हेलो फ्रेंड्स, मैं राज अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके वापस आ गया हू. उमीद करता हू, की आप सब को पिछला पार्ट पसंद आया होगा. और आपने अपने लंड/छूट का पानी भी निकाला होगा.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा था, की हमारे पड़ोस में बड़ी अमीर फॅमिली रहती थी. फिर मैं उनके घर समान देने गया तो, रेखा आंटी को देख कर पागल हो गया. वो भी मेरे साथ डबल मीनिंग बातें कर रही थी.
फिर उनके बेटे आकाश का बर्तडे था, और मैं सुबा से लेके शाम तक उन्ही के घर था, और आंटी का कुत्ता बना हुआ था. फिर शाम हुई, और सब रेडी होने चले गये. अब आयेज बढ़ते है.
मैने एक ब्लॅक त-शर्ट और वाइट जीन्स पहनी, और पूरी बॉडी पर बॉडी स्प्रे लगा कर आंटी के घर चला गया. गेस्ट आ चुके थे, और सारी औरतें एक से एक कामुक लग रही थी.
पर मेरी नज़र रेखा आंटी को ढूँढ रही थी. तभी मैने देखा आकाश भी रूम से रेडी होके बाहर आ चुका था. अगले 5 मिनिट में आंटी के रूम का दरवाज़ा खुला, और आंटी बाहर आई.
उनके बाहर आते ही हॉल में सब मर्दों की नज़र उनकी तरफ चली गयी. जाती भी क्यूँ ना, आंटी लग ही इतनी हॉट रही थी, की किसी भी लंड का देख कर ही पानी निकल जाए.
आंटी ने ग्रीन टॉप, और साथ में येल्लो-ब्लॅक मिक्स्चर स्कर्ट पहनी थी. उनका टॉप फुल स्लीव था, लेकिन टाइट था. उसमे से उनकी अप्पर बॉडी की पूरी शेप दिख रही थी, और क्लीवेज भी नज़र आ रही थी.
उनके बूब्स एक-दूं टाइट थे उसमे, और ऐसा लग रहा था, की टॉप फाड़ कर बाहर आ जाएँगे. स्कर्ट उनका घुटनो से कुछ इंच नीचे तक था. आंटी ने फेस पर जल्का मेकप कर रखा था, और लाइट लिपस्टिक लगाई हुई थी.
बाल उनके खुले हुए थे, और स्ट्रेट थे. तो जैसे की मैने बताया, की पार्टी में बहुत माल था. लेकिन पार्टी का असली माल तो अब बाहर आया था. फिर केक काटने का टाइम हुआ, और आंटी ने मुझे भी इशारा करे पास बुला लिया.
वाहा आकाश केक काट रहा था. और मेरी नज़र उसकी केक जैसी मम्मी पर थी. फिर आकाश ने पहला स्लाइस रेखा आंटी को खिलाया, और उसी में से दूसरी बीते मुझे दी. मैने सोचा की आंटी का जूता तो खा लिया, अब बस आंटी को खाना बाकी था.
फिर सब लोग पार्टी एंजाय करने लगे. सब ने खाना खाया, गिफ्ट दिए, और फिर जाने लगे. अगले 2 घंटे में सब जेया चुके थे. फिर आकाश ने आंटी से कहा की वो अपने दोस्तों के साथ सेलेब्रेट करना चाहता था. आंटी ने उसको एस बोल दी, और वो भी अपने दोस्तों के साथ क्लब चला गया. अब मैं और आंटी ही बचे थे घर पर, क्यूंकी नौकर भी जेया चुके थे.
फिर मैं जब आने लगा, तो आंटी बोली: मेरी हेल्प नही करोगे राज?
मैं: ज़रूर करूँगा आंटी.
आंटी: अपनी मम्मी को बोल दो की तुम आज रात यही रुकोगे.
मैं खुश हो गया, और मैने जल्दी से मम्मी को कॉल करके बोल दिया. फिर मैं आंटी के साथ किचन में हेल्प करने लगा. आधे घंटे में हम दोनो फ्री हुए, और हॉल में आके बैठ गये.
आंटी: आ राज मैं बहुत तक गयी आज तो. मेरी तो लेग्स बहुत दर्द कर रही है.
मैं: आंटी आप कहे तो दबा डू लेग्स आपको. मैं मसाज अची करता हू.
आंटी: अछा? ज़रा हम भी तो देखे तुम्हारी मसाज.
आंटी सोफा पर बैठी थी, और उन्होने अपनी लेग्स टेबल पर रख ली. मैं नीचे कालीन पर बैठ गया, और आंटी की लेग्स दबाने लगा.
जैसा की मैने बताया है, की आंटी ने स्कर्ट पहनी थी, तो उनकी स्कर्ट घुटनो से थोड़ी नीचे ही थी, और बाकी टांगे नंगी थी. मैं लेग्स दबा रहा था, और धीरे-धीरे उपर जाने लगा.
बड़ी नरम और गोरी लेग्स थी उनकी. और उनकी इतनी लेग्स को ही देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया था. पता नही अगर पूरी लेग्स देखने को मिलती तो क्या होता. फिर आंटी बोली-
आंटी: राज तू अची मसाज करता है. ज़रा उपर कर ना.
मैने अपने हाथ उपर बढ़ाए, और घुटनो के उपर आ गया. अब मैं आंटी की जांघों पर था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन मेरे हाथ भी काँप रहे थे. आंटी ने मेरे हाथ काँपते हुए देख लिए और हेस्ट हुए बोली-
आंटी: तूने को कहा था की तू बॅटिंग अची करता है. तेरे तो यही पर हाथ काँप रहे है.
ये बात सुन कर मैं हैरान हो गया. मुझे समझ आ रहा था की आंटी का क्या मतलब था. लेकिन कुछ करने से पहले मैं बिल्कुल शुवर होना चाहता थे. फिर मैं बोला-
मैं: आंटी पता होना चाहिए ना की बॅटिंग करनी ही है. जब तक पता ना हो की बॅटिंग करनी है की, तब तक पिच किसी दूसरे की होती है. लेकिन पता चल जाए, तो बात और होती है.
आंटी आयेज हुए और मेरे बाल पकड़ कर बोली: तुझे सच में लगता है मैने तुझे काम करवाने के लिए रोका था.
बस उनके ये कहने की ही देर थी. मैने भी आंटी के बाल पकड़ कर उनको अपनी तरफ खींचा, और अपने होंठ उनके होंठो से मिला दिए. इतना स्वाद मुझे ज़िंदगी में कभी नही आया था, जितना आंटी के होंठो से होंठ लगने पर आया.
मैं ज़ोर-ज़ोर से आंटी के होंठ चूसने लगा. आंटी भी मेरा पूरा साथ देने लगी, और मेरे बाल सहलाने लगी. मैने आंटी की स्कर्ट में अपना हाथ डाल लिया, और उनकी जाँघ को सहलाने लगा.
फिर मेरा हाथ आंटी की पनटी पर जेया पहुँचा, और मैने पनटी के उपर से उनकी छूट को सहलाना शुरू कर दिया. जैसे ही मेरा हाथ उनकी छूट पर पड़ा, आंटी की किस और वाइल्ड हो गयी. वो मेरे होंठ खींच-खींच कर चूस रही थी.
फिर मैने आंटी को वैसे ही सोफा पर लिटा लिया, और उनकी गर्दन को किस करने लगा. मैने उनके दोनो बूब्स पर अपने दोनो हाथ रखे, और दबा कर क्लीवेज में मूह डालने लगा. आंटी मुझे पीछे से अपने बूब्स की तरफ धकेल रही थी.
क्या खुश्बू थी आंटी के बूब्स की. फिर मैने आंटी के टॉप को कंधो से पकड़ा, और उनको खींच कर कंधो से बाजू पर ले आया, और उनके कंधो को किस करने लगा. नीचे से मेरा लंड स्कर्ट और पनटी के उपर से उनकी छूट पर टच हो रहा था.
इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. कहानी का मज़ा आ रहा हो, तो फीडबॅक ज़रूर दे.