हेलो फ्रेंड्स, आप सब ने बड़े ही चंचल और उत्तेजीट होके मेरी चुदाई का ही इंतज़ार कर रहे. आप सबकी फीडबॅक मेल्स मई पढ़ी. सब बस जल्द ही चुदाई पार्ट को उपलोआड करने की बात कर रहे. पर मेरी नज़रिया थोड़ी चुदाई से हट के रोमॅन्स पे केंद्रित है. तो मैं आप सबको रोमांचित करने के लिया यूयेसेस दिन की छ्होटी मोटी घटना क्रम को पूरे बिस्तारित रूप से वर्णन कर रही.
इश्स से पहेले जो भी नये आए हुआ है वा सब “शोकसभा से हमबिस्तर-3” ज़रूर पढ़ ले.
आब आगे की कहानी,
राहुल ने डोर लॉक खोला तो हम दोनो आंदार आगाई.
राहुल : मुझे देख के हासणे लगे.
मैं : असे हास क्यू रहे हो ?
राहुल : असे ही, तुम्हे देख कर.
मैं : क्यू मैं कोई कार्टून हूँ या कॉमेडी कर रही तुम्हारे सामने.
राहुल : मूड तो सीरीयस है पर हसी को रोक नही पा रहा मैं.
फिर राहुल हसना बंद किए और मूह खुला करते हुआ लालायित नज़र से देखने लगा.
मैं : कही पागल तो नही हो तुम?
राहुल : अब तक तो ठीक था मैं पर अब तुम्हे देखने के बाद पागल ही हो गया हूँ मैं.
मैं : निधि के घर से ही तो घूर रहे थे. तुम्हे क्या लगा मैं नही देखी ?
राहुल : हाँ पता है तुमने देख लिया है मुझे तुम्हे घूर ते हुआ.
मैं : फिर अब असे शॉकिंग होके क्यू देख रहे. पिच्छले आधे घंटे से तो मैं तुम्हारे साथ ही थी. अब पहेली बार देख रहे असे क्यू देख रहे?
राहुल : हाँ पहेली बार देख रही हूँ इश्स हालत मई. कम से कम अंडरवेर तो किसी और कलर के पहें लेती. स्तन देखो तुम्हारी.
यह बोलते हुआ राहुल फिर हासणे लगा.
जब मैं नज़र झुका के देखी तो मेरी स्तन भीगी हुई सफेद कपड़ो मई से ट्रॅन्स्परेन्सी की वजह से पूरी तरह से बिल्कील स्पस्त देख रही थी. यहा तक की मेरी ताने हुआ स्तनागरा (निपल्स) भी पूरी तरह देख रही थी. तब मैं तुरंत अपनी स्तनागरा को दोनो हाथों से च्चिपा ली, क्यू की पूरी स्तन को तो मैं अपनी हाथो से च्चिपा नही सकती थी.
राहुल : स्तन को तो हाथो से धक लोगे पर नीचे जो गुलाब की पंखुरी जेसी गुलाबी छूट को केसे च्चिपाओगी ? कोई सफेद पनटी भी ख़रीदती है क्या, पहेली बार सिर्फ़ तुम्हारे पास ही देखा सफेद पनटी पहेनटे हुआ.
तब मैं झट से पिच्चे मूड गई.
मैं : बदमाश. सब खरीद ते है सफेद पनटी. तुम्हे हर कोई थोड़ी ना देखईगा अपनी सफेद पनटी.
मेरी पिच्चे मूड ने की वजह से आब मेरी कुल्हा उसके सामने थी.
राहुल : हर कोई क्यू, सिर्फ़ तुमने देखा दिया वा काफ़ी है. अरे वा क्या मस्त कुल्हा है आपकी. मेरे बिके की सीट तो धान्या ही हो गई तुम्हारी कुल्हों की स्पर्श से.
मैं फिर राहुल की और मूड गई. एक हाथ से दोनो स्तन को धकते हुआ दूसरे हाथ छूट के उपर रखली.
मैं : शर्म नही आती तुम्हे, एक औरत को इश्स तरह गंदी नज़र से देखते हुआ. मैं तुम्हारे घर पे हूँ, भीगी हुई हूँ कपड़े बदलने के लिया एक टोलिया भी ऑफर नही काइया तुमने अभी तक. तुम्हे क्या तुम तो आँखे शेकने मई व्यस्त हो मुझे देखते हुआ.
राहुल : ओह सॉरी भाबी जी.
फिर राहुल मुझे एक टोलिया दिया और बातरूम देखा दी. तो मैं बातरूम के आंदार गई और सारे कपड़े धोके टोलिया लपेट ली. फिर मैं बातरूम से राहुल को आवाज़ लगाई.
मैं : राहुल, कुछ और कपड़े हो तो दो ना.
राहुल : एक टोलिया तो दिया है, दो ही टोलिया है मेरे पास. यूयेसेस मई से एक तुम्हे दिया है और एक खुद मैं पहेना हुआ हूँ.
मैं : टोलिया नही मैं कपड़े माँग रही.
राहुल : घर पे थोड़ी ना कोई लदिश रहता है, जो तुम्हे लदिश कपड़े दे डू. टोलिया पे ही अड्जस्ट करो ना.
मैं : यॅ टोलिया बहात छ्होटी हो रही मुझे.
राहुल : और नही तो क्या, इतनी बड़ी बड़ी उभरे हुआ स्तन और गोल मोटोल कुल्हा रखोगी तो होगी ही. तुम्हे तो बेड शीट ही फिट होगी. डू क्या?
मैं : चुप. नही चाहिया तुम्हारी बेड शीट्स.
फिर मैं वही टोलिया को बॉडी पे सेट करने लगी. सच मई वा बहात छ्होटा था मेरी तां बदन को ढकने के लिया. अगर मैं पूरी स्तन को धकति तो मेरी छूट और कुल्हा पूरी तरह से देख रहे थे. थोड़ी थोड़ी नीचे करते हुआ जब मैं छूट और कुल्हों को ढकने लगी तो टवल उपर से दोनो स्तन से हट ते हुआ स्तन के नीचे आगाई थे.
फिर मैं मान ही मान सोचने लगी यॅ राहुल भी पता नही केसी टोलिया उसे करता है. तो मैं आंदार टोलिया केसे पहेनु यॅ अड्जस्ट ही कर रही थी.
राहुल : (बाहर से ही आवाज़ दिया) अरे भाबी अंदर भैया अगाइ या फिर घर बसा लिया अपने? जल्दी अइया ना. मुझे भी तो फ्रेश होना है. क्या कर रहे इतनी देर आंदार?
मैं : आ रही हूँ, बस 2 मीं और.
फिर मैं दोनो स्तनागरा के उपर टोलिया लपेट ली. तो तब वा टोलिया मेरी स्तन के उपर था और कुल्हों के नीचे के लाइन पे टीका हुआ था जबकि छूट पूरी की पूरी तरह देख रहा था टवल की उठने की वजह से.
तब मैं सोची की छूट और स्तनागरा को धक लेती हूँ.तो मैं फिर टवल को पीठ पे थोड़ी उपर करके स्तनागरा के उपर लपेट ली. आब मेरी स्तनागरा और छूट पूरे धक चुके थे. पर पीठ पे ज़्यादा ही उपर होने की वजह से मेरी दोनो कुल्हों की आधा से ज़्यादा हिस्सा देख रहे थे. तब मैं राहुल, टोलिया और खुद के उपर नाराज़ हो गई और मान ही मान कोस ने लगी.
तब बाहर मेरी मोबाइल रिंग हुआ.
राहुल : डियर भाभी जी, किसी डियर हब्बी का कॉल है, रिसीव कर रहा हूँ.
तब रिंग्टोणे बंद हुआ और राहुल बात करने लगा.
राहुल : हाँ भैया जी,प्रणाम. मैं राहुल बोल रहा, मनीषा भाबी के प्यारे देवर. वा भाभी थोड़ी भीग गई है तो, बातरूम गई है फ्रेश होने. टवल छ्होटी हो रही इश्स लिया बाहर नही आ पा रही. आब आप ही इतने बड़े बड़े कर दिया है सब कुछ तो केसे धक पैगी आप ही बताओ.
राहुल कॉल रिसीव करते हुआ क्या ही बकवास बात बोले जेया रहा है करके मैं जल्दी मई जेसे तेसे बातरूम से बाहर आई और राहुल के पास भागते हुआ गई. मुझे आते देख राहुल मोबाइल उपर उठा लिया.
हब्बी लाइन पे होंगे सोच के मैं कुछ बोल नही रही थी. सिर्फ़ फोन च्चें ने की कॉसिश कर रही थी. तब मेरी नज़र मोबाइल स्क्रीन पे पड़ी तो राहुल कॉल रिसीव ना करते हुआ साइलेंट कर के बात करने की सिर्फ़ नाटक कर रहा था.
मैं ज़बरदस्ती उससे मोबाइल खिचने लगी तो मेरी लपेटी हुई टोलिया नीचे गिर गई और मैं एक दूं पूरी तरह से नंगी हो गई राहुल के सामने ही. तब राहुल के हाथ से असे ही मोबाइल च्छुत गया और मैं नंगी ही मोबाइल यूयेसेस से लेके हब्बी का कॉल रिसीव की.
तो बे कंटिन्यूड…
कहानी अभी भी जारी है. बस वेट कीजिया अगले पार्ट का. आब तक की कहानी केसी लगी आप सबको मैल या कॉमेंट करके ज़रूर बताई मुझे.
अंजन, अफेर, शादी शुदा, बीवी ,रोमॅन्स.