ही दोस्तों, मैं विवेक अपनी कहानी का अगला पार्ट लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. आशा करता हू की आप सब ने पिछला पार्ट पढ़ा होगा, और पिछला पार्ट आप सब को पसंद भी आया होगा. जिन लोगों ने भी पिछला पार्ट नही पढ़ा है, वो प्लीज़ जाके पहले पिछला पार्ट पढ़े.
पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा की मैने अपने स्कूल की कड़ी हुई नौकरानी को चोरी करते पकड़ लिया था. फिर मैने उससे अपना लंड चुस्वाया, और उसको नंगा कर दिया. अब वो सिर्फ़ ब्रा पनटी में थी. मैने उसको मेरे रूम में चलने को कहा, और जब वो गांद मतकाती जेया रही थी, तो मैने साइड में पड़ा एक डंडा उठा लिया. अब आयेज बढ़ते है.
बबिता गांद हिलाते जेया रही थी, और तभी मुझे शैतानी सूझी. मैने डंडा पकड़ा, और ज़ोर से उसकी गांद पर मारा.
बबिता: आई आई आई आ. क्या कर रहे हो बहनचोड़!
मैं: गाली देती है साली! ये ले एक और ले.
और ये बोल कर मैने फिरसे उसकी गांद पर डंडा मारा.
बबिता: आ आ ऑश, सॉरी-सॉरी, माफ़ कर दो. ग़लती से मूह से गाली निकल गयी.
वो डंडा एक पतला सा डंडा था. पतली पेड़ की टहनी जैसा. उससे ज़्यादा नुकसान तो नही होता है. लेकिन जब पड़ता है, तो स्किन पर पताका पड़ता है, जैसे ज़ोर का थप्पड़ मारा हो. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, और मैने एक और धार दिया. इस बार वो भागने लगी.
मैं भी हेस्ट हुए पीछे भागने लगा. वो सीधा मेरे रूम में गयी, और बेड पर जाके गिर पड़ी. मैं भी जाके उसके उपर चढ़ गया. अब वो सीधी लेती थी, और मैं उसके उपर उसकी तरफ मूह करके लेता हुआ था. हम दोनो की साँसे तेज़ थी, और मोमेंट बन चुका था.
फिर मैने अपने होंठ उसके होंठो से लगा दिए, और हम दोनो की किस्सिंग शुरू हो गयी. बड़े रसीले थे उसके होंठ. मैं उसको वाइल्ड किस कर रहा था, और वो भी पूरा रेस्पॉन्स दे रही थी. बड़ा मज़ा आ रहा था.
लगातार 10 मिनिट मैने उसके होंठो का रस्स पिया. फिर मैने उसके होंठ छ्चोढे, और उसकी गर्दन चूमने लगा. उसकी क्लेवगे में मूह डाल कर बड़ा मज़ा आ रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे किसी जलती भट्टी में मूह डाल दिया हो.
फिर मैने उसके शोल्डर्स पर किस करते हुए उसकी ब्रा स्ट्रॅप्स नीचे खिसका दी. इससे उसकी ब्रा ढीली हो गयी. फिर मैने उसकी ब्रा को सामने से पकड़ा, और खींच कर नीचे पेट पर कर दिया. अब उसके काससे हुए मस्त बूब्स मेरे सामने थे.
मैने उसके दोनो बूब्स को पकड़ा, और उसको मसालने लगा. वो आ आ करने लग गयी. फिर मैं अपना मूह उसके बूब्स में डाल कर उनकी सॉफ्टनेस को फील करने लगा. वो भी इससे मस्त होने लगी. फिर मैने उसके एक बूब के निपल को अपने मूह में डाला, और उसको चूसना शुरू कर दिया. क्या स्वाद आ रहा था उसका बूब चूस के, एक-दूं ज़बरदस्त.
मैं काफ़ी देर उसके दोनो बूब्स को चूस्टा रहा. इससे उसके बूब्स के निपल उत्तेजना से एक-दूं अकड़ गये. फिर मैने उसकी ब्रा उपर की तरफ घुमाई, और उसके हुक खोल कर निकाल दी. उसके बाद मैं उसके पेट और नाभि पर किस करने लगा. दोस्तों लड़की के पेट में किस करने का अलग ही मज़ा आता है.
फिर मैं नीचे गया, और उसकी पनटी खींच कर निकाल दी. अब वो मेरे सामने नंगी थी. उसकी छूट पर काफ़ी बाल थे. लेकिन हवस ऐसी चीज़ है, की छूट के बाल भी आचे लगते है. मैने उसकी छूट पर अपना मूह लगाया, और उसको चाटने लग गया. मैं ये देख कर हैरान हो गया, की उसकी छूट अभी सील बंद थी. ये देख कर तो मैं और एग्ज़ाइटेड हो गया.
फिर मैं ज़ोर-ज़ोर से उसकी छूट दबाने लगे, और उंगलियों से मसालने लगा. मैने एक उंगली छूट में डाली तो वो चीखने लगी. क्यूंकी मुझे उससे बदला लेना था, तो मैने सोचा पहले उंगलियाँ डाल कर छूट को ढीला नही करूँगा, और सीधे ही अपना लंड डाल कर उसको दर्द का एहसास दूँगा.
फिर मैने अपने कपड़े उतारे, और पूरा नंगा हो गया. मेरा लंड उसकी तरफ इशारा करते हुए फंफना रहा था. वो भी मेरे लंड की तरफ देख रही थी. फिर मैं उसके उपर आया, और मैं अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. वो भी पूरी मस्त हो रही थी लंड छूट पर रगड़ने से. वो गांद उठा-उठा कर मज़ा ले रही थी.
फिर मैने उसकी छूट के मूह पर लंड टीकाया, और ज़ोर का झटका मारा. मेरे लंड का टोपा उसकी छूट में घुस गया, और वो ज़ोर-ज़ोर से चीखने लगी. पुर स्कूल में कोई भी नही था उसकी चीख सुनने वाला, तो मैने उसको चिल्लाने दिया. बड़ा सुकून मिल रहा था मुझे उसकी चीखें निकलवा कर.
वो मुझे रुकने के लिए कहने लगी, लेकिन मैने बेदर्दी से झटके मारते हुए पूरा लंड उसकी छूट में घुसा दिया. उसकी सील टूट चुकी थी, और खून बाहर आ चुका था. चीखों से पूरा स्कूल गूँज उठा था. फिर लंड अंदर डालने के बाद मैं कमर घूमने लगा, ताकि लंड छूट में घूमे. इससे लड़कियों को बड़ा मज़ा आता है.
जब वो थोड़ी शांत हुई, तो मैने लंड पूरा बाहर निकाला, और ज़ोर से फिरसे पूरा अंदर डाल दिया. उसको फिरसे दर्द हुआ, और मुझे उसको दर्द देके मज़ा आया. अब मैं धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करके उसको छोड़ने लगा. अब उसको भी चुदाई का मज़ा आना शुरू हो गया था, और वो भी मज़े से आहें भर रही थी.
धीरे-धीरे मैने अपनी चुदाई की स्पीड बधाई, और उसको ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगा. तकरीबन 10 मिनिट बाद वो आ आ करती हुई झाड़ गयी. फिर मैने उसको अपने उपर किया, और लंड पर उछाल-उछाल कर छोड़ने लगा. अब वो बड़े मज़े से उछाल-उछाल कर मेरा लंड ले रही थी.
अगले 15 मिनिट वो मुझ पर ऐसे ही उछालती रही. फिर वो आ आ करते हुए झाड़ गयी, और मुझ पर गिर गयी. मैं भी झड़ने वाला था, तो मैने उसको अपने से उतार कर सीधा लिटाया, और अपना माल उसके मूह पर निकाल दिया. फिर मैने उसको जाने दिया. उसके बाद उसने नौकरी छ्चोढ़ दी, और मैने उसको दोबारा कभी नही देखा.
तो ये थी मेरी कहानी दोस्तों. अगर आपको कहानी का मज़ा आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ शेर ज़रूर करे. ताकि इसको ज़्यादा से ज़्यादा रीडर्स पढ़े.