मम्मी और दो आंटी का थ्रीसम लेज़्बीयन सेक्स

अब तक आपने पढ़ा की कैसे आंटी और दूसरी लेडी ने मिल कर मेरी मम्मी का पानी निकाला.

पीछा परता यहा पढ़े – आंटी से प्यार-2

अब आयेज…

आंटी- दीदी अब मेरी बारी है.

मम्मी ने फिर डिल्डो को आंटी की चूत मे डाला और आंटी छीलाने लगी.

मम्मी- क्या हुआ सीमा छिला क्यू रही हो..?

आंटी- दीदी पहली बार इतना बड़ा मैने छूट मे लिया है, मानो जैसे छूट फट जाएगी.. (अभी आधा ही अंदर गया था.)

दूसरी लेडी – सीमा पूरा अंदर लो ना मज़ा आएगा.

आंटी- क्या अभी आधा ही अंदर गया है?! क्या मेरी तो जान निकल रही और तुम पूरा लेने को बोल रही हो.

तभी दूसरी लेडी ने मम्मी को आंटी की बाहों को पकड़ने को बोला.

मम्मी- अभी पकड़ती हू. मम्मी मे बाहों को पकड़ा इतने मे दूसरी लेडी ने पूरा आंटी की छूट मई डिल्डो डाल दिया.

आंटी- मॅर गयी दीदी छूट फट जाएगी बाहर निकालो जल्दी.. लेकिन अब कुछ नही हो सकता था.

लेडी मम्मी को – दीदी स्पीड बदाओ थोड़ी वाइब्रटर की.

मम्मी – हन

जैसे ही मम्मी ने वाइब्रटर की स्पीड तेज़ की.

आंटी- साआअ माररर्र्र्ररर गाइइ दीदी अंदर तक सब हिल रहा है दीदी बहुत मज़ा आ रहा.. फिर 5 मिंट बाद आंटी का खेल ख़तम.

आंटी ने दूसरी लेडी को बोला – अब तेरा नो है.

लेडी- क्यू नही फिर.

आंटी ने डिल्डो उसकी छूट मे डाला लेकिन उसने आराम से पूरा अंदर ले लिया क्यूकी उसे एक्सपीरियेन्स था. 20 मिंट बाद तीनो शांत थी और मई वाहा से निकला और फिर वो तीनो बाहर आ गये.

दूसरी लेडी- तुम एक एक बाय्फ्रेंड क्यू नही बनती, तुमहरा काम चल जाएगा.

मम्मी- नही नही ऐसे ही ठीक है कोई ब्फ नही चाहिए बदनामी होगी ऐसे ही काम चललो.

आंटी बोली – दीदी सही कह रही है ऐसे ही ठीक है, हम रॅंडी थोड़ी ना है जो दूसरे मर्द से छुड़वा लेंगी, हमारे बीच ही ठीक है.

दूसरी लेडी- मैने तो वैसे ही पूछा था आप तो बुरा मान गये, चलो सॉरी बाबा.

आंटी- तुमहरा तो ब्फ ज़रूर होगा?

दूसरी लेडी- हन है, जब मेरे पति घर नही होते कभी कभी छुड़वा लेती हू.

आंटी- बस अब यह बात हम तीनो मे रहनी चाहिए.

मम्मी- बिल्कुल, नही तो मुश्किल हो जाएगी.

दूसरी लेडी- नही दीदी तेनतीओं मत लो यह राज़ ही रहेगा. वैसे दीदी आपका लड़का राजीव अब जवान हो गया है, कहो तो…

मम्मी- तू क्या बोल रही है, उसे इस चाकर मे मत डालना वो अछा लड़का है.

आंटी- हन उसके बारे मे सोचना भी मत, हमारा प्यारा बचा है समझी तुम.

लेडी- चलो ठीक है, मैं अपने लिए थोड़ी बोल रही, चलो आप खुद ही देख लेना.

मैं घर वापिस आ गया और सोच रहा था यह क्या कर रही है मम्मी और आंटी. तभी मम्मी घर आ गयी और मुझे बोला-

मम्मी- बेटा पानी देना मुझे.

मैं- ओक मम्मी.

मैने आज कुछ नही पूछा, मुझे पता था क्या हुआ है आंटी के घर पर.

मम्मी- क्या हुआ कुछ बोल नही रहा?

मैं- मम्मी आंटी ने कों सी मेरी शिकाइट की थी सुबा?

मम्मी- रहने दे अब.

मैं- नही बताओ ना?

मम्मी- ओक बाबा, आंटी बोल रही थी तुम मोहल्ले के कुछ ग़लत लड़को के साथ थे कल.

मैं समाज गया था आंटी बस मुझे डरा रही थी.

मैं – मम्मी वो वैसे ही मेरे पास आ गये थे तो आंटी को ग़लत लगा होगा.

अगले दिन मम्मी ने मुझे आंटी के घर भेजा कुछ काम से कुछ पैसे देने थे. मैने आंटी के घर डोरबेल बजाई, आंटी ने दरवाजा खोला.

आंटी- आओ बेटा अंदर आओ.

मैं अंदर नही गया और वाहा से पैसे देने लगा.

मैं – आंटी मम्मी ने कुछ पैसे भेजे है.

आंटी ने पैसे पकड़े और मेरी तरफ ही देख रही थी.

मैं – चलता हू आंटी जी.

मैं वापिस घर आ गया, शाम को आंटी घर आए.

मम्मी- भेनजी आप आओ मैं छाई लाती हू.

आंटी घर मई इधर उधर देख रही थी. मम्मी छाई लेकर आ गये.

आंटी- क्या हुआ भेनजी राजीव कहा है? आप ने उसे डाँटता तो नही कही?

मम्मी- नही वो रूम मे है.

आंटी- ओक.

मैं आज आंटी को बुलाने उनके पास नही गया. कुछ टाइम बाद आंटी चली गयी. शाम को मई च्चत पर गया और वाहा आंटी भी थी. पर मैने उन्हे इग्नोर कर दिया और दूसरी तरफ चला गया, वो मुझे ही देख रही थी.

फिर मम्मी ने छाई के लिए मुझे नीचे बुलाया. मैने नीचे आ कर छाई पी. फिर शाम को आंटी ने बॉब्बी के पास मेरे लिए कुछ खाने को भेजा. मैने वो सब बचो मे बाँट दिया, टुटीओन ख़तम होने के बाद बचे चले गये.

आंटी- बॉब्बी तूने राजीव को खाने का समान दिया था?

बॉब्बी- जी मम्मी जी.

आंटी- राजीव ने खाया?

बॉब्बी- भाई ने सब बचो मे बाँट दिया था.

आंटी गुस्से मे – यह तो पागल है!

बॉब्बी- कों पागल है मम्मी?

आंटी- कुछ नही तू अपना काम कर.

दूसरे दिन मैं छाई पी रहा था तो आंटी घर आई तो मैने मम्मी को आवाज़ दी और खुद रूम मे चला गया. लेकिन मैने आंटी के चेहरे पर देखा की उन्हे बहुत गुस्सा आ रहा था.

तभी मम्मी आ गयी और बोली बैठिए भेनजी और दोनो वो बातें करने लगी. करीब 1 घंटा बातें की और आंटी चली गयी.

मम्मी- राजीव बेटा क्या हुआ तुमने आंटी से बात नही की?

मैं- कुछ नही मम्मी जी बस रूम मे आ गया था.

मम्मी- ऐसे थोड़ी ना होता है उन्हे कितना बुरा लगा होगा पता है तुझे..?

मैं- जी मम्मी जी आयेज से नही करूँगा.

फिर रात का खाना खाया और हम सू गये. तभी मेरे मोबाइल पे मेसेज आया की तुझे ज़्यादा गुस्सा आता है क्या जो बात भी नही कर रहा मुझसे?? कोई बात नही. मैने कोई रिप्लाइ न्ही किया फिर मीस्सगे आया तुम बेवकूफ़ हो! मैं सू गया और सुबा उठा फ्रेश हो कर ब्रेकफास्ट किया, तभी मम्मी-

मम्मी- राजीव आज तुम्हारी आंटी ने तुझे घर बुलाया है, ज़रा जा कर देख क्या बात है.

मैं- ओक मम्मी, मैं आंटी के घर गया और डोरबेल बजाई तो आंटी ने दरवाजा खोला.

मैं- आंटी आप ने कहा मम्मी से काम है, क्या काम है आपको मुझसे?

आंटी- राजीव पहले अंदर आओ.

मैं- नही यही ठीक आप काम बताए.

आंटी गुस्से से – मैने कहा राजीव अंदर आओ!

मैं- आप काम बताओ आंटी.

तभी आंटी ने मुझे अंदर खिच लिया और कुर्सी पर बेता दिया.

आंटी- राजीव बेटा तुम मुझे इग्नोर क्यू कर रहे हो बताओ?

मैं- कुछ नही आंटी जी आप काम बताओ.

आंटी- मुझे पता है तुम ऐसा क्यू कर रहे हो. उस दिन के लिए ना, मैने तुमाहरी मम्मी को कुछ नही बताया ओक.

मैं- आंटी मुझे पता है.

आंटी- फिर नाराज़गी किस बात की है? इसलिए की मैने तुझे तपद मारा और माना किया?

मैं- नही आंटी जी वैसे ही.

आंटी- देख बेटा तुम अभी बचे हो तो जाता है. तुम सोचो ना मैं तुम्हे बेटा बुलाती हू, क्या यह सही है के तुम मुझे वो वाला प्यार करो?

मैं- इसमे क्या ग़लत है, आप मुझे अची लगी और मैने आप को ई लोवे योउ बोल दिया.

आंटी- राजीव बेटा तुम समझो ना सही नही है, मैं तुझे उस नज़र से नही देख सकती.

मैं वाहा से उठ गया और वापिस घर आने लगा तो आंटी ने मुझे फिर से बेता दिया.

आंटी- ऐसा कब तक चलेगा बेटा अछा थोड़ी लगता है. दीदी क्या समझेगी मेरे बारे मे सोचो तुम.

मैं- ओक मुझे जाने दो.

तभी आंटी को गुस्सा आया और उन्होने एक तपद और मार डाला.

आंटी- तुझे समाज नही आता है क्या कह रही हू??

मैं उनकी तरफ देख रहा था और वो मेरी तरफ.

आयेज की कहानी नेक्स्ट पार्ट मे.

मुझे फीडबॅक दीजिए मेरे मैल पे और किसी आंटी कपल या सिंगल लेडी को सेक्स या मसाज करना हो मेरी मैल मे मसाज डाले.