईईईई आईईईईई आईईईई आह्ह आह्ह आहहह धीरे-धीरे चोद मेरे सैया।”
“ओह्ह साली, चोदने दे ना। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।”
“यहाँ मेरी गांड फट रही है साले कुत्ते, आईई मम्मी।”
“फटने दो सोनिया जी।”
“ओह्ह्ह साले कुत्ते आह्हा आह्हा आईई।”
मैं ताबड़-तोड़ ठुकाई से सोनिया जी की गांड मार रहा था। सोनिया जी दर्द से तड़प रही थी। मैं उनकी कमर पकड़ कर झमाझम लंड पेल रहा था। सोनिया जी बस लंड ठुकवा रही थी।
“आह्ह सिससस्स आहा ओह कमीने आह्ह।”
“बहुत मज़ा आ रहा है मेरी जान।”
“आईईईई सिससस्स आह्ह ओह मम्मी।”
सरसों के खेत में सोनिया जी की गांड मारने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। तभी थोड़ी देर में ही मेरा लंड सोनिया जी की गांड के छेद को ढीला कर चुका था। मैं सोनिया जी की गांड में लंड पेले जा रहा था। सोनिया जी को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था। मैं खच-खच सोनिया जी की सेक्सी गांड में लंड पेले जा रहा था।
“आईईईईई आईईईई आईईईई आह्ह आहा आह्ह आहा ओह सिसस्ससद आह्ह आह्ह बहुत दर्द हो रहा है।
“दर्द में ही तो मज़ा आता है मेरी जान।”
“हां तुझे तो मज़ा ही आएगा साले कुत्ते।”
मेरा लंड लगातार सोनिया जी की गांड के तार खोल रहा था। तभी सोनिया जी जवाब देने लगी और फिर कुछ ही देर में सोनिया जी की चूत से पानी टपकने लगा। पानी निकलते ही सोनिया जी घबरा सी गई। वो पूरी पसीने में भीग चुकी थी। मैं अभी भी फूल मस्ती में डूब कर सोनिया जी की गांड मार रहा था। अब सोनिया जी की चूत से होता हुआ पानी सरसों के पत्तो पर टपक रहा था।
“आईईईई आईईईईई ओह सिसस्ससस्स बससस्स साले, अब रहने दे।”
“अभी तो मेरे लंड की प्यास नहीं बुझी है मेरी रानी।”
“ओह्ह्ह कमीने, आह्हा आह्हा आईई।”
मैं सोनिया जी की गांड में लंड पेले जा रहा था। सोनिया जी गर्दन नीचे करके गांड में लंड ठुकवा रही थी। अब मैंने सोनिया जी के बाल पकड़ लिए, और सोनिया जी की जम कर खबर लेने लगा।
“ओह्ह्ह अहहा बहुत सेक्सी गांड है तेरी। अहह।”
“तूने तो मेरी गांड की हालत खराब कर दी कुत्ते।”
“वो तो करनी ही थी सोनिया जी।”
तभी गांड ठुकाई से सोनिया जी का फिर से पानी निकल गया। फिर मैंने बहुत देर तक सोनिया जी की गांड मारी। अब सोनिया तुरंत सरसों के बिस्तर पर लेट गई।
गांड मरवाने के बाद सोनिया जी हालत पतली हो चुकी थी। सोनिया जी का चिकना जिस्म पसीने से तर-बतर हो चुका था। अभी सोनिया जी गांड मरवा कर ही निपटी थी, कि मैंने सोनिया जी की टांगे खोल दी और उनकी चूत में उंगलियां पेलने लगा। अब सोनिया जी फिर से दर्द से करहाने लगी।
“आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह ओह आईईईईई आईईईईई, सिससस्स।”
“ओह साली आह्ह बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है, आह्ह उन्ह।”
““ओह साले हरामी आह्ह धीरररे, धीरेर्रर करर्रर्र आह्ह बहुत दर्द हो रहा है।आह्ह।”
“दर्द से ही मज़ा मिलता है साली कमीनी। आह्ह।”
मैं ज़ोर-ज़ोर से उंगलियों से सोनिया जी की चूत चोद रहा था। सोनिया जी दर्द से बुरी तरह से झल्ला रही थी। वो सरसों के पौधों को मुट्ठियों में दबा कर तोड़ रही थी।सोनिया जी चेहरे की भाव भंगिमाएं बता रही थी कि वो बुरी तरह से तड़प से तड़प रही थी। मैं सोनिया जी की चूत में ऊँगली करके उनका पूरा मज़ा ले रहा था। सरसों के पौधे भी सोनिया जी को देख देखकर खुश हो रहे थे।
“आह्ह आह्ह ओह सिससस्स उन्ह आह्ह ओह कमीने मत कर अब। आह्ह आईईईई सिससस्स।”
“करने दे साली अभी तो, आह्ह।”
मैं सोनिया जी की चूत के लगातार उंगलिया कर रहा था। सोनिया जी दर्द से तड़प रही थी। वो सरसों के बिस्तर को मुट्ठियों में कस रही थी। अब सोनिया जी से खुद को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था।
“ओह कुत्ते, मत करर्रर्र।”
तभी सोनिया जी ने मेरे सिर को पकड़ कर उनकी चूत पर दबा दिया, और फिर कुछ ही पलों में सोनिया जी की चूत से गरमा गरम माल का फंवारा फूट पड़ा।
“ओह मम्मी मरर्रर्र गईईई।”
अब सोनिया जी चूत से माल निकल कर खेत में गिरने लगा। तभी मैं 69 पोजिशन में आ गया। अब सोनिया जी मेरे लंड के साथ खेल रही थी और मैं उनकी चूत से खेल रहा था। सोनिया जी अब जीभ से मेरे लंड को चाट रही थी। मैं सोनिया जी की टांगे खोल कर उनकी चूत चाट रहा था। सोनिया जी का माल पीने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
“ओह्ह्ह सोनिया जी बहुत ही चिकनी चूत है आपकी।”
सोनिया जी की चूत एक-दम गीली गच हो रही थी। सोनिया जी की चूत से माल बह रहा था। मैं सोनिया जी की चूत की महक से पागल सा होने लगा था। मैं सोनिया जी की चूत रगड़ कर चाट रहा था। सरसों के खेत जमें हम दोनो जम कर मज़ा ले रहे थे।
सोनिया जी भी मेरे लंड के साथ अलग अलग तरीके से खेल खेल रही थी। सोनिया जी चूस चूस कर फिर से मेरे लंड को लॉलीपॉप बना रही थी। फिर हम दोनों ने थोड़ी देर 69 पोजिशन में मज़ा लिया।
अब मैं फिर से सोनिया जी की चूत पर आ गया, और अब मैंने फिर से सोनिया जी की टांगे खोल दी। अब मैं फिर से सोनिया जी को झमाझम बजाने लगा। सोनिया जी फिर से मेरे लंड के तूफान में उड़ रही थी। अब सोनिया जी की दर्द भरी सिसकारियां फिर से सरसों के खेत में गूंजने लगी थी।
“ओह्ह्ह आहह सिस आई आई ओह्ह् मम्मी, आई।”
“ओह्ह्ह सोनिया जी आज तो आपकी खैर नहीं, खूब बजाऊंगा आपको।”
“तो बजा लो ना रोहित जी। मैंने आपको रोका नही है।”
“हाँ सोनिया जी।”
अब मैं फूल जोश में आकर सोनिया जी की चूत में लंड पेल रहा था। सोनिया जी अब मेरे लंड की सुनामी को झेल रही थी। मैं धुंआधार ठुकाई से सोनिया जी की चूत के परखचे उड़ा रहा था।
“आईई आईई ओह्ह्ह मम्मी।आहह सिस आई उन्ह सिस।”
“आहह बहुत मज़ा आ रहा है मेरी रानी।”
अब सोनिया जी के ऊपर-नीचे और ऊपर दोनों तरफ से हमला हो रहा था। नीचे से खेत की मिट्टी उन्हें चूभ रही थी और ऊपर से मेरा लंड उनकी जान निकाल रहा था। खैर मैं सोनिया जी को अच्छी तरह से बजा रहा था। मुझे सोनिया जी को बजाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। सरसों के बिस्तर पर भाभी जी बुरी तरह से रगड़ खा रही थी।
“आईईईई आईईईई ऊंह आह आह आईईईई। बहुत ही मस्त लौड़ा है आपका।”
“हाँ सोनिया जी। बहुत मेहनत करके बनाया है इसे।”
तभी धुआधार ठुकाई से सोनिया जी का पानी निकल आया।