ही दोस्तो, मेरा नाम रामानुज है. वैसे तो मैं राजस्थान के एक गाओं से हू, लेकिन आज कल मैं शहर में रहता हू. मेरी उमर 24 साल है, और हाइट 5’10” है. मेरा लंड 7 इंच का है, और मैने काफ़ी लड़कियो को छोड़ा है.
आज जो कहानी मैं आपको बताने जेया रहा हू, वो तब की कहानी है, जब मैं गाओं में था.
ये 8 साल पहले की बात है. मेरे पापा-मम्मी बचपन में ही मुझे छोढ़ कर चले गये थे. उस वक़्त मैं सिर्फ़ 2 साल का था. उनके जाने के बाद मेरे चाचा-चाची ने मुझे संभाला. मेरे चाचा आर्मी में थे, और ज़्यादातर घर से बाहर ही रहते थे.
जब मैं 15 साल का था, तब मेरे चाचा की भी डेत हो गयी. अब मेरी चाची इस दुनिया में अकेली हो गयी थी. उनकी उमर सिर्फ़ 35 साल थी, और वो बहुत खूबसूरत थी. उनका फिगर 36″30″38″ था, और रंग पूरा गोरा था. चाची का नाम रोहिणी था.
चाचा के जाने के बाद गाओं के हर मर्द ने चाची पर ट्राइ किया, लेकिन उनका काम नही बना. चाची चाचा से बहुत प्यार करती थी, और वो उनके जाने के बाद भी उनकी जगह किसी और को दे नही सकती थी.
चाची घग्रे-चोली में तो ज़बरदस्त सेक्सी लगती थी. कभी-कभी उनका घग्रा उड़ता था, तो उनकी जांघे दिखती थी. उनको देख कर तो हर मर्द की नीयत खराब हो जाती थी. क्यूकी चाचा आर्मी में थे, उनकी पेन्षन चाची को मिलती थी. इसलिए पैसो की कोई दिक्कत नही थी.
लेकिन फिर एंट्री हुई विलेन की. जिसका नाम था महिनदर सिंग. महिनदर सिंग गाओं का सेठ था. लोग उसको लाला कह कर बुलाते थे. उसकी हाइट 6 फुट थी, और वो राक्षस जैसा लगता था. एक दिन वो अचानक से हमारे घर आ गया. घर आके वो बोला-
लाला: बाहर निकलो, जो भी हो घर में.
घर में उस वक़्त मैं और चाची दोनो थे. हम दोनो भाग कर बाहर आए. फिर चाची ने उससे पूछा-
चाचा: क्या हुआ लाला जी, आज यहा कैसे आना हुआ?
लाला: देख रोहिणी, तेरे पति ने मुझसे 1000000 का कर्ज़ा लिया था. ये कर्ज़ा वो 3 महीने पहले वापस करने वाला था. लेकिन बीच में उसकी डेत हो गयी, तो मैं नही आया. पर अब मुझे मेरे पैसे वापस चाहिए.
चाची ये सुन कर हैरान हो गयी, और बोली-
चाची: लेकिन उन्होने तो मुझे किसी क़र्ज़ के बारे में नही बताया.
लाला: तुझे बताया या नही बताया, वो मेरा काम नही है. मुझे तो पैसे वापस चाचिए. ये देख काग़ज़ात उसके दस्तख़त किए हुए. और ये देख तेरे घर के काग़ज़ जो मेरे पास गिरवी पड़े है. अब या तो तू एक हफ्ते में पैसे देदे. या ये घर खाली कर दे.
चाची काग़ज़ देख कर कुछ बोल नही पाई. फिर लाला चला गया, और चाची सोच में पद गयी. वो पैसो का हिस्सब देखने लगी. सब जोड़-तोड़ कर सिर्फ़ 600000 इकट्ठे हुए थे. अब हमारी टेन्षन बढ़ गयी थी.
एक हफ़्ता बीट चुका था, और तक टोटल 650000 ही पुर हुए थे. फिर लाला हमारे घर पैसे लेने आ गया. जब उसको पता चला, की पैसे पुर नही हुए तो वो बोला-
लाला: देख रोहिणी, बाकी पैसे मैं छोढ़ तो नही सकता ना. तू ये घर खाली कर दे. मैं इसको बेच कर अपने पैसे पुर कर लूँगा, और बाकी पैसे तुझे वापस कर दूँगा.
चाची: रहम कीजिए लाला जी. हमारा कोई सहारा नही है.
ये बोल कर चाची उनके सामने घुटनो पर बैठ गयी. तभी लाला की नज़र चाची के बड़े-बड़े स्टान्नो पर पड़ी. लाला घूर-घूर कर चाची को उपर से नीचे देख रहा था. फिर उसने अपने बंडो को बाहर भेज दिया, और मुझे भी अंदर जाने को कहा.
मैं अंदर चला गया, लेकिन दरवाज़े पर खड़ा हो कर उनकी बाते सुन रहा था. फिर लाला ने चाची को बोला-
लाला: देख रोहिणी, मैं अपने उसूल तो नही बदल सकता. लेकिन तुझे कर्ज़ा चुकाने का दूसरा रास्ता बता सकता हू.
चाची: कों सा रास्ता?
फिर लाला चाची के पास गया, और उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए बोला-
लाला: तेरी जवानी अभी पूरी पड़ी है. अगर तू मुझे ये देदे, तो तेरा कर्ज़ा माफ़ कर दूँगा.
ये सुन कर चाची गुस्से से बोली-
चाची: आपको शरम नही आती? मुझे नही पता था, की आप इतने गिरे हुए हो.
लाला: देख रोहिणी, मैने जो बोलना था बोल दिया. मैं शाम को अवँगा. या तो पैसे दे देना, या अपना समान बाहर निकाल देना. और तीसरा रास्ता तो मैने तुझे बता ही दिया है.
ये बोल कर वो चला गया. चाची शाम तक सोच में पड़ी रही. शाम को वो मेरे पास आई, और उन्होने मुझे किसी काम के लिए बाहर जाने को बोला. मैने हामी तो भर दी, लेकिन मैं गया नही. मैं घर के पास ही जाके बैठ गया.
फिर लाला जब घर के अंदर गया, तो मैं भी खिड़की से घर के अंदर चला गया. अंदर जाके लाला और चाची की कुछ बात हुई, और वो बाहर चला गया. बाहर जाके उसने अपने आदमियो को कुछ बोला, और वो चले गये. उसके बाद वो दोबारा से वापस आ गया.
चाची लाला को कमरे में ले गयी. चाची ने नीले रंग का लहंगा चोली पहना था. लाला बेड पर बैठ गया, और उसने चाची को अपनी गोद में बिता लिया. फिर उसने चाची की चोली फाड़ दी, और उसके बड़े-बड़े स्टान्नो को बाहर निकाल लिया.
चाची के गोरे स्टअंन देखते ही लाला उन पर टूड पड़ा. वो स्टान्नो को दबा-दबा कर चूसने लगा. चाची भी आहें भर रही थी, लेकिन उनके चेहरे पर कोई खुशी नही थी. फिर लाला ने चाची को बिस्तर पर लिटाया, और उनका लहंगा उपर उठा कर उनकी जाँघो को चूमने लगा.
लाला ने एक हाथ जांघीए के उपर से चाची की छूट पर रखा, और उसको ज़ोर-ज़ोर से मसालने लग गये. चाची की साँसे और आहें दोनो तेज़ हो रही थी. फिर लाला ने चाची का लहंगा और जांघिया दोनो उतार दिए.
अब चाची नंगी थी लाला के सामने, और वो बिल्कुल अप्सरा लग रही थी. फिर लाला ने अपने कपड़े उतार दिए. अब लाला भी पूरा नंगा था, और उसका 9 इंच का लंड फंफना रहा था. फिर लाला चाची के उपर आया, और उनकी टांगे खोल दी.
लाला ने अपना लंड चाची की छूट पर रगड़ा, और एक ज़ोर का धक्का दिया. चाची चीख पड़ी, और काँपने लग गयी. लेकिन लाला ने उसको कस्स के पकड़ लिया. लाला ने अपने होंठो से चाची के होंठ बंद कर लिए, और उनकी छूट में धक्के देने लगा.
चाची ह्म ह्म कर रही थी, और लाला उनको छोड़ रहा था. ये सब देख कर मेरा भी लंड अकड़ गया था. लाला पागलो की तरह धक्के मार रहा था, और चाची के गाल और स्टान्नो को चबा रहा था.
चाची की आँखों से आँसू बह रहे थे, और लाला उनको भी पी रहा था. लाला ने चाची की छाती, उनके स्टअंन और गाल सब चबा-चबा कर लाल कर दिए थे. उसने चाची की टाँगो को पूरा मोड़ दिया, और ज़ोर के धक्के देता रहा.
20 मिनिट ऐसे ही छोड़ने के बाद लाला आ आ करने लगा. तभी चाची उसको बोली-
चाची: नही लाला जी अंदर नही.
लेकिन लाला ने आहह आ करते हुए चाची के अंदर ही अपना माल निकाल दिया. फिर लाला चाची की बगल में लेट गया. 15 मिनिट बाद लाला ने चाची को लंड चूसने को बोला. चाची उठी, और लाला का लंड चूसने लगी.
लाला का लंड फिरसे खड़ा हो गया था, और वो चाची के मूह में धक्के दे रहे थे. फिर लाला ने चाची को घोड़ी बना लिया, और उनकी गांद में उंगली डालने लगे. तभी चाची बोली-
चाची: नही यहा नही लाला जी. यहा बहुत दर्द होगा. मैने यहा कभी नही डलवाया है.
लाला: कर्ज़ा चुकाना है की नही?
चाची चुप हो गयी, और लाला ने चाची की गांद पर थूक दिया. फिर उसने अपना लंड चाची की गांद के छेड़ पर सेट किया, और ज़ोर का धक्का दिया. चाची चीख पड़ी, और भागने की कोशिश करने लगी. लेकिन लाला की पकड़ मज़बूत थी.
लाला ने चाची के चूतड़ पकड़ लिए, और गांद को चीरते हुए लंड अंदर डाल दिया. चाची की गांद खून से लाल हो गयी, लेकिन लाला उनको छोड़ता रहा. उसने थप्पड़ मार कर चाची के चूतड़ लाल कर दिए थे.
20 मिनिट में लाला ने चाची की गांद पूरी तरह फाड़ दी. फिर वो आ आहह करके अंदर ही निकल गया, और चाची के पास लेट गया. अब वो दोनो हाँफ रहे थे. फिर चाची लाला को बोली-
चाची: लाला जी, अब तो कर्ज़ा चुकता हो गया ना?
लाला: ये पहली 10000 की किश्त थी. अभी 34 किश्ते बाकी है.
ये सुन कर चाची हैरान हो गयी.
उस दिन के बाद से लाला अगले 34 दिन तक रोज़ हमारे घर आया. रोज़ वो चाची की छूट और गांद छोड़ने लगा. अब चाची भी मज़े से उससे छुड़वाने लगी. कुछ दीनो बाद चाची को पता चला, की उनकी कोख में बच्चा ठहर गया था. उसके बाद चाची हमेशा के लिए लाला की रंडी बन गयी.
दोस्तो अगर कहानी पढ़ने में मज़ा आया हो, तो इसको लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.