पिछला भाग पढ़े:- पड़ोस में मिला सेक्स का डबल डोस-1
ही दोस्तों, मैं अनुज वापस आ गया हू अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके. उमीद करता हू की आपको पिछला पार्ट पसंद आया होगा. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो प्लीज़ पहले वो पढ़ लीजिए.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की कैसे मैं साक्षी आंटी से मिला, और किस तरह से हमारी चुदाई हुई. पहली चुदाई के बाद हम दोनो तकरीबन हर रोज़ सेक्स करने लगे. कभी आंटी मेरे फ्लॅट पर आ जाती, और कभी मैं उनके फ्लॅट पर.
आंटी बड़ी वाइल्ड थी, और सेक्स का पूरा मज़ा लेती और देती थी. इसी तरह एक दिन उनके हज़्बेंड को 4 दिन के लिए कही बाहर जाना था. तो आंटी ने मुझे उनके ही फ्लॅट में रात को सोने को बोला. हम दोनो पुर मज़े कर रहे थे.
दूसरे दिन जब दूध वाला आया, तो मैं अपने फ्लॅट में चला गया, ताकि उसको शक ना हो जाए. फिर दूध डलवा कर मैं सीधा आंटी के फ्लॅट में आ गया. जल्दी-जल्दी में मैं दरवाज़ा बंद करना भूल गया.
मैं आंटी की किचन में गया, और वही पर उनको नंगा करके घोड़ी बना कर छोड़ने लग गया. हम दोनो इतने मगन थे चुदाई में, की हमे कोई होश नही था. अभी 5 मिनिट ही हुए थे हमे चुदाई करते हुए, की तभी पीछे से एक आवाज़ आई-
आवाज़: मम्मी जी, ये आप क्या कर रही है?
वो आवाज़ सुन कर हम दोनो दर्र गये. जब पीछे देखा तो एक बड़ी ही हॉट लड़की खड़ी थी. मुझे नही पता था की वो लड़की कों थी. तभी आंटी उसको देखते हुए बोली-
आंटी: पूजा बेटी, तुम यहा?
पूजा आंटी की बहू थी, जिसके बारे में मैने अक्सर सुना था. आंटी ने फिर मुझसे अपने आप को अलग किया, और अपने कपड़ों से खुद को ढकने लगी. पूजा मेरा लंड देखे जेया रही थी. मैने भी अपने कपड़े से खुद को ढाका.
पूजा एक बहुत ही सेक्सी लड़की थी. उसने शॉर्ट ड्रेस डाली हुई थी, जिसमे से उसकी सेक्सी जांघें दिख रही थी. हाथो में उसके चूड़ा था, जो मुझे बहुत अछा लगता है. बाल उसके गोलडेन ब्राउन थे, और लिप्स पर रेड लिपस्टिक थी.
उसके रसीले होंठ और कॅसा हुआ जिस्म देख कर मेरा लंड और सख़्त हो गया. फिर आंटी ने बोलना शुरू किया-
आंटी: पूजा तुम एक मिनिट ड्रॉयिंग रूम में चलो, मैं आती हू.
पूजा कुछ नही बोली, और जाके ड्रॉयिंग रूम में बैठ गयी. फिर आंटी ने कपड़े पहने, और मुझे भी कपड़े पहनने को बोला. कपड़े पहन कर हम दोनो पूजा के पास ड्रॉयिंग रूम में गये. पूजा मुझे ही देखे जेया रही थी.
फिर आंटी बोली: पूजा, ई आम सॉरी. लेकिन मैं मजबूर थी. काफ़ी सालों से तुम्हारे पापा ने मुझे टच नही किया था. जब अनुज मिला, तो मैं अपने आप को रोक नही पाई, और ये सब हो गया. तुम तो खुद एक लड़की हो, मेरी हालत समझ सकती हो.
पूजा: जी मम्मी जी. मैं समझ सकती हू आपकी हालत. जब एक औरत संतुष्ट नही होती, तो उसको दूसरे मर्द का सहारा लेना पड़ता है.
आंटी: हा बेटा, थॅंक योउ मुझे समझने के लिए. वैसे आज अचानक यहा कैसे आना हुआ?
पूजा: मैं भी वही प्राब्लम फेस कर रही हू, जिसका सल्यूशन आपको अनुज ने दिया है.
आंटी: मतलब?
पूजा: मतलब ये, की जब से मेरी शादी आपके बेटे से हुई है, उस दिन से एक बार भी वो मुझे वो सुख नही दे पाया, जो हर औरत को चाहिए होता है. अब आपने तो अपनी प्राब्लम सॉल्व कर ली. मेरी प्राब्लम भी सॉल्व कर दीजिए.
आंटी ने स्माइल करी और बोली: मतलब बाप की तरह बेटा भी किसी काम का नही है. चलो कोई बात नही.
फिर आंटी मेरी तरफ देख कर बोली: अनुज, क्या तुम अपनी भाभी को भी खुश कर सकते हो, जिस तरह तुमने मुझे खुश किया है?
मैं: खूबसूरत लड़कियों के लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हू. और भाभी तो है ही बहुत खूबसूरत. आज मैं इनको इतना खुश कर दूँगा, की पिछली सारी कसर निकल जाएगी.
ये बोलते ही मैने पूजा को खड़ा किया, और उसको अपनी बाहों में भर लिया. फिर मैने अपने होंठ उसके होंठो के साथ लगा दिए, और उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए. शुरू-शुरू में वो मेरा साथ नही दे रही थी, लेकिन फिर साथ देने लगी.
किस करते हुए मैं सीधे अपने हाथ उनकी गांद पर ले गया. क्या मस्त गांद थी पूजा भाभी की, एक-दूं मस्त. आंटी वही पास बैठी अपनी छूट सहलाने लग गयी. कुछ देर किस करने के बाद मैने पूजा को घोड़ी बनने को कहा.
पूजा ने सोफा की साइड में अपने हाथ रखे, और गांद बाहर निकाल कर घोड़ी बन गयी. मैने उनकी ड्रेस पीछे से उपर उठाई, और पनटी नीचे कर दी. उन्होने क्रीम कलर की नेट वाली पनटी पहनी थी.
फिर मैं घुटनो के बाल बैठ गया, और उनकी छूट चाटने लग गया. उनकी छूट ब्राउन थी, और बिल्कुल वर्जिन लड़की की तरह थी. उधर आंटी पूजा भाभी के सामने बैठ गयी, और उनको किस करने लग गयी.
मुझे बड़ा स्वाद आ रहा था भाभी की छूट चाटने में. वो अब अपनी गांद हिला-हिला कर छूट चटवा रही थी. ऐसे ही छूट चत्वाते हुए उनकी छूट ने पानी छ्चोढ़ दिया, जो सारा का सारा मैं पी गया.
आंटी ने पूजा भाभी की ड्रेस उतार कर ब्रा भी खोल दी, और किस करते हुए उनके बूब्स दबाने लग गयी. मैं फिर खड़ा हुआ, और उसी पोज़िशन में उनकी छूट पर लंड सेट किया.
फिर मैने एक ज़ोर का धक्का मारा, और पूरा लंड भाभी की छूट में घुसा दिया. पूजा की ज़ोर की चीख निकली, लेकिन आंटी ने उसका मूह अपने मूह से बंद कर दिया. उसकी छूट से तोड़ा खून भी निकल आया.
लेकिन मैने किसी चीज़ की परवाह नही की, और लंड अंदर-बाहर करने लग गया. बड़ी क़ास्सी हुई छूट थी, ऐसा लग रहा था की किसी ने छोड़ी ही नही थी पहले. पूजा सही बोल रही थी, की उसको चरम सुख नही मिल रहा था.
धीरे-धीरे मैने अपनी स्पीड तेज़ कर दी, और पूजा को भी मज़ा आने लगा. मैं छूट छोड़ते हुए उसके चूतड़ मसल रहा था. फिर आंटी ने पूजा को छ्चोढ़ दिया, और पूजा मेरी तरफ देख कर बोली-
पूजा: आहह बहुत मज़ा आ रहा है. और ज़ोर से छोड़ो प्लीज़.
मैने अपनी स्पीड बधाई, और उसको ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लग गया. वो ज़ोर की आहें भरने लग गयी. 15 मिनिट बाद पूजा की टांगे काँपने लगी, और उसकी छूट का गरम-गरम लावा मुझे अपने लंड पर महसूस हुआ.
झड़ने के बाद वो ढीली पद गयी, लेकिन मैं उसको छोड़ता रहा. 5 मिनिट और छोड़ने के बाद मैने उसकी गांद पर अपना पानी निकाल दिया.
उस दिन के बाद से मैं उन दोनो सास-बहू को छोड़ने लगा, और वो चुदाई आज भी जारी है. वो दोनो बहुत खुश है, और मैं भी.
तो दोस्तों, ये थी मेरी कहानी. अगर आपको मज़ा आया हो, तो लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.