प्रतिभा के साथ नैनीताल मे हनिमून-1

हेलो दोस्तो, मैं अपनी पहली कहानी लिख रहा हूँ. आशा करता हूँ की आप लोगों को मेरी ये कहानी पसंद आएगी. लॉक्कडोवन् मे जब कोई घर से बाहर नही निकल सकता तो घर पे बाइटे बैठे टीवी देखना, गाने सुनना, न्यूसपेपर पड़ना और देसी कहानी और क्षाहनी डॉट कॉम के मध्यम से सेक्सी कहानिया पड़ना मेरी दिनचर्या हो गयइ थी.

मेरी बहुत इक्चा थी की मैं अपनी जिंदगी मे घटित हुए, सारे घटनाओ को कहानी के रूप मे लीकुन. लेकिन टाइम नही मिल पा रहा था. अभी लॉक्कडोवन् मे टाइम मिला तो मई एक एक करके अपनी जिंदगी के सारे राज आप लोगों के साथ संभोग कहानियो के रूप मे शझा करना चाहता हू.

जैसे जैसे मेरे जिंदगी मे लड़कियाँ और औरते आईं और मैने उनको कैसे संत्ुस्त किया, बिल्कुल उसी शब्दो मे आप लोगों के सामने लिखने की कोशिस करूँगा. खुच भी ऐसा नही लिखूंगा, जो हुआ ही ना हो.

ये मेरी पहली कहानी है, जिसको मैने सिरशक दिया है “प्रतिभा के साथ नैनीताल मे हनिमून”. मैने इस कहानी मे अस्थान, लोगो का नाम गोपनीयता बनाए रखने के लिए बदल दिया है. जिससे किसी की निजी जिंदगी पे कोई असर ना पड़े. अगर आप लोगों को ये मेरी कहानी पसंद आई, तो मैं आप लोगों के सपोर्ट से आयेज लिखने के लिए प्रेरित होता रहूँगा और आप लोगों के लिए एक से एक बेहतरीन सेक्स कहानियाँ लिखता रहूँगा.

दोस्तो, अब कहानी पी आते है –

मेरा नाम सुनील है. अभी मेरी उमर 28 साल है. मैं मूल रूप से फ़ैज़ाबाद,उप का रहने वाला हूँ. मई दिखने मे गोरा, 5’8″ कद और औसत कद काठी, बिल्कुल गतिला बदन का एक नवजवान लड़का हू, मेरा लॅंड 7 इंच लंबा और मोटा है.

मई जो कहानी लिखने जा रहा हूँ, ये सच्ची घटना पे आधारित है. ये साल 2011 की बात है, जब मई नया- नया देल्ही अपनी पढ़ाई के साथ साथ जॉब के सिलसिले मे आया था, मई उस टाइम एक का फर्म मे जॉब भी करता था और कोररेस्पोन्से से देल्ही यूनिवर्सिटी से ब.कॉम मे अड्मिशन ले लिया था.

उस टाइम मेरी उमर करीब 19 साल रही होगी. ज़्यादा किसी से जान पहचान ना होने की वजह से, मई अपनी बड़े पापा जी की बेटी मतलब अपनी दीदी, जो की देल्ही मे रहती थी, उनके साथ रहता था. मेरी दीदी के पास अगाल बगल मे दो बड़े-बड़े रूम थे.एक रूम मे दीदी की फॅमिली रहती थी दूसरे रूम मे मेरी दीदी के साथ उनकी देवरानी भी रहती थी, उनका नाम प्रातभा था और दीदी के देवेर का नाम रूपेश था. रूपेश जीजा प्राइवेट गाड़ी चलते थे. मेरी दीदी के 2 बेटियाँ औ ईक बेटा थे.

मेरी दीदी की देवरानी किसी स्वर्ग की अप्सरा से कम नहीं लगती थी. रूपेश जीजा प्रतिभा को शादी करके 3 महीने पहले लाए थे. प्रतिभा का फिगर 38-34-40 का रहा होगा, उनका कद 5’10” इंच था, एकदम मादक बदन, महकता जिस्म और हिरानी जैसे आँके तीन.

गाओं की होने के नाते, सॅडी, पेटीकोआट और ब्ल्ौसे पहनती तीन. गले मे गोल्ड का मंगलसूत्रा पहनती तीन. जिसका पेंडेंट उनकी 38 साइज़ की दोनो चूंचियो मे घुसा रहता था. वो बड़े गले का ब्ल्ौसे पहनती तीन, जिससे की उनकी आधी चूंचियाँ बाहर नकीली रहती थी. प्रतिभा जब चलती थी, उनके 40 साइज़ के बड़े बड़े चूतड़ सॅडी फाड़ का बाहर निकलना छाते थे. मुझे बहुत ही मादक और कामुक लगती थी. ऐसा लगता था, रूपेश जीजा से शादी होने से पहले ही उन्होने बहुत लंड अपने छूट मे लिया होगा.

मई उनको जब पहले ही दिन देखा, तो मेरा लंड टूरनत खड़ा हो गया था. और मैने सोच लिया था, प्रतिभा का छूट मई ज़रूर पेलुँगा.

मई उन्हे पहले दिन, जब उनके रूम मे नमस्ते करने गया और उनके पैर च्छुए, तो प्रतिभा मुझे उपर उठाने के लिए नीचे झुकीं और उनके सॅडी का पल्लू गिर गया और उनकी आधी चूंचियो के दर्शन हो गये. उन्होने उसे टाइम हंस के ताल दिया और तोड़ा शर्मा गयइ थी.

मुझसे समझ आ गया था की थोड़ी सी मेहनत किया जाए तो इनका छूट मेरे लंड के नीचे होगा.

दोस्तो, जब मई देल्ही आया था, उसके पहले गाओं मे भी बहुत लड़कियों के छूट और गांद पेला था. लेकिन, प्रतिभा, मे कुछ अलग था. इसी वजह से ये कहानी मई सबसे पहले आप लोगो तक पहुचना चाहता हूँ.

पहले दिन से मेरा प्रतिभा से बात चीत शुरू हो गयइ थी.

मई उनको छोटी दीदी कहके बुलाता था. प्रतिभा बात करते करते मुझसे घुल-मिल गयीं तीन. दिन मे जीजा घर पे नही रहते, मई भी जॉब सर्च कर रहा था और मेरी उनकी खूब सारी बाते होतीं. मुझसे बर्गर, पिज़्ज़ा और गोलगप्पे मांगती और हम साथ मे खाते. धीरे –धीरे प्रतिभा मुझसे बहुत ओपन हो गयईन तीन.

एक दिन प्रतिभा ने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?

मई- बोला! नही है.

प्रतिभा- तुम 19 साल के हो गये हो. कल को शादी होगी, शादी से पहले कुछ कर लो.

मई – दीदी, डरता हूँ, मुझे शरम आती है. कोई लड़की मेरी गर्लफ्रेंड नही बनती. मैने बहाने बनाते हुए बोला.

प्रतिभा – ठीक है. तुम्हारा दर मिटाना मेरा फ़र्ज़ है. तुम्हारी दीदी जो हूँ. तुम मुझे आज से अपनी गर्लफ्रेंड मनोगे.

मई –ठीक है.

प्रतिभा – तुम मुझसे अब कुछ भी पूछ सकते हो.

मई – दीदी, आप बहुत सेक्सी हो. मुझे आप जैसे बीवी चाहिए. आप के बड़े बड़े बूब्स मुझे बहुत अकचे लगते हैं.

प्रतिभा – सुनील, आज से तुम मुझे दीदी नही बोलॉगे. सिर्फ़, प्रतिभा बोलॉगे. लेकिन सबके सामने ही सिर्फ़ दीदी बोल सकते हो और 2-3 साल बाद मई तुम्हारी शादी अपनी भतीजी से करवा दूँगी. वो अभी छोटी है, धीरे धीरे जवान हो रही है. 2-3 साल बाद मेरे जैसे माल बन जयगी फिर तुमसे शादी क्रवा दूँगी. फिर, उसकी छूट पेलते रहना.

मई – थॅंक योउ! प्रतिभा. फिर मैने अपना सिर उनके दोनो चुचो पे रख दिया.

प्रतिभा : सुनील, मेरे बूब्स एक बार चूस कर दिखाओ.

उन्होने, अपनी ब्ल्ौसे मे से 38 साइज़ के पपीते निकल कर एक एक करके मेरे मुहन मे दे दिया. मई, दोनो बूब्स चूस्ता रहा. उनके बूब्स बहुत मुलायम और रसीले थे. चूसने मे मज़ा आ रहा था.

करीब, 10 मिनिट बाद हम दोनो अलग हो गये.

मेरी और प्रतिभा दीदी के बीच एक अलग रिस्ता बन गया था.

जैसे की मैने पहले बताया मेरे रूपेश जीजा ड्राइवर थे, तो अक्सर 2-3 दिन के लिए अपने मालिक के साथ उनको आउट ऑफ स्टेशन जाना पड़ता.

उन दीनो, प्रतिभा तड़पति रहती.

मुझसे बोलती –सुनील! आ जाना आज रात मेरे रूम मे, मेरी छूट की गर्मी मिटाने. जब तुम्हारे जीजा नही होते हैं तो ये निगोडी छूट बहुत खुजलाती है. तुम्हारे जीजा एस्को अकचे से छोड़ भी नही पाते. तुम्हारे जीजा, साम को ड्यूटी से आते है, डिन्नर करके, आकर बेड पे मेरे उपर चाड जाते हैं और मेरी सॅडी, पेटिकोट उपर उठा कर मेरी छूट मे 5 मिनिट तक अपना लंड दल कर अंदर बाहर करके है और उनका माल निकल जाता है, मई प्यासी ही रह जाती हूँ, फिर मई उनको डेली छूट मे अंगुली करने को कहती हूँ, जिससे की मेरा छूट का पानी निकल जाए, और मई सांत हो जौन…

सुनील, मई, तुम्हारे जीजा को कभी माल अपने छूट मे नही डालने देती. क्योंकि, मई चाहती हूँ की किसी तगड़े लंड से मई अपनी छूट मार्व्ौ और उसका लंड मेरे छूट को पेल पेल कर भोंसड़ा बना दे, जिससे बच्चा पैदा होने मे दिक्कत ना आए. तुम्हारे जीजा से मैने इसलिए शादी किया था. की देखने मे हॅंडसम है. उनका कद 7’8” है, लंबे चौड़े और गतिला बदन है. उनका कम भी ड्राइवर का है. जिससे मुझे लगा, गियर ल्गा-ल्गा के मुझे छोड़ेंगे, मज़ा आएगा. लेकिन सुहग्रत मे ही फूसस हो गये थे. मेरे छूट को अकचे से नही पेल पाए थे. ऐसे मेरी जिंदगी कैसे चलेगी…

मेरी मजबूरी ये थी, की मई प्रतिभा के रूम मे जाकर उनकी चुदाई नही कर सकता था. बिल्कुल बगल मे ही मेरी दीदी का रूम था, देख लेटिन तो मुझे वापस गाओं बेज देतीं. मेरा करियर भी मेरे सामने था…

मैने उन्हे समझाया, और बोला की यहाँ पे आपके साथ चुदाई करना सही नही रहेगा. क्योकि अगर मेरी दीदी ने देख लिया तो बहुत प्राब्लम हो जाएगी. आप कुछ ऐसा प्लान बनाओ, जिससे की हम कहीं बाहर चल कर आपका सुहग्रात फिर से मनाए.

प्रतिभा बोली – ठीक है, सुनील. फिर बोलीं -मई देखती हूँ, जिन लड़कियों की मेरे साथ शादी हुई है, सब के पति उनकी छूट पेल पेल कर बाबू पैदा क्र दिए हैं, मैं जब अपनी सहेलियो से उनके सेक्स लाइफ के बारे मे पूछती हूँ, तो बोलती हैं, मेरे पति बच्चा होने के बाद अब उतना न्ही छोड़ते, जितना बच्चा होने से पहले छोड़ते थे. और मेरा उतना मान भी चुदाई करने का नही क्रटा, अब तो हमरे पास बहाना होता है, की बाचा भी देखना है और खाना भी बनाना होता है और घर का भी काम क्रना होता है तो चुदाई करने का उतना टाइम ही नही मिलता.

उनकी बातें सुनकर मैने कहा, प्रतिभा! अगर पत्नी चाहे तो पति को अपने छूट से दीवाना बना दे और मर्द को अगर उनकी बीविया अपनी छूट अकचे से नही देतीं तो इडार उधर मुहन मरने लगते है.

प्रतिभा- लेकिन तुमहरे जीजा का तो पता है, तुम्हारे जीजा मुझे कहीं बाहर नही ले गये, मुझे दिल्ली लाकर बस पेलना चालू क्र दिया था. फिर छोड़ना भी कम क्र दिया. सुनील मेरी इक्चा को तुम ही पूरा क्र सकते हो. मई उनके माल से बच्चा नही पैदा क्रना चाहती. उनकी तरह बाकचा भी पैदा होगा.

मेरा बच्चा भी जवान होकर अपनी बीवी का छूट नही छोड़ पाएगा. वो भी किसी और से चूड़ेगी. मई चाहती हूँ, तुम मेरे बाकछे के पिता बनो, और मेरी छूट को छोड़ छोड़ कर भोंसदा बना दो और मेरा बच्चा जब बड़ा हो तो अपनी बीवी की छीके निकल निकल्वाकर छोड़े और मई सुनती हुई खुश रहूं.

मई – मैने बोला, ठीक है. आप प्लान बनाओ, जैसा हो फिर बताना. हम, नैनीताल चलेंगे.

प्रतिभा, नैनीताल चलने को तैयार हो गयईन.

दोस्तो, अब मई भी एक का फर्म मे काम करना शुरू कर दिया था.

दोस्तो, हुँने प्लान बनाया की नवेंबर मे नैनीताल जाएँगे. नाइनटाल मे मौसम अच्छा रहता है. ना ज़्यादा गर्मी होती है ना ज़्यादा सर्दी. हम दोनो खुश थे.

नवेंबेर का महीना आ गया.

प्रतिभा, अब जुगाड़ ढूनदने लग गयी. वो दिन भी आ गया.

प्रतिभा ने मुझसे बोला – की तुमहरे जीजा के मलिक के बेटा बहू अमेरिका से आए हुए हैं, उनको कुछ बिज़्नेस के सिलसिले मे केरल जाना है और तुमहरे जीजा मुझे बता रहे थे, उनका केरल मे पूरा 5 दिन का प्लान है, वो लोग वहाँ पे 5 दिन रुकेंगे. उन्होने डटे न्ही बताया है, लेकिन 2-4 दिन मे ही सब कुछ सही रा तो जाएँगे ज़रूर.

दोस्तो, उस समय प्रतिभा हाउसवाइफ थी. उनकी कुछ अर्निंग न्ही थी. मई भी स्टृज्गलेर था. एक का फर्म मे काम करता था, उतने पैसे नही मिलते थे. लेकिन मई दूसरे दिन ऑफीस गया और अड्वान्स पैसे ले लिए. जिससे की मई प्रतिभा को नैनीताल ले के जा सकूँ.

और दोस्तो, मई बात कृण रूपेश जीया की, वो प्रतिभा को हनिमून इसलिए नही ले जा सके थे क्योकि जब वो सॅडी के लिए गाओं गये थे तो 2 महीने बाद आए, इसके बाद उनके मैल्क ने किसी दूसरे ड्राइवर को रख लिया और उनकी जॉब चली गयइ थी.

फिर 1-2 महीने बाद बहुत सर्च करने पे जॉब लगी तो 8000 रुपीज़ महीने सॅलरी मिलती थी. देल्ही जैसे सिटी मे दोनो पति पत्नी कैसे गुज़रा करेंगे ये मुश्किल था लेकिन मेरे बड़ी दीदी के साथ रहकर जैसे तैसे गुज़रा हो रहा था. पैसे की तंगी की वजह से होमेयमून का वो सोच भी नही सकते थे.

तो बे कंटिन्यूड..