ही फ्रेंड्स, मेरा नाम अनूप है. मैं 32 साल का हू, और थियेटर आर्टिस्ट हू. मेरी शादी अभी नही हुई है. मैं 5’9″ इंच लंबा हू, और गोरे रंग का हू. मेरा लंड 6 इंच का है.
जैसा की मैने आपको बताया, की मैं एक थियेटर आर्टिस्ट हू, तो आए दिन मेरी मुलाक़ात काई लड़कियों से होती रहती है. काई लड़कियों से बात भी बन जाती है, तो रात मज़े से कट्ट जाती है. अब जब सारे मज़े बिना शादी किए मिल रहे हो, तो शादी करने की ज़रूरत महसूस नही होती.
मैने बहुत टाइप की लड़कियों और आंटीस को छोड़ा है. उन्ही में से एक कहानी मैं आपके साथ शेर करने जेया रहा हू. ये कहानी मेरी और अर्चना आंटी की है. तो चलिए शुरू करते है.
हमारा एक प्ले चल रहा था, और उसमे एक मा के रोल की जगह थी. काफ़ी दिन हो गये थे डाइरेक्टर को ढूँढते हुए, लेकिन उसको कोई भी औरत उस रोल के लिए जाच नही रही थी. फिर एक दिन डाइरेक्टर खुश होता हुआ हमारे पास आया और बोला-
डाइरेक्टर: सो गाइस, फाइनली मुझे प्ले में मा का रोल करने वाली लेडी मिल गयी. मिलिए इनसे.
तभी अर्चना आंटी हम सब के सामने आई. जब मैने उसको देखा, तो मैं देखता ही रह गया. इतनी सेक्सी थी वो, की किसी भी आंगल से आंटी लग ही नही रही थी. उसने जीन्स और शर्ट पहनी हुई थी, और वो दिखने में बिल्कुल तब्बू जैसी थी. आप अर्चना आंटी को तब्बू इमॅजिन करके भी आयेज पढ़ सकते है.
5’7″ की हाइट, गोरा रंग, 36-30-38 का फिगर, बस समझ लो की खुदा ने बड़े इतमीनान से बनाया था उनको. फिर सब ने अपनी प्ले वाली ड्रेस डाली. क्यूंकी मैं बेटा था, और वो मा थी प्ले में, तो मैं बहुत खुश था. क्यूंकी प्ले की पूरी स्टोरी मा-बेटे के थीम पर ही आधारित थी.
फिर वो सारी पहन कर आ गयी, जो प्ले में मा का कॉस्ट्यूम था. उनको सारी में देख कर तो मेरे मूह से पानी बहने लग गया. टाइट ब्लाउस में उसकी क्लीवेज, पेटिकोट और ब्लाउस के बीच दिखती कमर सब कमाल का था.
फिर प्ले शुरू हुआ, और हम सब ने अपनी-अपनी आक्टिंग शुरू की. प्ले में एक ऐसा सीन था जिसमे मुझे उनको गले लगाना था. मैं बड़ा खुश था इस सीन को लेके. उनकी आक्टिंग बड़ी इनटेन्स थी. पूरी शिद्दत से वो अपना रोल कर रही थी.
फिर जब गले लगने का वक़्त आया, तो हम दोनो ने एक दूसरे को कस्स के गले लगा लिया. क्यूंकी वो मा थी, तो उन्होने मेरा मूह अपने बूब्स में दबा लिया. आहह! क्या सॉफ्ट और गद्देदार बूब्स थे. और क्या मस्त खुश्बू आ रही थी.
सीन ख़तम हो चुका था, लेकिन मेरा उनको छ्चोढने का मॅन नही कर रहा था. फिर डाइरेक्टर ने ज़ोर से कट बोला, तो मुझे होश आया. मैं फिर उनसे डोर हॅट गया. लेकिन इससे एक बात अची हुई, की आंटी को मेरे इरादे के बारे में पता चल गया.
फिर हमारी प्ले प्रॅक्टीस ख़तम हुई, और सब अपने कपड़े बदल कर जाने लगे. मैं थियेटर के बाहर कॅब की वेट कर रहा था, की तभी एक बड़ी सी गाड़ी मेरे सामने आके खड़ी हो गयी. जब मैने मिरर से अंदर देखा, तो हैरान हो गया. गाड़ी के अंदर अर्चना आंटी थी.
उन्होने मुझे लिफ्ट ऑफर की, और मैने वही जवाब दिया, जो आप में से हर कोई देता. फिर उन्होने गाड़ी ड्राइव करनी शुरू की, और हमारी बातें शुरू हुई.
अर्चना आंटी: सो अनूप, अनूप ही है ना नाम तुम्हारा?
मैं: जी.
आंटी: कब से हो इस थियेटर में.
मैं: अब तो बहुत वक़्त हो गया है.
आंटी: हा तभी इतने आचे आक्टर हो.
मैं: आप भी कम नही है. आज तो आपने कमाल ही कर दिया.
आंटी: इतनी अची थी मेरी आक्टिंग?
मैं: हा बिल्कुल.
आंटी: तभी मुझे छ्चोढ़ नही रहे थे रिहर्सल के वक़्त?
और ये बोल कर उन्होने एक नॉटी स्माइल दी. मैं समझ गया की वो भी तेज़-तरार थी, तो मैने वैसा ही जवाब दिया.
मैं: नही उसका रीज़न तो कुछ और ही था.
आंटी: क्या था?
मैं: आपका पर्फ्यूम बहुत अछा था.
आंटी: सिर्फ़ पर्फ्यूम?
मैं: हा, बाकी मुझे याद करना पड़ेगा. ऐसा करता हू टच करके देख लेता हू, की क्या वजह थी.
ये बोल कर मैने शर्ट के उपर से उनके बूब पर हाथ रख दिया, और उसको हॉर्न की तरह दबा दिया. मेरे बूब को दबाते ही उसकी आहह निकल गयी. फिर वो बोली-
आंटी: अब याद आया.
मैं: अभी भी याद नही आया. तब मूह लगाया था, फिरसे लगा कर देखता हू.
ये बोल कर मैने अपना फेस आयेज बढ़ाया, और उसके दोनो कॉलर्स के बीच फेस डाल कर उसकी क्लीवेज में मूह डाल दिया. तभी उसने गाड़ी की ब्रेक लगा दी. हम ऑलरेडी एक सुनसान रास्ते पर थे. फिर मैने उसकी गर्दन चूमनि शुरू कर दी, और वो कामुक आहें भरने लग गयी. मुझे पता था मेरा रास्ता क्लियर था.
मैं एक-एक करके उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा, और उसकी साँसे तेज़ होती गयी. उसकी तेज़ सांसो से उसके बूब्स भी उपर-नीचे हो रहे थे. क्या मस्त खुश्बू आ रही थी उसके बूब्स में से. अब उसकी शर्ट के सारे बटन खुल चुके थे. मैने उसकी ब्रा को बूब्स से उपर कर दिया, और उसके बूब्स उछाल कर बाहर आ गये.
फिर मैं एक-एक करके उसके निपल्स चूसने लग गया. वो पूरी मदहोश हो चुकी थी. अभी मैं उसके बूब्स चूस ही रहा था, की उसने मुझे धक्का दिया, और गाड़ी स्टार्ट करके ड्राइव करने लगी. वो कुछ भी नही बोल रही थी. मैं तोड़ा दर्र भी रहा था की कही मैने जल्दी तो नही कर दी.
फिर 5 मिनिट बाद उसने ब्रेक लगाई. मैने देखा उसने गाड़ी एक होटेल के बाहर खड़ी की थी. फिर वो मुझे बोली-
आंटी: चलो अंदर चलते है.
मैं तो पहले से तैयार था. फिर हम अंदर गये, और उसने रूम बुक किया. जैसे ही रूम में गये, तो अर्चना आंटी ने मुझे धक्का देके बेड पर लिटा दिया. फिर वो अपनी शर्ट के बटन खोलने लगी, और शर्ट उतार दी. उसके बाद उसने अपनी ब्रा भी उतार दी.
अब वो हुस्न की देवी मेरे सामने सिर्फ़ टाइट जीन्स में थी. फिर वो मेरे उपर आके बैठ गयी. मैने उसके जुवैसी बूब्स को अपने हाथो में लिया, और एक-एक करके पीने लगा. उसके चेहरे पर बड़े मज़े के एक्सप्रेशन्स थे, जैसे उसको बड़ा मज़ा और शांति मिल रही हो.
15 मिनिट मैने उसके बूब्स मज़े से चूज़, और चूस-चूस कर उनको लाल कर दिया. फिर वो नीचे हुई, और उसने मेरी जीन्स और अंडरवेर उतार दिया. शर्ट मैने खुद ही उतार दी थी. अब उसने मेरा लंड पकड़ा, और उस पर अपनी जीभ चलाने लगी. जब मैने नीचे देखा, तो वो कामुक निगाहों से मुझे ही देख रही थी.
बड़ा कमाल का एहसास था, की इतनी सेक्सी लेडी मेरा लंड चूस रही थी. फिर मैं भी गांद उठा-उठा कर उसके मूह में धक्के देने लगा. कुछ देर लंड चूसने के बाद वो खड़ी हुई बेड पर और अपनी जीन्स उतारने लगी. उसकी जांघें देख कर तो मेरा लंड और उछालने लगा. फिर उसने पनटी उतरी, और अब वो मूरत जैसे बदन वाली आंटी मेरे सामने नंगी थी.
वो मेरे लंड पर बैठ गयी, और अपनी छूट को मेरे लंड पर रगड़ने लग गयी. बड़ा ग़ज़ब का एहसास था. उसकी छूट के हल्के-हल्के बाल मेरे लंड पर रग़ाद रहे थे. वो और मैं दोनो हल्की आहें भर रहे थे.
फिर उसने मेरा लंड अपनी छूट के मूह पर रखा, और अपनी गांद आयेज की तरफ हिलाई. इससे मेरा लंड उसकी भट्टी जैसी गरम छूट में चला गया. उसके मूह से सीईइ… करके आवाज़ निकली, और मेरी भी आ निकल गयी.
फिर वो अपनी गांद धीरे-धीरे करके आयेज-पीछे करने लगी, जिससे मेरा लंड उसकी छूट के अंदर-बाहर होने लगा, और उसकी छूट को छोड़ने लग गया. धीरे-धीरे वो स्पीड बढ़ा रही थी, और मैं भी नीचे से उसको पूरा सपोर्ट दे रहा था. बड़ा मज़ा आ रहा था उसके बड़े-बड़े बूब्स हिलते देख कर.
फिर उसने मेरी चेस्ट पर हाथ रखे, और लंड पर उछालने लग गयी. अब मेरा लंड पूरा उसकी छूट छोड़ रहा था. मैं बीच-बीच में उसके बूब्स भी दबा रहा था. 20 मिनिट की इस चुदाई के बाद मेरा माल निकालने वाला हो गया. मैं उसको उतरने के लिए बोला, लेकिन उसने मेरा सारा माल अपनी छूट में ही निकलवा लिया. उसके बाद हम दोनो लेट गये, और कुछ देर बाद हम होटेल से अपने-अपने घर चले गये.
दोस्तों ये थी मेरी एक सॅकी कहानी. अगर आप सब को कहानी का मज़ा आया हो तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.