ही फ्रेंड्स, हाउ अरे योउ गाइस? ई होप आप लोगों को मेरी स्टोरी अची लगी. आंड अब मैं अपनी आयेज की स्टोरी स्टार्ट करती हू.
एक दिन मैं होटेल के पास में ही लॅडीस सालों था, उसके पास गयी बाल सेट करवाने और वॅक्सिंग करवाने. वाहा पर मेरी मुलाकात एक आंटी से हुई. उनसे मेरी बात स्टार्ट हुई. वो बंगलोरे में अकेली रहती थी. उसका डाइवोर्स हो चुका था. उससे बात करके मुझे अछा लग, क्यूंकी वो काफ़ी सुलझी हुई आंड मेच्यूर लेडी थी. हमारी अची जान-पहचान हो गयी, और हम दोनो ने एक-दूसरे को अपनी डीटेल्स शेर की.
मैं और आंटी काफ़ी देर तक बात करते रहे. फिर बात करते-करते हम लोग होटेल आ गये.
आंटी ने पूछा: तुम होटेल में क्यूँ रहती हो? कोई प्ग नही लिया है तुमने?
उनकी बात सुन कर मैं उदास हो गयी, और आंटी बात करने में बहुत अची और स्मार्ट थी. उन्होने मेरे से प्यार-प्यार में बात की, और मेरे से सारी बात निकलवा ली, की मेरा और रोहित का क्या चक्कर था और एंड में क्या हुआ.
आंटी मेरी बात सुन कर मुझे समझने लगी: देखो आकांक्षा, तुम अची पढ़ी लिखी और खूबसूरत हो. और इस दुनिया में मर्दो को हमसे बस एक चीज़ चाहिए होती है. वो है हमारी छूट ( ये वर्ड्स सुन कर मैं आंटी को देखने लगी).
आंटी: अगर तुम अपनी छूट को फ्री में बाँटोगी तो तुम्हारी इज़्ज़त ख़तम हो जाएगी. अपनी छूट की इज़्ज़त करो, और उसे वाहा उसे करो जहा उसे की नीड है. और उसके बदले तुम्हे कुछ मिले.
मैं आंटी को देख रही थी, और आंटी ने मुझे बोला: आकांक्षा तुम खूबसूरत हो. काफ़ी सेक्सी आंड हॉट भी हो. आंड तुम चाहो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकती हू. इसके बदले में तुम एक अची लाइफ और आचे पैसे कमा सकती हो. और इस काम में कोई ज़बरदस्ती नही करूँगी. लेकिन अगर तुम तैयार हो तो तुम्हारी मैं लाइफ बदल दूँगी.
मैने आंटी की काफ़ी बात सुनी, लेकिन फिर आंटी को मैने माना कर दिया-
मैं: नही आंटी, मैं ये सब नही कर सकती हू.
आंटी ने कहा: कोई नही, जब भी तुम्हारा मॅन करे या पैसों की नीड हो. बस मुझे फोन कर देना. मैं सब इंतेज़ां कर दूँगी. वैसे एक बात काहु आकांक्षा तुम्हारी उमर की लड़कियों की बहुत डिमॅंड है, और तुम्हारे लिया बहुत अछा मौका है पैसे कमाने का, और साथ में एंजाय करने का.
मैने आंटी को थॅंक योउ बोला और मैने कहा: नही आंटी, मुझे पापा पैसे भेज देते है, जिससे मेरा काम चल जाता है.
आंटी ने कहा: कोई नही, तुम्हारे पास मेरा नो. है, याद कर लेना जब मॅन हो. आकांक्षा तू छाई पिएगी?
मैने आंटी को ओक बोला, और हम दोनो नीचे आ गये, और पास में एक छाई की तरी थी वाहा गये. लेकिन वाहा जाते ही मुझे वॉमिटिंग हो गयी. आंटी समझ गयी और मुझे मेडिकल शॉप पर लेकर गयी. वाहा से उसने एक पॅकेट लिया और मुझे होटेल ले आई.
फिर उसने बोला: मुझे लगता है तुम प्रेग्नेंट हो. ये प्रेग्नेन्सी कीट ले, और चेक कर.
मैने चेक किया तो रिज़ल्ट पॉज़िटिव था. मैं काफ़ी दर्र गयी की मैं प्रेग्नेंट हो चुकी थी.
लेकिन आंटी ने कहा: तू चिंता मत कर. मैं तेरे साथ हू. मैं तुझे ड्र. के पास ले चलती हू मेरी जान-पहचान के.
फिर हम दोनो ड्र. के पास पहुँचे, चेक-उप किया, तो अभी पहला महीना ही था.
ड्र. ने बोला आंटी को: मैं इसका अबॉर्षन कर दूँगी. कल इसको मेरे पास ले आना.
नेक्स्ट दे मैं आंटी के साथ गयी और मैने अपना अबॉर्षन करवाया, और फिर तब तक आंटी ने मेरे लिए एक प्ग ढूँढ कर रखा था, और मुझे वाहा शिफ्ट करवा दिया. मैं इधर अपने आप को संभालने लग गयी. मैं बिल्कुल अकेली थी, और मुझे फिरसे स्टार्ट करना था.
वाहा पर मेरे साथ 3 लड़कियाँ और थी, खुशी, पालक आंड मोनिका. तीनो उप से थी, और जिस होटेल में रह रही थी वाहा से ज़्यादा डोर भी नही था प्ग. मैं अब अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने लगी, और चाहती थी की मैं आचे से अपनी पढ़ाई कंप्लीट करू. इस बीच मुझे 3 लड़कों ने प्रपोज़ किया. लेकिन अब मैं किसी के झाँसे में नही आती थी और पढ़ाई पर ज़्यादा ध्यान देती थी.
लेकिन जिस माहौल में रह रही थी, वाहा पर पढ़ाई कम और लड़के-लड़कियाँ एंजाय ज़्यादा करते थे. मेरी रूम्मटेस में मोनिका और खुशी को क्लब्बिंग बहुत पसंद थी, और वो हफ्ते में 2-3 बार आचे से तैयार हो कर जाती थी, और नेक्स्ट दे आती थी.
पालक मेरी तरह थी और हम दोनो पढ़ाई करते, और कभी-कभी शाम को कॉफी ये फिर आचे रेस्तूरेंट बार में जाते और ड्रिंक करते थे.
पापा मुझे हेर महीने 15क भेजते थे सब खर्चो के लिए. लेकिन सच बतौन तो वो पुर नही पड़ते थे. धीरे-धीरे लाइफ के 7 महीने बीट गये, और मैं अपनी न्यू लाइफ में खुश रहने लगी अपने फ्रेंड्स के साथ. और फिर एक दिन मोनिका ने मुझे आंटी के बारे में बताया की वो उनकी हेल्प करती रहती थी, और उन्हे अछा पैसा मिल जाता था लाइफ को एंजाय करने के लिए.
मोनिका ने जब आंटी का नाम लिया, मैं समझ गयी की ये वही आंटी थी. उसने बताया की आंटी के पास राईस बिज़्नेस क्लाइंट्स थे जो अछा पैसा देते थे. लास्ट वीक मोनिका ने 60क कमाया था. वो भी सिर्फ़ एक वीक में, और उसे क्लींते ने मोबाइल भी गिफ्ट किया था. मैं उन दोनो को देखती थी, वो आचे से लाइफ जी रही थी, और पढ़ाई भी करती थी.
मुझे धीरे-धीरे लगने लगा जो पापा पैसे भेजते थे वो एनफ नही थे. मैने पापा को बोला-
मैं: पापा आप मुझे 5क बढ़ा कर भेजो.
लेकिन पापा ने माना कर दिया की इससे ज़्यादा वो अफोर्ड नही कर सकते थे और इसी पैसे से काम चलाओ. ज़्यादा पैसे आएँगे तो फालतू का खर्चा होगा. मैं एक दिन माल में शॉपिंग करने के लिए गयी हुई थी पालक के साथ. मैने एक ड्रेस देखी, जो बहुत प्यारी थी. थोड़ी रिवीलिंग थी, आंड सेक्सी भी. लेकिन काफ़ी महँगी थी.
मैने जब प्राइस देखा तो वो पूरी ड्रेस 8000 की थी. फिर मैने वो रख दी, लेकिन तभी अचानक आंटी मेरे पास आई वो सेम ड्रेस लेकर, और मुझे दी.
फिर उन्होने कहा: ये ड्रेस मैने तुम्हारे लिया खरीदी है.
मैने पहले तो माना किया, लेकिन आंटी ने कहा वो बंगलोरे में मेरी मा जैसी थी, और मुझे चुप-छाप ड्रेस रखने को कहा. फिर हम तीनो कॉफी पीने गये. कॉफी पीते समय पालक का फोन आ गया घर से. वो डोर जेया कर बात करने लगी, और तभी आंटी ने कहा.
आंटी: आकांक्षा मेरे पास एक बहुत अछा क्लाइंट है, काफ़ी पैसे वाला. उसे कॉलेज गर्ल चाहिए तुम्हारी जैसी. आचे पैसे देने को तैयार है. उसके साथ तुम्हे 1 महीना गुज़ारना है. हफ्ते में 2-4 बार बुला लेगा. अगर तुम कहो तो मैं उससे तुम्हारी सेट्टिंग फिक्स करू? 1 लाख रुपय देने को तैयार है. उसके अलावा 5-स्तर होटेल में तुम्हारा रहना, गिफ्ट्स, कापरे, वो सब अलग. तेरे अची लाइफ हो जाएगी.
मैने कहा: आंटी लेकिन मैं…
आंटी ने कहा: तू मुझे आंटी कहती है ना. मैं तेरा ग़लत सोचूँगी भला? तू सोच, अपने लिए एक ड्रेस नही खरीद पा रही है. वाहा से तुझे सब मिलेगा.
उसके काफ़ी कन्विन्स करने के बाद मैं बोली-
मैं: लेकिन आंटी कोई प्राब्लम तो नही होगी ना?
आंटी: पागल है तू. तेरे प्ग में है ना मोनिका आंड खुशी. वो मेरे लिए काम करती है. उन्हे देखा है ना, कभी उदास हुई है? जो मैं तुझे होने दूँगी. आज से तू मेरी ज़िम्मेदारी है समझी? और तेरा ध्यान मैं रखा करूँगी और तुझे ऐश करने को मिलेगी बढ़िया.
इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में.