ही फ्रेंड्स, मेरा नाम बंटी है. मैं आमेडबॅड से हू. मेरी उमर 20 साल है, और मैं एक गान्डू हू. मुझे स्कूल में ही पता चल गया था की मुझे लड़कियों में नही, बल्कि लड़कों में इंटेरेस्ट था. लेकिन ये बात मैने किसी को बताई नही थी.
मेरी हाइट 5’7″ है, रंग गोरा है, और मेरी गांद अब चुड-चुड कर 38″ की हो चुकी है. मेरी पूरी बॉडी को देखेंगे तो मेरी बड़ी सी गांद अलग ही नज़र आएगी. कोई भी समझदार बंदा पहली बार में ही मुझे देख कर समझ जाएगा की मैं एक गान्डू हू. ये जो कहानी है, ये मेरी पहली चुदाई की कहानी है. तो चलिए आपको बताता हू, की सब कैसे हुआ.
स्कूल कंप्लीट करने के बाद मुझे एक आचे कॉलेज में जाना था. तो मैने दूसरे शहर में रह कर पढ़ने का डिसिशन लिया. वाहा मैने अपना एक अलग छ्होटा सा फ्लॅट रेंट पर किया, और उसमे रह कर पढ़ने लगा.
कॉलेज में भी काई लड़कों ने मुझ पर ट्राइ मारी, लेकिन मैने किसी को एस नही बोला. मैं नही चाहता था की मेरे गे होने का पुर कॉलेज को पता चल जाए.
लेकिन अब मेरी गांद में खुजली होने लगी थी, और मुझे भी सेक्स करना था. मैं अब रोज़ गे पॉर्न वीडियोस देखने लगा था, और अपनी गांद में उंगली करता था. गांद में उंगली करने में मुझे बहुत मज़ा आता था.
फिर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा. पहले-पहले मुझे गांद में उंगली करके सॅटिस्फॅक्षन मिल जाती थी, लेकिन अब वो भी बोरिंग हो गया था. अब मुझे एक असली मर्द का लंड चाहिए था.
जिस बिल्डिंग में मैं रहता था, वो 3 फ्लोर वाली बिल्डिंग थी. मैं 1स्ट्रीट फ्लोर पर रहता था. उस बिल्डिंग के सामने एक झुग्गी थी, जिसमे एक शराबी अपने कुत्ते के साथ रहता था. वो अक्सर पी कर पड़ा रहता था. एक बार मैं सुबा कॉलेज जेया रहा था. जब मैं उसकी झुग्गी के आयेज से निकालने लगा, तो उसका कुत्ता मुझ पर भोंकने लग गया.
ऐसा पहले कभी नही हुआ था. लेकिन उस दिन उसका कुत्ता मुझे आयेज नही जाने दे रहा था. मैं कुछ समझ नही पा रहा था. क्यूंकी ना तो वो मुझे काट रहा था, और ना ही जाने दे रहा था. फिर मुझे लगा की शायद वो मुझसे कुछ कहना चाहता था. फिर मैं झुग्गी की तरफ बढ़ा, तो कुत्ता मेरे आयेज चलने लगा.
अंदर जाके मैने देखा तो वो शराबी बेहोश पड़ा था. मैने उसकी पल्स चेक करी तो वो बहुत स्लो थी. मुझे लगा की कही उसको कुछ हो ना जाए, तो मैने उसको हॉस्पिटल में अड्मिट करवा दिया. जब हम उसको होपितल लेके जेया रहे थे, तो उसकी फाटती हुई पंत में से मुझे उसका बड़ा सा लंड दिखाई देने लगा.
उसका लंड कम से कम 8 इंच का था, और उसका लंड देखते ही मेरे मूह में पानी आ गया था. फिर अगले 2 दिन में वो ठीक हो गया. उसके बाद जब मैं कॉलेज जेया रहा था, तो उसने मुझे रोका, और मेरा शुक्रिया अदा किया.
ऐसे ही हम आते-जाते एक-दूसरे को ही-हेलो बोलने लगे. फिर हमारी थोड़ी-बहुत बातें होने लगी, जो वक़्त के साथ ज़्यादा हो गयी. और इसी तरह हम दोनो एक-दूसरे के दोस्त बन गये. अब वो कभी-कभी मेरे घर भी आ जाता था.
ऐसे ही कुछ दिन चलता रहा. फिर एक दिन वो मेरे घर आया हुआ था, और हम दोनो बातें कर रहे थे. वो दारू पी रहा था, और मैं कोल्ड ड्रिंक पी रहा था. बातें करते हुए उसने काफ़ी दारू पी ली थी. फिर जब उसका जाने का टाइम हुआ, तो वो खड़ा हुआ और साथ ही गिर पड़ा. मैने जल्दी से आयेज होके उसको हाथ दिया और उठाया.
उसकी हालत देख कर मुझे नही लग रहा था की वो अपने घर तक जेया पाएगा, तो मैने उसको वही सोफा पर लिटा दिया. उसको लिटने के बाद मैं सामने वेल सोफे पर बैठ गया. मैं उसको ही देख रहा था.
तभी मेरी नज़र उसके लंड पर पड़ी. उसका लंड खड़ा हुआ था, और ये मैं पंत के उपर से देख पा रहा था. उसके लंड को देख कर मुझे कुछ-कुछ फील होने लगा था. मेरे मूह में लंड देख कर पानी आ रहा था. दिल तो कर रहा था, की मैं उसके लंड को खा जौ. लेकिन मुझे दर्र भी था.
फिर मैने उसको एक-दो बार आवाज़ दी. लेकिन उसने कोई रेस्पॉन्स नही दिया. वो पूरी तरह से नींद में डूबा हुआ था. फिर मैं आयेज बढ़ा, और उसके खड़े हुए लंड पर हाथ फेरने लगा. इतना लंबा और इतना मोटा लंड देख कर तो मैं गरम होने लगा.
मैने सोचा की वो तो होश में था नही. तो क्यूँ ना उसके लंड का मज़ा लिया जाए. ये सोच कर मैने उसकी ज़िप खोली, और लंड को बाहर निकाल लिया. उसका मोटा लंड देख कर मैं खुश हो गया.
अब मैने उसके लंड को चाटना शुरू कर दिया. नमकीन-नमकीन सा स्वाद था उसके लंड का. फिर मैने उसके लंड को मूह में डाल लिया, और उसको चूसने लगा. मुझे उसका लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था. मैने अपनी स्पीड बधाई, और ज़ोर-ज़ोर से उसके लंड को चूसने लगा.
मैं पूरा मदहोश हो चुका था, और मुझे ज़रा भी ध्यान नही था की वो जाग चुका था. फिर जैसे ही मेरा ध्यान उस पर पड़ा, मैं हैरान हो गया. मैं जल्दी से उसके पास से उठा, और डोर हो गया. वो मेरी तरफ ही देख रहा था.
फिर वो सोफा से खड़ा हुआ, और मेरे पास आके खड़ा हो गया. उसका लंड अभी भी खड़ा था, और लटक रहा था. फिर वो बोला-
वो: मैं जानता हू की तुम गान्डू हो, और तुम्हे लंड चाहिए. मुझे तुम्हे छोड़ने में कोई परहेज़ नही है. ये लो, चूसो इसको.
ये बोल कर उसने लंड मेरे मूह के आयेज कर दिया. अब मैं क्लियर था, की मुझे क्या करना था. मैने झट से उसका लंड पकड़ा, और उसको मूह में डाल कर चूसना शुरू कर दिया. जब मैं लंड चूस रहा था, तो वो धीरे-धीरे अपनी कमर हिला रहा था.
ऐसे करते-करते उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिए, और बिल्कुल नंगा हो गया. फिर उसने मेरे बाल पकड़े, और मेरे मूह में लंड अंदर-बाहर करने लगा. वो बड़ी तेज़ और ज़ोर के धक्के मार रहा था. मेरे मूह से बहुत थूक निकल रही थी, जिससे उसका लंड पूरा गीला हो गया था.
फिर उसने मुझे खड़ा किया, और मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे नंगा कर दिया. मेरा जिस्म देख कर वो बोला-
वो: तेरा जिस्म तो बिल्कुल लड़की जैसा है. बस भगवान ने तुझे ग़लती से लड़का बना कर भेज दिया है.
फिर उसने मेरा मूह दूसरी तरफ घुमाया, और मुझे नीच झुका लिया. मैने अपने हाथ सोफा की बॅक पर रखे, और उसके सामने घोड़ी बन गया. अब वो मेरे चूतड़ मसालने लग गया. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उसने मेरी गांद के च्छेद पर थूका, और च्छेद में उंगली डाल कर अंदर-बाहर करने लगा. इससे मैं पूरा गरम हो गया था, और चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार था. 2-4 मिनिट ऐसा करने के बाद उसने अपना लंड मेरी गांद के च्छेद पर सेट किया.
उसका लंड मेरे च्छेद पर लगते ही मुझे करेंट सा लगा. फिर वो लंड को च्छेद पर रगड़ने लग गया. उसके बाद उसने एक-दूं से एक ज़ोर का धक्का मारा, जिससे उसके लंड का टोपा मेरी गांद में घुसा गया. मुझे इतना दर्द हुआ, जिसकी मैने कल्पना भी नही की थी.
मेरी ज़ोर की चीख निकली, और मैं उससे डोर भागने की कोशिश करने लगा. लेकिन उसने मेरी कमर को कस्स के पकड़ा हुआ था, जिस वजह से मैं भाग नही पाया. फिर वो ज़ोर लगता गया, और उसका लंड धीरे-धीरे अंदर जाने लगा. मेरी तो दर्द के मारे जान निकल रही थी.
धक्के मार-मार कर उसने अपना पूरा लंड मेरी गांद में घुसा दिया. और फिर वो रुक गया. फिर वो मेरी पीठ सहलाने लगा, और चूतड़ दबाने लगा. जब मैं तोड़ा शांत हुआ, तो उसने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया. धीरे-धीरे मेरा दर्द कम होने लगा, और मुझे मज़ा आना शुरू हो गया.
उसने अपने धक्को की स्पीड बधाई, और मेरी गांद पर थप्पड़ मारते हुए छोड़ने लग गया. अब मैं आ आ कर रहा था, और वो भी आहें भरते हुए मुझे छोड़ रहा था. उसने मेरे कंधे पकड़ लिए, और ताबाद-तोड़ मुझे छोड़ने लगा.
कमरे में ठप-ठप की आवाज़े आ रही थी, और हम दोनो पसीने-पसीने हो गये थे. आधा घंटा उसने मुझे छोड़ा, और फिर मैने उसके लंड का गरम-गरम पानी अपनी गांद में फील किया. उसके बाद हम दोनो तक कर उसी सोफा पर बैठ गये, और वो मेरे होंठ चूसने लगा.
अब जब मेरा दिल चाहता था मैं उससे गांद छुड़वा लेता था. तो दोस्तों इस तरह से मैने अपनी पहली बार गांद चुडवाई. आपको अगर स्टोरी अची लगी हो, तो मुझे ज़रूर बताए.