मेरा नाम समर है. हमारी उम्र १८ साल है मेरे पापा ने दूसरी शादी की है मेरी सगी माँ का देहांत हुआ तो पापा ने मेरे देख भाल के लिए शादी की. जिससे साथ शादी की वो भी एक विद्वा औरत है उनका नाम शालू है. उनकी उम्र ४० के करीब है उनकी कोई औलाद नहीं है. इसलिए पापा ने समझाया था की मेरे बेटे का ख़ास ख्याल रखना.
मेरी माँ भी बहोत सुन्दर तो नहीं थी पर थोड़ी मोती थी. हाइट भी ज्यादा थी तो मोटापा अच्छा दिख रहा था. उनकी बॉडी मुलायम नहीं थी एकदम कड़क ज्यादा मेहनत की थी तगड़ी एकदम बूब्स भी बड़े कड़क थे. शायद इसलिए वो ब्रा नहीं पहनती थी. ४० के साइज होंगे बूब्स के शादी से कुछ दिन पापा ने उन्हें बहोत छोड़ा था.
पप्पा आर्मी में थे तो वो चले गए अब १ साल तक नहीं आने वाले थे.इधर पापा के जाने के बाद माँ मेरा अच्छे से ख्याल रखने लगी थी. खाना पीना मेरी पढाई सब कुछ अच्छा चल रहा था. मेरे घर मैं मेरे बीमार दादा जी भी थे. वो बीएड पड़े रहते उनको उठाना नहीं होता था खाना पीना हमेशा बीएड पे माँ खिलाती थी पर ज्यादा नहीं खा पते थे.
पर हमेशा माँ के बूब्स और गांड घूरते रहते थे मैंने बहोत बार नोटिस किया था. मैं भी माँ को घूरता था उसके साइड से बूब्स देखने उनको ब्लाउज फिट नहीं होता था. आधा बूब्स का पोरशन दिख जाता था और ब्लाउज ही पहनती थी तो निप्पल भी दिख जाते थे. आते जाते मैं उनको हुग करता गाल पे किश लेता वो कुछ नहीं बोलती थी.
मैंने आगे बांधने का विचार किया. धीरे धीरे उनकी गांड पे लुंड रगड़ने लगा. उनके साथ सोता था तो उनके साथ मस्ती करता था. एक दिन मौका देख के मैंने बोल दिया हम पढ़ाई कर रहे थे. माँ का हमेशा की तरह पिल्लू गिरता था. तो मैंने कह दिया की माँ साड़ी ही नक़ल दो न वैसे भी गर्मी है और आपको परेशां नहीं होगी.
पता नहीं क्यों पर माँ मान गयी एंड उसने साड़ी निकल दी. सिर्फ पेटीकोट एंड ब्लाउज मैं थी. मुझे तो जन्नत नसीब हो गए. मैं उन्हें देखता रहे गया. मेरा पढाई में काम उनके बूब्स पे ज्यादा ध्यान था.
माँ को पता चल गया उन्होंने पूछा क्या हुआ बीटा किधर ध्यान है तेरा? मैंने कुछ नहीं बोलै. फिर से वैसे ही हुआ फिर माँ ने पूछा की कुछ तो है बताओ जल्दी..तो मैंने बोल दिया माँ मैं आपके बूब्स देख रहा हु. मेरी माँ ने मुझे कभी पिलाया याद नहीं इसलिए. माँ भी थोड़ी सेंटी हो गयी. उसने मेरी बुक साइड में राखी मुझे गॉड में दिल्या एंड बोली की मैं भी तो तेरी माँ हु चल आजा.
बोल के उन्होंने मुझे बच्चा को दूध पिलाते वैसे अपने गॉड मैं दिलाया. और ब्लाउज के निचे के २ हुक खोल कर एक बूब्स मेरे मुँह में थुश दिया. बोली पिले जितना जी चाहे.मैंने उनके बड़े बड़े निप्पल चूस रहा था. मेरा लुंड खड़ा हो गया था. माँ देख के अनजान थी और मेरे बालों को सहेला रही थी. लगबघ मैं घंटो तक २ बूब्स चूस रहा था.
फिर मैं उठ गया और माँ साड़ी पहने लगी. मैंने कहा रहने दो न वैसे भी घर पे हम २ ही है माँ मान गयी.रात को खाना खाने के बाद हम सोने के लिए बीएड पे थे. मैंने एक एक करके माँ का ब्लाउज का बटन खोल दिया. माँ बोली क्या हुआ? मैंने बोलै मुझे दूध पीना है.
माँ बोली ये तुम्हारा ही है तुम जब चाहे चूस सकते हो. मैं खुश हो गया पूरी रात उनकी बॉडी पे सो गया चूसते चूसते.सुबह उठा तो माँ जग चुकी थी नाहा के पेटीकोट एंड ब्लाउज में थी. साड़ी पहने मैंने मन किया तो बोली दादा जी के सामने ऐसे नहीं जा सकती आते ही निकल दूंगी.
मैंने कुछ नहीं बोलै आधे घंटे बाद वो वापस आ गयी और साड़ी निकली एंड बाकी कामो में लग गयी. मैं किचन में गया और पीछे से हुग किया. ब्लाउज पूरा खोल दिया और निकल दिया. वो कुछ नहीं बोली.
मैं किचन पे बैठ के उन्हें बोस चूस रहा था. उन्हें भी मजा आ रहा था. हमने खाना खाया फिर बीएड पे आ गए. मैंने माँ का पेटीकोट खोल दिया माँ कुछ नहीं बोली. फिर मई उनकी छूट को सहेला रहा था और वो मॉनिंग कर रही थी.
उन्होंने मुझे मेरा मुँह छूट पे रखने के लिए बोलै तोह मैंने रखा और चाटने लगा. मुझे एंड माँ को बहोत मजा आने लगा. थोड़ी देर में मेरा लुंड कड़क एंड बड़ा हो गया.
मैंने तुरंत उनकी छूट में दाल दिया. जैसे मैंने बताया था उनकी बॉडी कड़क है और छूट तो गीली थी तो लुंड झट से अंदर गया. मई चोदे जा रहा था और माँ भी सपोर्ट कर रही थी.
छोड़ते छोड़ते दूध भी पि रहा था और माँ जोर जोर से मॉनिंग कर रही थी. मुझे भी मजा आ रहा था.
उस रात हमने ४ बार चुदाई की और मैं भी बहोत खुश था. मैंने सुबह उठने के बाद माँ को बोलै दादा जी आपको घूरते है. उन्होंने बोलै पता है. तो मैंने झटसे बोलै उन्हें भी दूध पिलादो. माँ ने कहा देखती हु.
वो पेटीकोट एंड ब्लाउज में जाने लगी तोह मैंने उन्हें रोक के उनके ब्लाउज के २ बटन खोल दिए. फिर माँ अंदर गयी और मैं चुपके से देखने लगा.
दादा जी माँ को घूर रहे थे. माँ स्पोंजिंग कर रही थी उनके छाती पर. तभी दादा जी ने उन्हें ऊपर खींचा एंड बूब्स प हाथ रख दिया. माँ ने भी पूरा ब्लाउज खोल दिया और माँ ने उन्हें चूसने को कहा. वो छोटे बच्चों की तरह चूसने लगे और माँ को भी अच्छा लगा.
दादा जी माँ को घूर रहे थे. माँ स्पोंजिंग कर रही थी उनके छाती पर. तभी दादा जी ने उन्हें ऊपर खींचा एंड बूब्स प हाथ रख दिया. माँ ने भी पूरा ब्लाउज खोल दिया और माँ ने उन्हें चूसने को कहा. वो छोटे बच्चों की तरह चूसने लगे और माँ को भी अच्छा लगा.
धीरे धीरे दादा जी भी ठीक होने लगे. उनका भी लुंड खड़ा होता था. एक दिन स्पोंजिंग के समय माँ ने देखा एंड हसने लगी. दादा जी ने उन्हें उसे चूसने के लिए कहा. तोह माँ ने चूसना स्टार्ट किया.
उनका खड़ा होते ही माँ दादा जी के लुंड पे बैठ गयी और छोड़ने लगी. दादा जी बहोत खुश थे. थोड़ी देर बाद दादा जी ने माँ की गांड सेहलायी और साड़ी कप्बोर्ड की चाभी उन्हें दे दी तो माँ ने मन कर दिया.
अब माँ और मैं घर पे नंगे ही रहते जब चाहे माँ मेरा लुंड चुस्ती एंड मैं भी उनकी गांड और छूट मारता और बूब्स चुस्त.
स्टोरी तो बे कंटिन्यू..
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