हेलो फ्रेंड्स, अपने पहला पार्ट मे पढ़ा की कैसे मेरे होश उध गये समान देख कर, उसमे था क्या?
पीछा परता यहा पढ़े – आंटी से प्यार
अब आयेज..
जैसे ही मैने पार्सल का डिब्बा खोला तो मैने उसमे 2 बॉटल मसाज आयिल और कुछ चॉकलते और स्ट्रॉबेरी फ्लेवर लिगुइद दिखा. मुझे समझ नही आ रहा था की आंटी इसका क्या करेगी. मैने फिर अपने मॅन मे विचार बनाया के आंटी को जल्द से जल्द अपनी बनाना है क्यूकी मुझे उन पर शक हो रहा था.
मैं आंटी के घर गया तो मैने डोरबेल बजाई. लेकिन इस बार दरवाजा किसी और आंटी ने खोला और मुझे कहा अंदर आओ. मैं चला गया. मैने पूछा आंटी कहा है? तभी-
आंटी- मई यही हू राजीव बेटा रुक मैं आई.
मैं देखता ही रह गया जब आंटी आई, क्या सेक्सी लग रही थी! कसम से दिल कर रहा था के अभी ही छोड़ डालु, मगर ऐसा नही हो सकता था.
आंटी- राजीव बेटा पार्सल आंटी को दे दो उनका है और मई तुमहरे लिए छाई बनती हू.
मैने देखा दूसरी आंटी पेर्सेल ले कर चली गये और सीमा आंटी छाई ले कर आ गये. क्या माल लग रही थी मैं तो देखता रहा.
आंटी- क्या देख रहे हो राजीव बेटा?
मैं- कुछ नही आंटी जी.
आंटी- नही कुछ तो बात है जो तुम बोल नही रहे बताओ ना?
मैं- नही आंटी जी कुछ नही आज आप बहुत सेक्सी यानी के सनडर लग रहे हो.
आंटी हासणे लगी और मुझे देख रही थी.
मैने छाई पी और जब घर को आने लगा तो आंटी का पैर फिसला और आंटी मेरी बाहों मे आ गये. और उसके मॉट मॉट मुममे मुझे चुभ रहे थे, क्या नज़ारा था. फिर आंटी तोड़ा संभाल गये और मुझे थॅंक्स कहा और फिर मैं घर आ गया.
घर आ कर भी मैं आंटी का सपर्श नही भूल पा रहा था. बस मुझे आंटी ही दिखाई दे रही थी और कुछ नही. मेरा दिल बोल रहा था के आंटी भी तुझे पसंद कर रही है. मैने अपने दिल की मानी और आंटी से अपने दिल की बात करने की सोची.
कुछ दिन आंटी हमारे घर आते और मैं उनसे बहुत बातें करता और वो भी करती. कभी कभी मैं उनके घर भी चला जाता. मगर मुझे अपने दिल की बात करने का मोका नही मिल पा रहा था. तो मैं सोच लिया था जब आंटी मुझे अकेले मिलेगे तो उनसे मैं अपने दिल की बात बोल दूँगा.
फिर एक दिन मैं घर पर अकेला था. मम्मी अपनी भें यानी मेरी मोसी के घर गये थी. उन्हे शाम को आना था, तभी आंटी जी आए.
आंटी- राजीव बेटा दीदी कहा है दिख नही रहे?
मैं- आंटी जी मम्मी मोसी के घर पर गये है शाम को आएगे तो आप बेतो मई छाई लता हू.
आंटी- रहने दे बेटा छाई नही चाहिए.
मैं- नही छाई तो आप को पीनी ही होगी आंटी जी.
आंटी- तू नही मानेगा.
मैं ले आया और आंटी को छाई दी और उनको देखने लगा.
आंटी- राजीव बेटा क्या हुआ तुम बहुत देख रहे आज कल मुझे?
मैं- आंटी आप बहुत सनडर हो आप मुझे बहुत पसंद हो.
आंटी मेरी तरफ देख रही थी और बोली – मुझे कुछ ठीक नही लग रहा मैं जाती हू.
जब आंटी जाने लगी तो मैं उनको पीछे से पकड़ लिया.
आंटी- राजीव बेटा क्या कर रहे हो क्या है यह??
मैं- आंटी जी मैं आप से बहुत प्यार करता हू, जब से आप को देखा है बस आपको पाना चाहता हू.
आंटी ने यह सुनकर मुझे एक तपद मारा और कहा दीदी से बात करती हू और चली गये. मेरी तो गांद फटत रही थी की अगर आंटी ने मम्मी को यह सब बता दिया तो मुझे तो घर से ही निकल देगी मम्मी. शाम को मम्मी आ गये और मुझे परेशन देखा तो-
मम्मी- क्या हुआ बेटा बहुत परेशान लग रहे हो?
मैं- कुछ नही मम्मी जी मेरी तबीयत ठीक नही है.
मम्मी- डॉक्टर को दिखाओ.
मैं- नही ठीक हो जौंगा.
मैं क्या बताता मम्मी को.
रात को हम सू गये पर मुझे नीड नही आ रही थी. बस यही सोच रहा था की यदि कल आंटी मम्मी को सब बातः देंगी तो क्या होगा.
मम्मी- क्या हुआ बेटा तुम सू नही रहे?
मैं- कुछ नही मम्मी बस ऐसे ही. (क्यूकी मैं मम्मी के पास ही सूटा हू.)
अगली सुबा 10 भजे आंटी हमारे घर पर आए. मेरी तो जान ही निकल गये आंटी को देख कर, मैं अपने रूम मे चला गया.
आंटी- दीदी जी आप आ गये?
मम्मी- हा भेनजी कल तो पूरी तक गयी अभी भी थकान है.
मैं आंटी और मम्मी की बातें सुन रहा था. तभी मम्मी ने मुझे च्चत पर भेजा कपड़े लाने को. मैं चला गया, जब वापिस आया तो-
मम्मी- राजीव तुमाहरी आंटी जो कह रही है वो सब सच है क्या? तुम इतने लापरवाह हो गये हो.
मैं कुछ नही बोला और अंदर रूम मैं चला गया और उनकी बातें सुन रहा था.
मम्मी- मेरा तो पूरा सरीर दुख रहा है.
आंटी- तो घर पर आए दीदी जी सब ठीक जो जाएगा.
मम्मी- हा क्यू नही.
आंटी- तो चलो वैसे भी काफ़ी दिन हो गये है.
मम्मी- राजीव बेटा मैं तुमाहरी आंटी के जहा जा रही ही.. यह कह कर दोनो निकल गये.
मेरे मॅन मे विचार आया की यह क्या करेगी वाहा जाकर मैं भी देखना चाहा.
10 मिंट बाद मैं च्चत से हो कर आंटी के घर पहुच गया और नीचे देखा. तो आंटी और मम्मी छाई पी रही थी और बातें कर हास रही थी. मैने वापिस आने का सोचा तभी एक लेडी और आ गयी जिसे मैने पार्सल दिया था वो थी.
आंटी- आ गये आप..
और मम्मी ने भी हेलो की और तीनो हासणे लगी. फिर आंटी ने कुछ इशारा क्या और वो तीनो बेडरूम मे चली गये और दरवाजा बंद कर लिया.
मैं देखने के लिए नीचे गया तो मुझे बस हासणे की आवाज़ सुनाई दे रही थी. तब मैने घूम कर देखा तो मुझे एक रोशनदन दिखा जो बातरूम वाली साइड से पूरा रूम दिखा रहा था. मैने टेबल नीचे रख कर देखा तो मैं तो देखता ही रह गया.
तीनो पूरी नंगी हो चुकी थी और आंटी ने मम्मी को बेड पर ढाका दिया और उनके मॉट मॉट बूब्स चूसने लगी.
मम्मी- सीमा तेरे आने से तो मेरी जिंदगी मे फिर से बाहर आ गयी.
आंटी- आप मज़े लो दीदी.
तभी आंटी ने दूसरी लेडी को इशारा क्या और वो मम्मी की छूट चाटने लग गयी.
मम्मी- सीमा मैं तो गयी यार छूट को छातो छातो…
तभी मम्मी ठंडी पढ़ गये फिर-
मम्मी- सीमा तुम नीचे आओ.
आंटी नीचे आए तो फिर मम्मी ने आंटी के मॉट मॉट मुममे चूसे और दूसरी लेडी ने छूट चाटनी शुरू की.
आंटी- हाए दीदी चूसो चूसो मुझे बहुत मज़ा आ रहा है…
मैने यह वीडियो रेकॉर्डे कर लिया.
आंटी ने कुछ इशारा क्या लेडी को तो उसने बाग से एक डिल्डो निकाला और मम्मी को दिखाया और मम्मी ने माना कर दिया लेने से.
आंटी- दीदी एक बार ट्राइ तो करो बहुत मज़ा आएगा.
मम्मी- नही बस इतना ही बहुत है.
तभी दूसरी लेडी ने मम्मी को पकड़ा और आंटी ने मम्मी की छूट छाती और फिर 9 इंच लंबा ब्लॅक डिल्डो वाइब्रटर के साथ मम्मी की छूट मे डाल दिया. मम्मी ने विरोध क्या पर कुछ कर नही पाई.
आंटी- अब बस भी कीजये दीदी.. और मम्मी के होट्टों को चूसने लगी.
मम्मी- सीमा यह क्या डाल दिया अंदर.
आंटी- ब्लॅक लंड है दीदी छूट को पूरा भर देता है.
आंटी मम्मी के होट्टों को चूस रही थी तो दूसरी लेडी मम्मी के मुममे चूस रही थी. अब खेल चालू हो चुका था. फिर 10 मिंट बाद मम्मी को उंदोनो ने चोर दिया और मम्मी भी काफ़ी तक चुकी थी.
आयेज की कहानी नेक्स्ट पार्ट मे.
मुझे फीडबॅक दीजिए मेरे मैल पे और किसी आंटी कपल या सिंगल लेडी को सेक्स या मसाज करना हो मेरी मैल मे मसाज डाले.