ही फ्रेंड्स, मैं पुणे के शिवाजी नगर से हू. मेरा नाम विक्रम है, और मैं 19 साल का हू. मेरी हाइट 5’7″ है, और लंड 6 इंच का है. ये कहानी मेरी और मेरी मौसी की बेटी शिवानी में हुए सेक्स की है, जो 3 महीने पहले हुआ. तो चलिए शुरू करते है.
जब से मैने पॉर्न देखना शुरू किया है, तब से मुझे सेक्स करने का बहुत चस्का चाड़ने लगा था. मैने पॉर्न में लड़कों को लड़कियों की पनटी को सूंघते और चाट-ते हुए काई बार देखा था.
एक दिन ऐसे ही मैं च्चत पर खड़ा था. च्चत पर कुछ कपड़े सूखने डाले हुए थे. उनकी कपड़ों में मेरी मौसी की बेटी शिवानी की पनटी भी थी. अब मैं पहले आपको शिवानी के बारे में बता देता हू.
शिवानी 23 साल की लड़की है, जो कॉलेज में पढ़ती है. वो च्छुतटियों में हमारे घर कुछ दिन रहने आई थी. शिवानी का फिगर 32-26-34 है, और रंग सावला है. उसके नैन-नक्श बड़े ज़बरदस्त है. शिवानी के बारे में मैने उस दिन से पहले ऐसा कुछ ग़लत कभी नही सोचा था.
तो मुझे शिवानी की पनटी दिखाई दी. मैने सोचा की एक जवान लड़की की पनटी सूंघ कर तो देखु, की क्या मज़ा आता है. ये सोच कर मैने उसकी पनटी तार से उतरी, और साइड पे जाके सूंघने लगा.
जैसे ही मैने उसकी पनटी को अपनी नाक से लगाया, मुझे तो मज़ा ही आ गया. एक अजीब सी नयी तरह की स्मेल आ रही थी, जो मैने पहली बार सूँघी थी. उसकी पनटी सूंघते ही मेरा खड़ा हो गया. फिर उसी वक़्त मुझे पीछे से आवाज़ आई-
आवाज़: विक्रम, ये क्या कर रहे हो तुम?
ये आवाज़ सुन कर मेरी गांद फटत गयी. जब मैने पीछे मूड कर देखा, तो पीछे शिवानी खड़ी थी. उसने वाइट कलर पाजामी सूट पहना हुआ था. मैं सोचने लगा की मैं क्या बोलू उसको.
फिर मैने कहा: आक्च्युयली दीदी ये नीचे गिर गयी थी. तो मैं इसको उठा कर रख रहा था.
वो मेरे पास आई, और बोली: मैने इसको वाहा सूखने डाला था. ये यहा कैसे पहुँच गयी? मैने तुम्हे इसको सूंघते हुए देखा है. झूठ मत बोलो.
फिर उसने नीचे मेरा लंड खड़ा हुआ देखा और बोली: और ये क्या है? शरम नही आती अपनी बेहन के बारे में ऐसा सोचते हुए.
मैं दर्र गया और बोला: सॉरी दीदी, मुझसे ग़लती हो गयी. मैने पॉर्न में देखा था लड़कों को लड़कियों की पनटी सूंघते हुए, तो सोचा मैं भी करके देखु.
शिवानी हस्सी और बोली: अछा. तो फिर कैसा लगा अपनी बेहन की पनटी सूंघ कर.
मैं: बहुत मज़ा आया.
तभी उसने ऐसा कुछ बोला, जो मैं सोच भी नही सकता था.
शिवानी: और कुछ भी सूँघेगा?
मैं: क्या दीदी?
शिवानी: मेरी छूट.
मैं ये सुन कर हैरान हो गया और बोला-
मैं: दीदी ये आप क्या बोल रही है.
शिवानी: क्यूँ पनटी सूंघ सकता है, छूट नही?
ये बोलते ही उसने अपनी पाजामी नीचे की, और उसकी ब्लू पनटी में च्छूपी हुई छूट मेरे सामने आ गयी. फिर वो बोली-
शिवानी: चल, सूंघ ले. ऐसा मौका दोबारा नही मिलेगा.
मैं जल्दी से अपने घुटनो पर बैठा, और पनटी के उपर से दीदी की छूट पर अपना मूह लगा लिया. वाह क्या खुश्बू थी. ये तो उस ढोई हुई पनटी से भी कही अची और ज़बरदस्त थी. मैं पनटी सूंगता रहा, और दीदी की पनटी गीली होने लगी.
दीदी धीमी आवाज़ में आ आ करने लग गयी थी. फिर मैने अपनी जीभ बाहर निकली, और दीदी की छूट को पनटी के उपर से चाटना शुरू कर दिया. दीदी ने भी मुझे रोका नही, और अपनी गांद आयेज-पीछे हिलने लग गयी.
फिर मैने दीदी की पनटी नीचे की, तो नीचे से एक खूबसूरत शेव की हुई छूट मेरे सामने आ गयी. मैने पॉर्न में छूट चटाई बहुत बार देखी थी. तो छूट देखते ही मैने उसको चाटना शुरू कर दिया.
छूट का पानी नमकीन था, लेकिन फीलिंग बड़ी ज़बरदस्त आ रही थी. दीदी मेरे सर को अपनी छूट में दबा रही थी. उस वक़्त आस-पास कोई नही था, तो किसी का दर्र भी नही था. कुछ देर छूट चाटने के बाद दीदी ने मुझे पीछे किया, और बोली-
शिवानी: छोड़ेगा अपनी दीदी को?
मैने हा में सर हिलाया. फिर दीदी ने मुझे खड़ा होने को बोला, और च्चत वाले स्टोर रूम में चली गयी. मैं भी उनके पीछे-पीछे चला गया. अंदर जाके दीदी ने ज़मीन पर चटाई बिछाई, और उस पर बैठ गयी.
फिर उसने अपनी पाजामी और पनटी उतार दी. उसके बाद उसने अपना शर्ट उपर उठा दिया. अब दीदी की नंगी जांघें और खूबसूरत छूट मेरे सामने थी. फिर वो बोली-
शिवानी: देख क्या रहा है, आजा डाल दे अपना लंड.
मैने अपनी पंत और अंडरवेर निकाल दिए, और अब मेरा लंड दीदी के सामने था. फिर मैं दीदी के उपर आया, और लंड उनकी छूट पर रगड़ने लग गया. दीदी आ आ कर रही थी.
सब कुछ बिल्कुल वैसा ही हो रहा था जैसा की पॉर्न वीडियो में दिखाते है. लेकिन मुझे उनकी छूट के च्छेद में डालने में दिक्कत हो रही थी. फिर दीदी ने मेरा लंड पकड़ा, और अपने च्छेद पर रख कर धक्का मारने को बोली.
मैने धक्का मारा तो मेरा आधा लंड छूट में चला गया. एक अलग ही मज़ा आने लगा. फिर मैने दूसरा धक्का मारा, और अपना पूरा लंड दीदी की छूट में घुसा दिया. दीदी की आ निकली, और मैने लंड अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया.
अब मुझे छोड़ना आ चुका था. मैने उनकी जांघें उपर मोदी, और तेज़-तेज़ धक्के देने लगा. बीच-बीच में मैं उनके होंठ भी चूसने लगा. हम दोनो को बड़ा मज़ा आ रहा था.
मैने सुबा ही मूठ मारी थी, इसलिए मेरा जल्दी नही निकल रहा था. तभी दीदी आ आ करते हुए झाड़ गयी. झड़ने के बाद दीदी बोली-
शिवानी: जल्दी कर, मेरा हो गया है.
फिर मैने 5 मिनिट दीदी को और छोड़ा, और झड़ने से पहले अपना लंड बाहर निकाल लिया. दीदी ने मुझे जल्दी से खड़ा होने को कहा, और मेरा लंड मूह में लेके चूसने लग गयी.
क्या फीलिंग थी वो दोस्तों, मैं बता नही सकता. कुछ ही सेकेंड्स में मेरे लंड का पानी निकला, जो दीदी पी गयी. उसके बाद घर वापस जाने से पहले मैने दीदी को 2 बार और छोड़ा. बहुत मज़ा आया.
आपको भी कहानी का मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.