ही गाइस, मेरा नाम रवि है, और मैं आज अपनी मम्मी की (काल्पनिक) कहानी सुनने जेया रहा हू. इससे पहले स्टोरी चालू हो, मैं बता देता हू, मेरे घर में हम 3 लोग है, मैं, मम्मी, और पापा. मेरी मम्मी का एक-दूं भरा हुआ बदन है 38-34-38 का. किसी भी मर्द का खड़ा करने के लिए काफ़ी है.
अब आते है स्टोरी पे. मेरी मम्मी थोड़ी पुराने ख़यालात की है. चाहे पति कुछ भी करे, लेकिन उसके साथ ही रहना है टाइप की. जब नयी-नयी शादी हुई थी, तो कुछ ही महीनो में मम्मी ने पापा को चीट करते हुए पकड़ लिया था. लेकिन कुछ नही कर पाई, और बस रोटी रहती थी. फिर धीरे-धीरे सब ठीक होने लगा था.
कुछ साल बाद मम्मी ने फिरसे पापा को चीट करते हुए पकड़ा, और उसके बाद से दोनो अलग-अलग सोने लगे थे, और बहुत झगड़ा करते थे. लेकिन मम्मी का फिर भी मानना था की अगर पति सेक्स माँगे तो पत्नी माना नही कर सकती. इसलिए जब भी पापा का मॅन होता था, पापा मम्मी के साथ सेक्स करते थे.
एक बार मैं बातरूम के लिए उठा था, तो मैने देखा पापा मम्मी के उपर चढ़े हुए थे, और धक्के मार रहे थे. लेकिन मम्मी के फेस पे कोई रिक्षन नही था. जैसे उनको कुछ फील ही नही हो रहा हो बस नीचे लेती थी.
पापा का भी जल्दी हो गया, और वो उठ के अपने कमरे में सोने चले गये. सोचता हू उनके फेस से ये तो लग रहा था की बहुत अनसॅटिस्फाइड थी.
ऐसा कुछ महीने चलता रहा. पापा जल्दी झाड़ जाते थे, और मम्मी बस लेती रहती थी. उनके सेक्स में बिल्कुल रोमॅन्स ही नही था.
फिर एक दिन पापा बोले कुछ काम से 1 हफ्ते के लिए बाहर जाना था उनको, और कुछ काम हो तो विशाल अंकल से बोलने के लिए बोला. मम्मी ने भी ठीक है बोल दिया. अगले दिन विशाल अंकल सुबा-सुबा आ गये.
मम्मी ने बोला: बैठिए, नाश्ता करके जाइएएगा.
तो उन्होने भी ठीक है बोला. मैं भी घर पे ही था. फिर हमने नाश्ता किया और अंकल ने मम्मी को बोला-
अंकल: कुछ ज़रूरत होगी तो बताईएएगा.
ऐसा 2 दिन चला. तीसरे दिन मैं सामने वाले घर में खेल रहा था जब अंकल आए. मैं थोड़ी देर बाद जब घर के अंदर गया, तो कोई हॉल में नही दिखा. मुझे किचन से आवाज़ आ रही थी तो मैं किचन की तरफ बढ़ा, और देखा की अंकल मम्मी को पीछे से हग किए हुए थे. मम्मी खुद को च्चूदवाने की कोशिश कर रही थी.
अंकल: भाभी आपको जब से देखा है कंट्रोल नही कर पा रहा हू.
मम्मी: भैया छ्चोढ़ दीजिए, कोई देख लेगा.
अंकल: घर में कोई नही है. रवि भी बाहर खेल रहा है.
मम्मी: मैं आपके दोस्त की वाइफ हू. प्लीज़ ये सब मत कीजिए.
अंकल: तो क्या हुआ? मुझे पता है वो आपको संतुष्ट नही कर पाता है.
मम्मी: हा, आपको बड़ा पता है.
अंकल: और नही तो क्या.
मम्मी: और क्या पता है आपको?
अंकल: यही की वो इतनी खूबसूरत बीवी होते हुए भी बाहर मूह मारता है.
जब अंकल ने ये बोला, मम्मी को बहुत गुस्सा आया. सारी बात वापस मम्मी के दिमाग़ में आ गयी, और मम्मी चुप हो गयी. अंकल भी समझ गये तीर सही निशाने पे लगा था.
अंकल: और नही तो क्या, इतनी खूबसूरत बीवी के होते हुए भी बाहर कोई कुछ करता है क्या?
मम्मी: छ्चोढिए ये सब बातें.
अंकल: अर्रे क्यू छ्चोढे? कल रात को उसका फोन आया था, वो कल भी किसी लड़की के साथ था रात में.
मम्मी रोने लगी तो अंकल चुप करने की आक्टिंग करने लगे
अंकल: भाभी आपको भी तो हक़ है अपनी खुशी को देखने का.
मम्मी: लेकिन मैं ये सब नही कर सकती. वो मेरे पति है.
अंकल: कैसा पति? जो अपनी बीवी को हर वक़्त धोखा देता रहता है.
मम्मी और ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी, तो अंकल मम्मी के आँसू पोंछते हुए उनको आयेज घुमा के हग करने लगते है. फिर अंकल ने मम्मी के फेस को उपर किया, और किस करने लगे. मम्मी पहले-पहले तो रेज़िस्ट कर रही थी, फिर शांत हो गयी.
अंकल को भी ग्रीन सिग्नल मिल गया. 2-3 मिनिट तक किस करने के बाद अंकल मम्मी के बूब्स के उपर हाथ घूमने लगे. बता डू दोस्तों, मम्मी सलवार कमीज़ पहनती थी हमेशा घर में.
धीरे से अंकल ने मम्मी की कमीज़ के अंदर हाथ डाला, और दबाने लगे. मम्मी को भी मज़ा आने लगा. फिर अंकल ने मम्मी के कपड़े उतार दिए. मम्मी अब उनके सामने ब्रा पनटी में थी, जिसको अंकल उतार रहे थे.
मम्मी ने भी उनकी त-शर्ट उतार दी और जीन्स खोलने लगी. फिर अंकल के अंडरवेर में तंबू देख के बोली-
मम्मी: ये तो इनसे काफ़ी बड़ा लग रहा है. इनका तो 4 इंच का ही है, और जल्दी ढाल जाते है.
अंकल हासणे लगे और बोले: आज आपको पता चलेगा संतुष्ट होना किसे कहते है.
और इतना कहते ही मम्मी को पीछे घुमाया और बोले किचन की स्लॅब में सपोर्ट लेके झुकने को. मम्मी जैसे ही झुकी, अंकल अपना लॉडा सता के मम्मी की छूट में डाल दिए, और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगे
मम्मी: उई मा मॅर गयी. आ आ, धीरे-धीरे करिए. मैं कहा भागी जेया रही हू.
अंकल कुछ सुन नही रहे थे. वो धक्का लगाए जेया रहे थे. 5 मिनिट में मम्मी भी पूरा मज़ा लेने लगी.
फिर बोली: बेडरूम में चलो.
और अंकल का लॉडा पकड़ के अंकल को अंदर ले गयी. फिर मम्मी ने अंकल को लिटा दिया, और उनका लॉडा चूसने लगी. 3-4 मिनिट बाद अंकल उठे, और मम्मी को बेड में पटक दिया, और उनके उपर चढ़ गये. अंकल ने अपना लॉडा सेट किया, और एक ही झटके में अंदर डाल दिए.
मम्मी धीरे-धीरे आ आ की आवाज़ निकाल रही थी, तो अंकल को और भी मज़ा आने लगा. करीब 5-7 मिनिट उसी पोज़ में छोड़ने के बाद अंकल बोले-
अंकल: घोड़ी बन जेया.
मम्मी तुरंत घूम के घोड़ी बन गयी, और अंकल पीछे से छूट में डालने लगे. उनके बड़े-बड़े बूब्स ज़ोर-ज़ोर से हिल रहे थे. उस रूम का नज़ारा ही कुछ और था. अंकल पीछे से मम्मी के बूब्स पकड़ के धक्के लगाने लगे.
मम्मी: स्पीड बाधाओ, मेरा होने वाला है.
तो अंकल बोले: मेरा भी होने वाला है, कहा डालु?
मम्मी: अंदर डाल दो.
अंकल: कुछ हो गया तो?
मम्मी: नही मैने बच्चा होने के बाद नसबंदी करा ली थी.
अंकल: अर्रे अब तो मज़ा ही आ जाएगा. हर बार तेरे अंदर ही डालूँगा
मम्मी: हा बाबा, डाल लेना.
3-4 मिनिट में मम्मी ने ज़ोर से बेडशीट को पकड़ लिया, और ढीली पद गयी. अंकल समझ गये मम्मी का निकल गया.
अंकल स्पीड बढ़ा दिए, और 2-3 मिनिट में वो भी मम्मी के अंदर अपना वीर्या डाल दिए. फिर दोनो तक के बिस्तर पर लाते गये.
मम्मी: आज कितने सालों बाद लगा जैसे चुदाई की मैने.
अंकल: अब आप जब चाहोगे तब होगा ये.
मम्मी: आप रुक जाइए ना आज रात को.
अंकल: रवि भी तो है, उसका क्या करोगी?
मम्मी: वो तो जल्दी सो जाता है. उसके सोने के बाद हम फिरसे एंजाय करेंगे.
अंकल: ठीक है मैं डिन्नर के टाइम पे आता हू.
मम्मी: ओक, आपके लिए एक सर्प्राइज़ रेडी रहेगा.
अंकल: ठीक है.
फिर अंकल अपने कपड़े पहन के निकालने लगे, और मम्मी भी उठ के फ्रेश होने चली गयी वॉशरूम. मैं दौड़ के बाहर आ गया ताकि किसी को पता ना चले.
इसके बाद रात को क्या हुआ, वो अगली स्टोरी में बतौँगा. ई होप आपको अची लगी हो ये स्टोरी.