मेरा नाम सौरभ है। और मैं अभी 27 साल का हूं। मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। यहां पे एक कंपनी में काम करता हूं। मेरी हाईट 5’10” इंच है, और मेरे लंड की लंबाई 6 इंच की है, और मोटाई 3 इंच है।
शकल से मैं बहुत भोला-भाला और सीरियस किस्म का दिखता हूं। पर कहते है ना कि चेहरा धोखा देता है। शुरू से मैं शर्मिला किस्म का इंसान रहा हूं, पर एक बार खुलने के बाद मैं बहुत खुले मिजाज का हो गया हूं।
वैसे तो मैंने बहुत भाभियों और लड़कियों के साथ सेक्स किया है, पर ये मेरे पहले सेक्स की कहानी है।
ये कहानी मेरी पहली गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स की है। पहले मैं उसके बारे में बता दूं। मेरी गर्लफ्रेंड का नाम सायरा था, और मैं उसके साथ 3 साल से रिलेशनशिप में था। वो बला की खूबसूरत थी। तीखे नैन नक्श और दूध जैसी गोरी थी वो। कोई भी मर्द उसे देख ले तो उसका लंड पैंट में ही खड़ा हो जाए।
मैं उसको स्कूल टाइम से जनता था, और स्कूल से पास आउट होने के बाद हमारी रिलेशनशिप शुरू हुई थी। ये कहानी 8 साल पहले की है। सायरा की उमर तब उन्नीस साल की थी। उसका कद पांच फुट पांच इंच और फिगर 34-32-36 का था।
हम लोग सबसे पहली बार 2009 में मिले थे, जब मैंने अपना स्कूल बदला था। शुरू से ही मैं उसे पसंद करता था, पर कहने से डरता था। मैंने बहुत बार उससे बात करने की कोशिश की, पर मेरी हिम्मत नहीं होती थी। फिर धीरे-धीरे मैंने उससे कुछ नोट्स या कॉपी लेने के बहाने बात-चीत शुरू की।
धीरे-धीरे उससे अच्छी बात शुरू हुई, और हम अच्छे दोस्त बन गए। मैंने उसका नंबर ले लिया, और हम रोज बातें करने लगे थे। हम दोनों बहुत ज्यादा क्लोज आ गए थे, और दिन भर की सारी बातें एक-दूसरे को बताते थे।
और जब स्कूल का फेयरवेल हुआ, तब मैंने उसे प्रपोज कर दिया।
उसने एक शर्त पे मेरा प्रस्ताव माना, कि मैं कभी उसे शारीरिक होने के लिए ना कहूं। मैंने भी उसकी बात मानी पर मुझे शुरू से सेक्स में रुची थी, तो मैंने सोचा धीरे-धीरे उसको मना लूंगा।
पर मैं गलत था, और रिलेशनशिप के 3 साल बाद तक उसने मुझे एक किस भी लेने नहीं दी थी। ऐसा इसलिए भी हुआ, क्यूंकि मैं शहर से बाहर रहने लगा और हम बहुत कम मिलते थे। मैंने सोचा ऐसे में तो काम नहीं चलेगा। हालाकि मैं उससे सेक्स चैट करता था, पर वो उससे ज्यादा कुछ करने नहीं देती थी।
जब मैं वापस शहर में आ गया, तो मैंने सोच लिया था कि अब तो उसके साथ सब कुछ करना है। और मैंने प्लान बनाना शुरू किया। मैंने उसे बहुत मुश्किल से एक किस के लिए माना लिया था, पर मेरा प्लान था कि किस करते हुए उसके स्तन और योनि को स्पर्श करूंगा। और कुछ हो पाए तो ये मेरे लिए सोने पे सुहागा होता।
एक बार मैं दिल्ली के एक पोश इलाके में घूम रहा था। वहां मुझे एक पार्क मिला जिसमे एक अंडरग्राउंड/बेसमेंट जैसे कमरे बने हुए थे। ऊपर में पार्क था, और नीचे कमरे। वहा बहुत अंधेरा भी था। ये जगह किसी सरकारी ऑफिस के इस्तेमाल के लिए रखी हुई थी। वहां पर कोई भी आता जाता नहीं था।
मैंने अंदर जाके देखा और सोच लिया कि सायरा को वहीं लेके जाऊंगा। उस वक्त ओयो जैसा कुछ नहीं था कि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को वहां लेजा सकूं।
जब मैं उससे मिला, तो मैं उसको वही ले गया और वहां उसे गले लगा लिया। ये मेरा पहली बार था, जब मैं एक लड़की के इतने करीब था।
मैंने उसे किस की पहली बार, और बहुत देर तक उसके होंठ चूसता रहा। मुझसे रहा नहीं जा रहा था, और मेरी पैंट में मेरा लंड बहुत कड़ा हो गया था।
उसके बाद वो वहां से चलने को कहने लगी। मुझे भी मजबूरन वहां से आना पड़ा, लेकिन हम वहां उसके बाद 3-4 बार मिले, लेकिन बस किस तक बात बनी। वो मुझे अपने किसी अंग को छूने नहीं दे रही थी, और बार-बार मेरा हाथ हटा देती थी।
मैंने सोच लिया था, कि अब इस बार मिले तो मैं आगे करने की कोशिश करूंगा। हर बार मिलने के बाद हम रात में सेक्स चैट करते थे और वो कहती थी कि बहुत मजा आता है किस करने में। लेकिन उसके आगे करने के लिए मना करती थी। इस पार्क में कोई नहीं आता था तो हमें किसी का डर भी नहीं था।
जब हम दुबारा मिले तो मैं किस करते हुए उसके स्तन उसके कपड़ों के ऊपर से दबाने लगा। पहले तो उसने दो-तीन बार मेरा हाथ हटा दिया, पर फिर उसने मेरा हाथ नहीं हटाया। हम लोग आराम से किस कर रहे थे, और साथ में मैं उसके स्तनों को दबा रहा था।
अब मेरे मन में था कि मैं उसकी योनि को स्पर्श करूं। मैंने धीरे-धीरे किस करते हुए उसके कपड़े के ऊपर से उसकी योनि पे हाथ रख दिया। वो मेरा हाथ हटाने लगी, और कहने लगी-
सायरा: अब तुम ऐसा कर रहे हो तो मैं जा रही हूं यहां से।
मैंने उसे जैसे-तैसे मनाया, और हमने फिर से किस करना चालू किया। अब मैंने सोचा कि अगर मैं उसकी योनि को छूना चाहता था तो मुझे जल्दी से कपड़े के अंदर हाथ डालना होगा।
तो मैंने फिर उसके पेट को छूना शुरू किया कपड़े को हटा कर। उसने इसमें कोई विरोध नहीं किया, और मैंने उसके पेट को सहलाना शुरू किया। धीरे-धीरे वो भी बहुत गरम होने लगी, और बहुत जोर से किस करने लगी।
मैंने सोचा मौका अच्छा था, और मैंने झटके से अपना हाथ उसकी सलवार के अंदर डाल दिया, और मेरा हाथ सीधे उसकी योनि पे गया।
क्या बताऊं दोस्तों मुझे कितना अच्छा लगा। उसकी योनि पूरी गीली थी, और उसपे हल्के-हल्के बाल थे। वो मेरा हाथ हटाने के लिए जोर लगा रही थी, पर मैंने बहुत जोर लगा कर अपने हाथ को वही रहने दिया, और तेज-तेज योनि को रगड़ने लगा।
उसने अब विरोध करना बंद कर दिया, और अब मजे से अपनी योनि रगड़वाने लगी। वो सिसकारियां लेने लगी। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।
मैंने अपना लंड अब बाहर निकाल दिया था, और उसका हाथ पकड़ कर उसपे हाथ रखवा दिया। पहले तो उसने अपना हाथ हटा लिया, लेकिन मेरे फिर से ऐसे करने पे वो मेरे लंड को हाथ में लेके आगे-पीछे करने लगी।
अब मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया, और उसकी योनि को तेज-तेज रगड़ने लगा। उसकी पैंटी को मैंने नीचे किया, और अपने लंड को वहां ले जा कर आगे-पीछे करने लगा जिससे मेरे लंड से उसकी योनि के दाने को रगड़ने लगा। वो पागल होने लगी, और हम दोनों ऊपर-ऊपर से ही आगे-पीछे करके अपने-अपने अंग को मजा देने लगे।
वो मुझे बहुत तेज-तेज किस करने लगी, और मैं उसके पूरे चेहरे और गर्दन को पागलों की तरह चाटने लगा। मैं उसकी ब्रा को ऊपर करके उसके मम्मों को चूसने लगा।
क्यूंकि ये एक अंडरग्राउंड बेसमेंट वाली जगह थी, मैंने उससे पूछा कि “क्या हम सेक्स करे?” उसने साफ इनकार कर दिया कि वो सेक्स कभी नहीं करेगी, और कहने लगी “जो कर रहे हो इतना ही काफी है।”
मैंने उससे बोला “ठीक है, पर क्या हम ये सब लेट कर करें?” उसने बोला “ठीक है करते है।” फिर हमने एक साफ सुथरी जगह देखी, और वहां लेट गए। मैंने जोर-जोर से उसके होठों को चूसना शुरू किया, और साथ में अपने लंड को उसके योनि के ऊपर से रगड़ना भी।
हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था। मैं कभी उसके हाथ चूसता, कभी उसके स्तन। वो भी आहें भर रही थी। अब मैं स्तनों से होते हुए उसके पेट पर किस करने लगा, और चाटने लगा। वो बहुत आहें भर रही थी।
धीरे-धीरे पेट से नीचे होते हुए मैं उसकी योनि के दाने को चूसने लगा। वो पागल होने लगी थी। मैंने उसकी पूरी सलवार और पैंटी उतार दी, और पूरे जोश से उसकी योनि को चाटने और चूसने लगा। वो पागल होने लगी, और मेरे बाल पकड़ कर अपनी योनि पे दबाने लगी।
अब मैंने ठान लिया था, कि अब सेक्स करके रहूंगा उसके साथ। उसकी योनि भी पूरी खुलने लगी थी। मैं उंगली से खोल-खोल के उसकी योनि को चाटने लगा।
मैंने कुछ देर बाद उसके मुंह के सामने अपना लंड रखा, और उसे चूसने को कहा। वो मना करने लगी। मैंने भी उसका मन रखा, और उससे जबरदस्ती नहीं की।
मैं अब उसके होठों को चूसने लगा, और उसकी योनि को अपने लंड से रगड़ने लगा । अब मैंने लंड डालने की ठान ली थी। मैंने उसके हाथ को अपने हाथ से दबाया, और उसके हाथ को कस के पकड़ के उसकी योनि पे लंड सेट किया, और एक झटका मारा। उसकी योनि इतनी गीली थी, कि थोड़ा सा लंड अंदर चला गया।
अभी तक उसे दर्द का कोई एहसास नहीं हुआ था । वैसे तो उसे समझ आ गया था कि मैंने लंड अंदर डाल दिया था, पर उसको लगा कि इतना ही जाता है अंदर।
उसे मजा आने लगा। मैं उसको तैयार करने के लिए लंड को वहीं आगे-पीछे करने लगा । वो भी मजे से अपनी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी। अब मैंने अपनी पकड़ मजबूत बनाई, और एक तेज झटका मारा।
उसकी सील टूट गई और उसकी योनि से खून आने लगा। उसकी आंखे फटने लगी, और वो दर्द से कराह रही थी। वो मुझसे छूटने की हिम्मत करने लगी, पर मैंने अपनी पकड़ बहुत मजबूत रखी थी । वो बहुत देर तड़पती रही।
मैं कुछ देर तक यूंही रहा, और उसके आंसू चाटने लगा और उसको किस करते रहा।
कुछ देर बाद जब उसका दर्द शांत हुआ, तो वो अपनी गांड उठाने लगी।
मैंने भी अब अपने लंड को आगे-पीछे किया और उसे चोदने लगा। वो अब मेरा पूरा साथ दे रही थी। वो आहें भर रही थी, और मेरा नाम बार-बार ले रही थी। आह आह सौरभ, और करो, और करो।
वो बार-बार “और तेज” “और तेज” बोल रही थी, जिसकी वजह से मैं भी अब जोश में उसे चोदने लगा, और तेज-तेज धक्के मरने लगा। उसकी योनि बहुत ज्यादा टाइट थी। मेरा लंड मूसल की तरह खड़ा था, और अंदर-बाहर हो रहा था। मैं भी पूरी शिद्दत से धक्के मारता चला गया।
कुछ देर के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा, और वो मुझे काटने और नोचने लगी। मैं समझ गया कि अब वो झड़ने वाली थी। मैं और तेज-तेज झटके मरने लगा, और वो झड़ गई।
मैं अभी तक नही झड़ा था, इसलिए मैं धक्के लगाते गया। वो फिर से गरम हो गई, और मेरा साथ देने लगी। मैं पसीना-पसीना हो गया था। जब उसका फिर से झड़ने का टाइम आया, तो मैं भी तेज-तेज झटके मरने लगा। और उसकी योनि में ही झड़ गया। हम दोनों साथ-साथ झड़ गए थे।
अब हमने अपने कपड़े ठीक किए, और एक लंबा किस करके बाहर आ गए। मैंने उसको दवाई दिला दी जिससे बच्चा ना हो। वो बहुत खुश लग रही थी। हमने रात में दिन के सेक्स के बारे में बात की। वो खुश थी और बोली कि “मुझे नहीं पता था कि इतना मजा आता है। पता होता तो पहले ही सेक्स कर लेती।”
वो बोली: अच्छा किया तुमने मुझे बिना बताए सेक्स किया, वरना मैं कभी करने नहीं देती।
उसे मेरा ये तरीका बहुत पसंद आया कि कैसे मैंने उसे सेक्स के लिए तैयार किया ।
इसके बाद हमने बहुत बार सेक्स किया, और मैंने उसकी मां और बहन को भी पटा कर चोदा। वो कहानी मैं बाद में लिखूंगा। अभी आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा। कृपया अपनी प्रतिक्रिया मुझे मेल करके दे।
ये मेरी पहली कहानी है, तो कोई गलती हुई हो तो क्षमा करना।
दिल्ली के आस-पास किसी महिला भाभी या आंटी को मुझसे सेक्स करने में रुचि हो, तो वो मुझे संपर्क करे। पूरी प्राइवेसी रहेगी।
मुझे ईमेल/हैंगआउट पर संपर्क करे।